प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 फरवरी से तीन देशों की यात्रा पर जाएंगे। इसमें फिलिस्तीन, यूएई और ओमान शामिल हैं। पीएम नरेंद्र मोदी सबसे पहले फिलिस्तीन जाएंगे, जहां वो यासिर अराफात म्यूजियम में जाएंगे। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी यूएई में एक मंदिर के शिलान्यास में हिस्सा लेंगे, जबकि ओमान में वो मंदिर – मस्जिद, दोनों ही जगहों पर जाएंगे। बता दें कि फिलिस्तीन जाने वाले नरेंद्र मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं।
10 फरवरी को फिलिस्तीन पहुंचेंगे मोदी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 फरवरी को फिलिस्तीन के रामल्लाह पहुंचेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी जिस जगह पहुंचेंगे, वो येरूशलम से सिर्फ 8 किलोमीटर की दुरी पर है। इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी का ये दौरा इसलिए भी खास है, क्योंकि इस वक्त इजरायल और फिलिस्तीन दोनों देशो के बीच रिश्तों में खटास है। इसके साथ ही सरकार पर हमेशा से यह आरोप लगे हैं कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद फिलिस्तीन को नजर अंदाज किया गया। पीएम नरेंद्र मोदी का ये दौरा इस गलतफहमी को भी दूर करेगा।
UN में फिलिस्तीन के सपोर्ट में किया है वोट
पिछले साल 6 दिसंबर को अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने येरूशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता दी थी। इस फैसले का विरोध दुनियाभर में हुआ और यूनाइटेड नेशन में भी ट्रंप के इस फैसले के खिलाफ प्रपोजल लाया गया। इस प्रपोजल का सपोर्ट भारत समेत 128 देशों ने किया था। भारत ने फिलिस्तीन के सपोर्ट में और इजरायल – अमेरिका के खिलाफ वोट किया था। हालांकि भारत के इस कदम पर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने जरूर किया था।
पिछले साल इजरायल गए, लेकिन फिलिस्तीन नहीं गए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले साल जुलाई में तीन दिन की यात्रा पर इजरायल पहुंचे थे। उस दौरान दोनों देशों के बीच कई बड़े समझौते हुए थे। इजरायल की यात्रा करने वाले भी नरेंद्र मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री थे। उस वक्त यह माना जा रहा था कि नरेंद्र मोदी इजरायल के बाद फिलिस्तीन भी जा सकते हैं, लेकिन मोदी नहीं गए थे। जिसके बाद काफी निराशा जताई गई थी। इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पीएम नरेंद्र मोदी के इस कदम पर कई सवाल उठे थे और भारत में भी नरेंद्र मोदी की सरकार पर फिलिस्तीन को नजरअंदाज करने का आरोप लगा था। फिलिस्तीनी मीडिया में भी ये बात उठी थी कि भारत 1947 से चली आ रही पॉलिसी से दूर हो रहा है।
इजरायल और फिलिस्तीन दोनों के साथ भारत
भारत के संबंध इजरायल और फिलिस्तीन दोनों से हमेशा से अच्छे रहे हैं और नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद ये संबंध पहले से और बेहतर हुए हैं। इजरायल दौरे पर जाने वाले नरेंद्र मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री थे और अब फिलिस्तीन जाने वाले भी नरेंद्र मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे। इजरायल और फिलिस्तीन को लेकर अपनाई गई भारत की इस पॉलिसी को एक्सपर्ट्स ‘डी-हाइफनेशन’ का नाम देते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जिस तरह से अमेरिका, भारत और पाकिस्तान के बीच की लड़ाई को नजरअंदाज कर दोनों देशों से संबंध रखता है। उसी तरह से भारत भी इजरायल और फिलिस्तीन की आपसी तल्खी को नजरअंदाज कर दोनों देशों से रिश्तों को तरजीह देता है।
यूएई में एक मंदिर का शिलान्यास करेंगे मोदी
10 फरवरी की शाम को पीएम नरेंद्र मोदी अबूधाबी पहुंचेंगे, वहां क्राउन प्रिंस उनका स्वागत करेंगे। इसके बाद दोनों देशों के बीच कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर होने हैं। साल 2015 में पीएम नरेंद्र मोदी जब यूएई गए थे, तब 34 साल बाद किसी भारतीय पीएम की यूएई यात्रा थी। 11 फरवरी की सुबह वाहत अल करामा जाएंगे। इसके बाद एक कम्युनिटी इवेंट होगा, जहां वीडियों लिंक के जरिए हिंदू मंदिर का शिलान्यास किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके बाद दुबई में ‘वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट’ को भी एड्रेस करेंगे, जिसमें भारत गेस्ट ऑफ ऑनर कंट्री होगा। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘टेक्नोलॉजी फॉर डेवलपमेंट’ पर बात करेंगे और खाड़ी देशों के सीईओ से भी मिलेंगे। इसके साथ ही ये भी बताया जा रहा है कि दोनों देशों के बीच आतंकवाद को लेकर भी बातचीत होगी।
ओमान में जाएंगे मंदिर – मस्जिद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके बाद ओमान जाएंगे, जहां वो टॉप लीडरशिप के साथ मीटिंग करेंगे। इसके साथ ही एक कम्युनिटी इवेंट को भी एड्रेस करेंगे। 12 फरवरी को पीएम नरेंद्र मोदी ओमान में वहां के सीईओ के साथ भी मुलाकात करेंगे। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी वहां की एक मस्जिद और एक शिव मंदिर में भी जाएंगे। बताया जाता है कि हाल ही में जब फादर टॉम को आईएस के चंगुल से रिहा कराया गया था, तो इसमें ओमान ने अहम भूमिका निभाई थी।