Monthly Archives: June 2019

पीएम मोदी की आयुष्मान भारत योजना (ABY) से गरीब परिवार के मरीजों को मिल रहा नया जीवन

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना देश के गरीब परिवारों के लिए जीवन दायिनी बन गई है। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें इस योजना के माध्यम से एक बुजुर्ग दंपत्ति को जीने की एक नई उम्मीद से जोड़ दिया है।

देश के निर्धन और लाचार मरीजों के लिए वरदान बन चुकी आयुष्मान भारत योजना के तहत पटना जिले के पालीगंज थाना अंतर्गत बाली पाकड़ गांव निवासी किशुन साह पिछले कुछ समय से हर्निया की बीमारी के असहनीय दर्द से परेशान थे। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने के कारण वे इलाज नहीं करवा पा रहे थे। ऊपर से दृष्टिहीन हो चुकी पत्नी मुन्नी देवी की सेवा की ज़िम्मेदारी भी उन्हीं के कंधो पर थी। इसी बीच मार्च 2019 से उनकी पुरानी बीमारी हर्निया का दर्द असहनीय हो गया।

ऐसी परेशानियों भरी जिंदगी से जूझ रहे माता पिता के लिए सहारा बनी उनकी मंझली बेटी रीना। रीना अपने पिता को इलाज के लिए आरा के सदर अस्पताल लेकर गई। जहाँ डॉक्टरों ने बताया कि ऑपरेशन के बिना इलाज संभव नहीं है। ऑपरेशन और उस पर होने वाले खर्च के बारे में जानकर परिवार ने इलाज़ की उम्मीद ही छोड़ दी थी।

लेकिन, सदर अस्पताल के प्रबंधक श्री मनोज कुमार ने उन्हें प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना की जानकारी दी और उनका निबंधन करने में भी सहयोग किया। जिसके पश्चात् बीते सोमवार को शहर के मशहूर सर्जन डॉ. विकास सिंह ने उनका सफल ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद किशन साहू की सेहत में सुधार से उनके चेहरे पर आई चमक देखते ही बन रही थी।

अस्पताल से डिस्चार्ज होने के दौरान उन्होंने दैनिक जागरण नामक मीडिया ग्रुप के पत्रकारों से से बात करते हुए बताया कि “ऑपरेशन तो दूर, दवा का खर्च उठाना तक मेरे बूते की बात नहीं थी। जबकि अस्पताल में इलाज के दौरान न तो डॉक्टर की फीस देनी पड़ी, न ही दवा के पैसे देने पड़े। अस्पताल में खाना-पीना भी मुफ्त में मिल रहा था। यही नहीं अस्पताल से मुक्त होने के बाद उन्हें पर्याप्त मात्रा में दवाएं भी मिली हैं और दृष्टिहीन पत्नी के इलाज का आश्वासन भी मिला।”

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत सदर अस्पताल में इस सप्ताह में 4 मरीजों का जटिल ऑपरेशन कराया जा चुका है। तीन दिन पहले मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बेलघाट गांव निवासी रामेश्वर प्रसाद की पुत्री खुशी कुमारी के अपेंडिक्स का ऑपरेशन भी डॉ. विकास सिंह ने किया था। जबकि दो अन्य ऑपरेशन डॉ. अरुण कुमार एवं डॉ. अमृता राय ने किया था। खुशी के पिता प्राइवेट गाड़ी चला कर पत्नी समेत पांच बच्चों का भरण पोषण करते हैं। दो माह पहले जब उन्हें पता चला कि सबसे छोटी बेटी खुशी के अपेंडिक्स का ऑपरेशन कराना है, तो उनके होश उड़ गए थे। किंतु सदर अस्पताल के प्रबंधक की पहल पर आयुष्मान भारत योजना के तहत हुए सफल ऑपरेशन के बाद खुशी की जिंदगी की ख़ुशियाँ वापस लौट चुकी है।

मोदी सरकार का बड़ा ऐलान: अब सैन्य अधिकारियों को फील्ड से बाहर तैनाती पर भी मिलेगा मुफ्त राशन

