Uganda ki sansad me bole modi aatankwad ki khilaf ladai me africa ke saath bharat

युगांडा की संसद में बोले मोदी, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अफ्रीका का पूरा साथ देगा भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अाज युगांडा की संसद को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देशों का अतीत काफी कुछ मिलता जुलता है। उन्‍होंने कहा कि दोनों देश काफी लंबे समय तक उपनिवेशवादी ताकतों के अधीन रहे हैं। दोनों देशों का एक लंबा स्‍वाधीनता संघर्ष का इतिहास रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय स्‍वाधीनता के इतिहास का लिंक अफ्रीका से है। उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी ने 21 वर्ष अ‍फ्रीका में व्‍यतीत किए। अ‍सहयोग आंदाेलन की शुरुआत यहीं से हुई।


उन्‍होंने जोर देकर कहा कि भारतीय स्‍वाधीनता आंदोलन के नैतिक मूल्‍य भारत को किसी सीमा रेखा में नहीं बांधते हैं। उन्‍होंने कहा कि आजादी के दौरान भारत ने जिस समानता, एकता और स्‍वत्रंतता के सिद्धांतों का प्रतिपादन किया वह दुनिया में मानवता के लिए बेहद उपयोगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अफ्रीका हमारी प्राथमिकताओं के शीर्ष पर है। हम अफ्रीका के साथ अपनी भागीदारी को तेज और गहन बनाना जारी रखेंगे, जैसा कि हमने दिखाया है। उन्‍होंने कहा कि यह निरंतर और नियमित रहेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अफ्रीका के साथ भारत की भागीदारी को 10 सिद्धांतों द्वारा निर्देशित किया जाएगा।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा क‍ि विकास और साझेदारी आपकी प्राथमिकताओं द्वारा निर्देशित होगी। यह उन शर्तों पर होगा जो आपके लिए सहज और आरामदायक होंगे, जो आपकी क्षमता को मुक्त करेंगे और आपके भविष्य को बाधित नहीं करेंगे। मोदी ने कहा भारत को अफ्रीका के साथी होने पर गर्व है। उन्‍होंने कहा कि मैंने कल युगांडा के लिए दो क्रेडिट लाइन की घोषणा की है। पहली बार बिजली लाइनों के लिए 141 मिलियन अमेरिकी डॉलर और दूसरा, कृषि और डेयरी उत्पादन के लिए 64 मिलियन अमरीकी डालर की घोषणा की गई है।


उन्‍होंने कहा कि अफ्रीका के लिए हम अपने बाजारों को खुले रखेंगे। अफ्रीका के साथ व्यापार करने के लिए इसे और आसान व अधिक आकर्षक बनाया जाएगा। इसके साथ उन्‍होंने कहा कि अफ्रीका में निवेश करने के लिए हम अपने उद्योगों का भी समर्थन करेंगे।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की डिजिटल क्रांति का अनुभव अफ्रीका के सार्वजनिक सेवाओं के वितरण में सुधार, शिक्षा और स्वास्थ्य का विस्तार करने, डिजिटल साक्षरता फैलाने और वित्तीय समावेश बढ़ाने और मुख्यधारा से जोड़ने में उपयोगी साबित होगा।


बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अफ्रीका के तीन देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में मोदी मंगलवार को युगांडा पहुंच चुके हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी और युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी की सह-अध्यक्षता में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद मंगलवार को भारत और युगांडा अर्थव्यवस्था और रक्षा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने पर सहमत हुए। बता दें कि वर्ष 1997 के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह इस देश की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। पीएम नरेंद्र मोदी जब वहां पहुंचे तो हवाई अड्डे पर उनका भव्य स्वागत किया गया।

गौरतलब है कि मोदी अपनी पांच दिवसीय तीन अफ्रीकी देशों की यात्रा के दूसरे चरण में मंगलवार को युगांडा पहुंचे। इसके बाद वे दक्षिण अफ्रीका जाएंगे। यह भारत के किसी प्रधानमंत्री की 20 वर्षो बाद पहली युगांडा यात्रा है। युगांडा के राष्ट्रपति को भारत का पुराना मित्र बताते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में वर्ष 2007 में युगांडा की पहली यात्रा उनके जेहन में अब भी बनी हुई है। राष्ट्रपति मुसावेनी ने मोदी की सराहना करते हुए कहा कि सार्वजनिक मामलों में उनके व्यापार प्रबंधन रुख से भारत में काफी बदलाव आया।

युगांडा में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने रक्षा सहयोग, आधिकारिक तथा राजनयिक पासपोर्टधारकों के लिये वीजा से छूट, सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम तथा सामग्री प्रशिक्षण प्रयोगशाला के क्षेत्रों में सहमति पत्रों पर दस्तखत किए। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के पारस्परिक संबंधों की सराहना करते हुए कहा कि ये समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत युगांडा के साथ रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को तैयार है। मोदी ने कहा कि भारत और युगांडा को सैन्य प्रशिक्षण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना चाहिए। उन्होंने युगांडा के सैन्य बल एवं नागरिकों के उपयोग के लिये वाहन एवं एम्बुलेंस देने की घोषणा की।

mridul kesharwani
By mridul kesharwani , July 25, 2018

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