500 तथा 1,000 रुपये के नोटों को अचानक बंद कर दिए जाने के मुद्दे पर समूचे विपक्ष से अलग रुख अपनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नेताओं से फिर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब ऐसे शेर की सवारी कर रहे हैं, जो उनके गठबंधनों को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन उनके इस कदम के पक्ष में ज़ोरदार समर्थन है, और हमें उस समर्थन का सम्मान करना चाहिए…”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को घोषणा की थी कि काले धन और भ्रष्टाचार से देश को छुटकारा दिलाने को लेकर उनकी प्रतिबद्धता के तहत बड़ी रकमों के नोट कुछ ही घंटे बाद बंद हो जाएंगे. मोटे तौर पर इस कदम के पीछे की मंशा के प्रति समर्थन जताने वाला विपक्ष इस कदम से नकदी की किल्लत का सामना करने वाले गरीबों की मदद में नाकाम रहने का आरोप सरकार पर लगा रहा है. सरकार का तर्क है कि अगर इस कदम को अचानक नहीं उठाया जाता, तो यह कदम निष्प्रभावी हो गया होता.
आमतौर पर प्रधानमंत्री की तारीफ नहीं करने वाले नीतीश कुमार ने पिछले सप्ताह भी कहा था कि विमुद्रीकरण को लेकर उनका ‘पूरा समर्थन’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ है, हालांकि उनकी पार्टी के नेताओं ने तुरंत यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ग्रामीण भारत के लोगों को हो रही दिक्कतों के प्रति चिंतित भी हैं. गौरतलब है कि भारत में प्रचलन में मौजूद नोटों का 86 फीसदी हिस्सा उन नोटों का था, जो बंद कर दिए गए हैं, और इस वजह से किसानों समेत लाखों लोग परेशानियों का सामना कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने पार्टी नेताओं को आश्वस्त किया, “पार्टी इन दिक्कतों को उजागर करने और उठाने में कतई नहीं हिचकिचाएगी…” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से इस बात का आग्रह करते रहेंगे कि बेनामी जायदाद रखने वालों पर भी कार्रवाई करें, जहां काले धन को बड़ी मात्रा में खपाया जाता है.