मोदी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में सेना को मजबूत बनाने और बेहतर सुविधा पहुँचाने पर जोर दिया था। यह सिलसिला उनके दूसरे कार्यकाल में भी जारी है। मोदी सरकार ने फैसला लिया है कि अब शांत क्षेत्रों में यानी फील्ड से बाहर भी अफसरों की तैनाती के दौरान उन्हें मुफ्त राशन मिल सकेगा। अभी तक सिर्फ मोर्चे पर तैनात अधि‍कारियों को ही यह सुविधा मिलती थी।

केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा लिए गए पहले प्रमुख फैसलों में से ‘राशन इन काइंड’ भी एक है। उन्होंने पदभार ग्रहण करने के कुछ दिन बाद ही इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘सरकार ने रक्षा मंत्रालय के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है कि शांत क्षेत्रों में तैनात रक्षा अधिकारियों के लिए ‘राशन इन काइंड’ सुविधा बहाल की जाए।’

आपको बता दें कि मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में पहले भी सैनिकों और उनके परिवारों के हित में कई निर्णय लिए हैं। कार्यभार सम्हालते ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सबसे बड़ा फैसला देश की रक्षा में तैनात सैनिकों के बच्चों के हित में लेते हुए नेशनल डिफेंस फंड के तहत ‘प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना’ में बदलाव कर छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाई। पीएम मोदी ने लड़कों को मिलने वाली छात्रवृत्ति राशि 2000 से बढ़ाकर 2500 और लड़कियों को मिलने वाली छात्रवृत्ति राशि 2250 से 3000 रुपये प्रतिमाह कर दी है।

मुद्रा योजना: श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने लगातार तीसरे साल लोन देने का लक्ष्य किया हासिल

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में लायी गई मुद्रा योजना लगातार तीसरे साल भी सफल रही। इस योजना के अंतर्गत भारत सरकार ने 2018-19 के दौरान 3 लाख करोड़ का ऋण लोगों को दिया है। इस दौरान प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के अंतर्गत कुल 3.21 लाख रूपये का ऋण मंजूर किया गया। जिसमें से 3.12 लाख करोड़ रूपये ज़रूरतमंदों को उपलब्ध कराए गए हैं।

मोदी जी की सरकार ने पिछले वर्ष के बजट में इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत 3 लाख करोड़ रूपये वितरित करने का लक्ष्य रखा था। ये लक्ष्य इसके पहले वाले वित्तीय वर्ष यानि 2017-18 के लक्ष्य से 23 प्रतिशत अधिक था। अनुमान लगाया जा रहा था कि इस लक्ष्य को पूरा नही किया जा सकेगा। लेकिन मोदी सरकार इसे समय रहते पूरा करने में सफल रही। इस योजना में लक्ष्य पूर्ति के लिए वित्त वर्ष के आख़िरी 8 दिनों में लगभग 18 हजार करोड़ रूपये ऋण के रूप में वितरित किये गए।

PMMY योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक लोगों तक लाभ पहुंचे इसके लिए वित्तीय वर्ष के अंतिम चार दिनों में प्रतिदिन 4,500 करोड़ रूपये का ऋण वितरित किया गया। इस बारे में सरकार के द्वारा जल्द ही आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध कराया जायेगा।

क्या है प्रधानमंत्री मुद्रा योजना?

श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की नींव रखी थी। इस योजना के अंतर्गत स्वरोजगार के इच्छुक युवाओं को बैंकों के माध्यम से वित्तीय मदद उपलब्ध कराई जाती है। इस योजना को 8 अप्रैल 2015 से शुरू किया गया था। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत शिशु लोन, किशोर लोन और तरुण लोन प्रदान किये जाते हैं। शिशु लोन के अंतर्गत 50 हजार तक का लोन, किशोर योजना में 50 हजार से 5 लाख तक का लोन तथा तरुण योजना में 5 लाख से 10 लाख तक का लोन उपलब्ध कराया जाता है।

