Monthly Archives: August 2018

Nepal me pm modi ne kiya pashupatinath dharamshaala ka udghaatan

नेपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया पशुपतिनाथ धर्मशाला का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पड़ोसी देश नेपाल में 2 दिवसीय बिम्सटेक बैठक के आखिरी दिन काठमांडू में पशुपतिनाथ धर्मशाला का उद्घाटन किया। उद्घाटन कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया और भारत-नेपाल संबंधों पर भी चर्चा की।

वाजपेयी को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अटल जी के निधन के समय नेपाल दुख की उस घड़ी में भारत के साथ खड़ा था। उन्होंने कहा कि अटल जी के निधन के बाद नेपाल के पीएम ओली ने उन्हें फोन कर दुख जताया था। साथ ही उन्होंने नेपाल सरकार और पीएम ओली को अटल बिहारी वाजपेयी की कविता का नेपाली भाषा में अनुवाद करने के लिए शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम के लिए यह सच्ची श्रद्धाजंलि है।


भारत-नेपाल के संबंधों के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच आस्था, अस्मिता और अपनेपन की साझेदारी है। साथ ही इसे उन्होंने एक अटूट शक्ति बताया। उन्होंने कहा कि जब हम ‘सबका साथ सबका विकास’ की बात करते हैं तो उसमें नेपाल भी शामिल होता है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पशुपतिनाथ धर्मशाला को विश्वभर के यात्रियों और शिवभक्तों को समर्पित किया। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के बीच शिव भक्ति और शिव भक्तों का संबंध इतना मजबूत है कि इस पर ना समय का ना ही दूरी का असर पड़ता है। आगे पीएम मोदी ने कहा कि काठमांडू की पवित्र धरती हिन्दू और बौद्ध आस्था की एक प्रकार से संगम स्थली है। नेपाल के लुम्बिनी ने गौतम (बुद्ध) दिया तो भारत के बोधगया में बौद्ध धर्म का जन्म हुआ।

Pm modi ne kaha nepal ki vikas ke liye bharat ka sahayog hamesha rahega

BIMSTEC Summit : मोदी ने कहा, नेपाल के विकास के लिए भारत का सहयोग हमेशा-हमेशा रहेगा

नेपाल में चल रहे बिम्स्टेक (बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन) सम्मेलन के दूसरे तथा आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई देशों के नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता की।

बिम्सटेक सम्मेलन में शिरकत करने के लिए नेपाल के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली भी उनके साथ थे। पीएम मोदी ने यहां काठमांडू में एक धर्मशाला का भी उद्घाटन किया। पशुपतिनाथ धर्मशाला में 400 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है और यह धर्मशाला भारत-नेपाल मैत्री का प्रतीक है। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने नेपाल की अपनी पहली यात्रा में इस धर्मशाला के निर्माण का ऐलान किया था। भारत ने इसके निर्माण में 25 करोड़ रुपये की मदद की थी।


पशुपतिनाथ धर्मशाला का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने एक जनसभा को भी संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि नेपाल के विकास के लिए भारत का सहयोग हमेशा-हमेशा रहेगा। काठमांडू की धरती हिंदू और बौद्ध धर्म की संगम स्थली है। बुद्ध द्वारा दिखाया गया रास्ता अतिवाद और आतंकवाद को ख़त्म करने का सफल मार्ग है। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंध हैं और दोनों देशों के बीच शिव भक्ति और शिव भक्तों का संबंध बेहद मज़बूत हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पशुपतिनाथ मंदिर परिसर में बनी धर्मशाला सिर्फ़ इमारत नही बल्कि भारत-नेपाल मैत्री का प्रतीक, ये इमारत नेपाल में पर्यटन के विकास के लिए भी अहम है।

पशुपतिनाथ मंदिर का प्रधानमंत्री का यह दूसरा दौरा है। इससे पहले वह पिछले साल मई के महीने में पशुपतिनाथ के दर्शन करने के लिए आए थे।


पशुपतिनाथ मंदिर काठमांडू से तीन किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में बागमती नदी के किनारे देवपाटन गांव में स्थित है। यह मंदिर यूनेस्को विश्व सांस्कृतिक विरासत स्थल की सूची में सूचीबद्ध है। इस मंदिर में केवल हिंदुओं को प्रवेश करने की अनुमति है। गैर हिंदुओं को इसे बाहर से बागमती नदी के दूसरे किनारे से देखने की अनुमति है।


बिम्सटेक में सात देश- बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाइलैंड शामिल हैं। इन देशों की कुल आबादी 1।5 अरब है। यह आबादी दुनिया कि 21 प्रतिशत है। इस समूह में शामिल देशों की कुल जीडीपी 2500 अरब डॉलर है। बिस्मटेक सम्मेलन दो साल बाद हो रहा है, इससे पहले भारत के गोवा में बिस्मटेक सम्मेलन का आयोजन हुआ था।

गुरुवार को बिम्सटेक सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में भारत अपने नेशनल नॉलेज नेटवर्क को श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान और नेपाल में बढ़ाने के लिए पहले से ही प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अगस्त 2020 में भारत इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कॉन्क्लेव की मेजबानी करेगा। उन्होंने इस कॉन्क्लेव में सभी बिम्सटेक देशों को शिरकत करने के लिए निमंत्रण दिया।

प्रधानमंत्री ने अपने इस दौरे में थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओचा, म्यांमार के राष्ट्रपति विन मिंत, भुटान सरकार के सलाहकार दासो शेरिंग वांगचुक से मुलाकात की।

Pm modi ne myanmar ke rastrapati win myint se ki mulakat

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के राष्ट्रपति विन मिन्त से की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज म्यांमार के राष्ट्रपति विन मिन्त से मुलाकात कर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग मजबूत करने पर चर्चा की। दोनों देशो के नेताओं ने नेपाल की राजधानी काठमांडो में ‘बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग पहल’ (बिम्स्टेक) के चौथे शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘दोनों नेताओं की बताचीत विकास सहयोग, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर केंद्रित थी।’


इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिम्स्टेक के अन्य नेताओं ने अनौपचारिक तरीके से लीडर्स रिट्रीट में यहां मुलाकात की। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘आज सुबह काठमांडो में नेताओं के रिट्रीट के दौरान बिम्स्टेक को मजबूत करने पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ और काफी अच्छी चर्चा हुई। ‘

बिम्स्टेक क्षेत्रीय देशों का एक समूह है। भारत, बांग्लादेश, म्यामां, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल इसके सदस्य देश हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सीरीसेना से मुलाकात की थी।

Nepal me pm modi ne president bidhya devi bhandari se ki mulakaat

BIMSTEC समिट के लिए नेपाल में पीएम मोदी, राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार सुबह पड़ोसी मुल्क नेपाल पहुंचे, चार साल में पीएम मोदी का नेपाल का ये चौथा दौरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर सेक्टोरल टेक्नीकल एंड इकॉनोमिक को-ऑपरेशन (BIMSTEC Summit) के चौथे सम्मेलन में शामिल होंगे।


