Monthly Archives: May 2018

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत इंडोनेशिया के साथ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडोनेशिया दौरे पर हैं और बुधवार को इंडोनेशियाई राष्‍ट्रपति जोको विडोडो ने उनका मरकेडा पैलेस में स्‍वागत किया। मोदी जहां कई एशियाई देशों का दौरा कर चुके हैं तो यह उनका पहला इंडोनेशिया दौरा है। मरकेडा पैलेस में पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। मरकेडा पैलेस में कई बच्‍चे भारत और इंडोनेशिया के झंडे लहराकर पीएम मोदी का स्‍वागत कर रहे थे। इंडानेशिया से पीएम नरेंद्र मोदी मलेशिया और फिर सिंगापुर जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में इंडोनेशिया के साथ मजबूती से खड़ा है।


भारत और इंडोनेशिया के बीच रक्षा, विज्ञान, रेलवे, स्‍वास्‍थ्‍य और तकनीकी क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के मकसद से 15 एमओयू साइन किए गए हैं। मुलाकात और वार्ता के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और विडोडो की ओर से एक ज्‍वॉइन्‍ट स्‍टेटमेंट जारी किया गया।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘इंडो-पैसिफिक रीजन के विकास के लिए भारत और इंडोनेशिया दोनों ही एक नजरिए को साझा करने पर सहमत हुए हैं। भारत की एक्ट ईस्‍ट पॉलिसी और सागर दोनों ही राष्‍ट्रपति विडोडो की मैरिटाइम फुलक्रम पॉलिसी से मिलता है।’ आपको बता दें कि सागर का मतलब है सिक्‍योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत-आसियान की साझेदारी एक ऐसी महत्‍वपूर्ण ताकत है जो न सिर्फ इंडो-पैसिफिक रीजन में शांति की गारंटी है बल्कि इसके बाहर भी शांति कायम करने में मदद कर सकती है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बयान में आतंकवाद का भी जिक्र किया। उन्‍होंने कहा, ‘भारत, इंडोनेशिया में हाल ही में हुए आतंकी हमलों की निंदा करता है जिसमें कई मासूम लोगों की जान चली गई है। भारत आतंकवाद की लड़ाई में मजबूती से इंडोनेशिया के साथ खड़ा है।’


मरकेडा पैलेस में स्‍वागत से पहले पीएम नरेंद्र मोदी कालिबाता नेशनल हीरोज सेमेट्री भी गए। यहां पर उन्‍होंने इंडोनेशिया की आजादी की लड़ाई में शामिल होने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी। पीएम नरेंद्र मोदी इंडोनेशियाई राष्‍ट्रपति जोको विडोडो के आमंत्रण पर जकार्ता पहुंचे हैं।


राष्‍ट्रपति विडोडो से वार्ता के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत-इंडोनेशिया के सीईओ फोरम में होने वाली चर्चा में भी शामिल होंगे और यहां बसे भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी का मानना है कि भारत और इंडोनेशिया दोनों के बीच मजबूत और दोस्‍ताना रिश्‍ते हैं। दोनों देश पिछले कई वर्षों से गहरी एतिहासिक और कई सभ्‍यताओं के जरिए आपस में जुड़े हैं।

कल यानी 31 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिंगापुर में होंगे और सिंगापुर पहुंचने से पहले वह कुछ देर के लिए मलेशिया में रुकेंगे। यहां पर वह मलेशिया के नए नेतृत्‍व को बधाई देंगे और साथ ही प्रधानमंत्री महातिर मोहम्‍मद से भी मुलाकात करेंगे। अपने इस दौरे पर रवाना होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन एशियाई देशों के दौरे का मकसद ‘एक्‍ट ईस्‍ट’ पॉलिसी को आगे बढ़ाना है।

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इंडोनेशिया पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जकार्ता में भारतीय समुदाय ने किया भव्य स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वी एशिया के 3 देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में मंगलवार को इंडोनिशया की राजधानी जकार्ता पहुंचे। पूर्वी एशिया में गतिविधियां बढ़ाने की भारत की नीति को बल देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस यात्रा के दौरान मलेशिया व सिंगापुर भी जाएंगे। इंडोनेशिया की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे मोदी बुधवार को यहां राष्ट्रपति जोको विडोडो से मुलाकात करेंगे और व्यापार व निवेश सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा करेंगे। दोनों नेता कई कार्यक्रमों में साथ साथ भाग लेंगे जिनमें सीईओ बिजनेस फोरम की बैठक भी शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यहां पहुंचने पर समारोहपूर्वक भव्य स्वागत किया गया।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यात्रा की पूर्व संध्या पर कल कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के रूप में यह मेरी पहली इंडोनेशिया यात्रा है। राष्ट्रपति विडोडो के साथ 30 मई को विचार – विमर्श होगा।

