pm narendra modi ne mahatma jyotiba phule ki jayanti par unhe shraddhanjali di

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधावार को महात्मा फुले की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने महात्मा फुले को सामाजिक सुधारक की संझा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महात्मा के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। उन्होंने देश में चल रही पुरानी कुरितियों को दूर करने में अहम योगदान दिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘महात्मा फुले को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। सामाजिक सुधार पर उनके अग्रणी और कठोर प्रयासों के कारण लोगों को मदद मिली। वे महिलाओं की स्थिति में सुधार और युवाओं के बीच शिक्षा को आगे बढ़ाने के प्रति प्रतिबद्ध थे।’


महान विचारक थे फुले

19वीं सदी के एक महान भारतीय विचारक, समाज सेवी, लेखक ज्योतिराव गोविंदराव फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को हुआ था। उन्हें महात्मा फुले और ज्योतिबा फुले के नाम से जाना जाता है। फुले को महाराष्ट्र में सामाजिक सुधार आंदोलन का सूत्राधार माना जाता है। वह और उनकी पत्नी, सावित्रीबाई फुले, भारत में महिला शिक्षा के अग्रदूत थे। उन्हें महिलाओं और निम्न जाति के लोगों को शिक्षित करने के अपने प्रयासों के लिए सबसे अधिक जाना जाता है।

संघर्षों के साथ आगे बढ़े फुले

ज्योतिराव गोविंदराव फुले का परिवार कई पीढ़ी पहले सतारा से पुणे आकर फूलों के गजरे आदि बनाने का काम करने लगा था। इसलिए माली के काम में लगे ये लोग ‘फुले’ के नाम से जाने जाते थे। फुले ने कुछ समय तक मराठी में अध्ययन किया, बीच में पढ़ाई छूट गई और बाद में 21 वर्ष की उम्र में सातवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने निचली जातियों के लिए ‘दलित’ शब्द को सामने रखा था। साल 1873 के सितंबर माह में उन्होंने ‘सत्य शोधक समाज’ नामक संगठन का गठन किया था। वे बाल-विवाह के मुखर विरोधी और विधवा-विवाह के पुरजोर समर्थक थे। उनकी पत्नी सावित्री बाई फुले भी एक समाजसेविका थीं। उन्हें भारत की पहली महिला अध्यापिका और नारी मुक्ति आंदोलन की पहली नेता कहा जाता है।

Prabhat Sharma
By Prabhat Sharma , April 11, 2018

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