प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणीपुर यूनिवर्सिटी में 105 वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए वैज्ञानिकों से कहा कि वे आम लोगों के फायदे के लिए अनुसंधान करें। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आर एंड डी को राष्ट्र के विकास के लिए अनुसंधान के रूप में पुन: परिभाषित करने का यह श्रेष्ठ समय है। उन्होंने कहा कि भारत की समृद्ध परंपरा रही है और खोज तथा विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी के इस्तेमाल का लंबा इतिहास रहा है।
The time is ripe to redefine ‘R&D’ as ‘Research’ for the ‘Development’ of the nation. Science is after all, but a means to a far greater end; of making a difference in the lives of others, of furthering human progress and welfare: PM
— PMO India (@PMOIndia) March 16, 2018
पीएम नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिक समुदाय से अपने अनुसंधान का विस्तार करने का अनुरोध किया और कहा, ‘इस क्षेत्र में अग्रणी देशों के बीच अपने सही स्थान का फिर से दावा करने का यह सही समय है।’ पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्र की समृद्धि और विकास के लिए अहम प्रोद्यौगिकियों को भविष्य में लागू करने के लिए देश को तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘प्रोद्यौगिकी शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल एवं बैंकिंग सेवा की नागरिकों तक ज्यादा पहुंच हासिल करने में मदद देगी।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज इस बात की जरूरत है कि अपनी वैज्ञानिक उपलब्धियों को समाज तक पहुंचाया जाए। इससे युवाओं का वैज्ञानिक मिजाज बनेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हमें अपने संस्थान और प्रयोगशालाएं अपने बच्चों के लिए खोलने होंगे। मैं वैज्ञानिकों से अनुरोध करता हूं कि स्कूली बच्चों के साथ संवाद कायम करने के लिए वह कोई तंत्र विकसित करें।’
Our scientific achievements need to be communicated to society. This will help inculcate scientific temper among youth. We have to throw open our institutions & laboratories to our children. I call upon scientists to develop a mechanism for interaction with school-children: PM
— PMO India (@PMOIndia) March 16, 2018
युवाओं में वैज्ञानिक चिंतन विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों से ‘व्यक्तिगत अनुरोध’ किया कि वह कक्षा नौंवी से बारहवी कक्षा के 100 छात्रों के साथ सालाना 100 घंटे बिताएं और उनके साथ विज्ञान और प्रोद्यौगिकी पर चर्चा करें।
उन्होंने साल 2022 तक 100 गीगावॉट की क्षमता की स्थापित सौर ऊर्जा का लक्ष्य तय किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘बाजार में फिलहाल उपलब्ध सोलर मॉड्यूल की क्षमता करीब 17-18 फीसदी है। क्या हमारे वैज्ञानिक और किफायती सोलर मॉड्यूल विकसित करने की चुनौती स्वीकार करेंगे, जिसे समान लागत पर भारत में ही बनाया जा सके।’
We have set a target of 100 GW of installed solar power by 2022. Efficiency of solar modules currently available in the market is around 17%-18%. Can our scientists take a challenge to come up with a more efficient solar module, which can be produced in India at the same cost: PM
— PMO India (@PMOIndia) March 16, 2018