इस योजना में सूक्ष्म, लघु या मध्यम उद्योग या कारोबार के लिए बिना किसी कोलैटरल सिक्योरिटी के ऋण उपलब्ध कराया जाता है। भारत सरकार ने बैंकों पर इस योजना के अंतर्गत ऋण के लक्ष्य को पूरा करने लिए दबाव बना रखा है, लेकिन इससे उनके सामने एनपीए का संतुलन बनाए रखने की भी चुनौती खड़ी हो गयी है।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत कोई सब्सिडी उपलब्ध नही है। लेकिन यदि लोन का प्रपोजल किसी सरकारी योजना के साथ जुड़ा है तो उस योजना के अंतर्गत आवेदक सब्सिडी पाने का हक़दार होगा।

इस योजना में परिवहन क्षेत्र में ऑटो रिक्शा, छोटे सामान परिवहन व्हीकल, ई-रिक्शा, टैक्सी आदि के लिए ऋण दिया जाता है। सामुदायिक या व्यक्तिगत सेवा प्रदाता जैसे- बुटीक, पार्लर, जिम, टेलर शॉप और मोटरसाइकिल रिपेयर आदि के लिए भी इस योजना में ऋण उपलब्ध कराया जाता है। खाद्य उत्पाद क्षेत्र में अचार, पापड़, मिठाई, केटरिंग, कैंटीन, कोल्ड स्टोरेज, आइस क्रीम, बिस्कुट, ब्रेड आदि से सम्बंधित व्यवसायों के लिए इस योजना में ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना में कपड़े से जुड़े धंधों के लिए भी सरकार के द्वारा ऋण उपलब्ध कराया जाता है। हैंडलूम, पॉवरलूम, चिकन वर्क, ज़री और ज़रदोरी वर्क, एम्ब्रॉइडरी, कॉटन जिनिंग, कंप्यूटराइज्ड एम्ब्रॉइडरी आदि के लिए भी मुद्रा योजना के अंतर्गत लोन उपलब्ध कराया जाता है।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का लाभ लेने के के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, माइक्रो फाइनेंस इंस्टीटूट्स और निजी बैंकों में संपर्क किया जा सकता है।

पीएम मोदी द्वारा बताए गए ये योगासन अपनाएं और बेहतर स्वास्थ पाएं

21 जून, बुधवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हर साल की तरह पुरे विश्व में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाने वाला है। जिसकी तैयारियाँ पिछले कई समय से की जा रही है। ऐसे में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर योग करते हुए कुछ एनिमेटेड वीडियो पोस्ट किये हैं। पीएम मोदी द्वारा पोस्ट किए गए इन योगासनों को अगर आप अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाते है तो यक़ीनन बेहतर स्वास्थ्य के साथ साथ अन्य शारीरिक लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं। आइये जानते है पीएम मोदी द्वारा पोस्ट किये गए योगासनों के बारे में –

सूर्य नमस्कार | Surya Namaskar

सुबह सूर्योदय के समय की जाने वाली इस क्रिया को सूर्य नमस्कार कहा जाता है क्योंकि इस क्रिया के जरिये सूर्य देवता की पूजा की जाती है। सूर्य नमस्कार को 12 अलग – अलग चरणों में किया जाता है और सभी का अपना अलग नाम होता है। इसे हर आयु वर्ग का व्यक्ति बहुत ही आसानी से कर सकता है। वीडियो में देखें कैसे करते हैं सूर्य नमस्कार –

सेतु बंधासन | Bridge Pose

सेतु बंधासन को ब्रिज पोज़ के नाम से भी जाना जाता है। अगर आपका कार्य अधिक समय तक एक स्थान पर बैठकर किया जाने वाला है तो यह योगासन आपको नियमित करना चाहिए। इसके अभ्यास से आप कमर दर्द, पीठ दर्द और मांसपेशियों में होने वाले खिंचाव को दूर कर सकते है। साथ ही अन्य कई बीमारियों से भी बच सकते हैं। वीडियो में देखें कैसे किया जाता है सेतु बंधासन –

शलभासन | Salabhasana

मजबूत कलाई, पीठ की मांसपेशियों और स्पोंडिलिटिस की रोकथाम के अलावा पेट और कमर की चर्बी को कम करने के लिए आप शलभासन का अभ्यास जरूर करें।

