Monthly Archives: April 2018

bharat or britain ke beech 9 samjhaute par hue hastakshar

भारत और ब्रिटेन के बीच नौ समझौते पर हुए हस्ताक्षर, पीएम मोदी ने अपनी संवेदनाएं भी व्यक्त की।

भारत और ब्रिटेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में तकनीकी, व्यापार और निवेश के मुद्दों समेत नौ समझौतों पर दस्तखत किए हैं। दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय अपराधों को खत्म करने के उद्देश्य से सूचना के आदान-प्रदान और सहयोग के लिए भी सहमति पत्र पर दस्तखत किए हैं। अपराधियों के रिकार्ड के आदान-प्रदान के साथ ही संगठित अपराधों को खत्म करने के लिए भी समझौता किया गया है।

इसके अलावा, दोनों देशों ने साइबर संबंधों के साथ ही स्वतंत्र, मुक्त, शांतिपूर्ण और सुरक्षित साइबर स्पेस के संबंध में समझौते के अलावा, साइबर सुरक्षा प्रबंधन पर भी समझौते किए हैं। सूचनाओं के आदान-प्रदान में सहयोग पर समझौता हुआ है।

इससे पूर्व, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे से मुलाकात के दौरान आश्वासन दिया कि ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने से द्विपक्षीय व्यापार को और बढ़ाने के बेहतर अवसर मिले हैं। दोनों नेताओं ने भारत और ब्रिटेन के संबंधों में विभिन्न आयामों पर लाभकारी बातचीत की। इस दौरान आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई, कट्टरवाद और ऑनलाइन कट्टरवाद पर भी चर्चा हुई। इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से बकिंघम पैलेस में मुलाकात की और साझा हितों पर बातचीत की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह सबसे पहले ब्रिटिश पीएम टेरीजा मे से उनके सरकारी आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट में ब्रेकफास्ट पर मुलाकात की। टेरीजा मे ने गर्मजोशी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ मिलाते हुए कहा-‘लंदन में आपका बहुत स्वागत है प्रधानमंत्री।’ मुलाकात के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके बताया कि प्रधानमंत्री मे के साथ उनकी कई मुद्दों पर लाभकारी बातचीत हुई है। उन्हें भरोसा है कि इस मुलाकात से हमारे संबंधों में नई ऊर्जा आएगी। वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि दोनों नेताओं ने ब्रेक्जिट के बाद के हालात पर चर्चा करते हुए द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊर्जा भरने और उसे पुनर्परिभाषित करने पर गहन चर्चा की। ब्रेक्जिट का अर्थ है 23 जून, 2016 को ब्रिटेन का 28 देशों के यूरोपीय संघ को छोड़ने का जनमत संग्रह करना।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और टेरीजा मे की बैठक के बाद 10, डाउनिंग स्ट्रीट की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सीरिया पर हवाई हमले, आतंकवाद पर कार्रवाई, कट्टरपंथ और ऑनलाइन कट्टरवाद पर दोनों नेताओं ने प्रमुखता से चर्चा की है। डाउनिंग स्ट्रीट के प्रवक्ता के अनुसार पीएम मोदी ने कहा कि ब्रेक्जिट के बाद भारत के लिए ब्रिटेन के प्रति महत्व में कोई कमी नहीं आएगी। वैश्विक बाजार के संदर्भ में लंदन भारत के बहुत महत्व रखता है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने मोदी को ईयू से अलग होने के कार्य में प्रगति पर जानकारी दी। टेरीजा मे ने कहा कि मार्च में इसके अमल पर सहमति से भारतीय कंपनियों और निवेशकों की पहुंच ब्रिटिश बाजार में मौजूदा शर्तो पर ही होगी। और यह वर्ष 2020 के अंत तक जारी रहेगी। डाउनिंग स्ट्रीट के जारी बयान के अनुसार ब्रिटिश पीएम के वर्ष 2016 में भारत दौरे के बाद दोनों देशों के द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग में प्रगति हुई है। रक्षा के प्रमुख सामरिक क्षेत्रों में साझेदारी को लेकर कई समझौते हुए हैं।

टेरीजा मे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन और भारत की नई टेक साझेदारी पर भी चर्चा की। इससे दोनों अर्थव्यवस्थाओं में निवेश बढ़ने के साथ ही हजारों नौकरियां मिलेंगी। दोनों देश संयुक्त व्यापार समीक्षा भी करेंगे ताकि व्यापार की रुकावटों को दूर किया जा सके।

आज बकिंघम पैलेस में रात्रिभोज

देर शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 91 वर्षीय ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के न्योता पर उनसे बकिंघम पैलेस में मिले। राष्ट्रमंडल की प्रमुख महारानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में यह भेंट रखी थी। पीएम नरेंद्र मोदी यहां गुरुवार को राष्ट्रमंडल देशों के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक में भी हिस्सा लेंगे। महारानी इसी दिन राष्ट्रमंडल के सभी राष्ट्राध्यक्षों को अपने महल में रात्रिभोज भी देंगी।

