Monthly Archives: December 2016

डिजिटल पेमेंट जीवनशैली बने, बीजेपी संसदीय दल की बैठक में बोले पीएम मोदी

संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के संसदीय दल की बैठक को संबोधित किया. बैठक की जानकारी देते हुए संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने बताया कि बैठक में पीएम ने डिजिटल अर्थव्‍यवस्‍था पर जोर दिया!

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पीएम ने डिजिटल पेमेंट को जीवनशैली बनाने की बात की और कहा कि इससे काले धन और भ्रष्‍टाचार से मुक्ति मिलेगी. उन्‍होंने कहा कि डिजिटल अर्थव्‍यवस्‍था अपनाने से देश में भ्रष्‍टाचार खत्‍म होगा. पीएम ने कहा कि किसी भी दल से देश बड़ा है लेकिन कांग्रेस के लिए देश से बड़ा दल है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पहले की सरकार के समय घोटाले होते थे और विपक्ष इसका विरोध करता था, लेकिन इस सरकार ने कालाधन को समाप्त करने का मिशन आगे बढ़ाया है तो विपक्ष इसका विरोध कर रहा है. भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले की सरकार (यूपीए) के समय घोटाले होते थे और विपक्ष इसका विरोध करता था. लेकिन अभी की सरकार (एनडीए) ने कालाधन को समाप्त करने का मिशन आगे बढ़ाया है और विपक्ष इसका विरोध कर रहा है.

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार के अनुसार प्रधानमंत्री ने लोगों से अपनी जीवनशैली के रूप में डिजिटल अर्थव्यवस्था का उपयोग करने का आग्रह किया जो भ्रष्टाचार और कालाधन को समाप्त करने में कारगर होगा. मोदी ने कहा, ‘इससे लेनदेन प्रभावी और पारदर्शी बनेगा.’ प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि इससे पहले, विपक्षी दल 2जी, कोलगेट जैसे घोटालों को लेकर सरकार के खिलाफ लामबंद होते थे लेकिन अब विपक्ष कालेधन और भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए सरकार के प्रयास के खिलाफ एकजुट है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए पार्टी का हित देशहित से ऊपर है लेकिन भाजपा के लिए देश हित सर्वोच्च है. भाजपा संसदीय दल की बैठक में कालाधन के मामलों को देखने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने में पूर्ववर्ती सरकार की विफलता का विषय भी उठा. कुमार ने अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बांग्लादेश मुक्ति संग्राम से जुड़ा विजय दिवस है और उस समय विपक्ष ने इसका कोई सबूत नहीं मांगा था लेकिन आज सबूत मांगे (सेना के अभियान के बारे में) जा रहे हैं.

संसद का शीत सत्र हुआ बेकार
संसद के शीतकालीन सत्र में नोटबंदी के मुद्दे पर हंगामे के बीच कोई कामकाज नहीं हो सका. एक माह के इस सत्र के समापन से एक दिन पहले गुरुवार को भी संसद के दोनों सदनों में हंगामे का ही वर्चस्व रहा. कोई कामकाज न हो सका. सत्तापक्ष और विपक्ष, दोनों के सदस्य नोटबंदी, भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दों को लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे.

निचले सदन लोकसभा में विपक्ष नोटबंदी पर और सत्तापक्ष अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे पर चर्चा की मांग करता रहा. दोनों सदनों में लगातार हंगामे से भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को गुस्सा आ गया और उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि वह संसद से इस्तीफा दे दें, क्योंकि यह कभी खत्म न होने वाला ‘नरक’ बना हुआ है. उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से कहा कि वह लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को सूचित कर दें कि उन्हें शुक्रवार को आठ नवंबर की नोटबंदी पर चर्चा सुनिश्चित करनी चाहिए. हालांकि यह बात आडवाणी ने संसद की कार्यवाही स्थगित हो जाने के बाद कही.

सुषमा स्वराज ‘ग्लोबल थिंकर्स’ की लिस्ट में शामिल, पीएम मोदी ने कहा- ‘अपनी मेहनतकश मंत्री पर गर्व’

‘फॉरेन पॉलिसी’ पत्रिका की ओर से तैयार की गई ‘ग्लोबल थिंकर्स ऑफ 2016’ सूची में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का नाम शामिल होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को उन्हें बधाई दी!

