प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने शुक्रवार को वाराणसी लोकसभा सीट से अपना नामांकन भरा। अपने नामांकन के एक दिन पहले ही जब पीएम मोदी वाराणसी पहुंचे तो लोगों में उनके प्रति उत्साह देखने लायक था। यहाँ पर उनकी लोकप्रियता चरम पर रही। यह भी माना जा रहा है कि विपक्ष ने यहाँ से उन्हें वॉकओवर दे दिया है।
2014 में वाराणसी अर्थात काशी को अपनी लोकसभा सीट के रूप में चुनने में श्री नरेंद्र मोदी जी ने काफी समझदारी दिखाई थी। उन्हें पता था कि उत्तर प्रदेश को साधना है तो पहले काशी को साधना ज़रूरी है। यदि सर्वाधिक लोकसभा सीट वाला उत्तर प्रदेश नियंत्रण में होगा तो पूरा देश नियंत्रण में होगा। 2014 में जब उन्होंने यहाँ से पर्चा भरा तो कहा था कि ‘न किसी ने मुझे भेजा है, न मैं यहाँ आया हूँ, मुझे तो गंगा मां ने बुलाया है।’
प्रधानमंत्री मोदी जी पर भरोसा करते हुए काशी की जनता ने उन्हें प्रचंड मतों से विजय दिलाई थी। अपने कार्यकाल के दौरान मोदी जी ने भी यहाँ के लोगों के हितों के मद्देनज़र बहुत सी योजनाओं को कार्यरूप दिया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी काशी को जापान की धार्मिक नगरी क्योटो की तरह विकसित करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी काशी को स्वच्छता के मामले में देश में नं. 1 बनाना चाहते हैं। उनका सपना है कि काशी एक स्मार्ट सिटी बने।
अभी काशी और उसके आसपास के इलाकों में विकास के लिए 24000 करोड़ रूपये तक की योजनाएं चल रही हैं। यहाँ के ऐतिहासिक स्मारकों और धरोहर को संजोने के लिए ‘हृदय योजना’ भी चल रही है।
प्रधानमंत्री जी काशी को क्योटो की तरह विकसित करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने जापान के प्रधानमंत्री श्री शिंजो आबे से भी बात की है। इसके अलावा जापान के विशेषज्ञों की एक टीम ने भी काशी का दौरा किया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के विकास के प्रति काफी उत्साहित हैं। यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है। यह कॉरिडोर विश्वनाथ मंदिर, ललिता घाट और मणिकर्णिका घाट के बीच 25000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में बन रहा है। इसके अंतर्गत रिवर फ्रंट, फ़ूड स्ट्रीट और सड़कों के चौड़ीकरण का कार्य भी किया जा रहा है। इसके पूरा होने पर बेहतर स्ट्रीट लाइट, पीने का पानी और साफ सुथरी सड़कें मिलेंगी।
बुनकरों के हित के लिए हस्तकला संकुलों की स्थापना पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। काशी के आठ उत्पादों को बौद्धिक सम्पदा अधिकार के अंतर्गत जीआई (geographical indication) का दर्जा दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने संकल्प किया है कि वे बनारस के बुनकरों और शिल्पकारों के कौशल को वैश्विक स्तर पर शिखर पर लेकर जायेंगे। इसके लिए उनके द्वारा बड़ा लालपुर में दीन दयाल हस्तकला संकुल खोला गया है।
काशी को देश का सबसे अधिक स्वच्छ शहर बनाने के लिये भी प्रधानमंत्री मोदी जी कटिबद्ध है। स्वच्छ होने पर शहर के प्रति पर्यटकों का आकर्षण भी बढ़ेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संकल्प और समर्पण का परिचय देते हुए अस्सी घाट की सीढ़ियों पर खुद फावड़ा चलाया था। श्री मोदी ने जगन्नाथ मंदिर की गलियों में झाड़ू भी लगाई थी। यह शहर 2016 में स्वच्छता के मामले में 65 में स्थान पर था लेकिन 2018 में इसने ऊँची छलांग मारी और ये 29 वें स्थान पर पहुँच गया।
प्रधानमंत्री श्री मोदी 2017 में ऊर्जा गंगा योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के लिए पीएनजी पाइपलाइन बिछाने का काम गेल (GAIL) ने शुरू कर दिया है। वाराणसी में इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत 1000 करोड़ रूपये खर्च करने की योजना है।
काशी में एक और परियोजना शुरू की गई है जिसका नाम है आईपीडीएस परियोजना है। इसके अंतर्गत शहर की गलियों में लटकते बिजली के तारों को कम करने का काम किया जा रहा है। कई मुहल्लों और कॉलोनियों के बिजली के तारों को भूमिगत किया जा रहा है।
काशी को कार्गो हब के रूप में विकसित करने के लिए गंगा में इलाहाबाद से हल्दिया के बीच जल परिवहन योजना पर कार्य चल रहा है। इसके लिए रामनगर मल्टी मॉडल टर्मिनल भी बन रहा है। इसमें बेवरेज हॉउस, कोल्ड स्टोरेज और पैकिंग की सुविधा भी होगी। काशी के कार्गो हब के रूप में विकसित हो जाने पर रेल, सड़क और जलमार्ग से उत्पादों का परिवहन पूरे भारत में किया जा सकेगा।
गंगा को स्वच्छ करने में प्रधानमंत्री मोदी ने अलग से एक मंत्रालय का गठन किया है। गंगा में होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार के द्वारा कई कदम उठाये गए हैं। अपने जन्म दिन पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने काशी के निवासियों को कई महत्वाकांक्षी योजनाओं की सौगात दी है। इन योजनाओं में कुल 600 करोड़ रूपये खर्च करने का अनुमान है। इन योजनाओं में नागपुर ग्राम पेयजल योजना, विद्युत हब स्टेशन और अटल इंक्यूबेशन सेंटर को भी शामिल किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी के शासनकाल में विश्व के कई बड़े नेता काशी की यात्रा कर चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी विदेशी मेहमानों को बड़े चाव से काशी का दौरा कराते हैं। अब तक श्री मोदी के साथ जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे, जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक वाल्टर और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों वाराणसी घूम चुके हैं।
प्रधानमंत्री बनने के बाद अब तक श्री नरेंद्र मोदी जी 20 बार वाराणसी का दौरा कर चुके हैं। वे इससे पहले काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का शिलान्यास करने वाराणसी आये थे।