साथ ही भारत – इंडोनेशिया सीईओ बिजनेस फोरम में हमारा संयुक्त वार्तालाप होगा। मैं इंडोनेशिया में भारतीय समुदाय को भी संबोधित करूंगा।’’ उन्होंने कहा कि भारत व इंडोनेशिया के बीच मजबूत व दोस्ताना संबंध हैं और उनके एतिहासिक व प्राचीन संबंध रहे हैं।


उन्होंने कहा कि 31 मई को सिंगापुर जाते समय वह थोड़े समय के लिए मलेशिया में रूकेंगे जहां मलेशिया के नये नेतृत्व को बधाई देंगे और प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से मुलाकात करेंगे। सिंगापुर में वह वार्षिक सुरक्षा सम्मेलन शांगरी ला वार्ता को एक जून को संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री इस सम्मेलन को संबोधित करेगा। क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर यह भारत के विचारों को व्यक्त करने का अवसर होगा।’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक जून को सिंगापुर के राष्ट्रपति हलीमा याकूब से मुलाकात करेंगे और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे। दो जून को क्लीफोर्ड पियर में एक पट्टिका का अनावरण करेंगे जहां 27 मार्च 1948 को महात्मा गांधी की अस्थियों का विसर्जन किया गया था।

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युवा शक्‍ति से रूबरू होंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शुरू किया क्‍व‍िज

‘आने वाले समय में भारत कैसा हो’ इस पर युवा सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर सकेंगे। मोदी सरकार ने युवाओं को देश के लिए अहम मुद्दों पर पीएम से सीधे बात करने के लिए एक अवसर दिया है। देश के विकास को लेकर पॉलिसी और आइड‍ियाज पर विचार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डिजिटल टाउन हॉल आयोजित करने वाले हैं।

डिजिटल टाउन हॉल में अगले महीने पीएम नरेंद्र मोदी 8 से 10 हजार युवाओं से बात करेंगे। इन युवाओं को एक ऑनलाइन गवर्नेंस क्‍व‍िज के जरिए चुना जाएगा। MyGov.in प्‍लेटफॉर्म पर मौजूद इस क्‍व‍िज में युवा भाग ले सकेंगे। सरकार को उम्‍मीद है कि करीब 20 लाख लोग इस क्‍व‍िज में भाग लेंगे।

MyGov के सीईओ अरविंद गुप्‍ता ने बताया कि इस क्‍व‍िज में 20 सवालों के जवाब देने हैं। इसके लिए 200 सेकंड का समय दिया जाएगा। इस क्‍व‍िज में पूरे मार्क्‍स हासिल करने या क्‍व‍िज के सवालों का कम समय में जवाब देने वाले युवाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के लिए चुना जाएगा।

इस क्‍व‍िज में मोदी सरकार की योजनाओं से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे। यह क्‍व‍िज 26 मई को शुरू हुआ।

आपको बता दें कि 26 मई को ही पीएम मोदी के सरकार ने अपने 4 साल पूरे किए थे। आपको बता दें कि जहां हजारों युवाओं को पीएम मोदी से सीधे बात करने का मौका मिलेगा। वहीं लाखों बाकी बचे युवाओं से डिजिटल प्‍लेटफॉर्म के जरिए कॉन्‍टेक्‍ट किया जाएगा।

इस क्‍व‍िज का मकसद लोगों को सरकारी योजनाओं और आइड‍िया एक्‍सचेंज प्रोग्राम से जोड़ना है। अरविंद गुप्‍ता के अनुसार यह मोदी सरकार की एक बड़ी पहल है, इसके जरिए मोदी सरकार की नजर उन 1.8 करोड़ युवा मतदाताओं पर है जो साल 2019 में पहली बार वोट देंगे। जानकारी के अनुसार इस क्‍व‍िज को काफी बेहतर ढंग से डिजाइन किया गया है। किसी भी दो प्रतिभागी को एक जैसे सवाल नहीं मिलेंगे और यह क्‍व‍िज ऑटोमेटेड सिस्‍टम के आधार पर होगा।

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कर्नाटक में मोदी फैन ऑटोरिक्शा ड्राइवर, 5 किलोमीटर यात्रा पर सिर्फ एक रुपये लेते है

