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जर्मनी से स्पेन पहुंचे पीएम मोदी, थोड़ी देर में स्पेनिश राष्ट्रपति से करेंगे मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार देशों की अपनी छह दिवसीय यात्रा के दूसरे पड़ाव पर मंगलवार को जर्मनी से स्पेन की राजधानी मैड्रिड पहुंच गए. बुधवार को वह स्पेन में वहां के राष्ट्रपति मरिआनो रजोय से मुलाकात करेंगे. मोदी के इस दौरे का मकसद द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाना और भारत में निवेश के लिए आमंत्रित करना है.

मोदी जर्मनी में द्विपक्षीय समाझौते और वहां की चांसलर एंगेला मर्केल से गुफ्तगू करने के बाद स्पेन पहुंचे हैं. स्पेन की राजधानी मैड्रिड पहुंचते ही पीएम मोदी ने अंग्रेजी और स्पेनिश भाषा में ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने अपने इस स्पेन दौरे को आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को सुधारने की दिशा में अहम कदम करार दिया. साल 1988 के बाद स्पेन का दौरा करने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बांगले ने ट्वीट कर बताया कि मैड्रिड पहुंचने पर स्पेन के वित्तमंत्री ने मोदी का जबरदस्त स्वागत किया. बुधवार को पीएम मोदी अपने स्पेनिश समकक्ष मरिआनो रजोय से मुलाकात करेंगे. इस बीच दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने को लेकर चर्चा होगी. पीएम मोदी स्पेन के किंग फेलिप VI से भी मुलाकात करेंगे.

इसके अलावा पीएम मोदी भारत में निवेश के इच्छुक स्पेन के दिग्गज कारोबारी नेताओं के साथ गोलमेज बैठक करेंगे. विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मोदी के इस दौरे से भारत-स्पेन के दोस्ताने द्विपक्षीय रिश्ते मजबूत होंगे और इनमें तेजी आएगी. स्पेन के बाद पीएम मोदी रूस के लिए रवाना होंगे, जहां वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ 18वें भारत-रूस वार्षिक समिट में हिस्सा लेंगे. इसके बाद सेंट पीटरबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम में हिस्सा लेंगे. इसके बाद दो जून को पीएम मोदी फ्रांस के लिए रवाना होंगे.

भारत-जर्मनी संबंधों पर बोले पीएम नरेंद्र मोदी- ‘मेड फॉर ईच अदर’, 8 समझौतों पर हस्ताक्षर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जर्मनी यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच आठ समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं. बर्लिन में पीएम नरेंद्र मोदी और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा कि हमने आतंकवाद और जलवायु के मुद्दे पर चर्चा की है. दुनिया के सामने आतंकवाद समेत कई चुनौतियां है. मानवतावादी शक्तियों को एकजुट होना होगा. पीएम मोदी ने यहां यह भी कहा कि हम एक-दूसरे के लिए बने हैं.

  • भारत-जर्मनी के बीच 8 समझौते हुए हैं
  • रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए जर्मन कंपनियों से सहयोग
  • स्टार्टअप के लिए जर्मन कंपनियों
  • गंगा सफाई में भी जर्मनी सहयोग कर रहा है
  • दुनिया के सामने आतंकवाद समेत कई चुनौतियां
  • स्मार्ट सिटी बनाने में भी जर्मनी से सहयोग
  • मेक इन इंडिया के लिए जर्मनी कंपनियों का स्वागत
  • लोकतांत्रिक मूल्य ताकत देते हैं
  • जर्मनी यूरोपीय संघ में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है और देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश :एफडीआई: का सबसे अग्रणी स्रोत है

एंजेला मर्केल से मुलाकात के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- अच्छी रही बातचीत

चार देशों के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मनी पहुंच गए हैं. जर्मनी में पीएम ने डिनर पर जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से मुलाक़ात की है. जर्मनी पहुंचते ही पीएम ने ट्वीट किया किया कि जर्मनी पहुंच गया हूं. मुझे पूरा विश्वास है कि यह दौरा भारत के लिए लाभदायक होगा और भारत-जर्मनी के रिश्तों को मजबूत करेगा. छह दिनों के इस दौरे में पीएम जर्मनी के अलावा स्पेन, रूस और फ्रांस भी जाएंगे.  जर्मनी के ब्रैडेनबर्ग जिले में स्थित 18वीं सदी के महल ‘श्लॉस मीजबर्ग’ के बाग में खिली धूप में दोनों नेता साथ में टहले. बैठक ‘श्लॉस मीजबर्ग’ की आगंतुक पुस्तिका में पीएम मोदी के हस्ताक्षर करने के साथ शुरू हुई. बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा, ‘चांसलर मर्केल के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई.’ बैठक को एक बेहद अनौपचारिक मामला बताया गया. पीएम मोदी के दो दिन के जर्मनी के दौरे के औपचारिक कार्यक्रम कल से शुरू होंगे.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में आलीशान महल के बाग में दोनों नेताओं के आपस में बातचीत के दौरान ली गई तस्वीरें डालते हुए कहा, एक सार्थक भागीदारी का बंधन. चांसलर मर्केल ने निजी रात्रिभोज से पहले श्लॉस मीजबर्ग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी की. इसी बीच मोदी के साथ गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल वरिष्ठ मंत्री भी अपने जर्मन समकक्षों से बातचीत कर रहे हैं. इन मंत्रियों में वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण, ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल और विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर शामिल हैं.

