Monthly Archives: October 2016

पीएम नरेंद्र मोदी ने लुधियाना में एससी/एसटी हब लॉन्च किया, चरखे बांटे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां मंगलवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति केंद्र के साथ ही सूक्ष्य, लघु और मध्य दर्जे (एमएसएमई) के उद्योगों के लिए जेड (जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट) योजना की शुरुआत की और निमार्ताओं से गुजारिश की कि वे इन नई योजनाओं का लाभ उठाएं.

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अनुसूचित जाति/जनजाति केंद्र इस श्रेणी के लोगों को अपना सूक्ष्य, लघु और मध्य दर्जे (एमएसएमई) की इकाइयां लगाने में मदद करेगा. प्रधानमंत्री ने कहा, “दलितों के लिए अंदर उद्यमिता की भावना से हमें लाभ होगा. ये वो युवा है जिनका सपना कारोबार लगाना और नौकरियां पैदा करना है।” उन्होंने बाद में इसे ट्वीट भी किया.

उन्होंने कहा, “दुनिया भर के बाजार हमारा इंतजार कर रहे हैं. यह सोचने की जरूरत नहीं है कि हमारे उद्यम छोटे हैं. क्या हमारा एमएसएमई सेक्टर केवल भारत का बाजार देखता रहेगा? नहीं, हमें वैश्विक बाजार पर नजर रखनी चाहिए और उनकी गुणवत्ता नियंत्रण के मानकों पर खरा उतरना चाहिए.”

खादी उत्पादों पर जोर देते हुए मोदी ने कहा, “अब जमाना बदल गया है. देखिए खादी की कितनी अच्छी मार्केटिंग हो रही है. पहले यह ‘खादी केवल देश के लिए’ था, अब यह ‘खादी फैशन के लिए’ हो गया है.” प्रधानमंत्री ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चरखे बांटे. कुल 500 महिलाओं को चरखे दिए गए.

वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है भारत : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में बड़ी भूमिका निभा सकता है जो कि मंदी का सामना कर रही है. इसके साथ ही उन्होंने लघु उद्योगों का आह्वान किया कि वे ‘जीरो डिफेक्ट व जीरो इफेक्ट’ यानी बिना किसी खामी वाले और पर्यावरण पर शून्य प्रभाव वाले तरीकों से विनिर्माण कार्य करने की संस्कृति अपनाएं. मोदी ने देश में खादी उद्योग को बढ़ावा देने की जरूरत पर भी जोर दिया.

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मोदी ने महिलाओं को लकड़ी के बने 500 चरखे वितरित किए और कहा कि किसी समय खादी का इस्तेमाल आजादी की लड़ाई में एक माध्यम के रूप में होता था और अब इसका इस्तेमाल फैशन के लिए होना चाहिए. उन्होंने कहा,‘आज हालात अलग हैं. देखना है कि खादी का विपणन कितने बेहतर ढंग से होता है. पहले ‘खादी फॉर नेशन’ यानी देश के लिए खादी था अब ‘खादी फॉर फैशन’ यानी फैशन के लिए खादी भी है.’ प्रधानमंत्री ने लोगों से खादी के उत्पाद इस्तेमाल करने की अपील की और कहा कि यह भारत के लिए प्राथमिकता है क्योंकि घर में चरखा अधिक आय लाता है.

प्रधानमंत्री ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों (एमएसएमई) के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण समारोह में भी हिस्सा लिया. इस अवसर पर मोदी ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति :एससी एवं एसटी: समुदाय के उद्यमियों की सहायता के लिये राष्ट्रीय एससी:एसटी केंद्र तथा एमएसएमई के लिए जेड प्रमाणन योजना की शुरुआत की.

उन्होंने कहा,‘दलितों में उद्यमिता की भावना से हमें लाभ होगा. अनेक युवाओं का सपना उद्यम व रोजगार सृजित करना है.’ मोदी ने कहा कि वैश्विक नरमी के बीच भारत आज दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और वह विश्व अर्थव्यवस्था को संबल दे रहा है.

उन्होंने कहा,‘भारत की आर्थिक प्रगति के लिए एमएसएमई क्षेत्र महत्वपूर्ण है.’आरंभिक 490 करोड़ रुपये के निवेश से शुरू किया जा रहा यह केंद्र एससी-एसटी उद्यमियों की बाजारों तक पहुंच व संपर्क बढ़ाने, निगरानी, क्षमता निर्माण, वित्तीय सहायता से जुड़ी योजनाओं का लाभ उठाने तथा अपने उद्योग में सबसे अच्छी पद्धतियों को आपस में साझा करने में उनकी मदद करेगा. मोदी प्रदर्शनी स्थल पर भी गए और चरखे पर हाथ आजमाया.

