प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 50वीं बार ‘मन की बात’ की। पीएम मोदी ने कहा कि मन की बात 130 करोड़ भारतीयों के मन की आवाज है। पीएम ने कहा कि भारत का मूल-प्राण राजनीति अथवा राजशक्ति नहीं है बल्कि भारत का मूल-प्राण समाजनीति और समाज-शक्ति है। उन्होंने मन की बात कार्यक्रम में संविधान निर्माताओं को याद किया। उन्होंने मन की बात कार्यक्रम की सफलता के लिए देशवासियों को शुक्रगुजार कहा। 2014 में प्रसारित इस कार्यक्रम के पहले अंक में प्रधानमंत्री मोदी ने नागरिकों से कहा था कि वे कम से कम खादी के एक उत्पाद का प्रयोग करें ताकि गरीब बुनकरों की सहायता हो सके।
We complete 50 episodes of sharing happiness. Tune in to today’s #MannKiBaat50. https://t.co/qXnj0K4jl5
— Narendra Modi (@narendramodi) November 25, 2018
मन की बात कार्यक्रम की मुख्य बातें पढ़ें:-
- पीएम मोदी बोले- लोगों का कहना है कि अक्सर लोग आपको latest technology, Social Media और Mobile Apps के साथ जोड़ते हैं, लेकिन आपने लोगों के साथ जुड़ने के लिये रेडियो को क्यों चुना?
- पीएम मोदी बोले- आपकी ये जिज्ञासा बहुत स्वाभाविक है कि आज के युग में, जबकि करीब रेडियो भुला दिया गया था उस समय मोदी रेडियो लेकर के क्यों आया ? मैं आपको एक किस्सा सुनाना चाहता हूं।
- पीएम मोदी बोले- Communication की reach और उसकी गहराई, शायद रेडियो की बराबरी कोई नहीं कर सकता ये उस समय से मेरे मन में भरा पड़ा है और उसकी ताकत का मैं अंदाज करता था।
- पीएम मोदी बोले- जब मैं प्रधानमंत्री बना तो सबसे ताकतवर माध्यम की तरफ़ मेरा ध्यान जाना बहुत स्वाभाविक था।
- पीएम मोदी बोले- हाल ही में आकाशवाणी ने ‘मन की बात’ पर survey भी कराया। जिन लोगों के बीच survey किया गया है, उनमें से औसतन 70% नियमित रूप से ‘मन की बात’ सुनने वाले लोग हैं।
- पीएम मोदी बोले- अधिकतर लोगों को लगता है कि ‘मन की बात’ का सबसे बड़ा योगदान ये है कि इसने समाज में positivity की भावना बढ़ायी है।
- कब किसी सरकार की इतनी ताक़त होगी कि #selfiewithdaughter की मुहिम हरियाणा के एक छोटे से गाँव से शुरू होकर पूरे देश में ही नहीं, विदेशों में भी फैल जाए।
- समाज का हर वर्ग, celebrities सब जुड़ जाएँ और समाज में सोच-परिवर्तन की एक नयी modern language में, जिसे आज की पीढ़ी समझती हो ऐसी अलख जगा जाये।
- कभी-कभी ‘मन की बात’ का मजाक भी उड़ता है लेकिन मेरे मन में हमेशा ही 130 करोड़ देशवासी बसे रहते हैं। उनका मन मेरा मन है।
- ‘मन की बात’ सरकारी बात नहीं है – यह समाज की बात है। मन की बात’ एक aspirational India, महत्वाकांक्षी भारत की बात है।
- भारत का मूल-प्राण राजनीति नहीं है, भारत का मूल-प्राण राजशक्ति भी नहीं है। भारत का मूल-प्राण समाजनीति है और समाज-शक्ति है।
- T।V। channels ने इसको most watched radio programme बना दिया। मैं media का हृदय से अभिनन्दन करता हूं। आपके सहयोग के बिना ‘मन की बात’ की यह यात्रा अधूरी ही रहती।
- कभी-कभी हमारे पूर्वाग्रह ही संवाद के लिए सबसे बड़ा संकट बन जाते हैं। स्वीकार-अस्वीकार और प्रतिक्रियाओं की बजाय किसी की बात को समझना मेरी प्राथमिकता रहती है।
- कल ‘संविधान दिवस’ है। उन महान विभूतियों को याद करने का दिन जिन्होंने हमारा संविधान बनाया। 26 नवम्बर, 1949 को हमारे संविधान को अपनाया गया था।संविधान draft करने के इस ऐतिहासिक कार्य को पूरा करने में संविधान सभा को 2 वर्ष, 11 महीने और 17 दिन लगे।
- कल्पना कीजिये 3 वर्ष के भीतर ही इन महान विभूतियों ने हमें इतना व्यापक और विस्तृत संविधान दिया। इन्होंने जिस असाधारण गति से संविधान का निर्माण किया वो आज भी time management और productivity का एक उदाहरण है।
- संविधान सभा देश की महान प्रतिभाओं का संगम थी, उनमें से हर कोई अपने देश को एक ऐसा संविधान देने के लिए प्रतिबद्ध था जिससे भारत के लोग सशक्त हों, ग़रीब से ग़रीब व्यक्ति भी समर्थ बने।
- हमारे संविधान में खास बात यही है कि अधिकार और कर्तव्य यानी Rights and Duties, इसके बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है।
- नागरिक के जीवन में इन्हीं दोनों का तालमेल देश को आगे ले जाएगा। अगर हम दूसरों के अधिकार का सम्मान करेंगे तो हमारे अधिकारों की रक्षा अपने आप हो जायेगी। अगर हम संविधान में दिए अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे तो भी हमारे अधिकारों की रक्षा अपने आप हो जायेगी।
