Monthly Archives: December 2016

नोटबंदी पर 31 दिसंबर को राष्ट्र को संबोधित कर सकते हैं पीएम नरेंद्र मोदी, कर सकते हैं बड़ा ऐलान : सूत्र

31 दिसंबर की शाम को पीएम नरेंद्र मोदी राष्ट्र को संबोधित कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, नोटबंदी के 50 दिन पूरे होने के मौके पर पीएम देश की जनता को धन्यवाद देंगे, जिन्होंने कठिनाई के बावजूद संयम बनाए रखा. साथ ही इन 50 दिनों में सरकार ने क्या-क्या कदम उठाए उनका ब्यौरा भी दिया जाएगा!

PM Narendra Modi
नोटबंदी के बाद बार-बार आए आदेशों पर भी दे सकते हैं बयान
नोटबंदी के बाद आए आदेशों को लेकर विपक्ष के हमले का सामना करने वाले पीएम नरेंद्र मोदी यह जानकारी भी दे सकते हैं कि उन्होंने इतने बदलाव क्यों किए.वह बजट के एक महीने पहले उठाए जाने वाले क़दमों का ब्योरा भी दे सकते हैं.

नोटबंदी से हुए फायदे गिनवाएंगे
पीएम 500 और 1000 के कितने नोट खजाने में आए इसका खाका भी रखेंगे. साथ ही 8 Nov तक कितना पैसा प्रचलन में था और 30 दिसंबर तक कितना पैसा वापस आया इसका लेखा-जोखा रखेंगे. विपक्ष बार-बार आरोप लगा रहा है कि सरकार को इससे कोई फायदा नहीं हुआ, उसका जवाब होगा, नए नोट में कितना पैसा पकड़ा गया. उसकी एक वृहद् जानकारी देकर संकेत देंगे कि कोई बच नहीं सकता. बैंकों पर हो रही कार्रवाई की भी पुख्ता जानकारी दी जाएगी.

किसानों और मजदूरों को राहत का ऐलान संभव

सरकार के खाते में आने वाली रकम को किसानों, गरीबों और मजदूरो के लिए बड़े ऐलान के रूप में PM देश के सामने रख सकते है. जनधन खातों को लेकर भी महत्वपूर्ण ऐलान संभव है. पीएम Digital payment को बढ़ावा देने के लिए अभी तक किये गए ऐलान को और आगे बढ़ाते हुए और रियायतों की घोषणा कर सकते है.

उधर कांग्रेस ने सरकार को घेरने के लिए कसी कमर
इस बीच ये खबरें भी आ रही हैं कि सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने भी कमर कस ली है. वह सरकार पर अपने आक्रामक रुख को बनाए रखना चाहती है. उसी कड़ी में 2 और 3 जनवरी को शीर्ष स्तर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस के नेता सरकार को घेरेंगे. उसके बाद 3 और 4 जनवरी को राज्यों की राजधानियों में कांग्रेस प्रदर्शन करेगी. उसके बाद 5 और 6 जनवरी को जिला मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन आयोजित कर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला जाएगा.

भारत ने डिजिटल लेनदेन को अपनाने के लिए कदम बढ़ाया है : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा में आयोजित डिजिधन मेला पर टिप्पणी करते हुए बुधवार रात कहा कि भारत ने डिजिटल लेन देन को अपनाने के लिए ‘अभूतपूर्व उत्साह’ के साथ कदम बढ़ाया है!

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पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘गोवा में आज के डिजिधन मेला में व्यापक स्तर पर भागीदारी देखी गई. सहकर्मी मनोहर पर्रिकर, श्री श्रीपद नाइक और मुख्यमंत्री पारसेकर ने भी इसमें हिस्सा लिया’.

 

नीति आयोग की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया, क्यों बजट जल्दी ला रही है सरकार…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के बाद पहली बार मंगलवार को नीति आयोग की बैठक में अर्थशास्त्रियों और अन्य विशेषज्ञों के साथ बैठक में हिस्सा लिया. इस चर्चा का विषय ‘आर्थिक नीति आगे का रास्ता’ रखा गया था!

