प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के जरिए 1975 में भारत में लगी इमरजेंसी को याद करते हुए उसे देश की काली घटना बताया। पीएम ने कहा कि ‘लोकतंत्र ने हमें बड़ी ताकत दी है, लेकिन 26 जून, 1975 एक दिन था जब भारत में आपातकाल लागू किया गया। नागरिकों के सारे अधिकारों को खत्म कर दिया गया और देश को जेलखाना बना दिया गया।
पीएम ने आगे कहा ’26 जून को आपसे बात कर रहा हूँ, तब इस बात को न भूलें कि हमारी ताकत लोकतंत्र है,हमारी ताक़त लोक-शक्ति है, हमारी ताकत एक-एक नागरिक है। ये बातें किसी देश के लिए बहुत बड़ी शक्ति का रूप हैं। भारत के लोकतान्त्रिक शक्ति का उत्तम उदाहरण आपातकाल में प्रस्तुत हुआ है।’ इससे पहले पीएम मोदी ने यह भी कहा कि ‘कई बार मन की बात का मज़ाक उड़ाया जाता है लेकिन यह इसलिए ही मुमकिन है क्योंकि हम लोकतंत्र में रह रहे हैं। ज़रा याद कीजिए 25-26 जून 1975 के दिन को।’
गौरतलब है कि पीएम मोदी का यह बयान तब आया है जब एक दिन पहले आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया है कि उन्होंने दिल्ली में इमरजेंसी लगा दी है।
फ्लाइंग अफसर बेटियों ने गौरव दिलाया
इसके अलावा मन की बात में पीएम ने भारत की पहली महिला फायटर पायलटों को बधाई भी दी। उन्होंने कहा ’18 जून को भारतीय वायु सेना में पहली बार महिला लड़ाकू पायलट का batch आया। गर्व होता है कि 3 फ्लाइंग अफसर बेटियां अवनि चतुर्वेदी,भावना कंठ, मोहना ने हमें गौरव दिलाया है। छोटे शहरों से होने के बावज़ूद भी इन्होंने आसमान जैसे ऊंचे सपने देखे और उसे पूरा करके दिखाया।’
‘कुछ तो गड़बड़ है’
अघोषित आय को सामने रखने का आग्रह करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ‘जिन लोगों के पास अघोषित आय है, उनके लिए भारत सरकार ने एक मौका दिया है कि आप अपनी अघोषित आय को घोषित कीजिये। स्वेच्छा से जो अपनी मिल्कियत के सम्बन्ध में, अघोषित आय के सम्बन्ध में जानकारी देंगे, सरकार किसी भी प्रकार की जांच नहीं करेगी।’ अपनी बात आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा ‘मैंने हमारे रेवेन्यू विभाग को साफ-साफ शब्दो में कहा है कि हम नागरिकों को चोर न मानें।’
वहीं सही आय सामने न रखने वालों पर अपनी शंका व्यक्त करते हुए पीएम ने कहा ‘सवा-सौ करोड़ के देश में सिर्फ और सिर्फ डेढ़ लाख लोग ही ऐसे हैं, जिनकी कर योग्य आय पचास लाख रूपये से ज्यादा है। 2-2 करोड़ के Bungalow देखते ही पता चलता है कि ये कैसे 50 लाख से कम आय के दायरे में हो सकते हैं, कुछ तो गड़बड़ है, स्थिति को बदलना है।’