गुरुवार 14 फ़रवरी को CRPF जवानों पर हुए पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कायराना हमले के बाद से भारतीय उपमहाद्वीप की परिस्थितियां बहुत हद तक बदल गई है। जहाँ एक तरफ पूरे भारत में इस हमले के बाद लोगों में पाकिस्तान के प्रति बहुत गुस्सा है वहीं शहीद हुए जवानों के परिवारों के लिए संवेदना भी है। एक तरफ जहाँ देश के कोने कोने में पाकिस्तान के विरुद्ध प्रदर्शन हो रहे हैं वहीं साथ ही साथ देश भर से शहीद हुए जवानों के परिवार के लिए आर्थिक सहायता भी आ रही है। देश का ये ज़ज़्बा बताता है की हमारे बीच चाहे जितनी भी समस्या हो हमारी एकता को कोई बाहरी ताकत नुकसान नहीं पहुंचा सकता है।
बहरहाल अगर इस आतंकी हमले के बाद की स्थितियों पर गौर करें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार हर तरफ से पाकिस्तान पर दवाब बनाने की रणनीति पर आगे बढ़ रही है। एक तरफ विश्व समुदाय में पाकिस्तान को अलग थलग करने के लिए बहुत सारे देशों के उच्चायुक्तों के साथ बैठके की गई हैं साथ ही साथ आर्थिक चोट पहुंचाने के लिए पाकिस्तान से “मोस्ट फेवर्ड नेशन” का दर्जा छीन लिया गया है। साथ ही साथ पाकिस्तान को निर्यात की जाने वाली सभी 137 चीजों पर निर्यात शुल्क 200% बढ़ा दिया गया है।
पाकिस्तान से सिर्फ भारत ही परेशान नहीं है बल्कि दो और पड़ोसी देश इनके कृत्यों से परेशान हैं। इन दो देशों में शामिल हैं ईरान और अफग़ानिस्तान। ये दोनों ही देश भारत के अच्छे दोस्त हैं और दोनों ही पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंक के भुक्तभोगी भी हैं। हाल ही में ईरान में भी वैसा ही आतंकी हमला हुआ जैसा पुलवामा में हुआ था। इस हमले से ईरान भी पाकिस्तान से बहुत नाराज़ है और सबक सिखाने की बात कर रहा है। ऐसे में हो सकता है की पीएम मोदी जी की सरकार इन दोनों मित्र देशों के साथ मिल कर पाकिस्तान की घेराबंदी करें।
हालांकि भारत अब इतना कुशल राष्ट्र हो गया है की वो खुद भी अपने मुद्दे हल कर सकता है। साल 2016 में आतंकियों द्वारा किये गए उरी हमले के बाद भारत ने इसका नमूना विश्व को दिखाया भी था जब सर्जिकल स्ट्राइक के तहत पाकिस्तान सीमा में घुस कर कई आतंकी लांच पैड्स को नेस्तनाबूद कर दिया गया था।
वैसे ख़बरों के अनुसार इस बार पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी सीमा से लगे सभी आतंकियों के लॉन्च पैड्स को खुद पाकिस्तान ने डर कर हटा लिए हैं। इसके बावजूद भारत ने अपना काम शुरू कर दिया है और इसका पहला असर सोमवार सुबह देखने को मिला जब कश्मीर के पुलवामा में छुपे आतंकियों को सेना ने मार गिराया। ये तो बस शुरुआत है और जल्द ही CRPF जवानों की शहादत का बदला भारतीय सेना पीएम मोदी जी के नेतृत्व में ले लेगी।