उन्होंने यहां पर नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से मुलाकात की। इस दौरान बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना एवं अन्य देशों के नेताओं से भी मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने श्रीलंका के राष्ट्रपति सिरीसेना से भी मुलाकात की।


इसके बाद सम्मेलन का पूर्ण उद्घाटन सत्र का आयोजन होगा, सम्मेलन का समापन 31 अगस्त होगा। सम्मेलन के बाद संयुक्त घोषणा पत्र भी जारी किया जाएगा। बैंकॉक के घोषणा पत्र के माध्यम से छह जून 1997 को बिम्सटेक अस्तित्व में आया।

इसमें बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में बसे सात देश-बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाइलैंड शामिल हैं। समूह में शामिल सात देशों की आबादी 1.5 अरब है जो कि दुनिया की आबादी का 21 फीसदी है और इस समूह का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2500 अरब डॉलर है।

बिम्सटेक का मुख्य उद्देश्य बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में स्थित दक्षिण एशियाई और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के बीच तकनीकी और आर्थिक सहयोग स्थापित करना है।

दरअसल, एक्ट ईस्ट पॉलिसी और नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी को लेकर बिम्सटेक भारत के लिए महत्वपूर्ण है। गोवा में बिस्मटेक सम्मेलन का आयोजन होने के दो साल बाद काठमांडु में आयोजित होने वाले सम्मेलन में समूह के सदस्य देशों के नेता मिलेंगे।

BIMSTEC sammmelan me hissa lena kathmandu pahuche pm modi

बिम्स्टेक शिखर सम्मेलन में हिस्‍सा लेने काठमांडू पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज सुबह नेपाल में होने जा रहे बिम्स्टेक शिखर सम्मेलन की बैठक में हिस्सा लेने के लिए काठमांडू पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री सुबह करीब साढ़े आठ बजे काठमांडू पहुंचे। उनकी यह यात्रा भारत द्वारा पड़ोस को उच्च प्राथमिकता देने तथा दक्षिण पूर्व एशिया के विस्तारित पड़ोस में अपने संबंधों को गहरा बनाने का प्रतीक है।


पीएम नरेंद्र मोदी ने यात्रा पर रवाना होने से पहले अपनी फेसबुक पोस्ट में कहा कि शिखर बैठक के दौरान वे ‘‘बंगाल की खाड़ी बहु क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग पहल’ (बिम्सटेक) देशों के नेताओं के साथ क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत बनाने, कारोबारी संबंधों को प्रगाढ़ बनाने और शांतिपूर्ण एवं समृद्ध बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के निर्माण में सामूहिक प्रयासों को आगे बढ़ाने के बारे में चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘शिखर सम्मेलन का विषय ‘‘ शांतिपूर्ण, समृद्ध और सतत बंगाल की खाड़ी’’ है और यह हम सभी की साझी आकांक्षाओं एवं चुनौतियों के संबंध में सामूहिक प्रतिक्रिया में मददगार होगा।’’


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि चौथा बिम्स्टेक शिखर सम्मेलन अब तक इस समूह के तहत हुई प्रगति को और आगे बढ़ाएगा और शांतिपूर्ण एवं समृद्ध बंगाल की खाड़ी के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा कि बिम्स्टेक शिखर सम्मेलन से इतर उन्हें बांग्लादेश, म्यामांर, श्रीलंका, भूटान और थाईलैंड के नेताओं से बातचीत करने का अवसर मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘मैं नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के साथ बैठक को आशान्वित हूं। इस दौरान मई 2018 में अपनी नेपाल यात्रा के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा करूंगा।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ओली और उन्हें पशुपतिनाथ मंदिर परिसर में नेपाल भारत मैत्री धर्मशाला का उद्घाटन का अवसर मिलेगा।

I will be in Kathmandu on a two-day visit on 30-31 August, to participate in the Fourth BIMSTEC Summit. My…

Posted by Narendra Modi on Wednesday, August 29, 2018

समझा जाता है कि इस बैठक में सदस्य देशों के बीच आतंकवाद सहित सुरक्षा के विविध आयाम, मादक पदार्थो की तस्करी, साइबर अपराध, आपदाओं के अलावा कारोबार एवं सम्पर्क से जुड़े विषयों पर चर्चा होगी और आपसी सहयोग मजबूत बनाने पर जोर दिया जाएगा।

सात देश के इस समूह में दक्षेस के पांच देश- बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और श्रीलंका शामिल हैं। इनके अलावा आसियान के दो देश म्यामांर और थाईलैंड भी इसके सदस्य हैं।

विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, आतंकवाद से मुकाबला सभी बिम्सटेक देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण विषय है। गोवा में वर्ष 2016 में संपन्न बिम्सटेक आउटरीच सम्मेलन में जारी घोषणापत्र में आतंकवाद से मुकाबले पर विचार विमर्श हुआ था। उस बैठक में जोर दिया गया था कि आतंकवादी गतिविधियों को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता। बिम्सटेक बैठक से इतर प्रधानमंत्री समूह के देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक एवं चर्चा भी कर सकते हैं।

बिम्स्टेक शिखर बैठक 30 अगस्त को शुरू हो रही है, जिसमें समूह के नेता संयुक्त बैठक करेंगे। इसी दिन दोपहर में पूर्ण सत्र होगा। इस दिन रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं रात्रि भोज होगा। अगले दिन 31 अगस्त को सदस्य देशों के नेताओं की मुलाकात एवं बैठकें होगी। दोपहर बाद विम्सटेक का समापन सत्र होगा।

Pm modi ne kaha sarkar ki yojanao ko jarurajmando tak le jaye bjp karyakarta

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, सरकार की योजनाओं को जरूरतमंदों तक ले जाएं बीजेपी कार्यकर्ता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से लोगों को मुद्रा बैंक से जोड़ने तथा सरकार की योजनाओं एवं उपलब्धियों को जनता तक ले जाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के मंडल कार्यकर्ताओं से ‘‘नरेंद्र मोदी एप’’ के जरिए संवाद किया। इस दौरान रविदास मंडल के अध्यक्ष दीपक राय ने कहा कि मुद्रा बैंकिंग से बहुत सारे लोगों को लाभ तो हुआ है, लेकिन अब भी गरीब व्यवसायी सूदखोरों के चंगुल में फंसे हुए हैं।

इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र ने कहा कि बीजेपी के कार्यकर्ता ऐसे लोगों से संपर्क करें और उन्हें मुद्रा बैंक से जोड़ने का काम करें।’’ कैंट मंडल के महामंत्री मधुप सिंह ने जब प्रधानमंत्री से जानना चाहा कि पार्टी कार्यकर्ता किस तरह सरकार की उपलब्धियां जनता को बताएं। इस पर मोदी ने कहा कि जनता तक सरकार की उपलब्धियां पहुंचाने के लिए कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाए। कार्यकर्ता सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में कारगर कड़ी हैं। सरकार के कार्यक्रम तभी सफल होंगे, जब कार्यकर्ता जनता के बीच रहकर अपने दायित्वों को सही ढंग से निभाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से कहा कि 21 से 23 जनवरी तक शहर में आयोजित होने वाला प्रवासी भारतीय सम्मेलन काशीवासियों का होना चाहिए। उन्होंने इससे पहले शहर को सजाने संवारने के टिप्स भी कार्यकर्ताओं को दिए।

Pm modi ne kaha social media par maryada banaye rakhe

मोदी ने कहा, सोशल मीडिया पर मर्यादा बनाए रखें, मन की स्वच्छता से भी जुड़ा है स्वच्छ भारत अभियान

सोशल मीडिया पर कई बार लोगों के मर्यादा की सीमा पार कर जाने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में सभी का कर्तव्य है कि वे इस प्रौद्योगिकी प्लेटफार्म का इस्तेमाल गंदगी फैलाने के लिये नहीं करने का संकल्प लें। वाराणसी में पार्टी के विभिन्न विभागों के कार्यकर्ताओं के साथ नरेंद्र मोदी एप के माध्यम से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘ सोशल मीडिया पर कभी कभी लोग मर्यादाएं भूल जाते हैं। किसी भी झूठी बात को सुना और उसे शेयर कर देते हैं।’’ उन्होंने कहा कि कई बार तो उसे सुनते भी नहीं हैं। कई लोग ऐसे ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं जो सभ्य समाज में अस्वीकार्य है, शोभा नहीं देता है। महिलाओं के खिलाफ भी ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘यह किसी राजनीतिक दल की बात नहीं है। यह सवा सौ करोड़ लोगों का विषय है। ऐसे में हम संकल्प लें कि इस सोशल प्रौद्योगिकी प्लेटफार्म का उपयोग कभी भी गंदगी फैलाने के लिये नहीं करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि स्वच्‍छता अभियान दिमागी स्वच्छता से भी जुड़ा है। उन्होंने कहा, ‘मोहल्ले में तू-तू मैं-मैं हर देश में होती होगी। पहले कभी गांव में किसी को भनक तक नहीं लगती थी। मैं तो कभी-कभी हैरान हो जाता हूं कि आज दो पड़ोसियों की लड़ाई को भी सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया जाता है और वह नेशनल न्यूज बन जाती है।’


अच्छी एवं सकारात्मक खबरों के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि कोशिश होनी चाहिए कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल सकारात्मक चीजों के लिए किया जाए। ‘‘ हमारे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था कि देश में सकारात्मक खबरों का माहौल तैयार किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि नकारात्मक खबरों से लोगों में निराशा का भाव उत्पन्न होता है। जब प्रकाश फैलेगा तब निराशा के लिये कोई जगह नहीं होगी।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे बदलते भारत की तस्वीर लोगों को दिखाने के लिये मोबाइल से छोटे-छोटे वीडियो तैयार करें और उसे सोशल मीडिया पर शेयर करें। उन्होंने जोर दिया कि आज भारत के हर गांव में बिजली है, भारत सबसे अधिक तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है, देश सबसे तेजी से बढ़ने वाला विमानन बाजार और सबसे बड़ा मोबाइल फोन विनिर्माता बन गया है, ऐसे में हमारे पास भी कुछ है जो लोगों को गौरवान्वित कर सकता है।


उन्होंने ‘टीम काशी’ के समन्वय पर जोर दिया। उन्होंने लगातार तीसरे दिन एप के जरिये वाराणसी में पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद किया। वाराणसी में विकास कार्यों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सड़क, रेलवे और हवाई अड्डे से लेकर और भी विकास वाराणसी में दिख रहा है। उन्होंने वाराणसी के विकास के लिए प्रतिबद्धता दोहराई।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्थानीय लोगों से कहा कि 21 से 23 जनवरी 2019 तक आयोजित होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान वे वहां आने वाले लोगों को भारतीय संस्कृति का दर्शन कराने की दिशा में कार्य करें। मोदी ने 15 सितंबर से 2 अक्तूबर तक महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर आयोजित स्वच्छता ही सेवा अभियान में लोगों से हिस्सा लेने को कहा।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भाजपा के मंडल कार्यकर्ताओं से ‘‘नरेंद्र मोदी एप’’ के जरिये वीडियो कॉन्फ़्रेसिंग से संवाद किया और काशी को सजाने संवारने के तरीके बताये। इस दौरान प्रधानमंत्री ने क्षेत्रीय कार्यालय गुलाब बाग, जिला कार्यालय कंचनपुर और महानगर कार्यालय नीचीबाग के कार्यकर्ताओं से वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये सीधा संवाद किया।

प्रधानमंत्री ने मंडल कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से कहा कि 21 से 23 जनवरी तक बनारस में होने वाला प्रवासी भारतीय सम्मेलन भाजपा का नहीं, काशीवासियों का होना चाहिए। साथ ही उन्होंने शहर को सजाने संवारने के टिप्स दिये।

पीएम मोदी से संवाद करने वाले रविदास मंडल अध्यक्ष दीपक राय के अनुसार उन्होंने इस दौरान कहा कि मुद्रा बैंकिंग से बहुत सारे लोगों को लाभ तो हुआ है लेकिन अब भी गरीब व्यवसायी सूदखोरों के चंगुल में फंसे हैं। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता ऐसे लोगों से संपर्क करें और उन्हें मुद्रा बैंक से जोड़ने का काम करें। प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजन की तैयारी पर प्रधानमंत्री ने कहा कि शहर को साफ सुथरा करने का अभियान चलाया जाये।

कैंट मंडल के महामंत्री मधुप सिंह ने प्रधानमंत्री से जानना चाहा कि भाजपा कार्यकर्ता किस तरह सरकार की उपलब्धियां जनता को बताएं। इस पर मोदी ने कहा कि जनता तक सरकार की उपलब्धियां पहुंचाने के लिए कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाये। कार्यकर्ता सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में कारगर कड़ी हैं। सरकार के कार्यक्रम तभी सफल होंगे जब कार्यकर्ता जनता के बीच रहकर अपने दायित्वों को सही ढंग से निभाएंगे।

Pm narendra modi ne mann ki baat karyakram me deshvasiyo se ki baat

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 47वे ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियो से की बात

