प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन को कैशलेस बनाने की पहल करने के लिए कहा है, और इसके बाद संसद भवन की कैंटीन और सेल काउंटर पर स्वाइप मशीन लगाने की तैयारी शुरू हो गई है!
‘लोकतंत्र के मंदिर’ में आने वाले कई आम लोगों को खाली पेट वापस जाना पड़ रहा है, क्योंकि कैंटीन में छुट्टे नोटों की दिक्कत है, और नोटबंदी के बाद ऐसे लोगों की तादाद काफी बढ़ी है.
लेकिन खाने-पीने के लिए छुट्टे पैसों और नकदी की दिक्कत सिर्फ आम लोगों को नहीं है. कांग्रेस सांसद राज बब्बर ने बताया कि उन्हें अपने ड्राइवर से 100 रुपये उधार लेने पड़े, ताकि वह संसद की कैंटीन में चाय पी सकें.
यही हाल स्वागत कक्ष में बने बिक्री काउंटरों का है, जहां से लोग संसद की यादों से जुड़ी चीज़ें और किताबें ख़रीदते हैं. वहां भी प्लास्टिक मनी चलाने के लिए स्वाइप मशीन का इंतज़ाम नहीं है. इसके अलावा संसद भवन परिसर में लगे एटीएम में भी लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं.
अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर में यह बात आई है, और उन्होंने मंगलवार को बीजेपी संसदीय दल की बैठक में कहा कि कैशलेस भारत बनाने की शुरुआत संसद भवन से होनी चाहिए.
सो, पीएम के इस बयान के बाद संसद भवन को कैशलेस बनाने की शुरुआत हो गई है, और बताया गया है कि कैंटीन और सेल काउंटर के लिए स्वाइप मशीन का ऑर्डर दे दिया गया है, ताकि वहां क्रेडिट और डेबिट कार्ड का इस्तेमाल हो सके.