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सुषमा स्वराज को ‘डिसीजन मेकर्स’ की श्रेणी में अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार रहीं हिलेरी क्लिंटन, संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और अमेरिकी अटॉर्नी जनरल लॉरेटा लिंच समेत अन्य के साथ जगह दी गई है.

‘फॉरेन पॉलिसी’ ने कहा, ‘यमन से भारतीयों को सुरक्षित निकालने से लेकर खो चुके पासपोर्ट के बदले नया पासपोर्ट दिलाने में मदद करने तक…सुषमा ने ट्विटर का अति सक्रियता से इस्तेमाल कर अपने लिए ‘दि कॉमन ट्वीपल्स लीडर’ का नाम कमाया है.’ गौरतलब है कि माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर सक्रिय लोगों को ट्वीपल कहा जाता है.

पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘हमारी मेहनतकश विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को फॉरेन पॉलिसी ग्लोबल थिंकर्स सूची 2016 का हिस्सा बनते देखकर बहुत गर्व हो रहा है. बधाई.’

परोपकार का काम करने वाले दंपति अनुपमा और विनीत नायर उन भारतीयों में शामिल हैं, जिन्हें फॉरेन पॉलिसी पत्रिका द्वारा तैयार की गई साल 2016 की ग्लोबल थिंकर्स लिस्ट में जगह दी गई है. जिन अन्य भरतीयों को सूची में जगह दी गई है उसमें नीतेश कादयान, निखिल कौशिक और ग्रैविकी लैब्स के अनिरूद्ध शर्मा और इम्यूनोलॉजिस्ट गुरशरण प्रसाद तलवार शामिल हैं. तलवार ने एक ऐसा टीका विकसित किया है, जो अगले तीन साल में कुष्ठ रोग की दर 65 फीसदी तक घटा सकता है!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे 10 ताकतवर लोगों में शामिल, पुतिन नंबर 1 : फोर्ब्स

प्रतिष्ठित फोर्ब्स पत्रिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया के 10 सबसे ताकतवर लोगों की सूची में शामिल किया है. विश्व के सबसे ताकतवर 74 लोगों की सूची में पीएम मोदी नौवें स्थान पर हैं. फोर्ब्स ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री 1.3 अरब की जनसंख्या वाले देश में अब भी बहुत अधिक लोकप्रिय हैं!

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को लगातार चौथी बार इस सूची में शीर्ष स्थान पर रखा गया है, वहीं अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का स्थान उनके बाद है.

इस लिस्ट में जर्मनी की चांसलर एजेंला मर्केल तीसरे स्थान पर हैं. चौथे स्थान पर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग हैं, जबकि पोप फ्रांसिस पांचवें नंबर पर हैं. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की प्रमुख जेनेट येलेन फोर्ब्स की सबसे ताकतवर लोगों की सूची में छठे नंबर पर हैं. बिल गेट्स लिस्ट में 7वें स्थान पर हैं. गूगल के सह-संस्थापक लैरी पेज आठवें नंबर पर हैं.

पिछले साल इस सूची में दूसरे नंबर पर रहने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का इस बार सूची में 48वां नंबर है. अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में उनका कार्यकाल कुछ हफ्ते ही बचा है. इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका की सत्ता संभालेंगे.

इस समय सिस्टम से कालाधन पूरी तरह खत्म करना मेरी प्राथमिकताओं में काफी ऊपर : पीएम नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उन्होंने देश की व्यवस्था को कालाधन और भ्रष्टाचार से मुक्त करने के काम को अपने एजेंडे में काफी ऊंचे स्थान पर रखा है. मोदी ने साथ में यह भी कहा कि सरकार देश में रोजगार और स्व-रोजगार के अवसरों के सृजन में तेजी लाने के प्रयास कर रही है!

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मोदी ने कुआलालंपुर में आयोजित ‘इकोनामिक टाइम्स एशियन बिजनेस लीडर्स कानक्लेव 2016’ को वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिये संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘भारत फिलहाल आर्थिक बदलाव से गुजर रहा है… हम अब डिजिटल और नकद रहित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं.’’ सम्मेलन को मलेशियाई समकक्ष नजीब रज्जाक ने भी संबोधित किया.