नरेंद्र मोदी कौन हैं? विदेशियों ने दिए चौंकाने वाले जवाब, वीडियो हो रहा वायरल

साल 2014 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित करने के बाद बीजेपी ने देशभर में उनकी ब्रांडिंग की थी. सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाने के साथ ज्यादा से ज्यादा जनसभाएं आयोजित कर नरेंद्र मोदी को घर-घर पहुंचाने की कोशिश की गई थी, जो शायद सफल भी हुआ. बीजेपी पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई और नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने. प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने ताबड़तोड़ विदेशी दौरे किए, तर्क दिया गया कि वे भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूती देने के लिए ये सब कर रहे हैं. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के तीन साल हो गए हैं. ऐसे में यूट्यूबर रिक्शावाली (Rickshawali) स्पेन के  इबीसा द्वीपसमूह पर पहुंची और वहां के लोगों को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर दिखाकर उन्हें पहचानने को कहा. ज्यादातर लोगों ने पीएम मोदी को पहचान लिया और उनके बारे में बेहद चौंकाने वाले जवाब दिए.

एक स्पेनिस लड़के ने तो यहां तक कह दिया कि नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी ज्यादा पावरफुल हैं. उसने अपने हाथों से इशारा करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी को चाहिए की वह डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका से हटाएं.

खुद को योगा शिक्षक बता रही स्पेन की एक महिला ने नरेंद्र मोदी की ओर से विश्व योग दिवस (world yoga day 2017) शुरू किए जाने के चलते उन्हें शुक्रिया कहा. द्वीप पर मौजूद ज्यादातर लोगों को योग दिवस की तारीख 21 जून याद थे. इतना ही नहीं कई लोगों ने तो योग के स्टेप करके भी दिखाए. कई लोगों ने नरेंद्र मोदी की तस्वीर देखते ही कहा, ‘वेरी पावरफुल पर्सन’. एक शख्स को तो ‘हर-हर मोदी, घर-घर मोदी’ को नारा भी मालूम था. लोगों के जवाब सुनकर रिक्शावाली भी अचंभित थीं. हालांकि एक शख्स ने तो पीएम मोदी की तस्वीर देखकर उन्हें गांधी बता डाला.

मालूम हो कि भारत से स्पेन की दूरी करीब 7,951 किलोमीटर है. वहां के लोगों के बीच नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता दर्शाने वाले इस वीडियो को उनके समर्थक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और ट्विटर पर भी खूब शेयर कर रहे हैं. यह वीडियो यूट्यब पर 26 मई को शेयर किया गया है. साल 2014 में इसी दिन नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार देशों की यात्रा पर रवाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार देशों की यात्रा पर रवाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मनी, स्पेन, रूस और फ्रांस की चार देशों की यात्रा पर सोमवार को रवाना हो गए. इस यात्रा का उद्देश्य इन देशों के साथ भारत की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाना तथा और निवेश आकर्षित करना है.

पीएम मोदी सबसे पहले जर्मनी जाएंगे, जहां वह भारत-जर्मनी अंतर सरकारी विमर्श (आईजीसी) की रूपरेखा के तहत चांसलर एंजेला मर्केल से बातचीत करेंगे. वह जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमिएर से भी मुलाकात करेंगे.

वह मर्केल से व्यापार में सहयोग, सुरक्षा और आतंकवाद रोधी कार्यकलाप, नवोन्मेष और विज्ञान एवं तकनीक, कौशल विकास, शहरी ढांचा, रेलवे और नागरिक उड्डयन, स्वच्छ उर्जा, विकास, स्वास्थ्य तथा वैकल्पिक औषधि के क्षेत्रों में बातचीत करेंगे. बर्लिन में मोदी और मर्केल व्यापार और निवेश संबंधों को और मजबूत करने के लिए दोनों देशों के शीर्ष कारोबारी नेताओं से बातचीत करेंगे.

