प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बिहार में 12000 हॉर्सपावर (एचपी) के बिजली के रेल इंजन को हरी झंडी दिखाई। इतनी ताकत वाला यह देश का पहला रेल इंजन है। अब भारत भी चीन, जर्मनी और स्वीडन समेत उन देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है, जिनके पास 12,000 एचपी या इससे ज्यादा की क्षमता वाले रेल इंजन हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर मधेपुरा ग्रीनफील्ड इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव फैक्ट्री का भी इनॉगरेशन किया। बता दें कि भारतीय रेलवे के पास अभी तक सबसे ज्यादा क्षमता वाला 6000 एचपी का रेल इंजन था।
PM @narendramodi at the National Convention of Swachhagrahis, launching several development projects at Motihari pic.twitter.com/omYRSwU32u
— PIB India (@PIB_India) April 10, 2018
मधेपुरा में 11 साल में 800 इंजन बनेंगे
मधेपुरा का लोकोमोटिव फैक्ट्री रेल क्षेत्र में पहला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रोजेक्ट है। इसके लिए साल 2015 में भारत और फ्रांस सरकार के बीच करार हुआ था। इस प्रोजेक्ट में फ्रांस की मल्टीनेशनल कंपनी एल्सटॉम की 74 फीसदी और इंडियन रेलवे की 26 फीसदी हिस्सेदारी है। 250 एकड़ में बनी फैक्ट्री के लिए एल्सटॉम ने 1200 करोड़ रुपए का निवेश किया है। एल्सटॉम के मुताबिक, फैक्ट्री की क्षमता हर साल करीब 120 इंजन बनाने की है। अगले 11 साल में यहां 800 इंजन बनेंगे, जो भारतीय रेल सिस्टम में शामिल होंगे। मधेपुरा रेल इंजन फैक्ट्री में साल 2019-20 में करीब 35 और साल 2020-21 में 60 इंजन बनेंगे। इसके बाद यह फैक्ट्री हर साल करीब 100 इंजन बनाएगी और 11 साल में 800 रेल इंजन बनाकर टारगेट पूरा करेगी। इस फैक्ट्री में रेल इंजन के लिए टेस्टिंग ट्रैक भी बनाए गए हैं।
सबसे ताकतवर इंजन की रफ्तार 120 Kmph
मधेपुरा में बना इंजन 12000 हॉर्सपावर का है। इसमें एबीबी ट्रांसफॉर्मर लगाया गया है। यह ट्रेन को 120 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम रफ्तार देगा। इतनी रफ्तार को संभालने के लिए ट्रेन में क्नोर-ब्रेम्से ब्रेकिंग सिस्टम लगा है। इस इंजन से माल ढुलाई के लिए बने पूर्वी कॉरिडोर की प्रोडक्टिविटी दो गुनी होने का अनुमान है। ऐसा कहा जा रहा है कि मालगाड़ियों की स्पीड 60 किमी/घंटे से 120 किमी/घंटे हो जाएगी। इसके साथ भारी सामान ढोने वाली ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ेगी। 12 हजार हॉर्स पावर के इंजन वाली मालगाड़ी से 9 हजार टन सामान ढोया जा सकेगा। रेलवे के एक अफसर के मुताबिक, इसका इस्तेमाल कोल और भारी समानों की ढुलाई में होगा।
एक इंजन की लागत 25-30 करोड़ रुपए
मधेपुरा में बने रेल फैक्ट्री प्रोजेक्ट की लागत 1300 करोड़ रुपए है। रेल इंजन के मेंटेनेंस के लिए उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और महाराष्ट्र के नागपुर में मेंटेनेंस डिपो भी बनाए जाएंगे। यहां बनने वाले रेल इंजन की औसत लागत 25-30 करोड़ रुपए है। पहले कुछ इंजन के लिए कवर बॉडी फ्रांस से इम्पोर्ट की गई। बाद में इसे भी मधेपुरा में ही बनाया जाएगा। एल्सटॉम के अनुसार इस फैक्ट्री से 10 हजार से अधिक लोगों को जॉब मिलेगा।
इन योजनाओं की भी शुरुआत की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इनके अलावा कटिहार-दिल्ली हमसफर एक्सप्रेस का शुभारंभ किया। मुजफ्फरपुर-सुगौली-वाल्मीकिनगर रेलखंड के दोहरीकरण का शिलान्यास किया। सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह कार्यक्रम में शामिल होने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोतिहारी से नगर विकास की पांच योजनाओं को शुरू किया। इनमें सैदपुर सीवरेज नेटवर्क, पहाड़ी एसटीपी, पहाड़ी सीवरेज सिस्टम जोन चार और पहाड़ी सीवरेज सिस्टम जोन पांच के साथ-साथ मोतिहारी स्थित मोतीझील के जीर्णोद्धार की योजना भी शामिल हैं।