‘अधिक-से-अधिक एफडीआई आकर्षित करने के लिये कई पहल’
देश में 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर पाबंदी के आठ नवंबर अपने फैसले के संदर्भ में मोदी ने कहा, ‘‘इस समय कालाधन तथा भ्रष्टाचार से व्यवस्था को मुक्त करने का काम मेरे एजेंडे में बहुत ऊपर है.’’ उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक प्रक्रिया ऐसी गतिविधयों की ओर आगे बढ़ी हैं जो रोजगार या स्व-रोजगार के अवसर सृजित करने के लिये महत्वपूर्ण हैं.

प्रधानमंत्री ने उपस्थित लोगों से कहा कि अधिक-से-अधिक एफडीआई आकर्षित करने के लिये कई पहल किये गये हैं और इस दिशा में उठाये गये विभिन्न कदमों का जिक्र किया. उन्होंने यह भी कहा कि वस्तु एवं सेवा कर को लागू करने के लिये संविधान में संशोधन किये गये हैं और इसे संसद की मंजूरी मिल गयी है तथा इसके 2017 से लागू होने की उम्मीद है. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सें अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में व्यापक सुधार होंगे.

‘निवेश के लिये शर्तों को सरल बनाया गया है 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हम उन लोगों का स्वागत करते हैं जो अब तक भारत में नहीं हैं… भारत न केवल एक अच्छा गंतव्य है बल्कि भारत में रहने का फैसला हमेशा अच्छा रहता है.’ उन्होंने कहा, ‘हमने एफडीआई के लिये कई क्षेत्रों को खोला है और मौजूदा क्षेत्रों के लिये सीमा बढ़ायी है.’ मोदी ने यह भी कहा कि सरकार का एफडीआई नीति में बड़े सुधार को लेकर समन्वित प्रयास जारी है और निवेश के लिये शर्तों को सरल बनाया गया है.’ उन्होंने कहा कि पिछले ढाई साल में कुल एफडीआई प्रवाह 130 अरब डॉलर पहुंच गया.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत में नीति, नियामकीय तथा निवेश माहौल में सकारात्मक बदलाव को घरेलू और विदेशी निवेशकों ने स्वीकार किया है.’ ‘मेक इन इंडिया’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस पहल का मकसद देश को विनिर्माण, डिजाइन और नवप्रवर्तन का वैश्विक केंद्र बनाना है. ‘मेक इन इंडिया’ का यह दूसरी वषर्गांठ हैं.

उन्होंने कहा, ‘भारत में फिलहाल जो उद्यमी गतिविधियां हैं, वह पहले कभी नहीं थी…हम अब दुनिया में छठा सबसे बड़ा विनिर्माण करने वाला देश बन गये हैं.’ मोदी ने कहा, ‘हमारा भारत में व्यापार सुगमता को सुनिश्चित करने का जो प्रयास है, वह व्यापार है जिसमें विधायी और संरचनात्मक सुधार शामिल हैं.’ उन्होंने कहा कि सरकार ने लाइसेंस व्यवस्था में युक्तिसंगत बनाया है और कंपनी स्थापित करने, निर्यात आयात मंजूरी तथा श्रम अनुपालन के लिये एकल खिड़की व्यवस्था शुरू की है.

मुझे लोकसभा में बोलने नहीं दिया जा रहा इसलिए जनसभा में बोल रहा हूं : नोटबंदी पर पीएम मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी आज गुजरात दौरे पर हैं. यहां उन्होंने संसद में हंगामे का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा कि देश के राष्ट्रपति भी संसद में हो रहे हंगामे से दुखी हैं. इतने कि उन्हें सार्वजनिक रूप से सांसदों को टोकना पड़ा. राष्ट्रपति के टोकने के बाद भी संसद में हंगामा हुआ!

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पीएम ने कहा कि संसद में सरकार कह रही है कि पीएम बोलने के लिए तैयार हैं. लेकिन विपक्ष चर्चा नहीं चाहता. क्योंकि झूठ टिकता नहीं है इसलिए विपक्ष चर्चा से भाग रहा है. मुझे लोकसभा में बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा इसलिए मैं जनसभा में बोल रहा हूं!