मंगलवार को मोदी आधिकारिक दौरे पर स्पेन जाएंगे जो करीब तीन दशकों में भारतीय प्रधानमंत्री की इस देश की पहली यात्रा होगी. वह स्पेन के राजा फिलिप षष्टम से मुलाकात करेंगे और राष्ट्रपति मार्यानो राहॉय से बातचीत करेंगे. मोदी द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने, खासतौर से आर्थिक क्षेत्र में और साझा हितों के अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर सहयोग विशेषतौर से आतंकवाद से लड़ने के तरीकों पर चर्चा करेंगे.

वह स्पेनिश उद्योग के शीर्ष सीईओ से भी मुलाकात करेंगे और उन्हें ‘‘मेक इन इंडिया’’ पहल में साझेदार बनने के लिए प्रेरित करेंगे. स्पेन से प्रधानमंत्री 31 मई को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग जाएंगे जहां वे 31 मई से दो जून तक चलने वाले 18वें भारत-रूस वाषिर्क सम्मेलन में शिरकत करेंगे.

दो जून को मोदी और पुतिन सेंट पीटर्सबर्ग अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच (एसपीआईईएफ) को भी संबोधित करेंगे जहां भारत ‘मेहमान देश’ है. रूस यात्रा की शुरुआत में मोदी लेनिनग्राद पर कब्जे के दौरान मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने पिस्कारोव्स्कोये स्मारक जाएंगे.

वह विश्व प्रसिद्ध हर्मिटेज म्यूजियम और इंस्टीट्यूट ऑफ ओरिएंटल मैन्युस्क्रिप्ट का भी दौरा करेंगे. यात्रा के अंतिम चरण में वह फ्रांस के नव निर्वाचित राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रोन से आधिकारिक मुलाकात के लिए दो से तीन जून तक फ्रांस जाएंगे.

फ्रांस रक्षा, अंतरिक्ष, परमाणु तथा नवीकरणीय ऊर्जा, शहरी विकास और रेलवे के क्षेत्रों में भारत की विकासात्मक पहलों में नौवां सबसे बड़ा निवेशक और अहम साझेदार है.

आतंकवाद से लड़ने में अग्रणी भूमिका निभाए यूरोप : जर्मनी में बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को सबसे गंभीर चुनौती बताया, जिसका मानवता सामना कर रही है. उन्होंने इस बुराई से निपटने के लिए यूरोप से संयुक्त राष्ट्र की अगुवाई में एक प्रभावी वैश्विक भूमिका विकसित करने में अग्रणी भूमिका निभाने का अनुरोध किया.

पीएम मोदी चार देशों – जर्मनी, स्पेन, रूस और फ्रांस की छह दिन की यात्रा के प्रथम पड़ाव पर बर्लिन पहुंचे. उन्होंने जर्मन अखबार ‘हांदेलस्ब्लात’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘आतंकवाद से यूरोप बुरी तरह प्रभावित हुआ है.’ उन्होंने कहा, ‘हमारे मुताबिक, आतंकवाद सबसे गंभीर चुनौती है, जिसका मानवता सामना कर रही है. यूरोप को इस बुराई से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र की अगुवाई में एक प्रभावी वैश्विक प्रतिक्रिया विकसित करने में अवश्य ही एक अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए.’

मोदी की यह टिप्पणी काफी मायने रखती है क्योंकि यह जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और स्वीडन जैसे यूरोपीय देशों में हाल ही में हुए आतंकी हमलों के मद्देनजर आई है. ब्रिटेन के मैनचेस्टर में एक कंसर्ट में हुए ताजा आतंकी हमले ने यूरोप को दहला कर रख दिया है, जहां एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को विस्फोट कर उड़ा दिया. इस हमले में 22 लोग मारे गए थे.

देश के प्रमुख बिजनेस अखबार से बात करते हुए पीएम मोदी ने संरक्षणवाद (अर्थव्यवस्था में) की दिशा में बढ़ाए जाने वाले कदमों के खिलाफ भी चेतावनी दी और यूरोप से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए खुली रहे और निवेश तथा लोगों का मुक्त प्रवाह हो.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘संरक्षणवादियों और दुनिया में प्रवासी विरोधी भावनाओं के बारे में हमारी चिंताएं हैं. हमें उम्मीद है कि उनका समाधान कर लिया जाएगा.’ उन्होंने कहा, ‘हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जो आपस में जुड़ी हुई है. सीमाओं के आर-पार वस्तुओं, पूंजी और लोगों का आवागमन हमारी सामूहिक प्रगति के लिए तथा वैश्विकरण के फायदों को साकार करने के लिए जरूरी है.’ पीएम मोदी ने जर्मनी के लिए भारत की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि यह ‘सबसे खुली’ और ‘दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं’ में शामिल है.