भुजंगासन | Bhujangasana

भुजंगासन के नियमित अभ्यास से पीठ दर्द में आराम तो मिलता ही है साथ ही महिलाओं को मासिक धर्म के समय होने वाली समस्याओं से भी राहत दिलाता है। देखें वीडियो

ताड़ासन | Tadasana

ताड़ासन का अभ्यास बच्चों के लिए बहुत ही फ़ायदेमंद होता है। यह बच्चों के शारीरिक विकास में बहुत मददगार साबित होता है।

यह तो सभी जानते है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी खुद को फिट रखने के लिए योगासन करते है और वे चाहते है कि देश का हर व्यक्ति अपनी नियमित दिनचर्या में योग को शामिल करे, ताकि सभी स्वस्थ और फिट रहने के साथ साथ बीमारियों से भी दूर रहें। पीएम मोदी अब तक करीब 10 से ज्यादा योगासनों के एनिमेटेड वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर कर चुके हैं।

भ्रष्टाचारियों और घूसखोरों के लिए ‘कहर’ बनी मोदी सरकार – 15 अधिकारियों को किया ‘जबरन रिटायर’

2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी जी ने देश की जनता से एक वादा किया था कि ‘न खाऊंगा – न खाने दूंगा’, और इसका असर उनके पिछले कार्यकाल में साफ देखने को मिला था। मोदी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में स्विस बैंक में जमा काले धन से लेकर, देश में रहकर भ्रष्टाचार और घूसखोरी करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिए थे।

ठीक उसी तरह ‘भ्रष्टाचार पर वार – फिर एक बार मोदी सरकार’ यह स्लोगन 2019 लोकसभा चुनाव में हर शख्स की ज़ुबान पर था, और खास बात यह है कि मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में भी भ्रष्टाचारियों और घूसखोरों को बिलकुल भी बक्शने के मूड में नहीं है।

मंगलवार, 18 जून को मोदी सरकार ने करप्शन के खिलाफ एक और बड़ा फैसला लेते हुए 15 सीनियर अफसरों को जबरन रिटायर करने का फैसला लिया है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इन 15 अफसरों की लिस्ट में मुख्य आयुक्त, आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी भी शामिल है। इनमें से ज्यादातर अफसरों पर भ्रष्टाचार और घूसखोरी के आरोप हैं।

मोदी सरकार के इस फैसले से यह तो स्पष्ट हो गया है कि केंद्र सरकार रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले अफसरों को बिलकुल बर्दाश्त नहीं करेगी। बताया जा रहा है कि सरकार लम्बे समय से ऐसे अफसरों की सूची बनाने का कार्य कर रही थी, लेकिन इसके विषय में किसी को भनक तक नहीं लगने दी गई।

ये अफसर जबरन किये गए रिटायर

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और कस्टम (Central Board of Indirect Taxes and Customs) विभाग के जबरन रिटायर किए गए अफसरों का पद और नाम इस प्रकार है- प्रिंसिपल कमिश्नर डॉ. अनूप श्रीवास्तव, कमिश्नर अतुल दीक्ष‍ित, कमिश्नर संसार चंद, कमिश्नर हर्षा, कमिश्नर विनय व्रिज सिंह, अडिशनल कमिश्नर अशोक महिदा, अडिशनल कमिश्नर वीरेंद्र अग्रवाल, डिप्टी कमिश्नर अमरेश जैन, ज्वाइंट कमिश्नर नलिन कुमार, असिस्टेंट कमिश्नर एसएस पाब्ना, असिस्टेंट कमिश्नर एसएस बिष्ट, असिस्टेंट कमिश्नर विनोद सांगा, अडिशनल कमिश्नर राजू सेकर डिप्टी कमिश्नर अशोक कुमार असवाल और असिस्टेंट कमिश्नर मोहम्मद अल्ताफ।

कुछ दिन पहले वित्त मंत्रालय से भी किये गए थे ‘जबरन रिटायर’