मेरे प्यारे देशवासियो ! नमस्कार | आज पूरा देश रक्षाबंधन का त्योंहार मना रहा है | सभी देशवासियों को इस पावन पर्व की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ | रक्षाबंधन का पर्व बहन और भाई के आपसी प्रेम और विश्वास का प्रतीक माना जाता है | यह त्यौहार सदियों से सामाजिक सौहार्द का भी एक बड़ा उदाहरण रहा है | देश के इतिहास में अनेक ऐसी कहानियाँ हैं, जिनमें एक रक्षा सूत्र ने दो अलग-अलग राज्यों या धर्मों से जुड़े लोगों को विश्वास की डोर से जोड़ दिया था | अभी कुछ ही दिन बाद जन्माष्टमी का पर्व भी आने वाला है | पूरा वातावरण हाथी, घोड़ा, पालकी – जय कन्हैयालाल की, गोविन्दा-गोविन्दा की जयघोष से गूँजने वाला है | भगवान कृष्ण के रंग में रंगकर झूमने का सहज आनन्द अलग ही होता है | देश के कई हिस्सों में और विशेषकर महाराष्ट्र में दही-हाँडी की तैयारियाँ भी हमारे युवा कर रहे होंगे | सभी देशवासियों को रक्षाबन्धन एवं जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ |


‘प्रधानमन्त्रि – महोदय! नमस्कारः | अहं चिन्मयी, बेंगलुरु-नगरे विजयभारती-विद्यालये दशम-कक्ष्यायां पठामि | महोदय अद्य संस्कृत-दिनमस्ति | संस्कृतं भाषां सरला इति सर्वे वदन्ति | संस्कृतं भाषा वयमत्र वह: वह: अत्र: सम्भाषणमअपि कुर्मः | अतः संस्कृतस्य महत्व: – विषये भवतः गह: अभिप्रायः इति रुपयावदतु |’

भगिनी ! चिन्मयि !!
भवती संस्कृत – प्रश्नं पृष्टवती |
बहूत्तमम् ! बहूत्तमम् !!
अहं भवत्या: अभिनन्दनं करोमि |
संस्कृत – सप्ताह – निमित्तं देशवासिनां
सर्वेषां कृते मम हार्दिक-शुभकामना:

मैं बेटी चिन्मयी का बहुत बहुत आभारी हूँ कि उसने यह विषय उठाया | साथियो ! रक्षाबन्धन के अलावा श्रावण पूर्णिमा के दिन संस्कृत दिवस भी मनाया जाता है | मैं उन सभी लोगों का अभिनन्दन करता हूँ, जो इस महान धरोहर को सह्ज़ने, सँवारने और जन सामान्य तक पहुँचाने में जुटे हुए हैं | हर भाषा का अपना माहात्म्य होता है. भारत इस बात का गर्व करता है कि तमिल भाषा विश्व की सबसे पुरानी भाषा है और हम सभी भारतीय इस बात पर भी गर्व करते हैं कि वेदकाल से वर्तमान तक संस्कृत भाषा ने भी ज्ञान के प्रचार-प्रसार में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है |
जीवन के हर क्षेत्र से जुड़ा ज्ञान का भण्डार संस्कृत भाषा और उसके साहित्य में है | चाहे वह विज्ञान हो या तंत्रज्ञान हो, कृषि हो या स्वास्थ्य हो, astronomy हो या architecture हो, गणित हो या management हो, अर्थशास्त्र की बात हो या पर्यावरण की हो, कहते हैं कि global warming की चुनौतियों से निपटने के मन्त्र हमारे वेदों में विस्तार से उल्लेख है | आप सबको जानकार हर्ष होगा कि कर्नाटक राज्य के शिवमोगा जिले के मट्टूर गाँव के निवासी आज भी बातचीत के लिए संस्कृत भाषा का ही प्रयोग करते हैं |


आपको एक बात जानकर के आश्चर्य होगा कि संस्कृत एक ऐसी भाषा है, जिसमें अनंत शब्दों की निर्मिती संभव है | दो हज़ार धातु, 200 प्रत्यय, यानी suffix, 22 उपसर्ग, यानी prefix और समाज से अनगिनत शब्दों की रचना संभव है और इसलिए किसी भी सूक्ष्म से सूक्ष्म भाव या विषय को accurately describe किया जा सकता है और संस्कृत भाषा की एक विशेषता रही है, आज भी हम कभी अपनी बात को ताकतवर बनाने के लिए अंग्रेजी quotations का उपयोग करते हैं | कभी शेर-शायरी का उपयोग करते हैं लेकिन जो लोग संस्कृत शुभाषितों से परिचित हैं, उन्हें पता है कि बहुत ही कम शब्दों में इतना सटीक बयान संस्कृत शुभाषितों से होता है और दूसरा वो हमारी धरती से, हमारी परम्परा से जुड़े हुए होने के कारण समझना भी बहुत आसान होता है |
जैसे जीवन में गुरु का महत्व समझाने के लिए कहा गया है –

एकमपि अक्षरमस्तु, गुरुः शिष्यं प्रबोधयेत् |
पृथिव्यां नास्ति तद्-द्रव्यं, यद्-दत्त्वा ह्यनृणी भवेत् ||

अर्थात कोई गुरु अपने शिष्य को एक भी अक्षर का ज्ञान देता है तो पूरी पृथ्वी में ऐसी कोई वस्तु या धन नहीं, जिससे शिष्य अपने गुरु का वह ऋण उतार सके | आने वाले शिक्षक दिवस को हम सभी इसी भाव के साथ मनाएँ | ज्ञान और गुरु अतुल्य है, अमूल्य है, अनमोल है | माँ के अतिरिक्त शिक्षक ही होते हैं, जो बच्चों के विचारों को सही दिशा देने का दायित्व उठाते हैं और जिसका सर्वाधिक प्रभाव भी जीवन भर नज़र आता है | शिक्षक दिवस के मौक़े पर महान चिन्तक और देश के पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को हम हमेशा याद करते हैं | उनकी जन्म जयन्ती को ही पूरा देश शिक्षक दिवस के रूप में मनाता है | मैं देश के सभी शिक्षकों को आने वाले शिक्षक दिवस की शुभकामनाएँ देता हूँ . साथ ही विज्ञान, शिक्षा और छात्रों के प्रति आपके समर्पण भाव का अभिनन्दन करता हूँ |


