Monthly Archives: April 2017

शरीफ से मिले सज्जन जिंदल, मोदी से बातचीत की तैयारी

स्टील कारोबारी नवीन जिंदल के भाई सज्जन जिंदल ने बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की है। पाकिस्तानी मीडिया ने मुरी में हुई इस मुलाकात के संबंध में जिंदल पर वीजा नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है।

पाकिस्तानी मीडिया ने इस मुलाकात के जरिए पीएम मोदी पर भी निशाना साधा है। इसके मुताबिक सज्जन जिंदल की नवाज शरीफ से अनौपचारिक मुलाकात के जरिए भारत के पीएम मोदी, नवाज शरीफ से वार्ता की कोशिश कर रहे हैं।

पाकिस्तानी मीडिया का दावा है कि इस मुलाकात से भारत ने दोनों देशों के बीच वीजा नियमों का उल्लंघन किया है। जिंदल जेएसडब्ल्यू स्टील के प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष हैं। पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक नवाज और सज्जन की ये मुलाकात पर्दे के पीछे की कूटनीति का हिस्सा है, जिसमें जून में संघाई कॉपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) समिट  में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मुलाकात का खाका तैयार किया गया है।

योगी की मदद के लिए 9 आईएएस अफसरों को भेजेगी मोदी सरकार

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) नौ चुनिंदा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारियों को उत्तर प्रदेश भेजने की तैयारी में हैं। यह अधिकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के अहम मंत्रालयों का शीर्ष पद संभालेंगे। पीएमओ और कार्मिक मंत्रालय (डीओपीटी) के संयुक्त सचिव स्तर केदो अधिकारियों ने यह सूची तैयार की है।

 पीएमओ के इस कदम को योगी सरकार के कामकाज पर कड़ी नजर रखने का संकेत माना जा रहा है। चुने गए सभी आईएएस अधिकारी संयुक्त सचिव स्तर के हैं। उच्चपदस्थ सरकारी सूत्रों ने बताया कि पीएमओ इन नौ अधिकारियों की हामी का इंतजार कर रहा है। हालांकि दो अधिकारी निजी कारणों का हवाला देते हुए राज्य की पोस्टिंग पर जाने में असमर्थता जता चुकेहैं। चुने गए सभी अधिकारी उत्तर प्रदेश कैडर के हैं और इनमें से किसी का केंद्र की पोस्टिंग का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ है। 12 अप्रैल को डीओपीटी ने इन अधिकारियों को मूल कैडर वापस भेजे जाने संबंधी औपचारिक प्रस्ताव कैबिनेट सचिवालय को भेज दिया था।

माना जा रहा है कि इसी वजह से योगी आदित्यनाथ ने अफसरशाहों केतीन बड़े फेरबदल के बावजूद अहम मंत्रालयों के शीर्ष पदों के लिए फैसला नहीं किया है। अबतक का फेरबदल जिलाधिकारी (डीएम) और आयुक्तों के स्तर पर किया गया है। सूत्रों के मुताबिक सात अधिकारी फिलहाल कैबिनेट सचिवालय, वाणिज्य, मानव संसाधन, खाद्य, कपड़ा, स्वास्थ्य एवं आयुष मंत्रालय में कार्यरत हैं। दो अधिकारी यूआईडीएआई और एमएमटीसी में हैं।

गौरतलब है कि योगी को मुख्यमंत्री बनाने के फैसले और उनके शपथ ग्रहण के बाद भी प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा लखनऊ में ही रुकेहुए थे। चर्चा यह थी कि मिश्रा योगी को अफसरशाही की बारीकियां समझा रहे थे।

शांति, सुरक्षा और विकास ही हमारी प्राथमिकता- पीएम मोदी

भारत दौरे पर आए साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस अनास्तासियादेस के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवारो साझा प्रेस वार्ता को संबोंधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने बताया कि साइप्रस के साथ शांति सुरक्षा और विकास हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने संयुक्ता राष्ट्र परिषद् में भारत के प्रस्तावों को समर्थन देने के लिए शुक्रिया अदा किया।

पीएम मोदी ने कहा आतंकवाद प्रमुख चुनौती है, सीमा पार से जारी आतंकवाद चिंता का विषय है। हमें उन राज्यों के खिलाफ मिलकर काम करना होगा जो हमारे क्षेत्र में हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं।

