दुनिया के महान विद्वानों और जानकारों का कहना है कि दुनिया में होने वाला तीसरा विश्व युद्ध, आर्थिक कारणों के वजह से नहीं बल्कि जल संसाधनों पर अधिकार को लेकर होगा। दिनों-दिन पीने योग्य पानी की कमी होती जा रही है, भारत के कई इलाकों में जल स्तर बहुत गिर गया है और लोग, एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं इसलिए ही जल संरक्षण के लिए देश में कई कार्यक्रमों का आयोजन शुरू हो चुका है।
श्री ब्रह्मा, एक भूरणनीतिविद हैं और ये पर्यावरण को लेकर कई बार लेख भी लिखते हैं, इनके हाल ही के एक लेख में, इन्होंने उल्लेख किया कि, एशिया में नीति निर्धारकों को जल पर होने वाले संघर्ष को ध्यान में रखकर नीतियों का निर्माण करना चाहिए। सही मात्रा में बारिश न होने के कारण जमीन को पानी नहीं मिल पाता है और जल स्तर गिरता जाता है। लेकिन इस पर नीति निर्धारकों का कोई ध्यान नहीं जाता है और वो आर्थिक लाभ की दृष्टि से नीतियों को बनाते हैं।
जल संरक्षण की दिशा में मोदी सरकार ने की और जून 2015 में जल संसाधन,नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने जल क्रांति अभियान (जेकेए) को छेड़ दिया। इस अभियान के तहत पूरे देश में पानी बचाओ अभियान को शुरू किया गया। जल संरक्षण करके हम सूखे की स्थिति से निपट सकते हैं और आने वाले समय में जल के संकट से भी जूझ लेंगे।
जल संरक्षण जीवन के लिए काफी जरूरी
जल संसाधन मंत्रालय के माध्यम से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस अभियान की शुरूआत की और लोगों से आह्वान किया कि वो जल संरक्षण में अपनी अहम भूमिका निभाएं।
जल क्रांति अभियान की खास बातें
जल क्रांति अभियान के तहत की जाने वाली गतिविधियों में, जल ग्राम योजना, आधुनिक कमान क्षेत्र का विकास; प्रदूषण नियंत्रण; अन्य संबंधित गतिविधियों के साथ-साथ बड़े पैमाने पर जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं। जल क्रांति अभियान के अंतर्गत, जल ग्राम योजना, एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है। जल संसाधन मंत्रालय (जल संसाधन मंत्रालय) ने 1348 के कुल लक्ष्यों में से 1027 गांवों (जल ग्राम) को पहचाना। इस संदर्भ में, प्रशासनिक पहल को पहले ही शुरू कर दिया गया और राष्ट्रीय स्तर के सलाहकार एंव निगरानी समिति को भी राज्य स्तर समितियों के रूप में गठित किया गया। देश के विभिन्न इलाकों में एक दिवसीय कार्यशाला-सह-प्रशिक्षण का आयोजन भी किया गया।
कई संसाधनों को तैयार किया जायेगा
देश के प्रत्येक जल ग्राम के लिए एक व्यापक एकीकृत विकास योजना को संसाधनों से संदर्भित उपलब्ध डेटा के आधार पर ब्लॉक स्तर समिति के द्वारा तैयार किया जाएगा। परियोजना के अनुसार, गांव में पानी की उपलब्धता और मात्रा को लाया जाएगा। जल संरक्षण के लिए संसाधनों को तैयार किया जाएगा।
जल उपभोक्ता संघों को प्रोत्साहन मिलेगा
वास्तव में, जल ग्राम योजना के तहत, स्थानीय किसानों, व्यापारियों और जल उपभोक्ता संघों को प्रोत्साहन मिलेगा और उनकी समस्याओं का अंत होगा, वो लाभान्वित होंगे। जिला स्तरीय समिति के द्वारा अनुमोदित योजना, सम्बंधित विभाग के द्वारा व्यक्तिगत योजनाओं के गठन के आधार पर होगा। कृषि, स्वच्छता, शहरी और ग्रामीण विकास, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, मंत्रालय और पंचायती राज,आदि, चयन और योजना के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर सहयोगी होंगे।
कार्य के प्रदर्शन का मूल्यांकन
इस योजना के तहत किए जाने वाले कार्य के प्रदर्शन का मूल्यांकन, जिला स्तरीय समिति के द्वारा किया जाएगा। पानी की समस्या की स्थिति की समीक्षा भी एकत्रित बेस लाइन जानकारी के साथ की जाएगी। जल क्रांति अभियान एक राज्य में लगभग 1000 हेक्टेयर की मॉडल कमान एमसीए में चलाया जा रहा है और इसे देश के हर भाग में चलाया जा रहा है।
प्रदूषण नियंत्रण पर भी जोर
जल क्रांति अभियान में प्रदूषण नियंत्रण पर भी जोर दिया जाता है ताकि पानी के संरक्षण पर जोर दिया सकें। साथ ही इस योजना में आर्टिफिशियल रिचार्ज की अवधारणा को भी सामने लाया गया, जिसके अंर्तगत, प्राकृतिक रूप से मिलने वाले जल को इस प्रकार संचित करना कि बाद में उसका इस्तेमाल किया जा सकें।
लेकिन अगर जल का संचय करना है तो भूमि साफ और कचरामुक्त होनी चाहिए और कचरे मुक्त भूमि के लिए प्रदूषण पर नियंत्रण करना होगा। साथ ही आर्सेनिक और फ्लोराइड मुक्त कुओं व जल स्त्रोतों को बनाने पर जोर दिया गया, क्योंकि ये दो रसायन भूमि को बेकार कर देते हैं। कार्यक्रम के तहत आर्सेनिक फ्री कुओं के निर्माण पर जोर दिया जाएगा, ताकि जल का संचय किया जा सके।
जन जागरूक अभियान
अभियान के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक, सोशल मीडिया सहित रेडियो, टीवी और अन्य उपलब्ध मीडिया के माध्यम से जानकारी, शिक्षा और संचार की सतत्योजना के तहत समाज के प्रत्येक खंड की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए समस्याओं और समाधानों को सुनने के लिए डिजाइन किया गया जन जागरूक अभियान का कार्यक्रम है। जल संसाधन मंत्रालय ने इसके लिए विभिन्न योजनाओं को तैयार किया, वेबसाइट का निर्माण किया, फेसबुक पर पेज बनाया और ट्वीटर एकाउंट भी खोला। जल क्रांति अभियान, राज्यों को राज्य जल नीति को सही से अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है और राष्ट्रीय जल नीति को भी ध्यान में रखने का आह्वान करता है।
सरकार उठायेगी सारा खर्चा
जल क्रांति अभियान का व्यय, मनरेगा, प्रधानमंत्री कृषि योजना, राष्ट्रीय जल मिशनों, बांध पुनर्वास और सुधार परियोजनाओं आदि और अन्य संबंधित परियोजनाओं और योजनाओं के कार्यान्वयन के रूप केन्द्रीय / राज्य सरकारों के मौजूदा योजनाओं से पूरा किया जाएगा।