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इस चर्चा में भाग लेने वाले विशेषज्ञों ने अर्थव्यवस्था से जुड़े कई विषयों जैसे कृषि, कौशल विकास और रोजगार के अवसर, कर और शुल्क संबंधी विषय, गृह निर्माण, शिक्षा, डिजिटल तकनीक, पर्यटन, बैंक व्यवस्था, शासन व्यवस्था सुधार, डेटा संबंधी नीति और आर्थिक बढ़ोत्तरी के लिए आगे उठाए जाने वाले क़दमों पर चर्चा की.

प्रधानमंत्री ने भाग लेने वालों का उनके सुझावों के लिए धन्यवाद किया. उन्होंने कौशल विकास और पर्यटन के क्षेत्र में नई पहल करने की अपील की. प्रधानमंत्री ने बजट चक्र के बारे में विस्तार से बात रखी. उन्होंने कहा कि इसका वास्तविक अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है. उन्होंने कहा कि मौजूदा बजट कैलेंडर में बजट ख़र्च के लिए संसद की मंज़ूरी मानसून की शुरुआत के समय मिलती है. इससे मानसून के पहले के महीनों में सरकारी कार्यक्रमों में सुस्ती होती है. इसी को ध्यान में रखते हुए बजट को पहले लाया जा रहा है ताकि नए बजट वर्ष की शुरुआत तक ख़र्च को मंज़ूरी मिल सके.

बैठक के बाद नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि बैठक में बजट संबंधी मुद्दों पर भी चर्चा की गई. कर कम कैसे किए जाए इस पर भी विशेषज्ञों ने कई सुझाव दिए.

2022 तक खेती से आमदनी दोगुनी कैसे की जाए, इस पर भी कई सुझाव आए. इस बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली, योजना राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिया और केंद्र सरकार तथा आयोग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

बैठक में प्रोफ़ेसर प्रवीण कृष्ण, प्रो सुखपाल सिंह, विजय पाल शर्मा, नीलकंठ मिश्रा, सुरजीत भल्ला, पुलक घोष, गोविंद राव, माधव चव्हाण, एन के सिंह, विवेक दहेजिया, प्रमथ सिन्हा, सुमित बोस और टी एन नीनान ने हिस्सा लिया.

लकी ग्राहक और डिजि धन व्यापार योजनाः जानें, आपने ईनाम जीता या नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही दो नए स्कीम का ऐलान किया था। रिटेल ग्राहकों के लिए लकी ग्राहक योजना और छोटे व्यापारियों कि डिजि धन व्यापार योजना की शुरुआत की गई। इन दोनों योजनाओं के ज़रिए सरकार भारत में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना चाहती है। इन योजनाओं के विजेताओं के नाम लकी ड्रॉ के आधार पर तय होंगे। उपहार के तौर पर कम से कम 1,000 रुपये दिए जाएंगे। लकी ग्राहक योजना के विजेताओं के नाम दैनिक और साप्ताहिक आधार पर चुने जाएंगे। डिजि धन व्यापार योजना के विजेता व्यापारियों के नाम का ऐलान हर हफ्ते होगा। सरकार की यह स्कीम 14 अप्रैल तक चलेगी।
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लकी ग्राहक योजना और डिजि धन व्यापार योजना का फायदा उठाने के लिए आपको यूपीआई (यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस), रूपे, एईपीएस (आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम) और यूएसएसडी (अनस्ट्रक्चर्ड सप्लिमेंट्री सर्विस डेटा) प्लेटफॉर्म के जरिए डिजिटल पेमेंट करना होगा। ई-वॉलेट, डेबिट और क्रेडिट कार्ड जैसे अन्य प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने वाले यूज़र लकी ग्राहक योजना और डिजि धन व्यापार योजना का हिस्सा नहीं होंगे। इसके अलावा आपको 50 से 3,000 रुपये के बीच का भुगतान करना होगा। 3,000 रुपये से ज़्यादा राशि का डिजिटल पेमेंट करने वाले लोग इस स्कीम के तहत ईनाम नहीं पा सकेंगे।