नोटबंदी पर उन्होंने कहा कि पूरे देश में इस बात की चर्चा चल रही है कि नोटों को क्या होगा. आप बताएं कि 8 तारीख के पहले 100 के नोट की कोई कीमत थी. 50, 20 के नोट को कोई पूछता भी नहीं था. या यूं कहें ‘छोटों’ को कोई पूछता नहीं था. सब 1000 और 500 की बात करते थे. 8 नवंबर के बाद गरीबों की पूछ बढ़ी. मैंने गरीब की ताकत बढ़ाने के लिए ये काम किया. देश बड़े नोटों के नीचे दबने लगा था. इससे छोटे नोटों की ताकत नहीं, गरीब लोगों की ताकत बढ़ी है.

क्या 8 नवंबर से पहले 100, 50, 20 की कीमत थी, हमने ‘छोटों’ की ताकत बढ़ा दी : बनासकांठा में पीएम मोदी

पीएम मोदी आज गुजरात दौरे पर हैं. उन्होंने बनासकांठा में कहा कि मैं इस मिट्टी में पैदा हुआ हूं. मैं पीएम के रूप में नहीं संतान के रूप में आया हूं. 25 साल बाद किसी पीएम का बनासकांठा दौरा हो रहा है. देश को बनासकांठा के बारे में पता चलना चाहिए. यहां के किसानों के काम का पता चलना चाहिए. यहां का किसान मिट्टी खोदकर सोना बना देता है. किसानों ने ही बनास की सूखी धरती को सोने में तब्दील कर दिया!

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पीएम ने नोटबंदी का जिक्र करते हुए कहा- पूरे देश में इस बात की चर्चा चल रही है कि नोटों को क्या होगा. आप बताएं कि 8 नवंबर से पहले 100 के नोट की कोई कीमत थी क्या.100, 50 और 20 के नोट को कोई पूछता भी नहीं था. या यूं कहें ‘छोटों’ को कोई पूछता नहीं था. सब 1000 और 500 की बात करते थे. 8 नवंबर के बाद गरीबों की पूछ बढ़ी. मैंने गरीब की ताकत बढ़ाने के लिए ये काम किया. देश बड़े नोटों के नीचे दबने लगा था. नोटबंदी से छोटे नोटों की ताकत ही नहीं, गरीबों की ताकत भी बढ़ी है!

पीएम मोदी के भाषण के मुख्य अंश

  • बनासकांठा में दूध दही की नदियां बहती हैं
  • मरुभूमि में किसान ने अनाज उगाकर दिखाया
  • यहां के किसानों ने रेगिस्तान को सोना बनाया
  • किसानों ने अपना ही नहीं आने वाली पीढ़ियों का भी भाग्य बदला
  • बनासकाठा को बचाने के लिए पानी को बचाना होगा
  • जब मैं मुख्यमंत्री बना था तो लोगों ने कहा था कि सरपंच का चुनाव भी नहीं लड़ा
  • आज मेरा काम दुनिया के सामने है
  • बनासकांठा में माताओं की मेहनत से श्वेतक्रांति
  • पहले लोग कच्छ और बनासकांठा से पलायन कर जाते थे
  • श्वेत क्रांति के बाद स्वीट क्रांति ला सकते हैं
  • बनासकांठा के किसान अब स्वीट क्रांति लाएंगे
  • गुजरात के डेयरी उद्योग का देश-दुनिया में नाम है
  • पशुसेवा और श्वेत क्रांति लाएं किसान
  • मधुमक्खी पालन का फायदा किसानों को मिलेगा
  • 8 नवंबर से पहले बड़े-बड़ों की पूछ थी
  • छोटे नोटों की कोई पूछ नहीं थी
  • छोटे नोट की ताकत बढ़ी है. गरीब लोगों की ताकत बढ़ी है
  • गरीबों के लिए यह बहुत बड़ा फैसला
  • देश बड़े नोटों के ढेर के नीचे दबने लगा था
  • कच्चा-पक्का का खेल पक्का हो गया है
  • जाली नोटों का कारोबार बंद हुआ
  • जाली नोट के कारोबारी नोट बहा रहे हैं
  • 70 साल तक ईमानदार लोगों को लूटा
  • नोटबंदी पर लोगों के समर्थन के लिए शुक्रिया
  • जानता हूं नोटबंदी से लोगों को दिक्कत हुई है
  • 50 दिन के बाद कष्ट कम होगा
  • नोटबंदी के बाद पाप करने वाले नहीं बचेंगे
  • अब आपका बटुआ आपके मोबाइल में
  • नोटों के पहाड़ अर्थतंत्र को नोच रहे हैं
  • अब बैंक और बटुआ आपके मोबाइल में