एमएसएमई को राष्ट्रीय अवार्ड प्रदान करने के बाद उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार छोटे व मझौले उप्रकमों को बल देने के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि भारत को वैश्विक बाजारों को लक्ष्य बनाना चाहिए और सरकार इस लक्ष्य को पाने में उद्यमियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है.

पहले इस्राइल ही किया करता था, लेकिन अब भारतीय सेना ने भी कर दिखाया : सर्जिकल स्ट्राइक पर पीएम मोदी

 हिमाचल के मंडी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया. पीएम ने यहां लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सेना के पराक्रम की दुनियाभर में चर्चा हो रही है. पहले ऐसा इस्राइल ही किया करता था, लेकिन अब भारतीय सेना ने भी दिखा दिया है कि वह किसी से कम नहीं है.

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उन्होंने कहा कि मैं जब यहां आ रहा था तो भीतर से थोड़ा हिला हुआ था कि यहां के लोगों ने मुझे इतना प्यार दिया, लेकिन मैंने यहां आने में थोड़ी देर कर दी. मुझे लगा था आप नाराज हैं, पर आपने भरपूर प्यार दिया.

पीएम मोदी ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद मुझे एक अलग से पुरातत्व विभाग बनाना पड़ा, जो लगातार खुदाई करके दबी हुई फाइलें निकाल रहा है. रेलवे का एक प्रोजेक्ट 1981 में तय हुआ था. उस समय वह प्रोजेक्ट सिर्फ 34 करोड़ का था, आज 35 साल हो गए और यह आज 2 हजार 100 करोड़ का प्रोजेक्ट हो गया. इससे देश को बड़ा नुकसान हो रहा है.

8वां BRICS समिट गोवा घोषणापत्र : आतंक के खिलाफ समग्र रुख अपनाने पर जोर, पेश हैं अहम बातें…

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने गोवा घोषणापत्र को पारित किया है जिसमें हमारे सहयोग के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण पेश किया गया है. घोषणापत्र में इसके साथ ही देशों से कहा गया है कि वे आतंकवाद से सफलतापूर्वक मुकाबले के लिए एक ”समग्र” रुख अपनाएं. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई का आह्वान किया और पाकिस्तान को आतंकवाद के पोषण की भूमि बताया.

ब्रिक्स ने कहा कि आतंकवाद के वित्त पोषण के स्रोतों जैसे धनशोधन, मादक पदार्थ की तस्करी, आपराधिक गतिविधियों जैसे संगठित अपराधों, आतंकवादी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने के साथ ही आतंकवादी इकाइयों द्वारा सोशल मीडिया सहित इंटरनेट के दुरुपयोग से मुकाबले पर जोर होना चाहिए.”

घोषणापत्र में कहा गया, ”आतंकवाद से सफलतापूर्वक निपटने के लिए एक समग्र रुख की जरूरत है. आतंकवाद के खिलाफ सभी कदमों में अंतरराष्ट्रीय कानून बरकरार रखा जाना चाहिए और मानवाधिकारों का सम्मान होना चाहिए.”

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ब्रिक्स ने आतंकवाद के खिलाफ बहुपक्षीय दृष्टिकोण के समन्वय में संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका पर जोर देते हुए सभी देशों से आग्रह किया कि वे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों को प्रभावी तरीके से लागू करें और संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद निरोधक रूपरेखा की प्रभावशीलता बढ़ाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहरायें. घोषणापत्र में ब्रिक्स ने कहा कि वह धनशोधन और आतंकवाद के वित्त पोषण एवं प्रसार से मुकाबले में एफएटीएफ (वित्तीय कार्रवाई कार्यबल) के अंतरराष्ट्रीय मानकों के प्रति प्रतिबद्धता दोहराता है. ब्रिक्स ने इसके साथ ही आतंकवाद के वित्त पोषण से मुकाबले के लिए एफएटीएफ को जल्द, प्रभावी और सार्वभौमिक रूप से लागू करने का भी आह्वान किया.