अगर आप इन चार डिजिटल पेमेंट तरीकों का इस्तेमाल करके डिजिटल भुगतान करते हैं तो यह भी जांच सकते हैं कि आपने लकी ग्राहक योजना और डिजि धन व्यापार योजना के तहत ईनाम पाया है या नहीं।

अवार्ड जीतने के बारे में ऐसे जानें…

1. https://digidhanlucky.mygov.in/ वेबसाइट पर जाएं।

2. इसके बाद आपको कंज़्यूमर और मर्चेंट बटन में से चुनना होगा।

3. इसके बाद आपको एक बॉक्स नज़र आएगा। इसमें वो फोन नंबर डालें जो यूपीआई/ यूएसएसडी/ रूपे/ एईपीएस अकाउंट के साथ रजिस्टर है।

4. इसके बाद आपको एक ओटीपी मिलेगा। इसे आप स्क्रीन में मध्य में नज़र आ रहे बॉक्स में डाल दें।

5. इसके बाद अपनी किस्मत आज़माएं (ट्राई योर लक) बटन पर क्लिक करें।

6. आपको अगले मैसेज से पता चलेगा कि आपने लकी ग्राहक योजना और डिजि धन व्यापार योजना के तहत ईनाम जीता है या नहीं।

अगर आपने सरकार द्वारा समर्थित इन प्लेटफॉर्म के ज़रिए भुगतान किया है। लेकिन आपको पेज पर नो इंफॉर्मेशन एवलेबल मैसेज दिखता है तो और ब्यौरा दें, जैसे कि रूपे की स्थिति में कार्ड नंबर, यूपीआई ट्रांजेक्शन के लिए वीपीए, एईपीएस के लिए आधार नंबर और यूएसएसडी के लिए मोबाइल नंबर।

लकी ग्राहक योजना ईनाम
लकी ग्राहक योजना के तहत हर दिन 15,000 ग्राहकों को 1,000 रुपये का ईनाम मिलेगा। वहीं, साप्ताहिक ईनाम 1 लाख, 10,000 रुपये और 5,000 रुपये के होंगे। इन्हें 7,000 ग्राहकों के बीच बांटा जाएगा। मेगा ड्रॉ का आयोजन 14 अप्रैल को किया जाएगा। इस दौरान ईनाम राशि 1 करोड़, 50 लाख और 25 लाख रुपये की होगी। सरकार यूएसएसडी पेमेंट के लिए 100, यूपीआई और एईपीएस ट्रांजेक्शन के लिए 1,500 और रूपे के लिए 11,900 विजेताओं के नाम की घोषणा करेगी।

डिजि धन व्यापार योजना ईनाम
25 दिसंबर 2016 से 14 अप्रैल 2017 के बीच 7,000 व्यापारियों को ईनाम दिया जाएगा। ईनाम राशि 50,000 रुपये, 5,000 रुपये और 2,500 रुपये की होगी। मेगा ड्रा का आयोजन 14 अप्रैल को किया जाएगा। इस दौरान ईनाम राशि 50 लाख, 25 लाख और 5 लाख रुपये की होगी।

देहरादून : पीएम नरेंद्र मोदी ने चार धाम यात्रा के लिए ‘ऑल वेदर रोड’ का शिलान्यास किया, 12 खास बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के दौरे पर हैं. यहां उन्होंने केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के धार्मिक स्थलों की वार्षिक चार धाम यात्रा के लिए जाने वाली सड़क ‘ऑल वेदर रोड’ का शिलान्यास किया!