मोदी सरकार के 4 साल पूरे होने पर देशभर में कई आयोजन किए गए। इन सब के बीच कर्नाटक के कुंदापुर उडुपी में रहने वाले सतीश प्रभु ने इसे अनोखे अंदाज में सेलिब्रेट किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैन और पेशे से ऑटो रिक्शा ड्राइवर सतीश ने यात्रियों से 5 किलोमीटर सफर के लिए सिर्फ एक रुपये किराया लिया।

सतीश प्रभु ने बताया कि वह पिछले 25 वर्षों से ऑटो चला रहे हैं। ऐसा पहली बार नहीं है कि उन्होंने लोगों को ऑफर दिया है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैन हैं और उनके प्रधानमंत्री पद के एक साल पूरे होने पर उन्होंने यह ऑफर शुरू किया था। वह तीन साल से यह ऑफर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक मोदी सरकार के पांच साल पूरे होंगे, तब तक वह यह ऑफर देंगे।

उन्होंने बताया कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद जब एक साल पूरा हुआ तो उन्होंने दो दिनों तक लोगों को सब्सिडाइज्ड सर्विस दो दिनों तक दी थी। जब उनके कार्यकाल के दो साल हुए तो उनकी सब्सिडाइज्ड सर्विस तीन दिनों तक चली। तीन साल पूरे होने पर चार दिनों तक और अब चौथे साल वह पांच दिनों तक सब्सिडाइज्ड सर्विस देंगे।

सतीश ने कहा कि वह नरेंद्र मोदी के बहुत बड़े फैन हैं। वह इस लायक नहीं हैं कि उनके लिए बहुत कुछ कर सकें। वह अपने ऑटो में एक बॉक्स लगाते हैं और लोगों से उनके सिक्के उसी में डालने को कहते हैं। अगर लोगों के पास फुटकर पैसे नहीं होते हैं तो वह अपने पास से उन्हें सिक्के देकर बॉक्स में डालने को कहते हैं।

वह ये सिक्के एकत्र करके रखे हुए हैं। वह मोदी से मिलकर उन्हें इकट्ठा किए गए ये सिक्के भेंट करना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि अगली बार जब मोदी उडुपी आएं तो वह उनसे मिलें।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमो ऐप के जरिए मुद्रा योजना के लाभार्थ‍ियों से की बातचीत

मोदी सरकार ने अप्रैल 2015 में मुद्रा योजना की शुरुआत करते हुए देशभर में छोटे और मध्यम कारोबार शुरू करने के लिए लाखों करोड़ रुपये के आसान कर्ज बांटे। मंगलवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमो ऐप और वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए मुद्रा योजना के लाभार्थ‍ियों से रूबरू हुए।


‘वित्‍त मंंत्री तक फोन कर लोन दिलवाते थे’


मुद्रा योजना के लाभार्थ‍ियों से वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों में लोन उनको मिलता था, जिसकी पहचान होती थी। पिछली सरकारों में सीएम या वित्‍त मंत्री खुद फोन कर अपने पसंद के उद्यमियों को लोन दिलवाते थे। पीएम नरेंद्र मोदी के अनुसार इस देश में एक ऐसा समय था, जब वित्त मंत्री खुद फोन कर के बड़े उद्योगपतियों को लोन दिलवाने के लिये क्या कुछ नही करते थे, दूसरी तरफ एक छोटा उद्यमी साहूकारों का ब्याज देने के चक्कर में पूरी जिंदगी ब्याज के कर्ज में डूब जाता था। मुद्रा योजना ने ब्याजखोर लोगों से देश के युवा लोगों को बचाया है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों में राजनीतिक फायदों के लिए चलते थे लोन मेले। हम छोटे उद्यमियों को भी लोन देने के लिए मुद्रा योजना लेकर आए। मुद्रा योजना से आम लोगों के हुनर को पहचान मिली। मुद्रा योजना के 12 करोड़ लोगों में से 55% लोन देश के SC/ST/OBC समाज के युवाओं और महिलाओं को मिला है। मुद्रा योजना के तहत 6 लाख करोड़ रुपये लोन दिए गए।