इस निर्णय से कुछ दिन पूर्व ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सख्त फैसला लेते हुए नियम 56 के तहत 12 दागी अफसरों को जबरन रिटारयमेंट (Compulsory Retirement) पर भेजने का फैसला किया था। इन 12 अधिकारियों में अशोक अग्रवाल (आईआरएस 1985), एसके श्रीवास्तव (आईआरएस 1989), होमी राजवंश (आईआरएस 1985), बीबी राजेंद्र प्रसाद, अजॉय कुमार सिंह, बी अरुलप्पा, आलोक कुमार मित्रा, चांदर सेन भारती, अंडासु रवींद्र, विवेक बत्रा, स्वेताभ सुमन और राम कुमार भार्गव शामिल थे।

क्या है नियम 56?

डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ऐंड एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स के नियम 56 का प्रयोग सरकार ऐसे अधिकारियों पर कर सकती है जो अपना 30 साल का कार्यकाल पूरा कर चुकें हो और जो 50 से 55 की आयु के हों। ऐसा करने के पीछे सरकार का मकसद नॉन-फार्मिंग सरकारी सेवक को रिटायर करना होता है।

मोदी सरकार 2.0: पीएम मोदी का ये मास्टर स्ट्रोक पुराने सरकारी तंत्र को कहेगा बाय बाय

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी हर समय कुछ नया करने और कुछ नया सोचने के लिए जाने जाते हैं। आज पूरे विश्व की निगाहें उनकी ओर आँखे गड़ाए बैठी है कि मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में क्या नया करने वाली है।

पीएम मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही यह तो साफ कर दिया है कि वे पुराने सरकारी तौर – तरीकों और योजनाओं के प्रबंधन को ज्यादा समय तक खींचने के बजाय उन्हें नया रूप देने वाले हैं। अब यह लगभग तय है कि सार्वजनिक क्षेत्र में निजी प्रबंधन के फ़ॉर्मूले लागू किये जायेंगे और अन्य देशों के अनुभव को भी साथ लेकर आगे बढ़ा जायेगा ताकि कम समय में ज्यादा कार्य किया जा सके और सर्वश्रेष्ठ परिणाम प्राप्त किये जा सके। साथ ही सरकारी योजनाओं के प्रोजेक्ट टेंडर आदि की प्रक्रिया में निजी कंपनी के तौर-तरीकों का इस्तेमाल कर सरकारी तंत्र को आसान और बेहतर बनाने का कार्य किया जायेगा।

शनिवार को हुई नीति आयोग की पाँचवीं बैठक में एक रिपोर्ट सभी राज्यों को सौंपी गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे, निर्माण, आईटी, सड़क परिवहन, पावर, कोल सेक्टर, हेल्थ, शहरी विकास, संचार, माइंस, सिविल एविएशन, डिफेंस और हैवी इंडस्ट्री आदि क्षेत्रों में रियल टाइम कम्युनिकेशन और रियल टाइम डाटा मैनेजमेंट जैसी बातों का पालन कर किसी भी काम को तय समय से पहले और निर्धारित राशि से कम खर्च में पूरा किया जाएगा।

इस रिपोर्ट को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की ओर से कहा गया है कि सरकारी योजनाओं के तय समय पर पूरा न होने के पीछे सबसे बड़ा कारण उसके प्रबंधन और क्रियान्वयन के तौर तरीकों में उचित बदलाव नहीं होना है। देखने में आया है कि अधिकांश सरकारी महकमे पुराने तौर – तरीकों के साथ ही आज भी काम कर रहे है। जिस कारण चाहे निर्माण कार्य हो या आईटी प्रोजेक्ट निर्धारित समय सीमा पर पूरे नहीं हो पाते हैं और संबंधित प्रोजेक्ट की लागत भी कई गुना बढ़ जाती है। जिसका सीधा असर सरकारी खज़ाने पर पड़ता है।

वर्तमान समय में किसी निर्माण या सरकारी योजना के क्रियान्वयन के लिए कागजी कार्रवाई और निर्माण के दौरान काफी समय लेट-लतीफी के कारण बर्बाद होता है। जो आगे चलकर सरकार के लिए नुकसान का सबब बन जाता है। सरकार को इसके नुकसान से बचाने और किसी प्रोजेक्ट को समय से पूर्व पूरा कर मोदी सरकार एक नई शुरुआत करने के लिए तैयार नजर आ रही है।