मेरे प्यारे देशवासियो ! कठिन परिश्रम करने वाले यह हमारे किसानों के लिए मानसून नयी उम्मीदें लेकर आता है | भीषण गर्मी से झुलसते पेड़-पौधे, सूखे जलाशयोँ को राहत देता है लेकिन कभी-कभी यह अतिवृष्टि और विनाशकारी बाढ़ भी लाता है | प्रकृति की ऐसी स्थिति बनी है कि कुछ जगहों में दूसरी जगहों से ज्यादा बारिश हुई | अभी हम सब लोगों ने देखा | केरल में भीषण बाढ़ ने जन-जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है | आज इन कठिन परिस्थितियों में पूरा देश केरल के साथ खड़ा है | हमारी संवेदनाएँ उन परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपनों को गँवाया है, जीवन की जो क्षति हुई है, उसकी भरपाई तो नहीं हो सकती लेकिन मैं शोक-संतप्त परिवारों को विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि सवा-सौ करोड़ भारतीय दुःख की इस घड़ी में आपके साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर खड़े हैं | मेरी प्रार्थना है कि जो लोग इस प्राकृतिक आपदा में घायल हुए हैं, वे जल्द से जल्द स्वस्थ जो जाएँ| मुझे पूरा विश्वास है कि राज्य के लोगों के जज़्बे और अदम्य साहस के बल पर केरल शीघ्र ही फिर से उठ खड़ा होगा |

आपदाएँ अपने पीछे जिस प्रकार की बर्बादी छोड़ जाती हैं, वह दुर्भाग्यपूर्ण हैं लेकिन आपदाओं के समय मानवता के भी दर्शन हमें देखने को मिलते हैं | कच्छ से कामरूप और कश्मीर से कन्याकुमारी तक हर कोई अपने-अपने स्तर पर कुछ-न-कुछ कर रहा है ताकि जहाँ भी आपत्ति आई हो ; चाहे केरल हो या हिंदुस्तान के और ज़िले हों और इलाके हो, जन-जीवन फिर से सामान्य हो सके | सभी age group और हर कार्य क्षेत्र से जुड़े लोग अपना योगदान दे रहे हैं | हर कोई सुनिश्चित करने में लगा है कि केरल के लोगों की मुसीबत कम-से-कम की जा सके, उनके दुःख को हम बाँटें | हम सभी जानते हैं कि सशस्त्र बलों के जवान केरल में चल रहे बचाव कार्य के नायक हैं | उन्होंने बाढ़ में फँसे लोगों को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी | Air force हो, Navy हो, Army हो, BSF, CISF, RAF, हर किसी ने राहत और बचाव अभियान में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है | मैं NDRF के जांबाजों के कठिन परिश्रम का भी विशेष उल्लेख करना चाहता हूँ | संकट के इस क्षण में उन्होंने बहुत ही उत्तम कार्य किया है |


NDRF की क्षमता उनके commitment और त्वरित निर्णय करके परिस्थिति को सँभालने का प्रयास हर हिन्दुस्तानी के लिए एक नया श्रद्धा का केंद्र बन गया है | कल ही ओणम का पर्व था, हम प्रार्थना करेंगे कि ओणम का पर्व देश को और ख़ासकर केरल को शक्ति दे ताकि वो इस आपदा से जल्द से जल्द उबरें और केरल की विकास यात्रा को अधिक गति मिले | एक बार फिर मैं सभी देशवासियों की ओर से केरल के लोगों को और देशभर के अन्य हिस्सों में जहाँ-जहाँ आपदा आई है, विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि पूरा देश संकट की इस घड़ी में उनके साथ है |
मेरे प्यारे देशवासियो ! इस बार मैं ‘मन की बात’ के लिए आये सुझावों को देख रहा था | तब देशभर के लोगों ने जिस विषय पर सबसे अधिक लिखा, वह विषय है – ‘हम सब के प्रिय श्रीमान् अटल बिहारी वाजपेयी’ | गाज़ियाबाद से कीर्ति, सोनीपत से स्वाति वत्स, केरल से भाई प्रवीण, पश्चिम बंगाल से डॉक्टर स्वप्न बैनर्जी, बिहार के कटिहार से अखिलेश पाण्डे, न जाने कितने अनगिनत लोगों ने Narendra Modi Mobile App पर और Mygov पर लिखकर मुझे अटल जी के जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में बात करने का आग्रह किया है | 16 अगस्त को जैसे ही देश और दुनिया ने अटल जी के निधन का समाचार सुना, हर कोई शोक में डूब गया | एक ऐसे राष्ट्र नेता, जिन्होंने 14 वर्ष पहले प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया था | एक प्रकार से गत् 10 वर्ष से वे सक्रिय राजनीति से काफ़ी दूर चले गए थे | ख़बरों में कहीं दिखाई नहीं देते थे, सार्वजनिक रूप से नज़र नहीं आते थे |


10 साल का अन्तराल बहुत बड़ा होता है लेकिन 16 अगस्त के बाद देश और दुनिया ने देखा कि हिन्दुस्तान के सामान्य मानवी (मानव) के मन में ये दस साल के कालखंड ने एक पल का भी अंतराल नहीं होने दिया | अटल जी के लिए जिस प्रकार का स्नेह, जो श्रद्धा और जो शोक की भावना पूरे देश में उमड़ पड़ी, वो उनके विशाल व्यक्तित्व को दर्शाती है | पिछले कई दिनों से अटल जी के उत्तम से उत्तम पहलू देश के सामने आ ही गए हैं | लोगों ने उन्हें उत्तम सांसद, संवेदनशील लेखक, श्रेष्ठ वक्ता, लोकप्रिय प्रधानमंत्री के रूप में याद किया है और करते हैं | सुशासन यानी good governance को मुख्य धारा में लाने के लिए यह देश सदा अटल जी का आभारी रहेगा लेकिन मैं आज अटल जी के विशाल व्यक्तित्व का एक और पहलू, उसे सिर्फ स्पर्श करना चाहता हूँ और यह अटल जी ने भारत को जो political culture दिया, political culture में जो बदलाव लाने का प्रयास किया, उसको व्यवस्था के ढांचे में ढालने का प्रयास किया और जिसके कारण भारत को बहुत लाभ हुआ हैं और आगे आने वाले दिनों में बहुत लाभ होने वाला है | ये भी पक्का है | भारत हमेशा 91वें संशोधन अधिनियम two thousand three के लिए अटल जी का कृतज्ञ रहेगा | इस बदलाव ने भारत की राजनीति में दो महत्वपूर्ण परिवर्तन किये |
पहला ये कि राज्यों में मंत्रिमंडल का आकार कुल विधानसभा सीटों के 15% तक सीमित किया गया |
दूसरा ये कि दल-बदल विरोधी क़ानून के तहत तय सीमा एक-तिहाई से बढ़ाकर दो-तिहाई कर दी गयी | इसके साथ ही दल-बदल करने वालों को अयोग्य ठहराने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश भी निर्धारित किये गए |