सबसे ज्‍यादा लोन म‍हि‍लाओं और दलितों को

पीएम नरेंद्र मोदी ने दावा किया की मुद्रा योजना के तहत सबसे ज्‍यादा लोन महिलाओं, गरीब दलित लोगों को मिला है। मुद्रा योजना से युवाओं का पलायन रुका। लाभार्थ‍ियों से बातचीत करते हुए पीएम मोदी बोले कि मुद्रा योजना में बैंकों को सलाह दूंगा कि रिसर्च प्रोजेक्‍ट पर ज्‍यादा से ज्‍यादा लोन दें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि आजादी के बाद से ही हमारे देश में लाइसेंस राज की बीमारी हमने देखी है, लोन उसे मिलता था जिसकी पहचान होती थी, या नाम होता था, इस बहाने देश के मध्यम निम्न वर्ग को सिस्टम से बाहर खड़ा कर दिया गया, क्योंकि उसका ना नाम था, ना सिफारिश थी।

पिछली सरकारों में राजनीतिक फायदों के लिए चलते थे लोन मेले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार आज से 25 से 30 साल पहले पॉलिटिकल बैनिफिट के लिये लोन मेले चलते थे, और जो राजनैतिक लोग थे, उनके साथ चेले चपाटे, ठेकेदार, वोटबैंक की राजनीति, ये बैंकों से रुपये मार ले जाते थे। हमने ये सिस्‍टम बदला था। हमने न लोन मेले किये, ना बिचौलिये को जगह दी, देश के नौजवान, मातायें बहने, जो खुद कुछ कार्य करना चाहते हैं, हमने अपने छोटे उद्यमियों पर उनके बिजनेस स्किल पर भरोसा किया, मुद्रा योजना के तहत उन्हें लोन दिया गया, तकि वो अपना कारोबार खोल सके।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग की शुरुआत में कहा कि मुझे मुद्रा योजना के कुछ लाभार्थियों के साथ बात करने का अवसर मिला, उनके संघर्ष, अनुभव, तरक्की की कहानियां संतोष भी देती है और मन को गर्व से प्रफुल्लित भी करती हैं। हमने हमारे छोटे उद्यमियों पर भरोसा किया. मुद्रा योजना के तहत उनको लोन दिया गया ताकि वो अपना कारोबार कर सके। मुद्रा योजना से न केवल स्वरोज़गार के अवसर बने बल्कि ये अपने आप में जॉब-मल्टीप्लायर के रूप में काम कर रहा है।

’28 प्रतिशत लोन पहली बार कारोबार शुरू करने वाले लोगों को’

मुद्रा योजना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले कि कई बार सरकार के पास योजनाओं के लिये फंड होता है लेकिन उसका उपयोग नहीं होता, लेकिन मुद्रा एक ऐसी योजना है जिसमें लक्ष्य से अधिक लोन दिये गये हैं, और 28% लोन उन्हें दिये गये जिन्होंने पहली बार अपना काम शुरू किया है। बिना बैंक गारंटी, कम ब्याज दरों पर कर्ज मिलने पर युवा अपने शहर या गांवो में रहते ही अपने दम पर कोई ना कोई रोजगार शुरु करता, आज गरीब से गरीब व्यक्ति को मुद्रा लोन मिल रहा है, सामान्य व्यक्ति भी मुद्रा लोन की मदद से उद्यमी बन सकता है।

लाभार्थियों ने बताई सक्‍सेस स्‍टोरी


मुद्रा योजना लाभार्थ‍ी नासिक के हरि गणौर ठाकुर ने बताया कि इस योजना ने उनकी जिंदगी बदल दी। मुद्रा योजना लाभार्थ‍ी कर्नाटक के मंजुनाथ ने बताया कि उन्‍होंने सरकारी नौकरी की जगह मुद्रा योजना से लोन लेकर अपना बिजनेस शुरू किया। अब वह समय से लोन भी चुका रहे हैं और 4 लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं। मुद्रा योजना लाभार्थ‍ी असम के हृदय डेका ने बताया कि मुद्रा लोन लेकर उन्‍होंने अपने चाय के बिजनेस को आगे बढाया। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस पर कहा कि मतलब आप भी मेरे जैसे हो।

लोन लेकर भागने वालों पर निशाना

लाभार्थ‍ि‍यों की सक्‍सेस स्‍टोरी सुनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कि बड़े लोग लोन लेकर भागते हैं, गरीब लोग लोन चुकाकर सम्‍मान की जिंदगी जीना जानते हैं।

आपको बता दें कि मुद्रा योजना के तहत इस कर्ज को बांटने के पीछे सरकार की मंशा कारोबार को बूस्ट देने के साथ-साथ देश में रोजगार के नए संसाधन पैदा करना था।