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  1. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने बताया कि यह सड़क बनने के बाद साल भर इन तीर्थस्थलों और प्रसिद्ध सिख तीर्थस्थल ‘हेमकुंड साहिब’ की यात्रा बगैर किसी परेशानी के हो पाएगी.
  2. प्रधानमंत्री ने शहर के परेड ग्राउंड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों ने 2014 के चुनावों में अच्छे-अच्छों को धूल चटा दी थी. रैली में पहुंची महिलाओं को पीएम मोदी ने धन्यवाद दिया.
  3. उन्होंने कहा-लोकसभा के चुनाव में अपनी जनसभा में मैदान खाली होने पर पीएम मोदी ने कहा कि आधा मैदान भी नहीं भरा था, लेकिन आज पूरा भरा हुआ है. इस बार चुनाव में क्या होगा इसका अनुमान लगाया जा सकता है.
  4. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड विकास के लिए इंतजार नहीं करना चाहता. आज का शिलान्यास उन हजारों लोगों को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने केदारनाथ के हादसे में अपनी जिंदगी गंवा दी थी.
  5. उत्तराखंड में रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इससे उत्तराखंड के लोगों को रोजी रोटी मिलेगी, विकास के नए अवसर प्रदान करेगी. यह शिलान्यास हर हिंदुस्तानी को संतोष देगा जो मां गंगा की यात्रा करना चाहता है. जब बद्रीनाथ केदारनाथ की यात्रा पर आने वालों को कोई दिक्कत नहीं होगी.
  6. उन्होंने कहा कि देश के अधिकतर युवा अपने मां-बाप को केदारनाथ, बद्रीनाथ आदि की यात्रा करवाना चाहते हैं. इसलिए यह जरूरी है कि यह जल्द पूरा करना हो.
  7. उन्होंने कहा कि जनता सब जानती है. बिना वजह पत्थर नहीं गाड़ा जाता. इस हाइवे से राज्य की अर्थव्यवस्था बदलेगी. 100 साल तक हाइवे से फायदा होगा.
  8. पीएम मोदी ने एक कहावत का जिक्र करते हुए कहा कि हम ऐसा उत्तराखंड बनाएंगे, जिससे यहां के जवानों को बाहर न जाना पड़े. उन्होंने फिर कहा जब वे सरकार में आए तब उन्हें बताया गया कि 18 हजार गांव आज भी 18वीं शताब्दी में गुजारा कर रहे हैं. 1000 दिन में गांवों में बिजली पहुंचाने का बीड़ा उठाया. उन्होंने कहा कि अभी तक 12000 गांव में बिजली पहुंच गई है. अभी एक हजार दिन पूरा होने में समय है. बाकी 6000 गांवों में तेज गति से बिजली पहुंचाने का काम किया जा रहा है.
  9. कांग्रेस पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की बात का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि गांव में बिजली को पहुंचाने का काम अमीरों के लिए नहीं, गरीबों के लिए किया जा रहा है.
  10. पीएम मोदी ने कहा कि 40 साल तक जिस परिवार ने राज किया उन्हें कभी सेना की याद नहीं आती. वन रैंक वन पेंशन के बारे में उन्होंने कभी नहीं सोचा. लेकिन चुनाव आया तो उन्होंने 500 करोड़ रुपये का प्रावधान कर ओआरओपी की घोषणा कर दी. पीएम मोदी ने कहा कि ओआरओपी के लिए 10000 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्चा आता है. कांग्रेस ने देश की सेना की आंख में धूल झोंकने का काम किया है. उन्होंने कहा कि मैं सेना का सम्मान करता हूं.
  11. पीएम ने कहा कि 20 साल बाद दिल्ली में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी है. लोगों ने सरकार से अपेक्षा की है. कुछ करने के लिए सरकार बनाया है. लोगों ने मुझे चौकीदार बनाया है, इसलिए कुछ लोग अब परेशान हैं. उन्होंने कहा कि देश को कालेधन ने भी बर्बाद किया है और कालेमन ने भी बर्बाद किया है.
  12. भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जी जान से लड़ी जा रही है. उन्होंने कहा कि क्लास 3 और क्लास 4 की नौकरी के लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया को खत्म किया. यह काम गरीबों के लिए किया. जो मेधावी आदमी एक्जाम पास कर नंबर लाया है उसे नौकरी मिलनी चाहिए. यहां पर भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए सरकार ने यह फैसला किया. मैरिट के आधार पर नौकरी की व्यवस्था सरकार ने की!

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अब पीएम नरेंद्र मोदी का निशाना है रीयल एस्टेट

 भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रईस लोगों द्वारा किसी और के नाम से ज़मीन-जायदाद खरीदे जाने पर नज़र रखकर कानून की उस कमज़ोर कड़ी को दूर कर दिया है, जो कर चोरी के लिए इस्तेमाल की जाती थी. यह बात एक वरिष्ठ कर अधिकारी ने सोमवार को कही!