ऐसे बनी नोटबंदी की गुप्त योजना, पीएम मोदी के घर से इस अफसर की टीम कर रही थी काम

नोटबंदी के जिस ऐतिहासिक फैसले की फिलहाल भारत के कोने कोने में बात हो रही है, जिसने रातोंरात हर भारतीय की पॉकेट पर असर डाला, उस निर्णय को अमल में लाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने ऐसे भरोसेमंद अफसरशाह को चुना था जिसे आर्थिक महकमे से बाहर ज्यादा लोग जानते भी नहीं हैं!

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हंसमुख अधिया और उनके पांच साथी जो इस योजना का हिस्सा थे, उनसे इस मामले को गोपनीय रखने का वादा लिया गया था. इस मामले को गहराई से जानने वाले कुछ सूत्रों ने जानकारी दी है कि इस छह सदस्यीय टीम के साथ एक युवा रिसर्च टीम भी शामिल थी जो इस फैसले की घोषणा से पहले पीएम मोदी के निवास स्थान के दो कमरों में दिन-रात काम कर रही थी. यह गोपनीयता जाहिर है इसीलिए रखी गई थी ताकि कालेधन के मालिकों को सोना, प्रॉपर्टी या कुछ और संपत्ति खरीदने का मौका न मिल सके.

इससे पहले भी कुछ ऐसी खबरें आ रही थीं जिसमें कहा जा रहा था कि पीएम मोदी ने विमुद्रीकरण के इस फैसले को अंजाम में लाने के लिए काफी खतरे मोल लिए. वह जानते थे कि उनका नाम और लोकप्रियता दोनों ही दांव पर लगी है, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने यह फैसला लिया. 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा से कुछ देर पहले हुई कैबिनेट बैठक में उन्होंने कहा था, ‘मैंने हर तरह की रिसर्च कर ली है और अगर कुछ गलत होता है तो उसका जिम्मेदार मैं हूं.’ यह जानकारी उन तीन मंत्रियों ने दी है जो उस बैठक में शामिल थे.

इस पूरे अभियान का संचालन पीएम मोदी के निवास स्थान से एक बैकरूम टीम कर रही थी, जिसकी अगुवाई वित्त मंत्रालय के उच्च अधिकारी हंसमुख अधिया कर रहे थे. 58 साल के अधिया, 2003-06 में नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान प्रधान सचिव थे और उन्होंने ही योग से मोदी का परिचय करवाया था. अधिया के जिन सहकर्मियों के साथ रॉयटर्स ने बातचीत की, वह इस सरकारी अफसर की ईमानदारी का गुणगान कर रहे थे.

पीएम नरेंद्र मोदी ने सोनिया गांधी को जन्मदिन पर दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं दीं और उनकी दीर्घायु एवं अच्छे स्वास्थ्य की कामना की.

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “श्रीमती सोनिया गांधी को जन्मदिन की शुभकामनाएं… ईश्वर उन्हें अच्छा स्वास्थ्य एवं दीर्घायु दे…” सोनिया गांधी का जन्म 9 दिसंबर, 1946 को हुआ था, और शुक्रवार को उनके जन्म की 70वीं वर्षगांठ है.

 

आगे चलकर फायदा देगा नोटबंदी का फैसला, नकदी संकट से जूझते देश को पीएम का आश्वासन

देश में नोटबंदी हुए गुरुवार को पूरा एक महीना हो गया है, और लगभग उसी समय से समूचे देश में नकदी संकट चल रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि इससे दीर्घावधि में लाभ होगा!