वहीं आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के लाभार्थियों के साथ सीधी बातचीत के दौरान कहा था कि पिछली सरकार ने सिर्फ अमीरों को ही गैस कनेक्शन दिए जबकि यह कनेक्शन हमने गरीबों को दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उज्ज्वला योजना गरीबों, पिछड़े, दलित और आदिवासी समुदाय के लोगों के उत्थान का जरिया बनी है। सामाजिक सशक्तिकरण के लिए यह शुरुआत भर है। हमने उज्ज्वला योजना का लक्ष्य 5 करोड़ से बढ़ाकर 8 करोड़ किया है।

उन्होंने कहा था कि जिन 4 करोड़ लोगों को गैस कनेक्शन दिया गया उसमें करीब 45 फीसदी लोग दलित समुदाय से आते हैं। इस योजना के तहत करीब 4 करोड़ कनेक्शन गरीबी रेखा (बीपीएल) से नीचे आने वाले परिवारों को दिए गए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की वजह से देश की नारी शक्ति के सेहत में सुधार हो रहा है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हमारी सरकार ने 4 सालों में 10 करोड़ नए LPG कनेक्शन दिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (28 मई) को नमो ऐप के जरिए उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों से बात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘देश में LPG गैस की शुरुआत आज़ादी के बाद हो गयी थी, लेकिन साल 2014 तक 13 करोड़ परिवारों तक LPG गैस कनेक्शन पहुंचा था।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘पिछले चार वर्ष में ही हमारी सरकार ने 10 करोड़ नए LPG कनेक्शन दिए है। जितना काम 60-70 वर्ष में हमने लगभग उतना सिर्फ चार वर्षों में कर दिया।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि जल्द ही हम सभी परिवारों तक खाने बनाने के लिए LPG गैस कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रहे है।’

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि LPG का उपयोग बहुत सरल है, लेकिन सावधानी बरतना भी आवश्यक है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘लकड़ियों के लिए वनों का कटाव भी कम हुआ है। स्वच्छ ईंधन स्वस्थ भारत, ग्रामीण गरीब महिलाओं का सशक्तिकरण हुआ है और ये उन महिलाओं से बेहतर कौन बता सकता है जिन्होंने कई वर्ष चूल्हा फूकते-फूकते निकाल दिया।’

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झारखण्ड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच बड़ी योजनाओं का किया शिलान्यास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धनबाद के सिंदरी में झारखंड को 27212 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात दी। बलियापुर हवाई अड्डा में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में उन्होंने सूबे की पांच बड़ी योजनाओं का शिलान्यास किया। इन योजनाओं में सिंदरी फर्टिलाइजर प्लांट का पुनरुद्धार, पतरातू सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट, देवघर हवाई अड्डे का विकास, देवघर एम्स और रांची में पाइप लाइन से गैस वितरण परियोजना शामिल हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीसीएल के विस्थापितों को नियुक्ति पत्र भी सौंपा। उनके सामने राज्य में 250 औषधि केेंद्र खोलने को लेकर समझौता भी हुआ।


अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि साल 2014 के चुनाव के समय में उन्होंने सूबे की जनता से जो वादा किया था उसे वे विकास के माध्यम से सूद सहित लौटा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले चुनाव के दौरान वे कहते थे कि झारखंड के विकास के लिए डबल इंजन की जरुरत है। अब दिल्ली और रांची की सरकार लक्ष्य निर्धारित करके कैसे विकास किया जाता है इसका अनुभव जनता को करा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालिया निकाय चुनाव में बीजेपी की भारी जीत के लिए रघुवर सरकार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव का रिजल्ट बताता है कि जनता दिल्ली सरकार और झारखंड सरकार के प्रति क्या सोच रही है। उन्होंने कहा कि सूबे के विकास से पता चलता है कि दिल्ली सरकार झारखंड के लिए कितना सोचती है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 27 हजार करोड़ के पांच बड़े प्रोजेक्ट का शिलान्यस हुआ है। झारखंड की जनता हीरे पर बैठी हुई है। यही का कोयला, यहीं की बिजली। पतरातू पावर प्लांट से सूबे के आर्थिक विकास के साथ-साथ रोजगार के नये मौके पैदा होंगे।

बिजली का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वोटबैंक की सियासत में लगे लोगों को उपेक्षितों की फिक्र नहीं होती। हम सबका साथ, सबका विकास की सोच पर चलते हैं। तय समयसीमा से पहले देश के 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचा कर रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोग आज गांव-गांव जाकर चेक करते हैं कि बिजली पहुंची की नहीं।