ब्रिक्स ने कहा, ”हम एफएटीएफ और एफएटीएफ जैसे क्षेत्रीय निकायों में अपना सहयोग बढ़ाना चाहते हैं.” ब्रिक्स ने अपने घोषणापत्र में मादक पदार्थ के उत्पादन और तस्करी से उत्पन्न वैश्विक खतरे से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने का भी आह्वान किया.

उसने कहा, ”हम गहरी चिंता के साथ मादक पदार्थ तस्करी और आतंकवाद, धनशोधन और संगठित अपराध के बीच बढ़ते संबंध पर गौर करते हैं.” उसने कहा कि सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी इस्तेमाल में सुरक्षा बढ़ाने में प्रयासों को मजबूत करने का एक समझौता भी है.

गोवा में ब्रिक्स सम्मेलन आज से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले शुक्रवार को गोवा पहुंच गए. यह शिखर सम्मेलन इस तटीय राज्य में आज शुरू होगा.यह आठवां ब्रिक्स सम्मिट है.

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ब्रिक्स सम्मेलन की शुरुआत 2011 में हुई थी. ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका इसके सदस्य हैं. इसका मक़सद आर्थिक और राजनीतिक मोर्चे पर पश्चिमी देशों के अधिपत्य को चुनौती है.

इस समिट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ राष्ट्रपति टेमर (ब्राज़ील), राष्ट्रपति पुतिन (रूस), राष्ट्रपति शी जिंनपिंग (चीन) और राष्ट्रपति ज़ुमा (दक्षिण अफ्रीका) हिस्सा ले रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार से शुरू हो रहे ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के लिए कल शाम गोवा पहुंचे. आईएनएस हंसा बेस पर मोदी की अगवानी राज्य की राज्यपाल मृदुला सिन्हा, मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर, उपमुख्यमंत्री फ्रांसिस डिसूजा और अन्य ने की.

पीएम मोदी ने इससे पहले ट्वीट में कहा था, ‘अगले कुछ दिन में, भारत आठवें ब्रिक्स और पहले ब्रिक्स-बिमस्टेक सम्मेलन के लिए वैश्विक नेताओं की मेजबानी करेगा’. उन्होंने कहा, ‘मैं प्रमुख वैश्विक एवं क्षेत्रीय चुनौतियों पर चीन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और रूस के नेताओं से लाभदायक बातचीत करने को लेकर आशान्वित हूं’.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इस साल ब्रिक्स अध्यक्ष के रूप में भारत मजबूत आर्थिक एवं लोगों के संबंधों पर जोर देता है. इससे हमें बहुत लाभ होगा’. मोदी ने कहा, ‘भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत कर भारत सम्मानित महसूस करता है जो गोवा में होगा’. उन्होंने कहा, ‘हम द्विपक्षीय दौरे के लिए ब्राजील के राष्ट्रपति का भी स्वागत करते हैं जो ब्राजील के साथ सहयोग के नए क्षेत्र खोलेगा’.

सेना बोलती नहीं ‘पराक्रम’ करती है, 29 सितंबर को सैनिकों ने एक और वीरता दिखाई : पीएम नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मध्‍यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अरेरा हिल्स में शौर्य स्‍मारक का लोकार्पण किया. क़रीब 13 एकड़ में फ़ैले इस स्मारक की लागत 41 करोड़ है.

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां आयोजित शौर्य सम्‍मान सभा में पूर्व सैनिकों और अन्‍य लोगों को संबोधित भी किया. पीएम ने अपने भाषण की शुरुआत ‘शहीदों अमर रहो’ और ‘वंदे मातरम’ के उद्घोष के साथ की. उन्‍होंने कहा कि ”मेरा सौभाग्‍य है कि मुझे यहां आकर श्रद्धा सुमन अर्पित करने का मौका मिला. हमारे देश में जब सेना का स्‍मरण करते हैं तो उसकी ज्‍यादातर चर्चा एक ही रूप की होती है.. ‘यूनिफॉर्म, हाथ में शस्‍त्र, आंखों में ज्‍वाला’ जैसे हरपल दुश्‍मन की तलाश में हों. कहीं पर भी प्राकृतिक संकट आया हो.. जवान आपत्ति में फंसे लोगों की जिंदगी को बचाने के लिए अपनी जिंदगी खपा देते हैं”.
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पीएम ने आगे कहा कि ”दो वर्ष पूर्व जब श्रीनगर में भयंकर बाढ़ आई, ऐसे समय देश ने देखा कि हमारी सेना के जवान श्रीनगर की इन वादियों में बाढ़ पीडि़तों के जीवन बचाने के लिए अपने आप को खपा रहे थे. मेरी सेना के भीतर की मानवता देखिए, इस दौरान उन्‍होंने कभी ये नहीं सोचा कि ये तो वो लोग हैं जो पत्‍थर मारते हैं.. हमारे सिर फोड़ देते हैं. ये सब अनुभव करने के बाद भी जब मानवता ने ललकारा, पुरानी बातों को भुलाकर उन्‍हें बचाने के लिए हमारे जवान जी-जान से जुटे रहे”

