प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने 2014 के लोकसभा चुनावों हेतु किये गए चुनाव प्रचार के दौरान ही पिछली सरकारों की शह पर हो रहे बड़े बड़े घोटालों से जुड़े भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाये थे और मोदी जी की सरकार आने के बाद भी हमेशा सरकार ने इन मुद्दों पर अपनी सख़्ती दिखाई है।
मोदी सरकार ने अपने अब तक के कार्यकाल में कालेधन और बेनामी संपत्ति के मुद्दे पर अभियान छेड़ा हुआ है। सरकारी विभाग जैसे आयकर विभाग आदि ने भी सख्त रवैया अपनाया है। आयकर विभाग कई बकायेदारों को कोर्ट के द्वारा सजा दिलाने में भी सफल हुआ है। कई मामलों में विभाग को भारी जुर्माने की भी रकम मिली है। आयकर विभाग द्वारा मुख्यतः उन लोगों पर कार्यवाई की जाती है जो आयकर रिटर्न सही समय पर नहीं भरते हैं या जान बूझकर आयकर की चोरी करते हैं या आय के स्रोत में फर्जी जानकारी भरते हैं या फिर आयकर देते ही नहीं है।
खाने-पीने की चीजों से लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं तक,
लोन से लेकर आयकर तक,
नए एयरपोर्ट, नेशनल हाईवेज से लेकर बड़े-बड़े शिक्षण संस्थानों तक,
मोदी सरकार ने हर प्रकार से मध्यम वर्ग के जीवन को सुगम और सरल बनाया है।#ModiWithMiddleClass pic.twitter.com/ZPIt8t0C9Y
— BJP (@BJP4India) January 3, 2019
जानिए मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ क्या क्या कदम उठाये?
भ्रष्टाचार पर GST का प्रहार
साल 2017 के 1 जुलाई से देशभर में लागू हुआ गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स अर्थात GST ने देशवासियों को अलग अलग तरह के बहुत सारे करों के जंजाल से बाहर निकाल दिया है। इससे टैक्स का संग्रह करना भी आसान हुआ है। टैक्स प्रक्रिया बिलकुल पारदर्शी हो गई है। GST के लागू होने से कच्चे बिल से होने वाली लेन देन पर भी एक हद तक लगाम लगी है। आने वाले वक़्त में कच्चे बिल वाली समस्या बिलकुल खत्म हो जायेगी क्योंकि हर व्यापार में उत्पादन से लेकर उपभोक्ता तक के मध्य होने वाले सभी सामान्य व्यक्ति को भी अपना GST रजिस्ट्रेशन करवाना ज़रुरी हो गया है। ऐसी परिस्थिति में अब हर स्तर पर लीगल बिल की जरुरत पड़ती है। लीगल या पक्के बिल की जानकारी अकाउंट में होने वाली लेन देन से जुड़ी होती है, जिस पर सरकार आसानी से नजर रख सकती है और इससे किसी भी तरह की धोखाधड़ी होने की संभावना नगण्य हो जाती है।
श्री @narendramodi जी की सरकार में #GST की प्रक्रिया लागू होने के बाद, अब पूरा देश भ्रष्टाचार मुक्त एक पारदर्शी बाजार बना है।
राज्यों के बीच कारोबारी जटिलताएं खत्म व टैक्स फॉर्म के सरलीकरण से बड़वानी, मध्य प्रदेश के शिवम जैसे लाखों व्यापारियों के लिए अब व्यापार करना आसान हुआ है। pic.twitter.com/YnGPZV6zyl
— Rakesh Singh (@MPRakeshSingh) December 28, 2018
दो लाख से ज्यादा फर्जी कंपनी के रजिस्ट्रेशन खारिज किये गए
2016 में लागू की गई नोटबंदी के दौरान कई धोखेबाजों ने अलग अलग तरह से अपने कालेधन को सफ़ेद करने की कोशिश की। इन्ही कोशिशों में से एक थी, फर्जी कंपनियां बनाकर कालेधन को सफ़ेद करने में इस्तेमाल करना। मोदी जी की सरकार ने इन शेल कंपनियों पर नकेल कसते हुए करीब तीन लाख से भी ज्यादा ऐसी कंपनियों को चिन्हित किया। जांच में पाया की इनमें से ज्यादातर कम्पनियाँ व्यापारियों और नेताओं के कालेधन को सफ़ेद करने के लिए बनाई गई थी। सरकार ने इनमें से करीब दो लाख से ज्यादा कंपनियों पर कार्रवाई करते हुए उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया। जांच में ऐसी कम्पनियाँ भी सामने आई जहाँ एक ही पते पर 400 कंपनियाँ एक साथ चलाई जा रही हैं।
ढाई लाख से ज्यादा शैल कंपनियों को हमने ताला लगा दिया, और भी करीब 2 लाख कंपनियां आज भी नजर में है, कभी भी उन पर ताला लगने की संभावना बनी हुई है, बेनामी संपत्ति का कानून सदन ने पारित किया, और मुझे खुशी है कि अब तक 4 से 4.5 हजार करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली गई है: पीएम @NarendraModi pic.twitter.com/VoRPSSTHEg
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 21, 2018
डिजिटल इंडिया के माध्यम से डिजिटलीकरण को बढ़ावा दिया
साल 2016 में लगाई गई नोटबंदी के दौरान से सरकार ने डिजिटल इंडिया प्रोग्राम को बहुत बढ़ावा दिया। मोदी सरकार ने डिजिटल रिवोल्युशन तथा डिजिटल भुगतान की व्यवस्था के लिए भीम एप्प, पीओसी और स्वाइप मशीन जैसे डिजिटल प्रोडक्ट्स को अपनाया। आज आम जनता भी इन प्रोडक्ट्स को आराम से इस्तेमाल कर रही है। इन सब माध्यमों से देश में डिजिटल तथा इलेक्ट्रॉनिक भुगतान बढ़ा है। डिजिटल भुगतान से शासन प्रशासन के कार्यों में भी पारदर्शिता आ गई है।
Today, people across the country are confident about the #digitalpayments as they find it convenient and secure to use.