वकौल पीएम 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाने के बाद सौभाग्य योजना के तहत 4 करोड़ घरों में बिजली पहुंचाई जाएगी। लोग कहते हैं कि मोदी अमीरों के लिए काम करता है। गांव में कौन अमीर रहता है। ये सवाल नामदारों से पूछता हूं, जो कामदारों की पीड़ा नहीं जानते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुताबिक 4 करोड़ में से 32 लाख घर झारखंड के हैं। इन घरों में बिजली पहुंचाने के लिए झारखंड सरकार काम कर रही है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि करीब 16 साल तक सिंदरी का कारखाना बंद था, जो अब जल्द चालू हो जाएगा। सिंदरी और घनबाद में प्रगति की भारी संभावना है। बरौनी, गोरखपुर, सिंदरी के कारखाना चालू होने के बाद पूर्वी भारत में कृषि क्रांति में इससे काफी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के चलते देश में यूरिया चोरी बंद हुई। किसानों को इसके लिए कतार में नहीं खड़ा होना पड़ता है। लाठी नहीं खानी पड़ती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिक्र किया कि देश के 70 जिलों में पाइप लाइन से गैस पहुंचाने का काम जारी है। पाइप लाइन से गैस पहुंचाने की योजना से रांची देश की शहरों में शुमार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि दे‌वघर एम्स से क्षेत्र के लोगों को इलाज के लिए दिल्ली एम्स नहीं जाना होगा। देवघर में बाबा मंदिर होने के चलते वहां पर्यटन की अपार संभावना है। एयरपोर्ट के एक्सटेंशन से इस दिशा में लाभ मिलेगा। पर्यटन मंत्रालय भी देवघर को लेकर गंभीर है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारा सपना है कि हवाई चप्पल पहने वाला भी हवाई जहाज में सफर करे। पिछले साल रेलवे की एसी बोगी से ज्यादा लोगों ने हवाई जहाज में सफर किया। बतौर पीएम आजादी के 75 साल यानी 2022 तक देश में कोई गरीब बिना घर के ना रहे ये हमारा लक्ष्य है।

पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा मंच पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री रघुवर दास, केद्रीय मंत्री आरके सिंह, अश्विनी चौबे और सुदर्शन भगत सहित राज्य के मंत्री, स्थानीय सांसद व विधायक मौजूद थे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया बांग्लादेश भवन का उद्घाटन, सांस्कृतिक​ रिश्तों का प्रतीक बताया

विश्व भारती विश्वविद्यालय के 49वें दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को शांति निकेतन में बांग्लादेश भवन का उद्घाटन किया। भवन के उद्घाटन के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘भारत-बांग्लादेश के बीच सांस्कृतिक बंधनों का प्रतीक है बंग्लादेश भवन।’


पीएम नरेंद्र मोदी के संबोधन की खास बातें

आने वाली पीढ़ियां वे चाहे बांग्लादेश की हों या फिर भारत की, वे इन समृद्ध परंपराओं, इन महान आत्माओं के बारे में जानें और समझें, इसके लिए हम प्रयासरत हैं। हमारी सरकार के सभी सम्बन्धित अंग इस काम में लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा , ‘भारत और बांग्लादेश सहयोग और आपसी समझ से जुड़े दो भिन्न देश हैं। चाहे उनकी संस्कृति हो या लोकनीति, दोनों देशों के लोग एक दूसरे से बहुत कुछ सीख सकते हैं।’ पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि बांग्लादेश भवन इसका एक उदाहरण है। केंद्रीय विश्वविद्यायल के आचार्य अथवा चांसलर मोदी ने इस मौके पर शेख हसीना के साथ बांग्लादेश भवन का उद्घाटन किया।


भारत और बांग्लादेश के बीच सांस्कृतिक संबंधों के प्रतीक इस भवन का निर्माण विश्वविद्यालय परिसर में बांग्लोदश ने किया है। युवकों के मस्तिष्क को निखारने में विश्वभारती के योगदान की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि वह टैगोर की भूमि पर पहुंचकर रोमांचित हुए। उन्होंने कहा, ‘मंच पर आते समय मैं सोच रहा था कि यह रवींद्रनाथ टैगोर की भूमि है। यहीं कहीं उन्होंने रचनाएं लिखीं, गीत लिखे और महात्मा गांधी के साथ विमर्श किया और अपने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।’


केंद्र की मदद से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में विश्वविद्यालय की भूमिका की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मुझे बताया गया कि आप 50 गांवों का विकास कर रहे हैं। आप साल 2021 तक, जब विश्वविद्यालय के सौ साल पूरे हो जाएंगे, 50 और गांवों का विद्युत आपूर्ति, गैस कनेक्शन और ऑनलाइन विनिमय के साथ विकास करने का संकल्प ले सकते हैं।’