ऐसे बदलेगा सरकारी विभागों के कामकाज का तरीका

सरकारी विभागों के तौर तरीकों में बदलाव के लिए मोदी सरकार एक विस्तृत योजना के तहत कार्य करने वाली है। इस योजना के मुताबिक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट को सीनियर सेकेंड्री स्तर पर पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। स्नातक स्तर पर इसका पूर्ण कोर्स भी शुरू होगा। डिप्लोमा प्रोग्राम भी प्रारम्भ किया जा रहा है। पीजी कोर्स के लिए यूजीसी और एआईसीटीई से राय ली गई है। इसमें अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के आधार पर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के कोर्स रहेंगे।

इस योजना के शुरूआती दौर में सभी सरकारी एवं निजी विभागों में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट योजना को लागू किया जा रहा है। इसके लिए रिफ्रेशर कोर्स शुरू कर अधिकारियों को पूरी जानकारी दी जाएगी। इसके दायरे में सभी सरकारी विभाग, निगम और बोर्ड आएँगे। प्रोजेक्ट मैनेजमेंट योजना के क्रियान्वयन के लिए सरकार ऐसी व्यवस्था कर रही है कि सभी विभागों को उनके परिसर में ही इसका परीक्षण दिया जा सके। इसके साथ ही अगर किसी प्रोजेक्ट को तय समय से पहले शुरू करना है तो उसके लिए अलग से मापदंड तैयार होंगे। इस कार्य में क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया की मदद ली जाएगी। नेशनल प्रोजेक्ट-प्रोजेक्ट मैनेजमेंट पॉलिसी फ्रेमवर्क के तहत ये सभी योजनायें पूरी होंगी।

मोदी सरकार की दूरदर्शी सोच: DSRO के गठन से बढ़ेगा अंतरिक्ष में भारत का दबदबा

अंतरिक्ष में युद्ध की आशंका से निपटने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए स्पेस वॉर यानि अंतरिक्ष में होने वाले संभावित युद्ध से संबंधित तकनीक और हथियार विकसित करने के लिए डिफेंस स्पेस रिसर्च एजेंसी के गठन को मंजूरी दे दी है।

मोदी जी की सरकार ने आर्म्ड फोर्सेज की ताकत बढ़ाने के लिए DSRO के गठन की मंज़ूरी दी है। अमेरिका ने स्पेस वॉर की दिशा में पहले से ही अपनी तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। ऐसे में भारत भी पीछे नहीं रहना चाहता। अंतरिक्ष में युद्ध के दौरान आर्म्ड फोर्स की शक्ति में इज़ाफा करने के लिए मोदी जी की सरकार के द्वारा यह फैसला लिया गया है।

DSRO स्पेस वॉर फेयर वेपन सिस्टम और टेक्नोलॉजी पर काम करेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में सुरक्षा मुद्दे पर हुई कैबिनेट कमेटी की बैठक में DSRO के गठन को मंजूरी मिली है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों से पता चला है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी की बैठक में इस नयी एजेंसी DSRO के गठन को मंजूरी दी है। सूत्रों के अनुसार इस एजेंसी को वार-फेयर हथियार और तकनीक विकसित करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। भारत ने स्पेस वार के खतरे को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है। अब दूसरे देश अपनी शक्ति के दम पर भारत को आँख दिखाने की हिम्मत नही कर पाएंगे।

इस मिशन के तहत DSRO में काम करने वाले सभी वैज्ञानिक तीनों सेनाओं और उनके प्रमुखों के साथ समन्वय स्थापित करके काम करेंगी। इसमें तीनों सेनाओं के एक एक सदस्य को भी शामिल किया जायेगा। एजेंसी के गठन से पूर्व सरकार के द्वारा एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया था। इस एजेंसी का नेतृत्व करने के लिए संयुक्त सचिव स्तर के वैज्ञानिकों को चुना जाएगा।