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हालांकि प्रधानमंत्री की प्रशासनिक टीम का सारा ध्यान पिछले महीने अचानक की गई नोटबंदी से निपटने में लगा हुआ था, लेकिन इस कर अधिकारी ने रॉयटर को बताया कि कर विभाग द्वारा संदिग्ध नामों के तहत दर्ज ज़मीन-जायदाद की जांच तेज़ की जाएगी.

अधिकारी के मुताबिक, उम्मीद है कि कर अधिकारी इसी साल जुलाई में फाइल की गई आयकर रिटर्नों, तथा छापों व बैंक लेनदेन से मिले डाटा जैसे अन्य साधनों का इस्तेमाल करेंगे, ताकि ज़मीन-जायदाद के संदिग्ध सौदों की सूचनाएं एकत्र की जा सकें.

मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं होने की वजह से नाम न छापे जाने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, “अगले साल यही हमारी प्राथमिकता रहेगी…”

भारत में ज़मीन-जायदाद के घपलों से भरे बाज़ार को साफ करने की कोई भी कोशिश बेहद बड़ा और दुरूह काम साबित होगा. खासतौर से ऐसे वक्त में, जब नरेंद्र मोदी सरकार की नोटबंदी के बाद पैदा हुए नकदी संकट से निपटने में विफल रहने को लेकर ज़ोरदार आलोचना हो रही है.

भारत में ज़मीनों के रिकॉर्ड काफी गड़बड़भरे और असलियत को छिपाने वाले माने जाते रहे हैं. विश्लेषकों का कहना है कि राजनेता, व्यापारी तथा अप्रवासी भारतीय अक्सर ज़मीनें खरीदने के लिए उस नकदी का इस्तेमाल करते हैं, जिस पर उन्होंने टैक्स नहीं दिया है, और अक्सर ऐसी ज़मीन-जायदाद वे किसी रिश्तेदार या विश्वस्त कर्मचारी के नाम पर खरीदते हैं. इसके बाद पीढ़ी दर पीढ़ी वे ज़मीनें या मकान स्थानांतरित होते रहते हैं, लेकिन काग़ज़ों में मालिक का नाम कभी बदलवाया ही नहीं जाता.

इस तरह की करतूतें किस स्तर तक की जाती हैं, इसे लेकर कोई आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन उद्योग का अनुमान है कि बहुत-से शहरों में ज़मीन-जायदाद के लगभग पांच से 10 फीसदी सौदे ऐसे लोगों द्वारा ही किए जाते हैं, जिन्होंने कर चोरी की है.

रविवार को अपने मासिक रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी को भ्रष्टाचार से लड़ाई बताते हुए उसका बचाव किया था, और कहा था कि उनकी सरकार आने वाले दिनों में ज़मीन-जायदाद के धंधे की सफाई के लिए कानून को लागू करेगी. उन्होंने कहा था, “अब पीछे लौटने का सवाल ही नहीं उठता…”

प्रोहिबिशन ऑफ बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांज़ैक्शन्स एक्ट कहलाने वाला कानून 1 नवंबर को लागू हो गया था, और इसमें कहा गया है कि जिन लोगों के पास ऐसी संपत्ति है, जो उनके नाम में नहीं है, उन लोगों को जायदाद की जब्ती के अलावा सात साल तक की कैद की सज़ा हो सकती है.

सरकार को फिलहाल यह तय करना बाकी है कि वह ज़मीन-जायदाद के रिकॉर्डों तथा उनकी रजिस्ट्रियों को किस तरह अपडेट करेगी.

विश्लेषकों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की असली परीक्षा इस कानून का पालन करवाना तथा दोषियों को इस तरह दंडित करना होगी, जिससे दूसरों को परेशानियों का सामना न करना पड़े.

VIDEO: भावुक पीएम नरेंद्र मोदी ने शेयर किया ऐसा वीडियो जब वे कार्यकर्ता के रूप में अटल से मिले

पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनके घर जाकर बधाई दी. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह संग मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के परिवार के सदस्यों से भी भेंट की. वाजपेयी आज 92 साल के हो गए और वह पिछले कुछ सालों से बीमार हैं!