इससे पहले राष्ट्रपति निकोस अनास्तासियादेस का राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पीएम मोदी ने उनके स्वागत की अगुवाई की। साथ ही उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का असर अब शादियों के कार्ड पर भी दिखने लगा

राजसमंद जिले की नाथद्वारा तहसील में एक अनोखी पहल सामने आई है। यहां एक व्यक्ति ने अपने यहां शादी के आयोजन के लिए छपाए गए कार्ड पर शौचालय नहीं होने पर जिमने नहीं आने की बात कह दी है।

दरअसल, खमनोर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत उपली ओड़न के गांव डिंगेला के रहने वाले लालसिंह कितावत के यहां आगामी 6 मई 2017 को भाई राजेन्द्र सिंह की शादी है। इससे पहले जब वे सरपंच सुरेशचंद्र जलानिया से मिले तो उनके मन में ग्राम पंचायत को ओडीएफ मुक्त करने के लिए कुछ अलग करने की सोची। इसी दौरान सरपंच सुरेशचंद्र ने उन्हें शादी के निमंत्रण पत्र पर स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ावा देने वाला स्लोगन लिखने की बात कही।

इस पर लालसिंह ने शादी के छपाये हुए कार्ड पर साफ—साफ शब्दों में ये लिख दिया है कि जिसके घर शौचालय न हो, कृपया जीमने न पधारें और नीचे स्वच्छ भारत मिशन भी लिखा है। इस स्लोगन से कोई रिश्तेदार या ग्रामीण नाराज हो तो इससे उन्हें कोई सरोकार नहीं है।

उनका केवल एक ही उद्देश्य है कि ग्राम पंचायत में सभी घरों में शौचालय का निर्माण हो। लालसिंह ने बताया कि वे खुद भी स्वच्छ भारत अभियान के प्रति जागरूक हैं और लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करते हैं।

उनका कहना है कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं देश को स्वच्छ बनाने के लिए जुटे हुए हैं तो उन्हें भी देश का नागरिक होने का फर्ज निभाते हुए स्वच्छ भारत अभियान को समर्थन देना चाहिए। उन्होंने बताया कि अभी उनके गांव में करीब बीस प्रतिशत घरों में शौचालय नहीं हैं।

जैसलमेर में पाक से आया ट्रेंड कबूतर पकड़ा गया, पिछले साल पीएम के लिए धमकी लाया था एक कबूतर

भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे जैसलमेर के तनोट इलाके में मंगलवार को सीमा सुरक्षा बल की बबलियान सीमा चैाकी पर बीएसएफ के सजग जवानों ने पाकिस्तान की सीमा से उड़ कर आए एक ट्रेंड कबूतर को पकड़ा है. इस कबूतर पर कुछ नंबरिंग की हुई हैं. यह कबूतर मानव फ्रेंडली बताया जा रहा है. इससे पहले भी गत जनवरी में शाहगढ़ बल्ज क्षेत्र में ऐसा एक ट्रेंड कबूतर पकड़ा था, जिस पर टेग लगा हुआ था. खबर यह भी है कि पाकिस्तान की सीमा से उड़कर आ रहे यह ट्रेंड कबूतर संभवतः अरब के शहजादों के हो सकते हैं, जो कि इन दिनों सीमा पार हुबारा व अन्य बडर्स के शिकार के लिए आए हुए हैं.

पीएम मोदी को ‘धमकी’ का संदेश लाता कबूतर पंजाब में ‘धरा गया
2016 में पंजाब पुलिस ने राज्य की पाकिस्तान से सटी सीमा के पास एक कबूतर को ‘हिरासत में लिया’ था, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी देने वाला एक संदेश ले जा रहा था. पुलिस ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारियों को यह कबूतर पठानकोट में दिखा था, जहां इसी साल जनवरी में पाकिस्तानी आतंकवादियों ने एयरफोर्स बेस पर हमला किया था. पुलिस इंस्पेक्टर राकेश कुमार ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया था कि कबूतर के पंजों में एक संदेश बंधा हुआ था, जो उर्दू भाषा में था. राकेश कुमार ने बताया, “उसमें ऐसा कुछ लिखा था, ‘मोदी, हम 1971 वाले लोग नहीं हैं… अब बच्चा-बच्चा भारत के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार है.