DSRO के द्वारा डिफेन्स स्पेस एजेंसी को रिसर्च और डवलपमेंट सहायता प्रदान की जायेगी। डिफेन्स स्पेस एजेंसी को अंतरिक्ष में होने वाले युद्ध में सहायता के लिए बनाया गया है। DSA को वाईस मार्शल रैंक के एक अधिकारी के तहत बंगलुरु में स्थापित किया गया है। ये एजेंसी धीरे-धीरे तीनों सेनाओं की स्पेस क्षमताओं को बढ़ाएगी। मोदी जी की सरकार के द्वारा स्पेस और साइबर वॉर को हैंडल करने के लिए इन एजेंसियों का गठन किया है। सरकार के द्वारा विशेष ऑपरेशन डिविज़न का भी गठन किया गया है। इसमें 300 स्पेशल कमांडो होंगे जो खास ऑपरेशन में सेना की मदद करेंगे।

ग़ौरतलब है कि मार्च 2018 में भारत ने एंटी-सैटेलाइट मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। इस दिन भारत ने अंतरिक्ष में ही लाइव सैटेलाइट को मार गिराने की क्षमता विकसित कर ली थी। रूस, चीन, जापान और अमेरिका के बाद भारत भी अंतरिक्ष में सैटेलाइट को मार गिराने की क्षमता रखने वाला 5वां देश बन चुका है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा था कि आज हम अंतरिक्ष महाशक्ति बन चुके हैं। हमने स्पेस में सैटेलाइट को मार गिराने की क्षमता विकसित कर ली है। भारत के द्वारा किये गए इस ऑपरेशन में स्पेस में 300 किलो मीटर की दूरी पर स्थित लो अर्थ ऑर्बिट में एक लाइव सैटेलाइट को नष्ट किया गया था।

नवऊर्जा और प्रशासनिक अनुभव से लबरेज इन 10 दिग्गजों से ‘मोदी 2.0’ कैबिनेट बन गया बेहद ख़ास

भाजपा और एनडीए की ऐतिहासिक जीत के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी जी के सामने एक संतुलित और दक्ष मंत्रिमंडल चुनने की चुनौती थी। अब मंत्रियों के नाम सामने आने पर स्पष्ट हो गया है कि इस मंत्रिमंडल का चयन करते हुए दोनों नेताओं ने गहरी समझ और दूरदर्शिता का परिचय दिया है। परिवर्तन और विकास को अपना लक्ष्य मानने वाली भाजपा ने मोदी 2.0 मंत्रिमंडल में 17 नए चेहरों को स्थान दिया है। इसमें से आठ तो पहली बार सांसद बने हैं।

30 मई को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने मंत्रिमंडल के साथ पद और गोपनीयता की शपथ ली थी। राष्ट्रपति भवन में हुए शपथ ग्रहण समारोह में 58 सदस्यीय मंत्रिपरिषद को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। हालांकि इस बार दो बड़े नाम सुषमा स्वराज और अरुण जेटली मंत्रिमंडल में शामिल नही हो सके हैं, लेकिन राज्यों के अनुभवी नेताओं और युवाओं को मौका दिया गया है। इस बार क्षेत्रीय, जातीय और सामाजिक समीकरणों को बखूबी साधा गया है।

नरेंद्र मोदी ने नेताओं की पदोन्नति के मामले में भी सामाजिक और राजनीतिक समीकरण का बखूबी ध्यान रखा है। गिरिराज सिंह, महेंद्रनाथ पांडे और गजेंद्र सिंह शेखावत को प्रोमोशन मिला है। मोदी 2.0 कैबिनेट में गिरिराज सिंह को पशुपालन, दुग्ध और मत्स्य विभाग मिला है। उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय संभाला था। मोदी जी की कैबिनेट ने महेंद्र नाथ पांडे को भी पदोन्नति दी है। उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्रालय के राज्य मंत्री से कौशल विकास और उद्यमिता विभाग में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। गजेंद्र सिंह शेखावत को जल शक्ति मंत्रालय सौंपा गया है।

