प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इस वार्ता से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने ओली से अपने आधिकारिक निवास पर मुलाकात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाली भाषा में ट्वीट कर नेपाली पीएम ओली का स्वागत किया। ओली तीन दिनों की यात्रा पर शुक्रवार को भारत पहुंचे हैं। फरवरी में पीएम बनने के बाद उनकी यह पहली विदेश यात्रा है। खास बात है कि ओली को चीन की तरफ से भी आमंत्रण मिला था और आठ नवंबर को ओली चीन की यात्रा पर जाने वाले थे लेकिन उन्होंने अपनी चीन की यात्रा कैंसिल कर, भारत आने का ऐलान किया। ओली, चीन के करीबी हैं और उनकी यह भारत यात्रा नेपाल के साथ रिश्तों को बेहतर करने की दिशा में एक बेहतर मौका हो सकती है।
छिमेकी मित्र राष्ट्र नेपाल को प्रधानमंत्री माननीय ओली ज्यू लाई भारत मा हार्दिक स्वागत छ
— Narendra Modi (@narendramodi) April 7, 2018
नेपाली पीएम ने निभाई परंपरा
नेपाली पीएम ओली को चीन से आठ अप्रैल को उनके देश का दौरा करने का आमंत्रण दिया था। चीन के निमंत्रण को कैंसिल करके ओली भारत आए हैं और ऐसा करके उन्होंने एक परंपरा निभाई है। दरअसल किसी भी नेपाली पीए को पीएम बनने के बाद पहले भारत की यात्रा करनी होती है। इस वजह से ही ओली पहले दिल्ली पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओली के साथ आधिकारिक निवास पर हुई मुलाकात की फोटोग्राफ्स ट्वीट की थीं। नेपाली पीएम जब पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे तो उनका मकसद दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करना होगा। ओली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के अलावा दिल्ली में नेपाली दूतावास के कर्मियों से भी मुलाकात की।
Delighted to meet the Prime Minister of Nepal, Mr. K.P. Sharma Oli. pic.twitter.com/mEkjk7XBdn
— Narendra Modi (@narendramodi) April 6, 2018
दोस्ती सबसे अहम है
राष्ट्रपति भवन में राजकीय स्वागत के बाद ओली ने मीडिया से भी बात की। उन्होंने कहा, ‘दोस्ती सबसे अहम है और दोस्ती के साथ किसी भी तरह की तुलना नहीं है। किसी भी तरह का समझौता या संधि, दोस्ती से ही शुरू होती है। हमारे पड़ोसियों, खासतौर पर भारत के साथ हम पहले दोस्ती की उम्मीद करते हैं।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के अलावा पीएम नरेंद्र मोदी गृहमंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी मुलाकात कर सकते हैं। अपने भारत दौरे से पहले ओली ने कहा था कि उनके दौरे पर उनका सबसे ज्यादा ध्यान पूर्व में हुए उन समझौतों पर होगा जो भारत और नेपाल के बीच हुए हैं। उन्होंने नए सौदों की संभावना से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वह भारत के साथ भरोसेमंद रिश्ते कायम करना है और द्विपक्षीय संबंधों में मौजूद किसी भी तरह के संदेह को दूर करना है।