इस मौके पर उन्होंने उनके बड़े भाई सत्येंद्रनाथ टैगोर के गुजरात संपर्क की भी चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘सिविल सेवा से जुड़ने वाले पहले भारतीय सत्येंद्र नाथ टैगोर अहमदाबाद में तैनात थे। 17 साल की उम्र में विदेश जाने से पहले गुरुदेव ने छह महीने के लिए अपने भाई से ट्यूशन लिया। अहमदाबाद में रहने के दौरान उन्होंने एक उपन्यास लिखा और कई कविताएं लिखीं।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘125 करोड़ लोगों ने साल 2022 तक नये भारत का निर्माण करने का संकल्प ले लिया है। यह सपना शिक्षा के माध्यम से हासिल किया जा सकता है और उसके लिए विश्वभारती जैसे संस्थान को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। इस विश्वविद्यालय के स्नातक भारत के विकास में योगदान देंगे, उसे एक नयी दिशा देंगे।’

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दीक्षांत समारोह में बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गुरुदेव के विचार विश्वभारती की आधारशिला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के शांति निकेतन में विश्व भारती विश्वविद्यालय के 49वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। यहां पीएम नरेंद्र मोदी ने ना सिर्फ छात्रों को संबोधित किया, बल्कि शांति निकेतन में बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना के साथ मिलकर बांग्लादेश भवन का उद्घाटन भी किया। इस मौके पर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और बांग्लादेश दो अलग देश हैं जो सहयोग एवं आपसी सहयोग से जुड़ें हैं। चाहे उनकी संस्कृति हो या लोकनीति, दोनों देशों के लोग एक दूसरे से बहुत कुछ सीख सकते हैं। बांग्लादेश भवन इसका एक उदाहरण है।’ बता दें कि मोदी ने शेख हसीना के साथ बांग्लादेश भवन का उद्घाटन किया, जो ‘भारत और बांग्लादेश के बीच सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है।’ वहीं, बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना ने कहा कि रबींद्रनाथ टैगोर ने सबसे अधिक रचनाएं बांग्लादेश में की है, इस तरह से बांग्लादेश का उन पर ज्यादा अधिकार बनता है।


दीक्षांत समारोह के संबोधन के शुरुआत में पीएम नरेंद्र मोदी को माफी मांगनी पड़ी। उन्होंने कहा कि “मैं विश्व भारती के कुलाधिपति के रूप में आपसे क्षमा मांगता हूं। जब मैं यहां आ रहा था, कुछ छात्रों की भावभंगिमा ने मुझे पेयजल की कमी के बारे में बता दिया। मैं इस असुविधा के लिए आपसे क्षमा मांगता हूं।” इसके बाद उन्होंने अपने भाषण में छात्रों से कहा कि वे सभी इस समृद्ध विरासत के वारिस हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चाहे सड़क हो, रेल हो या अंतर्देशीय जलमार्ग हों, या फ़िर कोस्‍टल शिपिंग, हम कनेक्टिविटी के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। सन 1965 से बंद पड़ी कनेक्टिविटी की राहें एक बार फ़िर खोली जा रही हैं, और कनेक्टिविटी के नए आयाम भी विकसित हो रहे हैं।


पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आने वाली पीढ़ियां वे चाहे बांग्लादेश की हों या फिर भारत की, वे इन समृद्ध परंपराओं, इन महान आत्माओं के बारे में जानें और समझें, इसके लिए हम प्रयासरत हैं। हमारी सरकार के सभी सम्बन्धित अंग इस काम में लगे हैं।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दूसरे देशों के लोग कैसे रहते हैं, उनके सामाजिक, सांस्कृतिक मूल्य क्या हैं, इस बारे में जानने पर वो हमेशा जोर देते थे। लेकिन इसी के साथ वो ये भी कहते थे कि भारतीयता नहीं भूलनी चाहिए। शिक्षा तो व्यक्ति के हर पक्ष का संतुलित विकास है जिसको समय और स्थान में बांधा नहीं जा सकता है। गुरुदेव चाहते थे कि भारतीय छात्र बाहरी दुनिया में भी जो कुछ हो रहा है, उससे परिचित रहें।