जम्मू-कश्मीर में 153 कबूतरों पर है ‘पाकिस्‍तानी जासूस’ होने का शक
पिछले साल भी जम्मू-कश्मीर ले जाए जा रहे 153 कबूतरों की जांच हुई थी. पुलिस ने कश्मीर जा रहे एक वाहन से कुछ बक्से जब्त किए, जिनमें 153 कबूतरों को कश्मीर घाटी ले जाया जा रहा था. इन कबूतरों के शरीर पर गुलाबी निशान थे और इन्हें संदिग्ध रिंग पहनाए गए थे. इस मामले को जांच के लिए सीआईडी के सुपुर्द कर दिया गया था.

पीएम मोदी के केदारनाथ दौरे के लिए पुलिस चला रही खास अभियान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 3 मई को केदारनाथ धाम के प्रस्तावित दौरे को लेकर पुलिस मुस्तैद हो गई है। रुद्रप्रयाग से लेकर गौरीकुंड तक सुरक्षा व्यवस्थाओं को पुख्ता किया जा रहा है। पुलिस ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ के प्रस्तावित दौरे को लेकर केदारघाटी के लोगों में उत्साह है। उन्होंने प्रधानमंत्री से केदारनाथ को सड़क से जोड़ने की मांग की है। केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला का कहना है कि वे केदारनाथ को सड़क से जोड़ने की मांग प्रधानमंत्री के समक्ष रखेंगे।

पीएम मोदी की काशी को बड़ी सौगात, शत-प्रतिशत विद्युतीकरण वाला पहला जिला होगा

यूपी में बीजेपी सरकार बनने का लाभ पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र को मिलने लगा है। केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के चतुमुर्खी विकास के लिए बनायी गयी कार्य योजना की समीक्षा करते हुए यहां के लोगों को बड़ी सौगात दे दी है। मंगलवार को कमिश्ररी सभागार में समीक्षा करते हुए केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि जिले में 30 जून तक शत-प्रतिशत विद्युतीकरण कार्य हो जाना चाहिए। इससे शत-प्रतिशत विद्युतिकरण वाला पहला जिला काशी बन जायेगा।

केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सभी लोगों को बिजली बिल भरने व वैध कनेक्शन लेने के लिए जागरूक किया जाये। विद्युत विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि शहर व ग्रामीण क्षेत्र में कोई ऐसा घर नहीं मिलना चाहिए, जहां पर वैध विद्युत कनेक्शन न हो। 30 जून तक किसी भी कीमत में यह काम पूर्ण हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी अभियान चला कर अवैध कनेक्शन को वैध कराये। इस कार्य में लापरवाही मिलने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

एसएसपी करे भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
मंत्री पीयूष गोयल ने एसएसपी नितिन तिवारी से कहा कि महकमे में मौजूद भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये। पुलिसिया व्यवस्था सही होनी चाहिए और आम लोगों को तुरंत न्याय दिलाने की व्यवस्था होनी चाहिए।

विधायक अपने क्षेत्र के कूड़ा निस्तारण व बिजली व्यवस्था पर नजर रखे
केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि विधायक कम से कम एक दिन अपने क्षेत्र के कूड़ा निस्तारण व बिजली सप्लाई व्यवस्था पर नजर रखे। स्थानीय लोगों से मिले और कूड़ा उठान व बिजली आपूर्ति को लेकर जो समस्या है उसकी जानकारी लेने के बाद समाधान कराये। उन्होंने कहा कि यहां पर इको ग्रीन कंपनी को कूड़ा निस्तारण का ठेका दिया गया है। करसड़ा प्लांट वाली जगह पर इको ग्रीन कंपनी को प्राथमिकता के आधार पर 10 एकड़ भूमि उपलब्ध करायी जाये।