प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में सुधार की भी अपील की, ताकि आज के समय की वैश्विक वास्तविकताएं प्रदर्शित हो सके. उन्होंने कहा, ‘भारत कुछ समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग कर रहा है. सुरक्षा परिषद का विस्तार करने की फौरन जरूरत है.’ उन्होंने कहा कि विस्तारित सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने के लिए भारत के पास सभी विशेषताएं हैं.

मोदी ने भारत-जर्मनी संबंध पर कहा कि जर्मनी को भारत मेक इन इंडिया, कौशल भारत, स्टार्ट अप इंडिया, स्वच्छ भारत और स्मार्ट सिटी के राष्ट्रीय महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों में एक अहम साझेदार के तौर पर देखता है. एक विस्तृत यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के ईयू से निकलने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘यूरोपीय संघ वैश्विक स्तर पर एक अहम भूमिका निभाता है. इसकी स्थिरता का शांति एवं सुरक्षा सहित वैश्विक घटनाक्रमों पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है.’ उन्होंने कहा कि ब्रिटेन और ईयू, दोनों के साथ भारत अपने मजबूत और बहुआयामी संबंध को अहमियत देता है तथा यह दोनों रणनीतिक साझेदारों के साथ अपने संबंध मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है. ‘हम इस रुख को जारी रखेंगे.’

अखबार ने दावा किया है कि भारत और चीन में जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल एक साझेदारी की संभावना देखती हैं जो जलवायु परिवर्तन को रोकने में और मुक्त व्यापार को प्रोत्साहित करने में मदद करेगा. प्रधानमंत्री की जर्मन यात्रा को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय बताया गया है.

पीएम मोदी ने अपनी यात्रा की पूर्व संध्या पर एक फेसबुक पोस्ट में कहा था, ‘मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि यह यात्रा जर्मनी के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय खोलेगी और हमारी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करेगी.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी और मर्केल की योजना व्यापार एवं निवेश, सुरक्षा और आतंकवाद निरोध, नवोन्मेष, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, कौशल विकास, शहरी ढांचा, रेलवे, नागर विमानन, स्वच्छ उर्जा, विकास सहयोग, स्वास्थ्य और वैकल्पिक औषधि पर जोर देते हुए सहयोग के लिए भविष्य की रूपरेखा तय करने की है. भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने वाले देशों के मामले में जर्मनी सातवां सबसे बड़ा निवेशक है. भारत में कुल 1800 जर्मन कंपनियां संचालित हो रही हैं.

प्रधानमंत्री मोदी आज होंगे चार देशों की यात्रा पर रवाना, निवेश आमंत्रित करने पर विशेष जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जर्मनी, स्पेन, रूस और फ्रांस की यात्रा पर रवाना होने वाले हैं. यात्रा का मकसद उन देशों के साथ आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देना तथा अधिक निवेश आमंत्रित करना है. मोदी अपनी छह दिवसीय यात्रा के पहले चरण में जर्मनी जाएंगे जहां वह भारत-जर्मनी अंतर-सरकरी विमर्श (आईजीसी) के तहत चांसलर एंजिला मर्केल से मुलाकात करेंगे. वह जर्मन राष्ट्रपति फ्रेंक.वाल्टर स्टीनमीयर से भी मुलाकात करेंगे.

मोदी ने कहा कि वह और मर्केल व्यापार और निवेश, सुरक्षा और आतंकवाद से मुकाबला, नवोन्मेष और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, कौशल विकास, शहरी बुनियादी ढांचा, रेलवे और नागर विमानन, स्वच्छ उर्जा, विकास सहयोग, स्वास्थ्य और वैकल्पिक चिकित्सा पर जोर देते हुए सहयोग का भावी रोडमैप तैयार करेंगे. जर्मनी को मूल्यवान सहयोगी बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जर्मन दक्षताएं भारत के रूपांतरण के लिए उनकी दृष्टि के साथ सटीक बैठती है. बर्लिन में, मोदी और मर्केल दोनों देशों के शीर्ष उद्योगपतियों के साथ बातचीत करेंगे ताकि व्यापार एवं निवेश संबंधों को और मजबूत बनाया जा सके. उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा,

“मुझे भरोसा है कि इस यात्रा से जर्मनी के साथ हमारे द्विपक्षीय सहयोग में एक नया अध्याय शुरू होगा और हमारी रणनीतिक भागीदारी और प्रगाढ़ होगी.”