मोदी की नई कैबिनेट में एक ओर जहाँ अनुभव और नवाचार का समन्वय है, वहीं ऐसे नेता भी हैं जो अपने राजनीतिक सूझबूझ और प्रशासनिक मामलों पर अपनी कुशलता के लिए जाने जाते हैं। ये 10 दिग्गज नेता मोदी 2.0 कैबिनेट को बहुत सशक्त और प्रभावशाली बनाते हैं। ये नेता हैं:

राजनाथ सिंह – मोदी जी की नई कैबिनेट में राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया है। इससे पहले उनके पास गृह मंत्रालय का कार्यकाल था। 2014 के चुनावों में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में नरेंद्र मोदी को चुनने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।

अमित शाह – मोदी कैबिनेट में पहली बार स्थान पाने वाले अमित शाह सबसे अहम गृह मंत्रालय को संभालेंगे। भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार और जीत के सूत्रधार कहे जाने वाले अमित शाह ने गुरुवार को पी एम मोदी के साथ पद और गोपनीयता की शपथ ली।

नितिन गडकरी – नितिन गडकरी के पास सड़क परिवहन और एमएसएमई का दोहरा कार्यभार है। उन्होंने हाईवे के लिए अपने प्लान की रूपरेखा तैयार कर ली है। इसमें ‘विश्व स्तरीय एक्सप्रेस वे नेटवर्क’ तैयार करने को भी शामिल किया गया है।

देवरागुंडा वेंकप्पा सदानंद गौड़ा – देवरागुंडा वेंकप्पा सदानंद गौड़ा सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री रहे हैं। उन्हें इस बार रसायन और उर्वरक मंत्री बनाया गया है। वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।

निर्मला सीतारमण – निर्मला सीतारमण को वित्त और कॉरपोरेट मामलों का मंत्री बनाया गया है। इससे पहले वे रक्षा मंत्रालय संभाल रही थीं।

प्रकाश जावड़ेकर – प्रकाश जावड़ेकर को पर्यावरण, वन और क्लाइमेट चेंज विभाग सौंपा गया है। उन्हें सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ज़िम्मेदारी भी सौंपी गई है।

रविशंकर प्रसाद – रविशंकर प्रसाद को कानून, कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय सौंपे गए हैं।

पीयूष गोयल – पीयूष गोयल को मोदी सरकार में एक बार फिर रेल मंत्रालय दिया गया है। पीयूष गोयल अपने दूसरे कार्यकाल में रेल सुरक्षा को बढ़ाने और आधुनिकीकरण पर ध्यान देंगे। वे नई पटरियों के निर्माण और आधुनिक डिब्बों के निर्माण की दिशा में भी काम कर सकते हैं।

सुब्रह्मण्यम जयशंकर – नरेंद्र मोदी ने सबको चौंकाते हुए सुब्रह्मण्यम जयशंकर को विदेशी मामलों का मंत्री बनाया है। वे विदेश सचिव के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। वे चीन और अमेरिका में भारतीय राजदूत के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।

स्मृति ईरानी – इन लोकसभा चुनावों में स्मृति ईरानी ने अमेठी से ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। उन्हें मोदी सरकार में महिला और बाल विकास मंत्रालय सौंपा गया है। इसके अलावा उन पर कपड़ा मंत्रालय का भी अतिरिक्त कार्यभार है।

मोदी 2.0 कैबिनेट एक संतुलित कैबिनेट हैं। इसमें नए चेहरों को जगह देकर तथा क्षेत्रीय समीकरण के आधार पर नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह देकर श्री नरेंद्र मोदी जी ने दूरदर्शिता का परिचय दिया है। नेताओं को मंत्रालय आवंटित करते समय उस क्षेत्र में ज्ञान और कार्य के अनुभव को भी वरीयता दी गई है। प्रशासन में नए विचारों को जगह देने के लिए नए चेहरों को भी मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस मंत्रिमंडल से यही उम्मीद है कि वह अगले 5 सालों में विकास की एक नयी दिशा देगा और देश को समृद्धि के रास्ते पर लेकर जायेगा।