कई वर्षों तक भारत में भारी भरकम मंत्रिमंडल गठित करने की राजनीतिक संस्कृति ने ही बड़े-बड़े जम्बो मंत्रिमंडल कार्य के बँटवारे के लिए नहीं बल्कि राजनेताओं को खुश करने के लिए बनाए जाते थे | अटल जी ने इसे बदल दिया | उनके इस कदम से पैसों और संसाधनों की बचत हुई | इसके साथ ही कार्यक्षमता में भी बढ़ोतरी हुई | यह अटल जी जैसे दीर्घदृष्टा ही थे, जिन्होंने स्थिति को बदला और हमारी राजनीतिक संस्कृति में स्वस्थ परम्पराएं पनपी | अटल जी एक सच्चे देशभक्त थे | उनके कार्यकाल में ही बजट पेश करने के समय में परिवर्तन हुआ | पहले अंग्रेजों की परम्परा के अनुसार शाम को 5 बजे बजट प्रस्तुत किया जाता था क्योंकि उस समय लन्दन में पार्लियामेंट शुरू होने का समय होता था | वर्ष 2001 में अटल जी ने बजट पेश करने का समय शाम 5 बजे से बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया | ‘एक और आज़ादी’ अटल जी के कार्यकाल में ही Indian Flag Code बनाया गया और 2002 में इसे अधिकारित कर दिया गया | इस कोड में कई ऐसे नियम बनाए गए हैं, जिससे सार्वजनिक स्थलों पर तिरंगा फहराना संभव हुआ | इसी के चलते अधिक से अधिक भारतीयों को अपना राष्ट्रध्वज फहराने का अवसर मिल पाया | इस तरह से उन्होंने हमारे प्राणप्रिय तिरंगे को जनसामान्य के क़रीब लाया | आपने देखा ! किस तरह अटल जी ने देश में चाहे चुनाव प्रक्रिया हो और जनप्रतिनिधियों से सम्बंधित जो विकार आए थे, उनमें साहसिक कदम उठाकर बुनियादी सुधार किए | इसी तरह आजकल आप देख रहे हैं कि देश में एक साथ केंद्र और राज्यों के चुनाव कराने के विषय में चर्चा आगे बढ़ रही है | इस विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में लोग अपनी-अपनी बात रख रहे हैं | ये अच्छी बात है और लोकतंत्र के लिए एक शुभ संकेत भी | मैं जरुर कहूँगा स्वस्थ लोकतंत्र के लिए, उत्तम लोकतंत्र के लिए अच्छी परम्पराएं विकसित करना, लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयास करना, चर्चाओं को खुले मन से आगे बढ़ाना, यह भी अटल जी को एक उत्तम श्रद्धांजलि होगी | उनके समृद्ध और विकसित भारत के सपने को पूरा करने का संकल्प दोहराते हुए मैं हम सबकी ओर से अटल जी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ |


मेरे प्यारे देशवासियों ! संसद की आजकल चर्चा जब होती है तो अक्सर रुकावट, हो-हल्ला और गतिरोध के विषय में ही होती है लेकिन यदि कुछ अच्छा होता है तो उसकी चर्चा इतनी नहीं होती | अभी कुछ दिन पहले ही संसद का मानसून सत्र समाप्त हुआ है | आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि लोकसभा की productivity 118% और राज्यसभा की 74% रही | दलहित से ऊपर उठकर सभी सांसदों ने मानसून सत्र को अधिक से अधिक उपयोगी बनाने का प्रयास किया और इसी का परिणाम है कि लोकसभा ने 21 विधेयक और राज्यसभा ने 14 विधेयकों को पारित किया | संसद का ये मानसून सत्र सामाजिक न्याय और युवाओं के कल्याण के सत्र के रूप में हमेशा याद किया जाएगा | इस सत्र में युवाओं और पिछड़े समुदायों को लाभ पहुँचाने वाले कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया गया | आप सबको पता है कि दशकों से SC/ST Commission की तरह ही OBC Commission बनाने की माँग चली आ रही थी | पिछड़े वर्ग के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए देश ने इस बार OBC आयोग बनाने का संकल्प पूरा किया और उसको एक संवैधानिक अधिकार भी दिया | यह कदम सामाजिक न्याय के उद्देश्य को आगे ले जाने वाला सिद्ध होगा | अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए संशोधन विधेयक को भी पास करने का काम इस सत्र में हुआ | यह कानून SC और ST समुदाय के हितों को और अधिक सुरक्षित करेगा | साथ ही यह अपराधियों को अत्याचार करने से रोकेगा और दलित समुदायों में विश्वास भरेगा |


देश की नारी शक्ति के खिलाफ़ कोई भी सभ्य समाज किसी भी प्रकार के अन्याय को बर्दाश्त नहीं कर सकता | बलात्कार के दोषियों को देश सहन करने के लिए तैयार नहीं है, इसलिए संसद ने आपराधिक कानून संशोधन विधेयक को पास कर कठोरतम सज़ा का प्रावधान किया है | दुष्कर्म के दोषियों को कम-से-कम 10 वर्ष की सज़ा होगी, वहीँ 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों से रेप करने पर फाँसी की सज़ा होगी | कुछ दिन पहले आपने अख़बारों में पढ़ा होगा मध्य प्रदेश के मंदसौर में एक अदालत ने सिर्फ़ दो महीने की सुनवाई के बाद नाबालिग़ से रेप के दो दोषियों को फाँसी की सज़ा सुनाई है | इसके पहले मध्य प्रदेश के कटनी में एक अदालत ने सिर्फ़ पाँच दिन की सुनवाई के बाद दोषियों को फाँसी की सज़ा दी | राजस्थान ने भी वहाँ की अदालतों ने भी ऐसे ही त्वरित निर्णय किये हैं | यह कानून महिलाओं और बालिकाओं के खिलाफ़ अपराध के मामलों को रोकने में प्रभावी भूमिका निभायेगा | सामाजिक बदलाव के बिना आर्थिक प्रगति अधूरी है | लोकसभा में triple तलाक़ बिल को पारित कर दिया गया; हालाँकि राज्यसभा के इस सत्र में संभव नहीं हो पाया है | मैं मुस्लिम महिलाओं को विश्वास दिलाता हूँ कि पूरा देश उन्हें न्याय दिलाने के लिए पूरी ताक़त से साथ खड़ा है | जब हम देशहित में आगे बढ़ते हैं तो ग़रीबों, पिछड़ों, शोषितों और वंचितों के जीवन में बदलाव लाया जा सकता है | मानसून सत्र में इस बार सबने मिलकर एक आदर्श प्रस्तुत कर दिखाया है | मैं देश के सभी सांसदों को सार्वजनिक रूप से आज हृदय पूर्वक आभार व्यक्त करता हूँ |