मोदी मंगलवार को स्पेन की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे. पिछले करीब तीन दशक में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा होगी. वह किंग फेलिप.6 से मुलाकात करेंगे और राष्ट्रपति मारियानो राजोय के साथ बातचीत करेंगे. उन्होंने कहा कि हम द्विपक्षीय संवाद बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करेंगे, खासकर आर्थिक क्षेत्र में और साझा चिंताओं वाले अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर सहयोग, विशेष रूप से आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को प्रगाढ़ बनाने की काफी संभावना है.

उन्होंने कहा कि हम आधारभूत ढांचा, स्मार्ट सिटी, डिजिटल अर्थव्यवस्था, गैर पारंपरिक उर्जा, रक्षा और पर्यटन सहित विभिन्न भारतीय परियोजनाओं में स्पेनिश उद्योग की भागीदारी चाहते हैं. वह स्पेनिश उद्योग के प्रमुख अधिकारियों से भी मिलेंगे और उन्हें ‘मेक इन इंडिया’ पहल में सहयोगी बनने के लिए प्रोत्साहित करेंगे. प्रधानमंत्री स्पेन के बाद 31 मई से दो जून के बीच रूस में सेंट पीटर्सबर्ग की यात्रा पर रहेंगे. वह 18वें भारत.रूस सालाना शिखर सम्मेलन के लिए वहां की यात्रा पर जाएंगे. उन्होंने कहा,”मैं राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ विस्तृत चर्चा करूंगा ताकि अक्तूबर 2016 में गोवा के शिखर सम्मेलन में हुई बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ाया जा सके. दोनों नेता दोनों देशों के विभिन्न सीईओ से भी बातचीत करेंगे.

दो जून को मोदी और पुतिन सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनोमिक फोरम को संबोधित करेंगे जहां भारत अतिथि राष्ट्र है. उन्होंने कहा,

“अपनी तरह की पहली मुलाकात में, मुझे विभिन्न रूसी क्षेत्रों के गर्वनरों से भी बातचीत करने का मौका मिलेगा ताकि द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाया जा सके.”

मोदी अपनी यात्रा के दौरान पिस्कारोवस्कोय कब्रगाह भी जाएंगे जहां वह लेनिनग्राद पर हमले के दौरान मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देंगे.

वह दुनिया भर में प्रसिद्ध “स्टेट हर्मिटेज म्यूजियम” और “इंस्टीच्यूट आफ ओरिएंटल मैन्युस्क्रिप्ट” भी जाएंगे. मोदी ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के लिए इस खास वर्ष में सेंट पीटर्सबर्ग की अपनी यात्रा को लेकर काफी उत्सुक हैं क्योंकि दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों के 70 साल पूरा होने का जश्न मना रहे हैं. यात्रा के आखिरी चरण में वह दो से तीन जून के बीच फ्रांस की यात्रा करेंगे और राष्ट्रपति ई मैक्रॉन से मिलेंगे.

मोदी ने कहा,

“फ्रांस हमारे सर्वाधिक रणनीतिक सहयोगियों में से एक है. मैं राष्ट्रपति मैक्रॉन से मिलने को उत्सुक हूं और परस्पर हित के मुद्दों पर चर्चा करेंगे.”

उन्होंने कहा कि वह फ्रांसीसी राष्ट्रपति के साथ विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार विमर्श करेंगे. इनमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सुधार, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता, विभिन्न निर्यात संगठनों में भारत की सदस्यता, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, जलवायु परिवर्तन पर सहयोग और अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन शामिल हैं.

पीएम नरेंद्र मोदी ने Ramadan से लेकर Yoga का किया जिक्र, पढ़ें ‘मन की बात’ की 5 बड़ी बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से 32वीं बार ‘मन की बात’ की. पीएम ने देश-दुनिया के मुसलमानों को रमजान की मुबारकबाद देते हुए मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि रमजान का पवित्र महीना शांति, एकता को बढ़ावा देने में सहायक होगा. हम सवा-सौ करोड़ देशवासी इस बात का गर्व कर सकते हैं कि दुनिया के सभी संप्रदाय में मौजूद हैं. हर प्रकार की विचारधारा, हर प्रकार की पूजा पद्धति, हर प्रकार की परंपरा, हम लोगों ने एक साथ जीने की कला आत्मसात की है. रमजान का पवित्र महीना शान्ति, एकता और सद्भावना के मार्ग को आगे बढ़ाने में जरूर सहायक होगा. रमजान की शुभकामना के बाद पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में पांच बिन्दुओं पर दुनिया का ध्यान दिलाने की कोशिश की, आइए जानें कौन सी है वह बातें-:

योग दिवस पर दिखाएं ‘कल आज और कल’ का संयोग

प्रधानमंत्री मोदी ने 21 जून को होने वाले विश्व योग दिवस को सफल बनाने की अपील की. पीएम ने देशवासियों से अपील की कि वे इस बार के योग दिवस में ‘कल आज और कल’ का थीम दिखाएं. यानी परिवार की तीन पीढ़ियों के लोग एक साथ योग कर #InternationalYogaDay  NarendraModiApp या MyGov पर अपलोड करें. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती दोनों की गारंटी, तन, मन, शरीर, विचार और आचार से स्वस्थता की अंतर्यात्रा का अनुभव योग के माध्यम से संभव है. योग के जरिए विश्व को एक सूत्र में हम जोड़ चुके हैं. जैसे योग शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा को जोड़ता है, वैसे ही आज योग विश्व को जोड़ रहा है.