विकास, शांति और सुधार के एजेंडे को आगे बढ़ाएगा ब्रिक्स : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

 ब्रिक्स और बिम्सटेक शिखर सम्मेलनों से पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह क्षेत्र के लोगों की दीर्घकालिक समस्याओं के सामान्य हल ढूंढने और नई साझेदारियां स्थापित करने की उम्मीद कर रहे हैं.

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पीएम नरेंद्र मोदी गोवा में आयोजित होने जा रहे इन सम्मेलनों से इतर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘हमारे लक्ष्यों के रास्ते में आने वाली बड़ी अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय चुनौतियों के समाधान के तरीकों पर चर्चा करेंगे…’

प्रधानमंत्री ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, “मैं आशान्वित हूं कि ब्रिक्स सम्मेलन ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग को मजबूत करेगा और विकास, शांति, स्थिरता एवं सुधार के हमारे साझा एजेंडे को आगे बढ़ाएगा…”

उन्होंने कहा कि ब्रिक्स नवविकास बैंक और आकस्मिक विदेशी मुद्रा कोष व्यवस्था के सफल संचालन करने वाले ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) द्वारा गोवा में नई पहलें शुरू की जाएंगी.

पीएम मोदी ने मंत्रियों से कहा, सरकारी योजनाओं को जमीन तक पहुंचाने में लगाएं जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मंत्रियों को 16 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र को प्राथमिकता देने को कहा है. गुरुवार शाम मंत्रिपरिषद की नियमित मासिक बैठक में प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से सरकार की योजनाओं को जमीन तक पहुंचाने के लिए भी कहा.

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पीएम मोदी ने कहा, ‘सरकार ने बेहद सफलतापूर्वक कई योजनाओं की शुरुआत की है. इन्हें लागू करने के लिए भी सफलतापूर्वक काम किया गया है.’ उन्होंने कहा कि अब इन योजनाओं को जमीन पर ले जाने के लिए ज्यादा काम करने की जरूरत है, ताकि न सिर्फ योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन हो सके, बल्कि लोगों को अधिक से अधिक फायदा मिल सके.

मंत्रिपरिषद की बैठक में स्वच्छ भारत अभियान पर ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से प्रजेंटेशन भी दिया गया. स्किल इंडिया योजना पर मंत्रालय के सचिव और मंत्री राजीव प्रताप रूडी की ओर से जानकारी दी गई. वहीं कैबिनेट सचिव ने जानकारी दी कि सरकार योजना और गैर योजना बजट खर्च के विलय के प्रस्ताव पर विचार कर रही है.

गौरतलब है कि मंत्रिपरिषद की बैठक हर महीने बुलाई जाती है. इसमें अलग-अलग मंत्रालयों के कामों की रिपोर्ट दी जाती है. विभिन्न मंत्रालयों को बजट आवंटन और उसके खर्च के बारे में जानकारी ली जाती है.

ब्रिक्स सम्मेलन : गोवा में एक ही रिसॉर्ट में रुकेंगे नरेंद्र मोदी और ब्लादीमिर पुतिन

गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने गुरुवार को कहा कि ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को गोवा पहुंचेंगे. मोदी तथा रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान एक ही रिसॉर्ट में रुकेंगे.

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राज्य सचिवालय में पारसेकर ने संवाददाताओं से कहा कि सम्मेलन के लिए अतिरिक्त बुनियादी सुविधाओं के रख-रखाव व निर्माण के लिए राज्य सरकार लगभग 70-75 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है. उन्होंने कहा, “हमने केंद्र सरकार से इस फंड के बारे में कहा था, जिसे उन्होंने मंजूरी दे दी थी.”

