आरक्षण के मुद्दे पर अक्सर हम सामान्य वर्ग में आने वाले सभी लोगों से एक बात सुनते हैं कि ‘जब गरीबी जाति देखकर नहीं आती, तो आरक्षण जाति देखकर क्यों दिया जाता है?’ हालांकि आज़ादी के बाद जातिगत तौर पर आरक्षण देने की जो भी वजह रही हो, उस वजह को स्वीकार करते हुए भी इस तर्क को नकारा नहीं जा सकता है कि गरीबी किसी की जाति नहीं देखती है और आरक्षण दिए जाने के अब तक के इसी विरोधाभास को हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की कुशल सरकार ने समझा और इसे दुरुस्त करने हेतु अपने कदम आगे बढ़ा दिए हैं।
Passage of The Constitution (One Hundred And Twenty-Fourth Amendment) Bill, 2019 in both Houses of Parliament is a victory for social justice.
It ensures a wider canvas for our Yuva Shakti to showcase their prowess and contribute towards India’s transformation.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 9, 2019
By passing The Constitution (One Hundred And Twenty-Fourth Amendment) Bill, 2019, we pay tributes to the makers of our Constitution and the great freedom fighters, who envisioned an India that is strong and inclusive.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 9, 2019
आज़ादी के बाद से चले आ रहे जातीय आरक्षण के बहुत सारे फायदे हुए होंगे पर एक जो नुकसान हुआ वो है सामान्य वर्ग के वंचित और ग़रीबों के बीच इसका गलत संदेश जाना। सामान्य वर्ग के वंचितों को अब तक ऐसा लगता था की उनकी गुहार कोई भी सरकार नहीं सुनती, उनकी बेहतरी की तरफ किसी सरकार का कोई ध्यान नहीं है। पर अब जातीय आरक्षण से जाने वाले इस गलत संदेश को सही किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने सामान्य वर्ग के वंचितों के लिए 10% के आरक्षण की व्यवस्था कर उन वंचितों की आँखों में भी उम्मीद की किरण भर दी है जिन्हे किसी भी सरकार पर भरोसा नहीं बचा था।
आज कल के परिवेश में जब विपक्ष हर मुद्दे पर अनर्गल रोड़े अटकाता रहता है ऐसे में इस 10% आरक्षण के बिल को सफलता से संसद के दोनों सदन में पास करवाना भी एक टेढ़ी खीर थी पर सरकार ने इसे बड़े आराम से पास करवा लिया इसके लिए सरकार की तारीफ़ की जानी चाहिए। इस बिल की सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि यह बिल पूरे भारत को एक सूत्र में जोड़ता है। इस बिल में ना किसी जाति का बंधन है और ना ही किसी धर्म का बंधन है। इस बिल में हर धर्म से आने वाले सामान्य वर्ग के आर्थिक तौर से वंचित लोगों के लिए आरक्षण की सुविधा मुहैया करवाने की बात की गई है जो इस बिल की सबसे बड़ी खूबी है।
भारतीय इतिहास में आर्थिक तौर से वंचित लोगों को सहायता देने के लिए इस बिल को एक उदाहरण की तरह देखा जाएगा। इस निर्णय से आने वाले भविष्य में हर वर्ग और हर धर्म के वंचित लोगों के विकास के लिए सरकार द्वारा किसी प्रकार के निर्णय लेने में कोई मुश्किल नहीं आएगी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का नारा ‘सबका साथ सबका विकास’ इस निर्णय के बाद सबके समक्ष विशेष तौर से प्रतिफलित हुआ है जो भारत के विकास में एक नई इबारत लिखेगा। ये तो बस शुरुआत है, हमें प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आने वाले सालों में और ज्यादा तरक्की करनी है और भारत को पुनः विश्व गुरु बनाना है।