कूड़ा प्रबंधन के भागीदार बनें

पीएम मोदी ने देशवासियों से कूड़ा प्रबंधन में भागीदार बनने की अपील की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों के सहयोग से जनप्रतिनिधियों की मदद से कूड़ा प्रबंधन का महत्वपूर्ण अभियान छेड़ना तय किया है. विश्व पर्यावरण दिवस पर देश के चार हजार नगरों में सॉलिड और लिक्विड वेस्ट को कलेक्ट करने के लिए हरे व नीले रंग के कूड़ेदान उपलब्ध होंगे. कूड़े को कूड़े के तौर पर देखना बंद करें.

लोगों को प्रेरित करने के लिए पीएम मोदी ने मुंबई के अफरोज शाह की कहानी बताई. पीएम ने कहा, ‘मैं गर्व से एक बात कहना चाहता हूं, मुंबई में गंदा नजर आने वाला वर्सोवा बीच से हजारों टन कूड़ा निकाला गया और आज वर्सोवा बीच साफ-सुंदर बन गया, इसकी जिम्मेदारी वर्सोवा के अफरोज शाह ने संभाली. जम्मू-कश्मीर का रियासी ब्लॉक खुले में शौच से मुक्त हुआ है, ब्लॉक के सभी नागरिकों व प्रशासन को बधाई. रियासी की महिलाओं ने मशाल यात्राएं निकाली, घर-घर जाकर लोगों को प्रेरित किया, उन मां-बहनों का हार्दिक अभिनंदन.

वीर सावरकर को किया याद

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज वीर सावरकर की जन्म जयंती है. वे अंडमान में कैद थे. सेलुलर जेल को काला पानी क्यों कहा जाता था, ये वहां जाकर ही पता चलता है. वो आजादी का तीर्थ है. आज हम आजाद हिंदुस्तान में इसलिए सांस ले रहे हैं क्योंकि शहीदों ने आंदोलन चलाया. वीर सावरकर जेल की दीवारों पर लिखते थे. हिंदुस्तान का कोई भाषा बोलने वाला शख्स ऐसा नहीं रहा होगा जो सेलुलर जेल में न रहा हो.

तीन साल के कार्यकाल की आलोचना करने वालों का शुक्रिया

केंद्र में पीएम मोदी की अगुवाई में बीजेपी सरकार के तीन साल पूरे हो चुके हैं. इसके उपलक्ष्य में सरकार अपने कामों का प्रचार अखबारों, टीवी चैनलों में कर रही है. इसपर कुछ लोग ऐतराज भी जता रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि उन लोगों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने गहराई से आलोचना की और महत्वपूर्ण फीडबैक दिए.

विश्व पर्यावरण दिवस को सफल बनाएं

पीएम मोदी ने कहा कि 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस है. 5 जून को प्रकृति के साथ जुड़ने का वैश्विक अभियान, हमारा स्वयं का भी अभियान बनना चाहिए. वेदों में पृथ्वी और पर्यावरण को शक्ति का मूल माना गया है. हमारे यहां कहा गया है- माता भूमिः पुत्रो अहम् पृथिव्याः अर्थात् जो शुद्धता है, वह हमारी पृथ्वी के कारण है.

मन की बात में पीएम मोदी बोले- लोकतंत्र में सरकार जवाबदेह, 3 साल के कार्यकाल को हर कसौटी में कसा गया

प्रधानमंत्री मोदी ने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में कहा कि उनकी सरकार के तीन साल पूरे होने पर कई तरह के सर्वे और ओपीनियन पोल आए हैं. कई तारीफ हुई है तो कहीं आलोचना. लेकिन हमारे सभी महत्वपूर्ण हैं. हमारे 3 साल के काम को हर कसौटी में कसा गया है. लोकतंत्र में सरकारें जवाबदेह होती हैं उनको जनता-जनार्दन को हिसाब देना चाहिए. पीएम ने कहा कि वह उन सब लोगों का धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने समय निकाल करके सरकार के काम की गहराई से विवेचना की, जो त्रुटियां होती हैं, कमियां होती हैं अच्छी हो, कम अच्छी हो, बुरी हो, जो भी हो, उसमें से ही सीखना है और उसी के सहारे आगे बढ़ना है. रचनात्मक आलोचना लोकतंत्र को बल देता है. एक जागरूक राष्ट्र के लिए, एक चैतन्य पूर्ण राष्ट्र के लिए, ये मंथन बहुत ही आवश्यक होता है.