उन्होंने कहा कि गुरुदेव मानते थे कि हर व्यक्ति का जन्म किसी ना किसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए होता है। प्रत्येक बालक अपनी लक्ष्य-प्राप्ति की दिशा में बढ़ सके, इसके लिए उसे योग्य बनाना शिक्षा का महत्वपूर्ण कार्य है। वो कहते थे कि शिक्षा केवल वही नहीं है जो विद्यालय में दी जाती है।


दुनिया के अनेक विश्वविद्यालयों में टैगोर आज भी अध्ययन का विषय हैं। गुरुदेव पहले भी Global Citizen थे और आज भी हैं। मैं जब तजिकिस्तान गया था, तो वहां गुरुदेव की एक मूर्ति का लोकार्पण करने का अवसर मिला था। गुरुदेव के लिए लोगों में जो आदरभाव मैंने देखा था, वो आज भी याद है।


गुरुदेव के विजन के साथ-साथ न्यू इंडिया की आवश्यकताओं के अनुसार हमारी शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत है। इस बजट में RISE के तहत अगले चार साल में देश के शिक्षा तंत्र को सुधारने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।


उन्होंने कहा कि यहां हमारे बीच में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना जी भी मौजूद हैं। भारत और बांग्लादेश दो राष्ट्र हैं, लेकिन हमारे हित एक दूसरे के साथ समन्वय और सहयोग से जुड़े हैं। Culture हो या फिर Public Policy हम एक दूसरे से बहुत-कुछ सीखते हैं। इसी का एक उदाहरण बांग्लादेश भवन है।


यहां मैं एक अतिथि नहीं बल्कि एक आचार्य के नाते आपके बीच में आया हूं। यहां मेरी भूमिका इस महान लोकतंत्र के कारण है। उन्होंने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि गुरुदेव रबिन्द्रनाथ टैगोर की इस पवित्र भूमि में इतने आचार्यों के बीच मुझे आज कुछ समय बिताने का समय मिला है।


इस विश्वविद्यालय को नोबल पुरस्कार विजेता रबींद्रनाथ टैगोर ने पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोलपुर में बनवाया था। खबरों के मुताबिक, अपर्याप्त पेयजल आपूर्ति की वजह से कुछ छात्र बीमार पड़ गए। इस दौरान मोदी की बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के.एन. त्रिपाठी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद रहे।

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चार साल पुरे होने पर मोदी सरकार का नया नारा, ‘साफ नियत, सही विकास’

26 मई को नरेंद्र मोदी सरकार अपने चार साल पूरे कर रही है। इसके साथ ही सरकार अपने शासन के पांचवें और अंतिम साल में प्रवेश कर जाएगी। चार साल पूरे होने के मौके पर सरकार अपनी उपलब्धियों का खाका तैयार करने में लगी है। इसको लेकर सरकार ने नया नारा दिया है, ‘साफ नियत, सही विकास’.

देश के हर क्षेत्र और तबके के विकास को मोदी सरकार चार साल की सबसे बड़ी उपलब्धि मानती है और इसी को केंद्र में रखकर सरकार ने नया नारा ‘साफ नियत, सही विकास ‘ तैयार किया है। नारे से साफ़ है कि मोदी सरकार अपनी साफ छवि को जनता के सामने बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश करना चाहती है।

सूत्रों के मुताबिक सीधे पीएमओ ने ये नारा तैयार कर सभी मंत्रालयों को निर्देश दिया है कि अपनी अपनी उपलब्धियों की सूची इसी के दायरे में तैयार किया जाए। मंत्रालयों से कहा गया है कि उनकी फ्लैगशिप योजनाओं से जिन लोगों को लाभ मिला है, उन लाभार्थियों का ब्यौरा भी अपनी उपलब्धियों में शामिल करें। इस मुद्दे पर कल कैबिनेट की बैठक में भी चर्चा हुई। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मंत्रियों के साथ चार साल पूरा होने पर होने वाले कार्यक्रमों की समीक्षा की।

मिली जानकारी के मुताबिक, कई मंत्रालय अपने कामकाज की रिपोर्ट में 48 सालों तक चली कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों और 48 महीनों की मोदी सरकार की उपलब्धियों का तुलनात्मक आंकड़ा पेश करेंगे।

माना जा रहा है कि इसमें एक राजनीतिक सन्देश भी छिपा होगा। उदाहरण के लिए, एक मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में आधिकारिक नारे के साथ-साथ ’48 Years – Family First , 48 months – Nation First’ के ज़रिए न सिर्फ अपनी उपलब्धियां गिनवाईं हैं, बल्कि सीधे तौर पर गांधी परिवार पर हमला भी किया है।