प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिपुरा में रैली में कहा कि देश में 7वां वेतन आयोग लागू होने के बाद भी त्रिपुरा में चौथे वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत वेतन दिया जा रहा है। वामपंथी सरकार ने कर्मचारियों को उनके अधिकारों से वंचित रखा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि क्या कारण है कि त्रिपुरा में लेफ्ट सरकार न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करने और 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं कर रही है? पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि त्रिपुरा में बीजेपी की सरकार बनने के बाद कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाएगा। कर्मचारियों को उनका अधिकार दिया जाएगा। आपको बता दें कि केंद्र सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी को 7,000 रुपए से बढ़ाकर 18,000 रुपए महीने करने को मंजूरी दे चुकी है। वहीं फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 फीसदी बढ़ाने को मंजूरी दे दी है।
इस बीच, चीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर कड़ा ऐतराज जताया है। चीन का कहना है कि वह भारत में इसके खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराएगा। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि चीन-भारत सीमा पर चीन की स्थिति स्पष्ट है। स्थानीय मीडिया से शुआंग ने कहा कि चीनी सरकार ने तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को कभी मान्यता नहीं दी है। इस विवादित इलाके में भारतीय नेता की यात्रा का चीन कड़ा विरोध करता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कम्यूनिस्ट पार्टी जनतंत्र में विश्वास नहीं करती है। वह केवल हिंसा और गन तंत्र में विश्वास करती है। पीएम नरेंद्र मोदी ने रैली में कहा कि हम त्रिपुरा की कनेक्टिविटी को और अच्छा करना चाहते हैं। “न्यू इंडिया” बनाने की यात्रा में, हम मॉर्डन और नया त्रिपुरा भी बनाना चाहते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ऐसा क्यों है कि यहां लोगों को न्यूनतम मजदूरी नहीं मिलती? यहां कम्युनिस्ट सरकार ने राज्य पर 25 साल तक शासन किया है और इसे बर्बाद कर दिया है। हम वादा करते हैं कि बीजेपी की राज्य में सत्ता में आने के बाद सभी मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी दी जाएगी।