पीएम मोदी ने क्या कहीं हैं खास बातें

पीएम मोदी ने सबसे पहले सबको रमजान की मुबारकबाद दी. उन्होंने कहा कि रमजान में प्रार्थना और अध्यात्म है. भारत इस बात का गर्व कर सकता है कि दुनिया के सभी संप्रदाय के लोग इस देश में रहते हैं. मूर्ति पूजा का विरोधी और मूर्ति पूजा करने वाले लोग भी इस यहां साथ रहते हैं. हम लोगों मे एक साथ जीने की कला है. रमजान का पवित्र महीना शांति और एकता के साथ आगे बढ़ने में सहायक होगा. हम एक बार फिर से सबको शुभकामनाएं देता हूं.

पीएम मोदी ने एक बार फिर से देश को संबोधित करते हुए कि नौजवान कंफर्ट जोन से बाहर निकलें. उनको नई चीजें सीखने के लिए ललक होनी चाहिए. मुझे यह जानकर खुशी है कि युवा पीढ़ी हमारे महापुरुषों के बारे में जानने में रुचि रखती है. आज वीर सवारकर जी की जन्मजयंती है. मैं देश के युवा पीढ़ी को जरूर कहुंगा कि अंडमान जाकर सेल्युलर जेल जाकर जरूर देखें.

पर्यावरण पर पीएम ने कहा कि 5 जून को महीने को पहला सोमवार है. 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. महात्मा गांधी कहते थे कि हम जो दुनिया नहीं देखेंगे हमें उसकी चिंता भी करनी चाहिए.

एक बार से पीएम मोदी ने योग का महत्व बताते हुए कहा कि तनावमुक्त जीवन के लिए योग करना चाहिए. योग सिर्फ व्यायाम नहीं है. अभी दो दिन पहले ही योग को दिवस को लेकर विश्व की सभी सरकारों को चिट्ठी लिखी है. कुछ लोगों का सुझाव आया है कि इस बार एक ही परिवार की तीनों पीढ़ियां एक साथ योग करें और उसकी तस्वीर शेयर करें. मैं इस सुझाव के लिए धन्यवाद करता हूं. आप नरेंद्र मोदी एप औक मायगव एप पर इसको शेयर कर सकते हैं. मैं 1 जून से ट्विटर पर योग से संबंधित बातें शेयर करुंगा. 21 जून को करुंगा.

पीएम ने कहा कि वह जहां जाता हूं उसको लोगों ने स्वच्छता से जोड़ दिया है. सफाई एक आंदोलन बनना चाहिए. जहां जाता हूं वहां सफाई के कार्यक्रम किए जाते हैं. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि अब दो प्रकार के कूड़ेदान उपलब्ध कराए जाएंगे. सूखा कचरा नीले और गीला कचरा हरे कूड़ा डालें. ये सारी चीजें खेत के काम आती हैं. हरे कूड़ेदान में किचन से जुड़ा कूड़ा डालें. सूखे कचरे को मशीन में डालकर रिसाइकिल किया जाता है.

मोदी ने कहा कि स्वच्छता के लिए हर बार हमें नए कदम उठाना है तभी हम गांधी जी का सपना पूरा कर पाएंगे. एक आदमी ठान ले तो क्या कर सकता है. मुंबई के वर्सोवा बीच का लोगों ने कायाकल्प कर दिया. एक सज्जन श्रीमान अफरोज शाह अक्टूबर 2015 से जुटे हुए थे. उनके युनाइटेड नेशंस की ओर से पुरस्कार दिया गया है. स्वच्छ भारत के अभियान के तहत जम्मू-कश्मीर का रियासी ब्लॉक खुले में शौच से मुक्त हो गया है. वहां की मां-बहनों ने इसके लिए जागरुकता फैलाई है. वहां के प्रशासकों और लोगों को बधाई देता हूं.