शिकायतों के निस्तारण के लिए 30 अप्रैल तक नगर निगम बनाये कॉल सेंटर
पीयूष गोयल ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिया कि लोगों के शिकायतों के निस्तारण के लिए अपने यहां पर 30 अप्रैल तक कॉल् सेंटर स्थापित करे। इस सेंटर पर सफाई, कूडा उठान, पेयजल आदि 12 सेवाओं के संबंध में आम लोग शिकायत कर सकेंगे। शिकायत करने वाले के मोबाइल पर फोन करके बताया जाये कि उनकी शिकायत दर्ज हो गयी है। उन्होंने कहा कि इस सेंटर पर मिलने वाली शिकायतों को काशी के स्वच्छता एप पर भी डाला जाये। अधिकारियों ने ऊर्जा मंत्री को बताया कि रेलवे के सहयोग के नहीं चलते अभी तक रेलवे के किनारे 18 शौचालय, 44 मूत्रालय व 44 कूड़ाघर नहीं बन पाये हैं। इस पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि रेलवे अधिकारी के साथ बैठक करके समस्या का समाधन करे। अपने स्तर से भी वह रेलवे के अधिकारियों से वार्ता करेंगे। पीयूष गोयल ने कहा कि सीवेज ट्रीटमेंट उनकी सरकार की प्राथमिकता में है,ऐसे में रमना में 50, गोइठहा में 120 व दीनापुर में 140 एमएलडी वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण में तेजी लायी जाये। पांच जून को पर्यावरण दिवस के दिन 1 लाख पौध लगाने का भी केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री ने निर्देश दिया है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि काशी के विकास में आने वाली सभी बाधा को प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाये।

योजना की धीमी गति पर लगायी फटकार
पीयूष गोयल को जिन योजनाओं में धीमी गति की जानकारी मिली है तो संबंधित अधिकारी को फटकार भी लगायी है। उन्होंने कहा कि सत्ता बदल चुकी है, इसलिए अधिकारी अपनी कार्यशैली भी बदल ले।

दो अक्टूबर तक खुले शौच से मुक्त हो जायेगा शहर
पीएम नरेन्द्र मोदी की योजनाओं पर विशेष फोकस करते हुए कहा कि 2 अक्टूबर को शहर को खुले शौच से मुक्त करा दिया जाये। आठो विधानसभा में अभियान चला कर सफाई व्यवस्था को ठीक करने, विभिन्न योजनाओं के सामने लागत व पूर्ण होने की जानकारी देने वाला बोर्ड लगाने, यातायात व्यवस्था ठीक करने, प्रतिदिन योजना की प्रगति रिपोर्ट पीएमओ भेजने आदि का भी निर्देश दिया है।

तीसरी पार्टी से करायी जाये ओवरहैड टैकों की जांच
शहर में बनने के बाद भी बेकार पड़े ओवरहैड टैंकों की जांच टीएमएसी के बजाये किसी तीसरी संस्था से कराया जाये। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि काशी के तेज गति से विकास होना चाहिए और इस बात का ध्यान रखा जाये कि काशी का ऐतिहासिक महत्व किसी तरह प्रभावित न हो। बैठक में कमिश्रर नितिन रमेश गोकर्ण, विधायक रवीन्द्र जायसवाल, सौरभ श्रीवास्तव, राज्यमंत्री डा.नीलकंठ तिवारी, जिलाधिकरी योगेश्वर राम मिश्र, नगर आयुक्त डा.हरिप्रताप शाही आदि अधिकारी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 अप्रैल को जाएंगे शिमला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 अप्रैल को एक दिन के दौरे पर हिमाचल प्रदेश जाएंगे. इस दौरान वह भाजपा की एक रैली को संबोधित करने के अलावा एक कॉलेज की आधारशिला रखेंगे.

प्रधानमंत्री की यात्रा के विस्तृत कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल आज शाम यहां पहुंचे. वहीं विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) और सशस्त्र बलों ने सुरक्षा की स्थिति को लेकर भाजपा नेताओं के साथ चर्चा की.

बिल गेट्स बोले – जो किसी नेता ने नहीं किया वो मोदी ने करके दिखाया

माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में जमकर कसीदे पढ़ें हैं. एक ब्लॉग में गेट्स ने लिखा कि पिछले तीन वर्षों में स्वच्छता और खुले में शौच को लेकर मोदी के ओर से उठाए गए कदम काफी सराहनीय हैं. बिल ने अपने ब्लॉग में लिखा कि पीएम मोदी ने ऐसी समस्या को उठाया है, जिसके बारे में हम सोचना भी पसंद नहीं करते हैं.

बिल गेट्स ने लिखा कि पिछले तीन सालों में पीएम ने जन स्वास्थय को लेकर साहसिक टिप्पणी की है, जो अभी तक हमनें किसी निर्वाचित सदस्यों के मुंह से नहीं सुना है. और अब इसका काफी असर देखने को मिल रहा है.