पीएम मोदी ने वाजपेयी के 92वें जन्मदिन पर बधाई देते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न प्राप्तकर्ता अटल जी देश को नई ऊचाईयों तक लेकर गए जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता.

पीएम मोदी ने कहा कि वाजपेयी ने आधुनिकीकरण और देश की परमाणु शक्ति को बढ़ाकर देश को मजबूत किया है. पीएम ने वाजपेयी के साथ काम करने वाले दिनों को याद करते हुए कहा कि सभी पदों और जिम्मेदारियों का सही से निर्वाह करते हुए अटल जी सभी के लिए एक आदर्श रहे.

इस मौके पर पीएम मोदी ने एक पुरानी वीडियो भी शेयर किया जिसमें वह अटल बिहारी वाजपेयी के गले मिलते दिख रहे हैं.  उन्होंने इस पर लिखा कि एक कार्यकर्ता से मिलकर अटल जी ने क्या किया. अटल जी की सादगी और उनकी गर्मजोशी के हम सभी कायल हैं.

पीएम मोदी ने कहा, मेरी आंखों के सामने कई स्मृतियां उभर आती हैं. आप खुद ही देख सकते हैं कि कैसे एक छोटा पार्टी कार्यकर्ता भी अटलजी का स्नेह पाता रहा.

पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से मिली तारीफ तो विराट कोहली ने भी कह दी ‘मन की बात’

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2016 में देश के महिला और पुरुष खिलाड़ि‍यों के प्रदर्शन को जमकर सराहा है. कार्यक्रम ‘मन की बात’ में पीएम ने रविवार को कहा कि देश के पुरुष एवं महिला खिलाड़ियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने हमें गौरवान्वित किया है. पीएम ने इस दौरान टीम इंडिया के टेस्‍ट कप्‍तान विराट कोहली, ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और तिहरा शतक बनाने वाले करुण नायर के अलावा भारतीय क्रिकेट टीम और वर्ल्‍डकप विजेता जूनियर हॉकी टीम को बधाई दी.टीम इंडिया के टेस्‍ट कप्‍तान विराट ने अपनी और क्रिकेट टीम की प्रशंसा के लिए प्रधानमंत्री को धन्‍यवाद दिया है!

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पीएम ने रविवार को कहा था, ‘भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड को 4-0 से शिकस्‍त दी. इसमें कुछ युवा खिलाड़ियों का प्रदर्शन काबिले तारीफ रहा. हमारे नौजवान क्रिकेटर करुण नायर ने तिहरा शतक लगाया, तो, केएल राहुल ने 199 रनों की पारी खेली. टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने तो अच्छी बल्लेबाजी के साथ-साथ अच्छा नेतृत्व भी दिया.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारतीय क्रिकेट टीम के ऑफ स्पिनर गेंदबाज आर. अश्विन को आईसीसी ने वर्ष 2016 का क्रिकेटर ऑफ द इयर और सर्वश्रेष्ठ टेस्ट क्रिकेटर घोषित किया है. इन सभी को बहुत-बहुत बधाई. उन्‍होंने कहा, ‘हॉकी के क्षेत्र में भी 15 साल के बाद बहुत अच्छी खबर आई. जूनियर हॉकी टीम ने विश्व कप पर कब्जा कर लिया. 15 साल के बाद ये मौका आया है जब जूनियर हॉकी टीम ने विश्व कप जीता. इस उपलब्धि के लिये नौजवान खिलाड़ियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं.

टीम इंडिया के टेस्‍ट कप्‍तान विराट कोहली ने अपनी और टीम की इस हौसला अफज़ाई के लिए प्रधानमंत्री का आभार माना है. पीएम को ट्वीट के जरिये भेजे अपने संदेश में विराट ने लिखा, ‘ आपके इन शानदार शब्‍दों के लिए बहुत-बहुत थैंक्‍यू नरेंद्र मोदी सर. आपका समर्थन हमें हमेशा और बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है. ‘

नरेंद्र मोदी सरकार में देश में प्रति व्यक्ति ऋण तेजी से बढ़ा, जेटली ने दिया बयान

पिछले कुछ दशकों से भारत सरकार कर्ज लेकर अपना खर्चा पूरा कर रही हैं. हर साल सरकार सरकार तमाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से कर्ज लेती हैं. सरकारों की मंशा होती है कि कर्ज कम किया जाए. लेकिन पिछले पांच सालों के आंकड़े बताते हैं कि हर साल प्रति व्यक्ति ऋण बढ़ता ही गया है. यानि सरकारों ने लगातार ऋण बढ़ा ही लिया है!