Read the complete article in #YOJANA magazine Dec’ 2018 special #DigitalIndia edition. pic.twitter.com/Zznr6scShC
— Digital India (@_DigitalIndia) December 11, 2018
जनधन योजना
आम लोगों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ने के लिए बनाई गई इस योजना के तहत अभी तक 32 करोड़ से ज्यादा नए बैंक खाते खोले जा चुके हैं। इससे सबसे बड़ा लाभ उन वंचित वर्ग के लोगों को हुआ है जिन्हें सरकार के द्वारा दी जा रही अलग अलग तरह की सब्सिडी के पैसे मिलते हैं। पहले ये पैसे उन्हें बिचौलिए के माध्यम से मिलते थे, जिससे कई बार वास्तविक व्यक्ति तक पैसा पहुँच ही नहीं पाता था। पर अब हर सब्सिडी का पैसा सीधे उस व्यक्ति के बैंक खाते में चला जाता है।
Under the leadership of @narendramodi, #DigitalIndia has brought prosperity, transparency & inclusive growth. pic.twitter.com/k1eQYKZAQv
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) January 1, 2019
नोटबंदी
कालेधन पर रोकथाम के लिए मोदी जी की सरकार के द्वारा उठाया गया एक बड़ा कदम था नोटबंदी। 8 नवम्बर 2016 की रात बारह बजे से ये पूरे देश में एक साथ लागू कर दिया गया। इसके जरिये कालेधन के अलग अलग स्रोतों का पता लगा। करीब तीन लाख फर्जी कंपनियां सामने आई जो कालेधन का व्यापार करती थीं। इनमें से 2 लाख कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही नोटबंदी का एक ओर सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में की जा रही टेरर फंडिंग की भी कमर टूट चुकी है।
Terrorists Become Bankrupt After #DeMonetization. PM Modi’s Masterstroke #PMSavedKashmir.
RT & Spread The PROOF.pic.twitter.com/VG2tPiJp1C
— Sir Jadeja (@SirJadeja) November 19, 2016
बेनामी संपत्ति रोकथाम कानून
नोटबंदी के कुछ दिन बाद ही मोदी सरकार ने बेनामी सम्पत्ति वालों पर भी नकेल कसा। नोटबंदी के कारण ही सरकार के पास बेनामी संपत्तियों की पुख्ता जानकारी आ गई। कांग्रेस सरकार द्वारा कई सालों से लटका रखे गए बेनामी लेन देन रोकथाम क़ानून को लागू किया गया और इस कानून के अंतर्गत आये सभी लोगो पर कार्रवाई चल रही है।
Modi government’s crackdown on Benami properties has resulted in attachment of about 1600 properties worth Rs 4,300 crore till June 30, 2018. pic.twitter.com/eYtLBikjna
— BJP (@BJP4India) July 28, 2018
रियल स्टेट में 20,000 रुपये से ऊपर की नगद लेन देन पर पाबंदी
सबसे ज्यादा कालाधन रियल स्टेट व्यापार में निवेश किया जाता है। ये सर्वमान्य है फिर भी पिछली किसी सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने इस विषय को समझा और नगद लेन देन की सीमा निर्धारित कर दी। अब इस निर्णय से रियल स्टेट में लगने वाली कालेधन पर भी रोकथाम हो गई है।
राजनैतिक दान या चंदा
राजनीति में भी कालेधन का बहुत ज्यादा प्रयोग होता है। इस पर भी मोदी जी की सरकार ने ऐक्शन लिया और कैश में राजनीतिक चंदे की रकम 2000 तक सीमित कर दी। इससे ज्यादा की रकम के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड लाने की जरुरत पड़ेगी। प्रधानमंत्री जी के इस निर्णय से राजनीति में कालेधन के प्रयोग पर भी एक हद तक लगाम लग गई है।
पैसे के स्रोत पर टैक्स
मोदी जी की सरकार ने दो लाख रुपये से अधिक के नगद भुगतान और जमा पर रोक लगा दी। इससे अधिक राशि के भुगतान और जमा के लिए बैंकिंग व्यवस्थाओं जैसे चेक, ड्राफ्ट और ऑनलाइन आदान प्रदान की सहायता ली जा सकती है। यह निर्णय भी कालेधन और भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए अहम साबित हुआ है।
आधार कार्ड से पैन नंबर का जुड़ना
कालेधन की रोकथाम में आधार कार्ड से पैन नंबर के जुड़ने का निर्णय एक मील का पत्थर साबित हुआ है। इसके माध्यम से छोटे लेवल के भ्रष्टाचारियों पर नकेल कस दी गई है। आपके द्वारा की जाने वाली किसी भी प्रकार की लेन देन की खबर अब आपके आधार कार्ड के माध्यम से सरकार तक पहुँच जाती है।
बहरहाल इतने सारे कड़े निर्णयों से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कम समय में बहुत ज्यादा करके दिखाया है। हो सकता है कि कुछ निर्णयों में एक-आध त्रुटियां भी हुई हों पर मोदी जी ने दिखाया की अगर सोच सही हो तो निर्णय लेने में संकोच नहीं होता। यहीं पिछली सरकारें मोदी जी की सरकार से मीलों पीछे नजर आती है। हमें विश्वास है कि मोदी जी ऐसे ही आने वाले सालों में हमें और देश को अपना नेतृत्व प्रदान करते रहेंगे।