पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने गुरुवार को कहा कि यह भारत का सौभाग्य है कि उनके पास एक स्पष्ट दृष्टिकोण का नेता है। कोलकाता में इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) की वार्षिक मीटिंग में भाग लेने आए कैमरन ने सवालों का जवाब देते हुए कहा कि भारत को स्किल डेवलपिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा से ज्यादा फोकस करना चाहिए। कैमरन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना ‘स्किल इंडिया’ की तारीफ करते हुए कहा कि इस प्रकार के लक्ष्य तक अकेले सरकार की पहल से नहीं पहुंचा जा सकता है।
कैमरन ने कहा, ‘भारत भाग्यशाली है कि उनके पास एक स्पष्ट दृष्टिकोण का नेतृत्व करने वाला पीएम है। जब मैं प्रधानमंत्री मोदी से मिला था, तब मैंने देखा कि उनके पास लंबी समस्याओं के बारे में एक गहन विचार था। कैमरन ने आगे कहा कि ब्रिटेन और भारत जैसे देशों की सफलता मार्केट पर टिकी है। उन्होंने कहा कि भारत अवसरों की धरती है, जिसकी तेज गति से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है, जिन्हें ज्यादा से ज्यादा इंफ्रास्ट्रक्चर और स्किल डेवलपमेंट पर फोकस करना चाहिए।
कैमरन ने कहा कि ट्रेड को संरक्षण और अलग करने की नीति देश की विकास में बहुत बड़ी बाधा और दो राष्ट्रों के बीच फ्री ट्रेड पर दबाव डालती है। दुनिया भर में चल रहे ट्रेड वॉर पर कैमरन ने कहा, ‘इस प्रकार की नीति को समझना फ्री ट्रेड के लिए सही नहीं है। अगर किसी को ऐसा लगता है कि इससे किसी एक की जीत हो रही है और दूसरे की हार है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि ऐसा ही चलता रहेगा। फ्री ट्रेड किसी भी देश की सफलता में बहुत बड़ी भुमिका निभाता है।
अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर को लेकर कैमरन ने कहा कि ट्रेड वॉर शुरू करने बजाय ब्रिटेन का उद्देश्य रहा है कि कम्युनिस्ट राष्ट्र के साथ ज्यादा से ज्यादा व्यापारिक संबंध स्थापित किया जाए। स्कील इंडिया के बारे में साउथ कोरिया का उदाहरण देते हुए कैमरन ने कहा कि ब्रिटेन के 68 फिसदी की तुलना में साउथ कोरिया में 98 फिसदी स्टूडेंट स्किल पर फोकस करते हैं, वहीं भारत में 2 प्रतिशत फोकस करते हैं। ब्रेक्सिट के बाद अपने पद से इस्तीफा देने वाले पूर्व ब्रिटिश पीएम ने आशा जताई की भारत जल्द ही यूएन सिक्योरिटी काउंसिल का मेंबर होगा।