प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बेटी बचाओ बेटी बढ़ाओ’ के विस्तार कार्यक्रम में कहा कि अगर सास कह दे कि मुझे घर में बेटी ही चाहिए, तो बेटियों को मारने का जो पाप पीढ़ियों से हो रहा है, उसे सुधारने में छह-सात पीढ़ियां नहीं, बल्कि दो पीढ़ियां ही काफी होंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लिंगानुपात सुधारने के काम का नेतृत्व जब तक ‘मदर इन लॉ’नहीं संभालती, तो इस काम को समय ज्यादा लगेगा, लेकिन जब वह इस काम को अपने हाथ में ले ले, तो काम सफलतापूर्वक जल्दी हो जाएगा। सास कहे मुझे बेटी चाहिए तो इस मिशन को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।
A mother-in-law can make a lot of difference. If she says she wants a daughter in the house, then no one will be able to hassle a daughter. We will have to bring in a social revolution: PM Narendra Modi pic.twitter.com/JrKEF6uAZQ
— ANI (@ANI) March 8, 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झुंझुनूं में ‘बेटी बचाओ बेटी बढ़ाओ’ के विस्तार कार्यक्रम की शुरुआत कर इसे पूरे देश में लागू किया। साथ ही, नौ हजार करोड़ के राष्ट्रीय पोषण मिशन की भी शुरुआत की।
उन्होंने कहा कि बेटियां तो घर की आन-बान-शान होती हैं। लेकिन ऐसा क्या हुआ कि वेद से लेकर विवेकानन्द तक तो सब ठीक रहा, लेकिन बाद में बेटियों की बलि चढ़ाने की कुरीति पनप गई।
बेटी बोझ नहीं बल्कि पूरे परिवार की आन-बान-शान हैं : पीएम श्री नरेन्द्र मोदी #NariShakti4NewIndia pic.twitter.com/qgfQWPnIEl
— BJP (@BJP4India) March 8, 2018
18वीं शताबदी में एक गलत परम्परा ‘दूधपीती’ घर कर गई, जिसमें बेटी के जन्म होने पर उसे दूध से भरे एक बड़े बर्तन में डुबो दिया जाता था। यूं मारकर महापाप कर कहा जाता था कि हमारी बेटी दूधपीती हो गई।
बेटियों को पेट में ही मारने का महापाप कर दिया जाता है
उन्होंने कहा कि मुझे कई बार लगता है कि इसके बाद हालात और बद्तर हो गए और लगता है कि इससे ठीक तो 18वीं शताबदी थी, कम से कम बेटी जन्म तो लेकर दो सांस तो ले लेती थी। लेकिन इस युग में वैज्ञानिकता को हथियार बनाया और बेटियों को पेट में ही मारने का महापाप कर दिया जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्त्री और पुरुष जब बराबर संख्या में होते हैं, तो समाज की सभी गतिविधयां सामान्य चलती हैं। यदि संख्या बराबर न हो, तो सोचा नहीं जा सकता कि समाज की कैसी दुर्दशा हो जाती है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे कई ऐसे परिवारों को जानते हैं, जिनके चार बेटे हैं और चारों के बड़े-बड़े बंगले व गाड़ियां हैं। फिर भी उनके माता-पिता वृद्धाश्रम में रहते हैं। लेकिन जिन माता-पिता की एक बेटी होती है, वह रोजगार का साधन जुटाती है और अपने बूढ़े माता-पिता की देखभाल के लिए साथ रखती है। जब झुंझुनूं की बेटी फाइटर प्लेन उड़ाती है, देश की बेटी सेटेलाइट बनाती है और खेलों में मैडल जीतकर लाती है, तो सीना चौड़ा हो जाता है।
इससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत उल्लेखनीय कार्य करने वाले छत्तीसगढ़ के रायगढ़, राजस्थान के सीकर और झुंझुनूं, तैलंगाना के हैदराबाद, गुजरात के अहमदाबाद, सिक्कम के नॉर्थ सिक्किम, जम्मू-कश्मीर के ऊधमपुर, पंजाब के तरण तारण तथा हरियाणा के सोनीपथ, कर्नाटक के बीजापुरा जिलों को सम्मानित किया। पोषण मिशन का लोगो बनाने वाली गरिमा जैन तथा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का पोस्टर बनाने वाले मुकेश गौतम को भी पुरस्कृत किया गया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान के अंतर्गत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जिलों को सम्मानित करते हुए। लाइव देखें https://t.co/gLyEAufIbB पर #NariShakti4NewIndia pic.twitter.com/xnxCrSz7t4
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