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 15 दिन, महीने से, लगातार अख़बार हो, टी.वी. चैनल हो, सोशल मीडिया हो, वर्तमान सरकार के 3 वर्ष का लेखा-जोखा चल रहा है. 3 साल पूर्व आपने मुझे प्रधान सेवक का दायित्व दिया था. ढ़ेर सारे सर्वे हुए हैं, ढ़ेर सारे ओपीनियन पोल आए हैं. मैं इस सारी प्रक्रिया को बहुत ही अच्छे संकेत के रूप में देखता हूं. हर कसौटी पर इस 3 साल के कार्यकाल को कसा गया है. समाज के हर तबके के लोगों ने उसका विश्लेषण किया है और लोकतंत्र में एक उत्तम प्रक्रिया है और मेरा स्पष्ट मानना है कि लोकतंत्र में सरकारों को जवाबदेह होना चाहिए. जनता-जनार्दन को अपने काम का हिसाब देना चाहिए. मैं उन सब लोगों का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने समय निकाल करके हमारे काम की गहराई से विवेचना की, कहीं सराहना हुई, कहीं समर्थन आया, कहीं कमियाँ निकाली गई, मैं इन सब बातों का बहुत महत्व समझता हूं. मैं उन लोगों को भी धन्यवाद देता हूँ. जो त्रुटियां होती हैं, कमियां होती हैं, वो भी जब उजागर होती हैं तो उससे भी सुधार करने का अवसर मिलता है. बात अच्छी हो, कम अच्छी हो, बुरी हो, जो भी हो, उसमें से ही सीखना है और उसी के सहारे आगे बढ़ना है. रचनात्मक आलोचना लोकतंत्र को बल देता है. एक जागरूक राष्ट्र के लिए, एक चैतन्य पूर्ण राष्ट्र के लिए, ये मंथन बहुत ही आवश्यक होता है.

आखिर में पीएम ने कहा कि मान्य नागरिक की तरह मेरे ऊपर भी हर अच्छी बुरी बात का असर होता है. मन की बात कार्यक्रम ने मुझे हर परिवार का सदस्य बना दिया है. मेरे प्यारे देशवासियों अगली बार जब मिलेंगे तो बरसात आ चुकी है. रिजल्ट आ चुके होंगे.

गौरतलब है कि ‘मन की बात’ रविवार सुबह 11 बजे ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर प्रसारित होता है. पीएम मोदी आज 32वीं बार ‘मन की बात’ के तहत देश की जनता को संबोधित करेंगे. आपको बता दें कि पीएम मोदी ने पिछले बार ‘मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने लाल बत्ती और वीआईपी कल्चर के खिलाफ अपने विचार रखे थे. इससे पहले वह न्यू इंडिया पर देश की जनता को संबोधित किया था.

पीएम मोदी अपने इस कार्यक्रम में हर बार आम व्यक्ति से जुड़ी कोई महत्वपूर्ण गतिविधि को केंद्रित करते हैं और इसके लिए सभी देशवासियों से विषय और सुझाव आमंत्रित करते हैं. वह देशवासियों की टिप्पणियों को अपने इस लोकप्रिय कार्यक्रम में शामिल भी करते हैं. बता दें, पीएम इससे पहले अर्थव्यवस्था, नशाखोरी, भ्रष्टाचार, किसानों की समस्या जैसे मुद्दों पर मन की बात कार्यक्रम का आयोजन कर चुके हैं. आकाशवाणी सभी क्षेत्रीय भाषाओं में इसका सीधा प्रसारण करता है.

मोदी सरकार के तीन साल : पीएम नरेंद्र मोदी ने भूपेन हज़ारिका के नाम किया देश का सबसे लंबा पुल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के तीन साल पूरे होने पर शुक्रवार को देश के सबसे लंबे नदी पुल ढोला-सादिया सेतु का उद्घाटन करने के बाद उसका नामकरण राज्य के विश्वप्रसिद्ध गायक-संगीतकार भूपेन हज़ारिका के नाम पर करने की घोषणा की. यह पुल लोहित नदी के ऊपर बनाया गया है, जिसका एक छोर अरुणाचल प्रदेश के ढोला में और दूसरा छोर असम के सादिया में पड़ता है.

असम में तिनसुकिया जिले के सादिया में 2,056 करोड़ रुपये की लागत से बने 28.50 किलोमीटर लंबाई वाले इस रणनीतिक पुल का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ दूर तक इस पर चले भी. उसके बाद प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, असम के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल तथा अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को लेकर एक वाहन इस पुल के ऊपर से गुज़रा.

गौरतलब है कि भूपेन हज़ारिका सेतु अब तक देश के सबसे लंबे मुंबई स्थित बांद्रा-वर्ली सी लिंक की तुलना में 3.55 किलोमीटर अधिक लंबा है. इस पुल के बन जाने से सामरिक रूप से महत्वपूर्ण असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच यात्रा करने में लगने वाले समय में चार घंटे की कमी आएगी.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सीमावर्ती राज्य अरुणाचल प्रदेश तक सैनिकों और आर्टिलरी के त्वरित गमन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पुल को टैंकों के आवागमन के हिसाब से डिज़ाइन किया गया है.