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प्रधानमंत्री ने कुछ ट्वीट कर कहा, “मैंने हमेशा कहा कि सरकार के कदम से कुछ असुविधा ज़रूर होगी, लेकिन कुछ समय की इस असुविधा से दीर्घावधि में होने वाले फायदों का मार्ग प्रशस्त होगा…”

उन्होंने कहा, “मैं भ्रष्टाचार, आतंकवाद और काले धन के खिलाफ इस यज्ञ में भाग लेने के लिए भारत की जनता को पूरे दिल से सलाम करता हूं…”

प्रधानमंत्री ने लिखा, “इस फैसले से किसानों, व्यापारियों, श्रमिकों, जो हमारे देश की आर्थिक रीढ़ हैं, को बहुत-से फायदे होंगे… भ्रष्टाचार और काला धन अब ग्रामीण भारत की तरक्की और समृद्धि को नहीं रोक पाएंगे… हमारे गांवों को उनका हक मिलना ही चाहिए…”

 पीएम ने कहा, “हमारे पास ऐतिहासिक मौका है, जब हम कैशलेस भुगतानों को पहले से ज़्यादा अपना सकते हैं और अपने आर्थिक लेनदेन में आधुनिक तकनीक को शामिल कर सकते हैं…”

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी से पीएम नरेंद्र मोदी का निर्वाचन बरकरार रखा

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन को कायम रखते हुए इसे चुनौती देने वाली कांग्रेसी प्रतिद्वंद्वी की एक याचिका खारिज कर दी!

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न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने आदेश सुनाते हुए ऐसी चुनाव याचिका के साथ अदालत से गुहार लगाने पर कांग्रेसी विधायक और 2014 लोकसभा चुनावों में वाराणसी से पार्टी के उम्मीदवार याचिकाकर्ता अजय राय को आड़े हाथ लिया, जिसमें ऐसे आरोप लगाए गए जो अस्पष्ट एवं बिना मजबूत तथ्यों के समर्थन के बयान वाले थे.

अदालत ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और विधि आयोग के सदस्य सत्यपाल जैन के नेतृत्व में मोदी का प्रतिनिधित्व करने वाली वकीलों की टीम की प्रारंभिक आपत्तियों को स्वीकार किया.

सोमवार को खुली अदालत में आदेश लिखवाना शुरू करने वाली अदालत ने नामांकन पत्र में पत्नी जशोदाबेन की संपत्ति और दायित्वों के संबंध में कालम के सामने मोदी द्वारा ‘नहीं पता’ लिखने पर याचिकाकर्ता की आपत्ति को खारिज किया.

अदालत ने कहा, ‘यह आरोप लगाते हुए कि 50 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च किया गया, याचिकाकर्ता यह निर्दिष्ट करने में असफल रहे कि ये भुगतान किसने किए, किसे किए और भुगतान का तरीका क्या था. इसमें स्पष्ट बातें नहीं बताई गई हैं और आरोप मीडिया की खबरों पर आधारित ‘अस्पष्ट और बगैर स्पष्टीकरण वाले हैं’. राय पिछले लोकसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे थे और उनकी जमानत जब्त हो गई थी. उन्होंने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि मोदी के चुनाव प्रचार में ’50 करोड़ रुपये से अधिक खर्च’ किया गया.

उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि प्राचीन मंदिर वाले इस नगर में कई आलीशान होटलों को ’24 अप्रैल, 2014 से 12 मई 2014 की अवधि के दौरान’ बुक किया गया था.

राय ने यह भी दावा किया था कि प्रचार करने तथा ‘हर हर मोदी, घर घर मोदी’ और ‘अबकी बार मोदी सरकार’ जैसे नारों को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से ‘400 से अधिक वैन’ लगाई गई थीं.

यद्यपि अदालत ने जैन की दलील से सहमति जताई कि ‘याचिकाकर्ता यह साबित करने के लिए रिकॉर्ड में कोई भी सामग्री पेश करने में असफल रहे कि ये खर्चे सीधे उम्मीदवार द्वारा अथवा उनके निर्देश पर उनके समर्थकों द्वारा किये गए’.