गेट्स ने मोदी की तारीफ में कहा कि पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ही अपने पहले संबोधन में इसके बारे में कहा था. बिल गेट्स ने अपने ब्लॉग में मोदी के भाषण का अंश भी डाला, गेट्स ने लिखा कि हम 21वीं सदी में रह रहे हैं, क्या हमें कभी इस बात को लेकर तकलीफ महसूस हुई कि हमारी माताएं और बहनें खुले में शौच करने को मजबूर हैं? गांव की गरीब महिलाएं रात के अंधेरे का इंतजार करती हैं ताकि वे शौच के लिए जा सकें.

भाषण के साथ काम भी किया
ब्लॉग में उन्होंने कहा कि मेरे ख्याल से अभी तक किसी अन्य बड़े नेता ने इस तरह ऐसे मुद्दे को नहीं उठाया है. उन्होंने लिखा कि मोदी ने सिर्फ भाषण नहीं दिया बल्कि उसपर काम भी किया है. पीएम ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत 2019 तक लगभग 7.5 करोड़ शौचालय बनाने का है. और इस पर लगातार काम भी चल रहा है.

आपको बता दें कि भारत सरकार लगातार स्वच्छता के मुद्दे पर ध्यान दे रही है. पीएम मोदी के नेतृत्व में लगातार खुले में शौच को खत्म करने को लेकर तेज अभियान छेड़ा है.

जम्मू के रोहिंग्या मुसलमानों की मोदी से भावुक अपील

जम्मू के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले रोहिंग्या मुसलमानों की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं. राज्य में गैर क़ानूनी ढंग से रह रहे इन लोगों को सूबे से बाहर किए जाने का दबाव राज्य सरकार पर लगातार बढ़ रहा है. रोहिंग्या मुसलमानों के ख़िलाफ़ राज्य भर में हिंसक प्रदर्शन देखने को मिल रहा है जिसके चलते ये लोग शरणार्थी कैंपों में क़ैद हो कर रह गए हैं.

बीते एक पखवाड़े में रोहिंग्या मुसलमानों की कई झुग्गी झोपड़ियों को संदेहास्पद परिस्थितियों में जला दिया गया. बिना किसी सहायता के इन शरणार्थियों के सामने अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा का बड़ा ख़तरा पैदा हो गया है.

स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने भी रोहिंग्या मुसलमानों के काग़ज़ातों की जांच शुरू कर दी है. वहीं कुछ रोहिंग्या मुसलमान अपने घर वापस लौटने की संभावना को भी तलाशने लगे हैं.

जम्मू में गैर क़ानूनी ढंग से रह रहे इन लोगों का मोटे तौर पर कहना है, “हम लोग काफ़ी डरे हुए हैं. हम और यातना नहीं सह सकते. हम अपने घरों को लौटने के लिए तैयार हैं या फिर कोई देश शरण देने को तैयार हो तो वहां जा सकते हैं.”

‘कोई काट न दे, इस डर से काम पर नहीं जाता’
जम्मू में रोहिंग्या मुसलमानों की नींद हराम

इन रोहिंग्या मुसलमानों ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक भावुक अपील भी की है जिसमें अनुरोध किया गया है कि वे उन्हें सुरक्षित म्यांमार तक पहुंचाने की व्यवस्था कर दें. जम्मू में इन लोगों का विरोध करने वाले लोगों से भी रोहिंग्या मुसलमानों ने अपील की है- ‘हमें हमारे मुल्क में बराबरी का अधिकारी दिलवाने के लिए म्यांमार सरकार पर ज़ोर डालें.’

रोहिंग्या मुसलमानों की बस्ती के मदरसा तुल महज़रीन, सुंजवान में पढ़ाने वाले मौलाना अली ओल्हा ने भारतीय प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा है, “हमलोग भी आज़ाद रहना चाहते हैं और दूसरे समुदाय के साथ शांति से रहना चाहते हैं. हम अपने देश भी लौटना चाहते हैं, अगर हमें वहां मूलभूत अधिकार मिल जाएं. अगर भारतीय प्रधानमंत्री हमें सुरक्षित हमारे घर तक पहुंचा सकें तो हम उनके आभारी रहेंगे.”

एक दूसरे रोहिंग्या समुदाय के नेता मोहम्मद इसार कहते हैं, “अगर भारत सरकार हमारी ज़िम्मेदारी ले तो हम तुरंत अपने घर जा सकते हैं.”