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हाल ही में सरकार ने इस बात का खुलासा संसद में किया है. सांसद लक्ष्मीनारायण यादव और रामटहल चौधरी ने वित्तमंत्री से इस बाबत प्रश्न किया था.  उन्होंने वित्तमंत्री से पूछा था कि क्या देश में प्रति व्यक्ति ऋण भार बढ़ रहा है. इस संबंध में सरकार की प्रतिक्रिया क्या है. साथ ही उन्होंने पूछा कि वर्ष 2009 के दौरान प्रति व्यक्ति ऋण भार की तुलना में वर्तमान में देश में प्रति व्यक्ति ऋण भार का ब्यौरा क्या है और इस पर कितना ब्याज अदा किया गया है.

दोनों सांसदों द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में लोकसभा में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वित्त लेखा और जनसंख्या संबंधी आंकड़ों के अनुसार 31 मार्च 2016 तक की स्थिति के अनुसार केंद्र सरकार के ऋण के अधार पर प्रति व्यक्ति ऋण 53,796 रुपये था जबकि 31 मार्च 2015 की स्थिति के अनुसार यह 49,270 रुपये था.

सरकार ने प्रति वयक्ति ऋण बढ़ने की सफाई में कहा कि प्रति व्यक्ति ऋण मुख्य रूप से उच्चतर विकास हासिल करने के लिए विकासात्मक व्य्य के कारण बढ़ा है. केंद्र सरकार के प्रति व्यक्ति ऋण भार में अन्य बातों के साथ-साथ विदेश ऋण, आंतरिक ऋण और अन्य देनदारियां शामिल हैं. केंद्र सरकार के वित्त लेखे के अनुसार वर्ष 2009-10 के दौरान और वर्ष 2013-14 से वर्ष 2015-16 तक प्रति वयक्ति ऋण इस प्रकार रहा.

प्रति व्यक्ति ऋण और ऋण पर अदा किए गए ब्याज का ब्यौरा
वर्ष प्रति व्यक्ति ऋण (रु.) ऋण पर अदा किया गया ब्याज (रु. करोड़)
2009-10 30,171 2,13,093
2013-14 45,319 3,74,254
2014-15 49,270 4,02,444
2015-16 53,796 4,41,659

इसके अलावा केंद्र सरकार की ओर से वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सफाई देते हुए कहा कि केंद्र सरकार राजकोषीय औचित्य की नीति के जरुए लोक ऋण में वृद्धि कम करने हेतु व्यापक कार्यनीति अपना रही है, जिसमें अन्य बातों के साथ-सात कम लागत वाले उधार लेना, चरणबद्ध तरीके से ऋण का सक्रिय समेकन (कनसोलिडेशन) शुरू करना, रियायती शर्तों पर और दीर्घावधि परिपक्वता वाले कम खर्चीले स्रोतों से निधियां जुटाने पर जोर देदना, अल्पावधिक ऋण पर नजर रखना और ऋण भिन्न पूंजी प्रवाह को बढ़ावा देना शामिल है!

पीएम मोदी ने कहा – नोटबंदी के बाद अब बेनामी संपत्ति के खिलाफ होगा करारा वार

 बेईमानी और भ्रष्टाचार के काले कारोबार में लिप्त लोगों के खिलाफ कठोर कदम उठाना जारी रखने का संकल्प व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार ने बेनामी संपत्ति कानून को धारदार बनाया है और आने वाले दिनों में यह कानून अपना काम करेगा.