मेरे प्यारे देशवासियो ! इन दिनों करोड़ों देशवासियों का ध्यान जकार्ता में हो रहे एशियन गेम्स पर लगा हुआ है | हर दिन सुबह लोग सबसे पहले अख़बारों में, टेलीविजन में, समाचारों पर, सोशल मीडिया पर नज़र डालते हैं और देखते हैं कि किस भारतीय खिलाड़ी ने मेडल जीता है | एशियन गेम्स अभी भी चल रहे हैं | मैं देश के लिए मेडल जीतने वाले सभी खिलाड़ियों को बधाई देना चाहता हूँ | उन खिलाड़ियों को भी मेरी बहुत-बहुत शुभकामना है, जिनकी स्पर्धाएँ अभी बाकी हैं | भारत के खिलाड़ी विशेषकर Shooting और Wrestling में तो उत्कृष्ट प्रदर्शन कर ही रहे हैं लेकिन हमारे खिलाड़ी उन खेलों में भी पदक ला रहे हैं, जिनमें पहले हमारा प्रदर्शन इतना अच्छा नहीं रहा है, जैसे Wushu और Rowing जैसे खेल- ये सिर्फ़ पदक नहीं हैं – प्रमाण हैं – भारतीय खेल और खिलाड़ियों के आसमान छूते हौसलों और सपनों का | देश के लिए मेडल जीतने वालों में बढ़ी संख्या में हमारी बेटियाँ शामिल हैं और ये बहुत ही सकारात्मक संकेत है – यहाँ तक कि मेडल जीतने वाले युवा खिलाड़ियों में 15-16 साल के हमारे युवा भी हैं | यह भी एक बहुत ही अच्छा संकेत है कि जिन खिलाड़ियों ने मेडल जीते हैं, उनमें से अधिकतर छोटे कस्बों और गाँव के रहने वाले हैं और इन लोगों ने कठिन परिश्रम से इस सफ़लता को अर्जित किया है |


29 अगस्त को हम ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ मनायेंगे इस अवसर पर मैं सभी खेल प्रेमियों को शुभकामनाएँ देता हूँ, साथ ही हॉकी के जादूगर महान खिलाड़ी श्री ध्यानचंद जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ |
मैं देश के सभी नागरिकों से निवेदन करता हूँ कि वे ज़रूर खेलें और अपनी fitness का ध्यान रखें क्योंकि स्वस्थ भारत ही संपन्न और समृद्ध भारत का निर्माण करेगा | जब India fit होगा तभी भारत के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण होगा | एक बार फिर मैं एशियन गेम्स में पदक विजेताओं को बधाई देता हूँ साथ ही बाकी खिलाड़ियों के अच्छे प्रदर्शन की कामना करता हूँ | सभी को राष्ट्रीय खेल दिवस की भी बहुत-बहुत शुभकामनाएँ |


“प्रधानमंत्री जी नमस्कार ! मैं कानपुर से भावना त्रिपाठी एक इंजीनियरिंग की छात्रा बात कर रही हूँ | प्रधानमंत्री जी पिछले मन की बात में आपने कॉलेज जाने वाले छात्र – छात्राओं से बात की थी, और उससे पहले भी आपने डॉक्टरों से, चार्टेड एकाउंटेंट्स से उनसे बातें करीं | मेरी आपसे एक प्रार्थना है कि आने वाले 15 सितम्बर को जो कि एक Engineers Day के तौर पर मनाया जाता है, उस उपलक्ष्य में अगर आप हम जैसे इंजीनियरिंग के छात्र – छात्राओं से कुछ बातें करें, जिससे हम सबका मनोबल बढ़ेगा और हमें बहुत खुशी होगी और आगे आने वाले दिनों में हम अपने देश के लिए कुछ करने का हमें प्रोत्साहन भी मिलेगा, धन्यवाद |”

नमस्ते भावना जी, मैं आपकी भावना का आदर करता हूँ | हम सभी ने ईंट-पत्थरों से घरों और ईमारतों को बनते देखा है लेकिन क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि लगभग बारह-सौ साल पहले एक विशाल पहाड़ को जो कि सिर्फ single stone वाला पहाड़ था, उसे एक उत्कृष्ट, विशाल और अद्भुत मंदिर का स्वरूप दे दिया गया – शायद कल्पना करना मुश्किल हो, लेकिन ऐसा हुआ था और वो मंदिर है-महाराष्ट्र के एलोरा में स्थित कैलाशनाथ मंदिर | अगर कोई आपको बताए कि लगभग हज़ार वर्ष पूर्व granite का 60 मीटर से भी लम्बा एक स्तंभ बनाया गया और उसके शिखर पर granite का क़रीब 80 टन वज़निक एक शिलाखंड रखा गया – तो क्या आप विश्वास करेंगे ! लेकिन, तमिलनाडु के तंजावुर का बृहदेश्वर मंदिर वह स्थान है, जहाँ स्थापत्य कला और इंजीनियरिंग के इस अविश्वनीय मेल को देखा जा सकता है | गुजरात के पाटण में 11वीं शताब्दी की रानी की वाव देखकर हर कोई आश्चर्यचकित रह जाता है | भारत की भूमि इंजीनियरिंग की प्रयोगशाला रही है | भारत में कई ऐसे इंजीनियर हुये, जिन्होनें अकल्पनीय को कल्पनीय बनाया और इंजीनियरिंग की दुनिया में चमत्कार कहे जाने वाले उदाहरण प्रस्तुत किए हैं | महान इंजीनियर्स की हमारी विरासत में एक ऐसा रत्न भी हमें मिला, जिसके कार्य आज भी लोगों को अचम्भित कर रहे हैं और वह थे भारत रत्न डॉ. एम. विश्वेश्वरय्या (Dr. M. Vishveshwarya) | कावेरी नदी पर उनके बनाए कृष्णराज सागर बाँध से आज भी लाखों की संख्या में किसान और जन-सामान्य लाभान्वित हो रहे हैं | देश के उस हिस्से में तो वह पूज्यनीय है हीं, बाकी पूरा देश भी उन्हें बहुत ही सम्मान और आत्मीयता के साथ याद करता है |

उन्हीं की याद में 15 सितम्बर को Engineers Day के रूप में बनाया जाता है | उनके पद चिन्हों पर चलते हुए हमारे देश के इंजीनियर पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं | इंजीनियरिंग की दुनिया के चमत्कारों की बात जब मैं करता हूँ, तब मुझे आज 2001 में गुज़रात में कच्छ में जो भयंकर भूकंप आया था, तब की एक घटना याद आती है | उस समय मैं एक volunteer के रूप में वहाँ काम करता था तो मुझे एक गाँव में जाने का मौका मिला और वहाँ मुझे 100 साल से भी अधिक आयु की एक माँ से मिलने का मौका मिला और वह मेरी तरफ देखकर के हमारा उपहास कर रही थी, और वह कह रही थी, देखो यह मेरा मकान है – कच्छ में उसको भूंगा कहते हैं – बोली, इस मेरे मकान ने 3-3 भूकंप देखे हैं | मैनें स्वयं ने 3 भूकंप देखे हैं | इसी घर में देखे हैं | लेकिन कहीं पर आपको कोई भी नुकसान नज़र नहीं आया | ये घर हमारे पूर्वजों ने यहाँ की प्रकृति के अनुसार, यहाँ के वातावरण के अनुसार बनाए थे और यह बात वह इतने गर्व से कह रही थी तो मुझे यही विचार आया कि सदियों पहले भी हमारे उस कालखंड के इंजीनियरों ने स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार कैसी रचनाएं की थी कि जिसके कारण जन-सामान्य सुरक्षित रहता था | अब जब हम Engineers Day मनाते हैं तो हमें भविष्य के लिए भी सोचना चाहिए | स्थान-स्थान पर workshops करने चाहिए | बदले हुए युग में हमनें किन-किन नई चीज़ों को सीखना होगा ? सिखाना होगा ? जोड़ना होगा ? आजकल disaster management एक बहुत बड़ा काम हो गया है | प्राकृतिक आपदाओं से विश्व जूझ रहा है | ऐसे में structural engineering का नया रूप क्या हो ? उसके courses क्या हों ? students को क्या सिखाया जाए ? Construction निर्माण eco-friendly कैसे हो ? local materials का value addition कर के construction को कैसे आगे बढ़ाया जाए ? zero waste यह हमारी प्राथमिकता कैसे बने ? ऐसी अनेक बातें जब Engineers Day मनाते हैं तो ज़रूर हमने सोचनी चाहिए |