- वर्ष 2020 में एक गणतंत्र के रूप में हम 70 साल पूरे करेंगे और 2022 में हमारी आज़ादी के 75 वर्ष पूरे हो जायेंगे।
- आइये, हम सभी अपने संविधान के मूल्यों को आगे बढ़ाएँ और अपने देश में Peace, Progression, Prosperity यानी शांति, उन्नति और समृद्धि को सुनिश्चित करें।
- संविधान सभा के बारे में बात करते हुए उस महापुरुष का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता जो संविधान सभा के केंद्र में रहे। ये महापुरुष थे पूजनीय डॉ। बाबा साहेब अम्बेडकर। 6 दिसम्बर को उनका महा-परिनिर्वाण दिवस है।
- मेरे प्यारे देशवासियों, दो दिन पहले 23 नवम्बर को हम सबने श्री गुरु नानक देव जी की जयंती मनाई है और अगले वर्ष यानी 2019 में हम उनका 550वाँ प्रकाश-पर्व मनाने जा रहे हैं।
- देश अगले वर्ष गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती समारोह को भव्य रूप से मनायेगा। इसका रंग देश ही नहीं, दुनिया-भर में बिखरेगा।
- भारत सरकार ने एक बड़ा महत्वपूर्ण निर्णय किया है करतारपुर corridor बनाने का ताकि हमारे देश के यात्री आसानी से पाकिस्तान में, करतारपुर में गुरु नानक देव जी के उस पवित्र स्थल पर दर्शन कर सकें।
- मेरे प्यारे देशवासियो, 50 episode के बाद हम फिर एक बार मिलेंगे अगले ‘मन की बात’ में।
- मुझे विश्वास है कि आज ‘मन की बात’ के इस कार्यक्रम के पीछे की भावनाओं को मुझे पहली बार आपके समक्ष कहने का मौका मिला क्योंकि आप लोगों ने ऐसे ही सवाल पूछे लेकिन हमारी यात्रा जारी रहेगी।
- आपका साथ जितना ज्यादा जुड़ेगा, उतनी यात्रा हमारी और गहरी होगी और हर किसी को संतोष देनेवाली मिलेगी।
पिछले दिनों प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा था कि ‘मन की बात’ के प्रसारण के बाद से खादी उत्पादों की बिक्री में 120 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो गई। श्रोताओं की प्रतिक्रियाओं को देखते हुये मोदी ने दिसम्बर 2014 को प्रसारित अंक में भारत को नशीले सामानों से मुक्त करने का आह्वान किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों से आग्रह किया कि वे इस बारे में अभियान चलाएं।
जनवरी 2015 के अंक में पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ भारतीय प्रधानमंत्री ने मिलकर लोगों को संबोधित किया। एक अंक में प्रधानमंत्री ने बच्चों से यह भी कहा कि परीक्षा की तैयारी को वे एक उत्सव की तरह देखें। मई 2015 के अंक में प्रधानमंत्री ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर अपनी बात कही।
पिछले दिनों प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा था कि मन की बात के 50 एपिसोड पूरे हो रहे हैं। ‘मैं आपसे आग्रह करता हूं कि इस कार्यक्रम के बारे में हो रहे सर्वेक्षण में हिस्सा लें। आपके विचार बहुत उपयोगी होंगे।’ यह सर्वेक्षण नरेंद्र मोदी एप पर किया जा रहा है।
मन की बात सर्वेक्षण में प्रतिभागियों से यह जानने का प्रयास किया गया है कि क्या वे कार्यक्रम को नियमित सुनते हैं ? क्या वे दो..तीन महीने में एक बार सुनते हैं, या वर्ष में एक बार सुना या कभी नहीं सुना है। कार्यक्रम सुनने का उनका माध्यम रेडियो, टीवी, इंटरनेट या मोबाइल में से क्या है।’
सर्वे में यह भी पूछा जा रहा है कि मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री की ओर से उठाये गए विषयों स्वच्छता, खेल, योग, परीक्षा में छात्रों को समर्थन, पर्यावरण संरक्षण, पर्यटन में से कौन का विषय लोगों से जुड़ने में सबसे अगे रहा। क्या मन की बात कार्यक्रम लोगों में सकारात्मक भाव पैदा करने में सफल रहा ? क्या आप मानते हैं कि मन की बात लोगों को सामुदायिक सेवा से जुड़ने के लिये प्रेरित कर सका ?
सर्वेक्षण में पूछा गया है कि सेल्फी विद डॉटर, इन्क्रेडिबल इंडिया, फिट इंडिया, संदेश टू सोल्जर, एग्ज़ाम वारियर, इंडिया पॉजिटिव में से किस अभियान ने आपके मन पर गहरा प्रभाव छोड़ा? कौन सा ऐसा विषय है जिसे प्रधानमंत्री अब तक नहीं उठा पाए ? क्या आप मानते हैं कि मन की बात कार्यक्रम के कारण रेडियो लोगों में लोकप्रिय हुआ ? मन की बात में सुझाव देने का सबसे बेहतर माध्यम कौन सा है ? क्या आप स्वयंसेवा के किसी कार्य से जुड़े हैं ?
‘मन की बात क्विज’ में शीर्ष अंक हासिल करने वालों को ‘मन की बात’ संबंधित पुस्तक दी जायेगी। नरेन्द्र मोदी एप पर ऑनलाइन माध्यम से तैयार क्विज प्रतियोगिता में प्रत्येक प्रश्न के जवाब 30 सेकेंड में देने होंगे।