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पीएम ने पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत यूपीए सरकार पर बेनामी संपत्ति से जुड़े कानून को कई दशकों तक ठंडे बस्ते में डालने का आरोप लगाया. आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैंने पहले ही दिन कहा था, 8 तारीख को (नोटबंदी की घोषणा के दिन) कहा था, ये लड़ाई असामान्य है. 70 साल से बेईमानी और भ्रष्टाचार के काले कारोबार में कैसी शक्तियां जुड़ी हुई हैं? उनकी ताकत कितनी है? ऐसे लोगों से मैंने जब मुकाबला करना ठान लिया है तो वे भी तो सरकार को पराजित करने के लिए रोज नए तरीके अपनाते हैं.’

पीएम मोदी ने कहा, ‘जब वो नए तरीके अपनाते हैं तो हमें भी तो काट के लिए नया तरीका ही अपनाना पड़ता है. तू डाल-डाल, तो मैं पात-पात, क्योंकि हमने तय किया है कि भ्रष्टाचारियों को, काले कारोबारों को, काले धन को, मिटाना है.’

भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कदम जारी रखने का संकल्प व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि ये पूर्ण विराम नहीं है. ये तो अभी शुरुआत है. ये जंग जीतना है और थकने का तो सवाल ही कहां उठता है, रुकने का तो सवाल ही नहीं उठता है.’ उन्होंने कहा कि जिस बात पर सवा सौ करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद हो, उसमें तो पीछे हटने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आपको मालूम होगा हमारे देश में बेनामी संपत्ति का एक कानून है. 1988 में बना था, लेकिन कभी भी न उसके नियम बने, उसको अधिसूचित नहीं किया. ऐसे ही वो ठंडे बस्ते में पड़ा रहा. हमने उसको निकाला है और बड़ा धारदार बेनामी संपत्ति का कानून हमने बनाया है. आने वाले दिनों में वो कानून भी अपना काम करेगा. देशहित के लिए, जनहित के लिए, जो भी करना पड़े, ये हमारी प्राथमिकता है.

पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ इस महायज्ञ में लोगों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया है. मैं चाहता था कि भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ जो लड़ाई चल रही है, राजनीतिक दलों को राजनीतिक वित्त पोषण के मुद्दे पर सदन में व्यापक चर्चा हो. अगर सदन चला होता तो जरूर अच्छी चर्चा होती. प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग अफवाह फैला रहे हैं कि राजनीतिक दलों को सब छूट-छाट है, ये गलत है. कानून सब के लिए समान होता है और चाहे व्यक्ति हो, संगठन हो या राजनीतिक दल हो, हर किसी को कानून का पालन करना ही होता है और करना ही पड़ेगा. जो लोग खुल कर भ्रष्टाचार और काले धन का समर्थन नहीं कर पाते हैं, वे सरकार की कमियां ढूंढने के लिए पूरी देर लगे रहते हैं.
उन्होंने कहा कि एक बात ये भी आती है बार-बार नियम क्यों बदलते हैं. ये सरकार जनता-जनार्दन के लिए है. जनता का लगातार फीडबैक लेने का प्रयास सरकार करती है. जनता-जनार्दन को कहां कठिनाई हो रही है, किस नियम के कारण दिक्कत आती है, उसका क्या रास्ता खोजा जा सकता है. हर पल एक संवेदनशील सरकार होने के कारण जनता-जनार्दन की सुख-सुविधा को ध्यान में रखते हुए जितने भी नियम बदलने पड़ते हैं, बदलती है, ताकि लोगों की परेशानी कम हो.

पीएम मोदी ने कहा कि आज आप लोग टीवी पर, समाचार-पत्रों में देखते होंगे कि रोज लोग पकड़े जा रहे हैं. नोट पकड़े जा रहे हैं, छापे मारे जा रहे हैं. अच्छे-अच्छे लोग पकड़े जा रहे हैं. ये कैसे संभव हुआ है? उन्होंने कहा कि मैं यह राज बताता हूं. ये जानकारियां मुझे लोगों की तरफ से मिल रही हैं. सरकारी व्यवस्था से जितनी जानकारी आती है, उससे अनेक गुना ज्यादा सामान्य नागरिकों से जानकारियां आ रही हैं और ज्यादातर हमें जो सफलता मिल रही है वो जन-सामान्य की जागरुकता के कारण मिल रही है.