मेरे प्यारे देशवासियो ! उत्सवों का माहौल है और इसके साथ ही दीवाली की तैयारियाँ भी शुरू हो जाती हैं | ‘मन की बात’ में मिलते रहेंगे, मन की बातें करते रहेंगे और अपने मन से देश को आगे बढ़ाने में भी हम जुटते रहेंगे | इसी एक भावना के साथ आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएँ | धन्यवाद | फिर मिलेंगे

Modi sarkar de rahai hai 10 hajar rupye jitne ka mouka

मोदी सरकार दे रही है 10 हजार रुपए जीतने का मौका, आपको करना होगा ये काम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद ब्लैक मनी पर लगाम लगाने के लिए लोगों से डिजिटल लेनदेन पर फोकस करने के लिए कहा है। इसी दिशा में मोदी सरकार एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके लिए सरकार यूपीआई ऐप का नया अपग्रेडेड वर्जन भी ला दिया है। अब केंद्र सरकार जीएसटी की तर्ज पर वन नेशन वन कार्ड की व्यवस्था लाने की तैयारी कर रही है। ये कार्ड बहुत खास होगा, जानें इस कार्ड की खासियतों के बारे में:

इस कार्ड को सामान्य डेबिट कार्ड की तरह इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके अलावा इसमें आपको यूनीक फीचर भी दिए गए हैं। जिनके जरिये आप डिजिटल पेमेंट के लिए इसका यूज ऑफलाइन भी कर सकते हैं।

नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) एक ऐसा कार्ड होगा, जिससे आप पैसों के लेन-देन से जुड़े कई काम आसानी से निपटा पाएंगे। इसके जरिये आप बस का किराया भरने से लेकर राशन खरीदने तक, कई काम निपटा सकते हैं।

ये कार्ड आपको अभी घर बैठे 10 हजार रुपये कमाने का मौका दे रहा है। दरअसल मोदी सरकार इस कार्ड को कोई आसान सा नाम देना चाहती है। इसके लिए वह आम लोगों से सुझाव मांग रही है।

आप भी इस प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं आप इस कार्ड के लिए कोई नाम सुझा सकते हैं। अगर आपका नाम चुना जाता है तो आपको मोदी सरकार 10 हजार रुपये की नगद राशी इनाम के तौर पर देगी।

ऐसे भेजें अपना सोचा हुआ नाम: अपनी एंट्री भेजने के लिए आपको https://www.mygov.in पर जाना होगा। यहां आपको अपनी एंट्री भेजनी है। आपकी एंट्री सबसे बेहतर होगी, तो आपको 10 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा।

Pm modi ne kaha meri sarkar me bicholiyo ke liye jagah nahi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: मेरी सरकार में बिचौलियों की जगह नहीं, एक-एक पैसा गरीबों तक पहुंचता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने गुजरात दौरे पर बुधवार को एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार में बिचौलियों की कोई जगह नहीं हैं, जो भी पैसा जारी होता है, वह गरीब लोगों तक पहुंचता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके जरिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के उस बयान पर तंज कसा, जिसमें राजीव गांधी ने कहा था कि केंद्र से एक रुपया जारी होता है तो सिर्फ 15 पैसा ही लोगों तक पहुंचता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजीव गांधी की इस चर्चित टिप्पणी पर तंज कसते हुए कहा, ‘अगर दिल्ली से एक रुपया चलता है तो पूरा का पूरा 100 पैसा गरीब के घर तक पहुंचता है। मेरी सरकार में किसी भी प्रकार के मिडलमैन की जगह नहीं बची है।’

वलसाड के जुजवा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनका सपना है कि साल 2022 में जब भारत अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा हो तब देश के प्रत्येक परिवार के पास अपना मकान हो। प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों से बातचीत के बाद लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि योजना के तहत बनने वाले मकानों की गुणवत्ता बहुत अच्छी है और किसी को एक रुपया रिश्वत देने की जरूरत नहीं है।

उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाम को गुजरात की फरसेंकि साइंस यूनिवर्सिटी के चौथे दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया। इस मौके पर बोलते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पुलिस, फरेंसिक साइंस और ज्यूडिशरी तीनों ही क्रिमिनल जस्टिस डिलिवरी सिस्टम के अभिन्न अंग होते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी देश में ये तीनों अंग जितने ज्यादा मजबूत होंगे, उतना ही वहां के नागरिक सुरक्षित रहेंगे और आपराधिक गतिविधियां नियंत्रण में रहेंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरेंसिक एक्सपर्ट्स को डीएनए प्रोफाइलिंग के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा, ‘मैं फरेंसिक एक्सपर्ट्स से अपील करता हूं कि वे आगे आएं और डीएनए प्रोफाइलिंग का इस्तेमाल करके न्याय व्यवस्था की मदद करें, जिससे दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जा सके और पीड़ितों को न्याय दिलाया जा सके।’

उन्होंने कहा, ‘आज अपराधी अपने अपराध को छिपाने और बचने के लिए जिस तरह के प्रयास कर रहे हैं, ऐसे में जरूरी है कि हर व्यक्ति को एहसास हो कि वह अगर कुछ गलत करेगा तो पकड़ा जरूर जाएगा। यहीं पर फरेंसिक साइंस की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है।’

डीएनए टेक्नॉलजी के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘फरेंसिक जांच में डीएनए टेक्नॉलजी के महत्व को देखते हुए हमारी सरकार ने डीएनए टेक्नॉलजी (इस्तेमाल और ऐप्लिकेशन) रेग्युलेशन बिल 2018 को स्वीकृति दी है। इस बिल के माध्यम हम सुनिश्चित करेंगे कि डीएनए टेस्ट सुरक्षित और भरोसेमंद हों।’