उन्होंने कहा, “मोदी जी तथा रूस के राष्ट्रपति ताज (एक्सोटिका) में रहेंगे, जबकि अन्य देशों के प्रमुख अन्य होटलों में रहेंगे.” मुख्यमंत्री ने कहा कि दो दिवसीय शिखर सम्मेलन 15-16 अक्टूबर के बीच आयोजित होगा, जिससे गोवा के पर्यटन पहलुओं को बढ़ावा मिलेगा.

पारसेकर ने कहा, “गोवा में पांच देशों के प्रमुख आएंगे, जिसकी कुल आबादी दुनिया की कुल आबादी की 42 फीसदी है. इससे गोवा ब्रांड को इन देशों के लोग जानेंगे. शिखर सम्मेलन के अंत में ब्रिक्स देश गोवा घोषणापत्र जारी करेंगे, जिसे पूरी दुनिया का मीडिया कवर करेगा.”

गोवा में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से प्रधानमंत्री मोदी को क्या उम्मीदें हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिश होगी कि इस हफ्ते के अंत में भारत में होने वाले ब्रिक्स समारोह से वह इस समूह में जान फूंकने का काम करें जो एक डगमगाई अर्थव्यवस्था से जूझ रहे हैं. 2011 में ब्रिक्स समूह का गठन हुआ था जिसमें ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल थे. इसका मकसद अपने आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव से पश्चिम के आधिपत्य को चुनौती देना है.

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इन देशों का कुल अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 160 ख़रब है और इस समूह ने वॉशिंगटन स्थित इंटरनैशनल मोनेटरी फंड और विश्व बैंक की टक्कर में अपना खुद का बैंक स्थापित किया है. साथ ही जी7 की तर्ज पर यह अपना एक शिखर सम्मेलन भी आयोजित करता है.

लेकिन दुनिया की 53 प्रतिशत आबादी को जगह देने वाले यह देश अब वैश्विंग मांग में कमी और कमोडिटी के गिरते दाम की मार झेल रहे हैं, वहीं कुछ देशों में भ्रष्टाचार के मामले भी सामने आए हैं. रूस और ब्राज़ील मंदी का शिकार हैं, दक्षिण अफ्रीका भी पिछले महीने इसका सामना करने से बाल बाल बचा है, वहीं विश्व विकास का इंजिन समझी जा रही चीन की अर्थव्यवस्था की भी रफ्तार कम हुई है. इस उदास माहौल में अगर भारत की बात करें तो यह दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है जिसकी जीडीपी से उम्मीद है कि 2016-17 में यह 7.6 प्रतिशत से विकास करेगी.

भारत के विदेश मंत्रालय के अधिकारी अमर सिन्हा ने कहा है कि इस सम्मेलन में देश के नेता वैश्विक विकास की संभावनाओं, वैश्विक वृद्धि में ब्रिक्स की भूमिका और योगदान पर बातचीत करेंगे. यही नहीं भारत चाहेगा कि पाकिस्तान की ओर से हुए सीमा पार हमलों की भी ब्रिक्स देश निंदा करें. हालांकि जानकारों का मानना है कि इस मामले पर सभी देशों का एकजुट होकर निंदा किया जाना मुश्किल हो सकता है क्योंकि चीन और पाकिस्तान के कूटनीतिक रिश्ते और रूस की इस्लामाबाद से रक्षा मसलों को लेकर बढ़ती नज़दीकियां इस काम में रोड़ा डाल सकती हैं.

राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के कार्यलाय से जारी बयान में कहा गया है कि ‘अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और सीरिया शांति प्रक्रिया’ की चर्चा की जाएगी. बता दें कि सीरिया की असद सरकार के समर्थन में मॉस्को ने एयरस्ट्राइक की थी जिसे लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी काफी आलोचना हो रही है. वहीं चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक चीन ने कहा है कि इस मौके पर सभी नेता ब्रिक्स देशों के बीच आपसी सहयोग और तमाम वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर बात करेंगे.

इसके अलावा गोवा में इस शिखर सम्मेलन के अलावा द्विपक्षीय बातचीत की उम्मीद भी जताई जा रही है जिसमें पीएम मोदी शायद चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूस प्रमुख पुतिन से अलग अलग मुलाकात कर सकते हैं. यह सम्मेलन इसलिए भी अहमयित रखता है क्योंकि 2014 में नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद भारत की अमेरिका और यूरोप की ओर हाथ बढ़ाने की कोशिश से ब्रिक्स का भविष्य अंधकार में नज़र आ रहा था.