प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नई दिल्ली में कृषि उन्नति मेले की शुरुआत की। ‘कृषि उन्नति मेला’ को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से मुझे नए भारत के 2 सबसे महत्वपूर्ण भागों के साथ बातचीत करने का अवसर मिला है। जिनमें से एक किसान है जो कि हमें भोजन प्रदान करते है और दूसरे हमारे वैज्ञानिक जो नई-नई तकनीक के साथ आते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से अपील की है वे पराली ना जलाएं, इससे धरती मां को नुकसान होता है। किसान पराली को खेतों में मिलायेंगे तो इससे फसलों की उत्पादकता में ओर बढ़ोतरी होगी। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा में आयोजित कृषि उन्नित मेले में किसानों और वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि आजादी के बाद जब देश को जरूरत थी तो किसानों ने बेहतर अनाज उत्पादन किया। आज भी रिकॉर्ड उत्पादन हो रहा है।
मैं किसान बहनों और भाइयों से आग्रह करता हूं कि यदि वे पराली जलाना छोड़ दें और मशीनों के माध्यम से पराली को खेत में ही मिला दें, तो उन्हें बहुत लाभ होगा। pic.twitter.com/t2IGrlUCtc
— Narendra Modi (@narendramodi) 17 March 2018
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसानों के सामने चुनौतियां है, लेकिन हम उनकी आय दोगुनी करने की ओर बढ़ रहे हैं। किसानों का जीवन सरल बनाने की कोशिश कर रहे है। यूरिया की नीम कोटिंग से अनाज का उत्पादन बढ़ा है। फसल बीमा का लाभ किसानों को मिल रहा है। प्रधानमंत्री सिंचाई योजना का दायरा बढ़ाया जा रहा है तथा 180 करोड़ रुपये के फंड से सिंचाई व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है। किसानों को टमाटर, प्याज और आलू उगाने के लिए मदद दी जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ लोग किसानों को गुमराह कर रहे हैं, जबकि एलान की गई डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में उनकी मजदूरी और मेहनत भी शामिल की जायेगी। सरकार की कोशिश है कि किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए दूर ना जाना पड़े, इसलिए बजट में गांव के हाट को टेक्नोलॉजी से जोड़ने का प्रावधान किया गया है। किसान इन हाटों में सीधे फसल बेच सकेंगे। इसके साथ ही किसान अपने छोटे-छोटे समूह बनाकर भी छोटे हाटों और अनाज मंडियों से जुड़ सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम जैविक खेती को बढ़ावा दे रहे है, आज सरकार ने देश में नए 25 कृषि विज्ञान केंद्र शुरू किए हैं तगके पुराने केंद्रों को भी मॉडर्न बनाया जा रहा है। मधुमक्खी पालन कृषि का अहम हिस्सा हो सकता है। महान वैज्ञानिक आइंसटीन ने कहा कि अगर धरती से मधुमक्खियां खत्म हो गईं तो दुनिया नहीं रहेगी। खेती के साथ मधुमक्खी पालन का व्यवसाय करके किसान अतिरिक्त आय बढ़ा सकते हैं। मक्खियां फसलों के उत्पादन को बढ़ाने में भी मदद करती हैं। उन्होंने कहा कि किसान खेतों की मेढ़ों पर सोलर पैनल लगाकर अपने पंप चलाने के लिए बिजली पैदा कर सकते हैं। अगर जरूरत से ज्यादा बिजली पैदा हो तो इसे सरकार को भी बेच सकते हैं। इससे भी किसानों की आय बढ़ेगी।
सोलर फार्मिंग अतिरिक्त आय का एक माध्यम है। ये खेती की वो तकनीक है जो ना सिर्फ सिंचाई की जरूरत को पूरा कर रही है बल्कि पर्यावरण की भी मदद कर रही है। खेत के किनारे पर सोलर पैनल से किसान पानी की पंपिंग के लिए जरूरी बिजली तो लेता ही है साथ में अतिरिक्त बिजली सरकार को बेच सकता है: PM
— BJP (@BJP4India) 17 March 2018
बॉयो वेस्ट के सही इस्तेमाल के लिए सरकार ने गोबरधन योजना शुरू की है। किसान बॉयोगैस प्लांट बनवाएं और इसे ईंधन के रुप में उपयोग करें। तीन दिन तक चलने वाले मेले की थीम 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना है। इस दौरान ‘कृषि कर्मण’ और ‘पंडित दीन दयाल उपाध्याय कृषि विज्ञान प्रोत्साहन’ पुरस्कार भी दिए गए। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों के किसान भी मेले में आए हुए हैं।
PM @narendramodi distributing Krishi Karman Awards and Pandit Deen Dayal Upadhyaya Krishi Protsahan Puraskar at Krishi Unnati Mela , New Delhi. pic.twitter.com/AotBYBCZtV
— PIB India (@PIB_India) 17 March 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस कृषि उन्नति मेला में आज किसान भाइयों ने जो नई टेक्नोलॉजी देखी है, उसे खेती में अपनाने की कोशिश करें। मैं चाहता हूं कि ऐसे मेलों का आयोजन देश के दूर-दराज के इलाकों में भी कराया जाना चाहिए। साथ ही इस बात की भी स्टडी करानी चाहिए कि किसानों पर इस मेले का कितना असर हुआ। उन्हें क्या फायदा मिला। क्या नई टेक्नोलॉजी देखने को मिली। कैसे उनका जीवन इससे सरल होगा।