मोहम्मद इसार जम्मू में नौ साल से कैंप में रह रहे हैं और 250 ऐसे परिवारों की देखभाल का काम संभालते हैं. उनका ज़्यादातर वक्त इन लोगों के आपसी विवाद, लेन-देन के विवाद और अन्य झगड़ों को सुलझाने में बीतता है.

वे आगे कहते हैं, “म्यांमार में हमने रक्तपात देखा है. हमारी महिलाओं और बच्चों को यातनाएं दी जाती थीं. हम वैसी हिंसा का सामना नहीं करना चाहते.”

इसार ये भी कहते हैं कि बीते कई सालों से वे लोग शांतिपूर्ण ढंग से इस इलाके में रह रहे हैं, लेकिन बीते दो-तीन महीनों से राज्य में स्थिति बिगड़ती जा रही है.

वे आगे कहते हैं, “हम सुरक्षित नहीं हैं. लोग हमें यहां से निकालना चाहते हैं. हम काफ़ी डरे हुए हैं. हम अपने बच्चों को अब नहीं खोना चाहते हैं. हम घर लौटने को तैयार हैं.”

एक अन्य रोहिंग्या मुसलमान कहते हैं, “मैं भारतीय प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि वे म्यांमार के नेताओं से बातचीत करें और हमारी सुरक्षा को सुनिश्चित करें. हम अपने देश में आज़ादी से रहना चाहते हैं.”

भारत सरकार से गुहार

जम्मू में बीते नौ साल से रहने वाले ओलिया अहमद कहते हैं, “मैं हमले की धमकी से तंग आ गया हूं. अगर मेरे परिवार की सुरक्षा नहीं होगी तो मैं नहीं रहूंगा.”

ओलिया कबाड़ी का सामान बेचकर अपने सात सदस्यीय परिवार का पेट पालते हैं. वे कहते हैं, “मैं तो घर लौटना चाहता हूं. अपनी ज़मीन पर खेती करना चाहता हूं जिस पर सरकारी सुरक्षा बल ने कब्ज़ा कर लिया था.”

ओलिया कहते हैं कि म्यांमार की सरकार बांग्लादेश के लोगों को तो अपने यहां रहने दे रही है, लेकिन हमें बाहर निकालने पर तुली हुई है.

जम्मू में बीते नौ साल से रह हे अब्दुल गफ़ूर कहते हैं, “भारत सरकार ने हमें इतने सालों तक रहने दिया. अब अगर भारत सरकार म्यांमार में हमारे अधिकारों के लिए बात करे तो हम लौट जाएंगे.”

एक अन्य रोहिंग्या मुसलमान किफ़ायतुल्ला कहते हैं, “हम यहां मेहमान के तौर पर आए थे. हम यहां लगातार तो नहीं रह सकते हैं. हम अपने घर लौटना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि हम लोगों के अधिकारों के लिए भारतीय प्रधानमंत्री म्यांमार की सरकार से बात करें.”

किफ़ायतुल्ला कहते हैं कि उन लोगों के जम्मू में रहने को लेकर गंदी राजनीति की जा रही है क्योंकि वे सालों तक रहे और किसी को कोई मुश्किल नहीं हुई.

मदरसा रियाज़ उल उलूम ताहफ़ाज़ अल क़ुरान मुहाज़रीन, नरवाल के प्रमुख मोहम्मद शफ़ीक कहते हैं, “अगर कुछ रोहिंग्या मुसलमानों पर आपराधिक मामले हैं तो उन्हें क़ानून के मुताबिक सज़ा मिलनी चाहिए, लेकिन हम सबको उसकी सज़ा नहीं मिलनी चाहिए.”

मोहम्मद शफ़ीक कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर और भारत सरकार को ही हमारे भाग्य का फ़ैसला करना चाहिए, हमें उनके फ़ैसले का इंतज़ार है.

भारत में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों में से लगभग छह हज़ार ने भारत प्रशासित कश्मीर के जम्मू क्षेत्र में पनाह ले रखी है. ये लोग कई सालों से यहां रह रहे हैं और झुग्गी झोपड़ियों में रहते हुए छोटे-मोटे काम करके अपना और अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं.

पिछले दो-तीन महीनों में जम्मू में कुछ हिंदुत्ववादी राजनीतिक और व्यापारिक संगठनों ने उन्हें जम्मू से बेदखल करने की मुहिम छेड़ दी है. उनका दावा है कि रोहिंग्या मुसलमान जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों और सुविधाओं का फ़ायदा उठा रहे हैं.