‘फ्लैश मॉब’ डांस से समर्थकों ने किया स्वागत

इससे पहले, 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंतजार कर रहे सैकड़ों भारतीय समर्थकों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए। साड़ी पहनी भारतीय महिलाओं ने ढोल की थाप पर ‘फ्लैश मॉब’ डांस किया। समर्थकों ने ‘इन इंडिया पीस इज आलवेज इन फैशन’ के बैनर ले रखे थे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की प्रिंस चार्ल्स से मुलाकात, भगवान बसवेश्‍वर को दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे से मुलाकात करने के बाद प्रिंस चार्ल्‍स से मुलाकात की। प्रिंस चार्ल्‍स से मुलाकात करने के साथ ही पीएम मोदी उनके साथ विज्ञान प्रदर्शनी भी देखने गए। इसके अलावा मोदी भगवान बसेश्‍वर के मंदिर भी गए और यहां पर उन्‍होंने उनकी मूर्ति पर माल्‍यापर्ण भी किया। प्रधानमंत्री मोदी आज क्‍वीन एलिजाबेथ से मुलाकात करने के लिए बकिंघम पैलेस भी जाएंगे। इसके अलावा सेंट्रल हॉल में वह ‘भारत की बात सबके साथ,’ नामक कार्यक्रम में हिस्‍सा लेंगे।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह उनके लिए काफी खुशी की बात है कि भगवान बसवेश्‍वर की जन्‍मतिथि के मौके पर उन्‍हें यहां पर लोगों से बातचीत करने का मौका मिल रहा है। भगवान बसेश्‍वर 12वीं सदी के लिंगायत समुदाय के दार्शनिक थे। इस मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2015 में किया था जब वह प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार ब्रिटेन के दौरे पर गए थे। उनका पुतला एल्‍बर्ट एमबैंकमेंट गार्डन में लगा है। इसके अलावा आज पीएम नरेंद्र मोदी सेंट्रल हॉल में ‘भारत की बात, सबके साथ’ नामक कार्यक्रम में करीब 2000 लोगों से मुखातिब होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बकिंघम पैलेस में क्‍वीन एलिजाबेथ से मुलाकात करने के अलावा वह कॉमनवेल्‍थ समिट में भी शामिल होंगे।


आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कॉमनवेल्‍थ देशों के अकेले ऐसे राष्‍ट्राध्‍यक्ष हैं जिन्‍हें कॉमनवेल्‍थ हेड्स ऑफ गर्वनमेंट मीटिंग (सीएचओजीएम) से पहले क्‍वीन एलिजाबेथ से मुलाकात की पेशकश की गई है। पीएम नरेंद्र मोदी को की गई इस पेशकश को अधिकारी एक ‘असाधारण स्‍वागत’ के तौर पर देख रहे हैं। थेरेसा मे और मोदी की मुलाकात के दौरान आतंकवाद, वीजा, अप्रवासन समेत कई और मुद्दों पर चर्चा हुई। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुलाकात के दौरान गैर-कानूनी तरीके से बसे लोगों की वापसी के लिए एक एमओयू साइन। यह एमओयू साल 2014 में खत्‍म हो चुका है। अब इसे बायोमैट्रिक के जरिए रिन्‍यू किया जाएगा।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की प्रधानमंत्री थेरेसा में से मुलाकात, कई अहम मुद्दों पर हुई बातचीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे से मुलाकात की। पीएम नरेंद्र मोदी और थेरेसा मे की यह मुलाकात ब्रिटिश पीएम के लंदन स्थित आधिकारिक निवास 10 डाउनिंग स्‍ट्रीट में नाश्ते पर बैठक हुई। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच सीमापार आतंकवाद, वीजा और आव्रजन सहित आपसी हित से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बातचीत होने की उम्मीद है। इस मुलाकात के दौरान समर्थकों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए।


ब्रेकफास्ट बैठक के लिए डाउनिंग स्ट्रीट पहुंचने पर थेरेसा ने हाथ मिलाकर मोदी का स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ मिलाते हुये थेरेसा ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री, लंदन में आपका स्वागत है।’’ दोनों नेताओं के बीच होने वाली इस बैठक में सीमापार आतंकवाद, वीजा और आव्रजन सहित आपसी हितों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बातचीत होने की उम्मीद है।


बातचीत के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में करीब एक दर्जन आपसी सहमति ज्ञापन ( एमओयू ) पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। एक एमओयू अवैध आव्रजकों की वापसी पर किया जाना है। ऐसी पहले हुई सहमति साल 2014 में समाप्त हो गई। इस क्षेत्र में अब नया समझौता आधिकारिक तौर पर किया जाना है जिसमें इस क्षेत्र में बायोमेट्रिक और अन्य बदलावों को शामिल किये जाने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब डाउनिंग स्ट्रीट पहुंचे तब उसी समय साड़ी पहने हुई भारतीय महिलाओं का एक समूह, ढोल आदि के साथ वहां पहुंचा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत में अपने हाथ में कुछ बैनर आदि लिये हुए थे।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज क्‍वीन एलिजाबेथ से मुलाकात करने के लिए बकिंघम पैलेस भी जाएंगे। इसके अलावा सेंट्रल हॉल में वह ‘भारत की बात सबके साथ,’ नामक कार्यक्रम में हिस्‍सा लेंगे। आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी कॉमनवेल्‍थ देशों के अकेले ऐसे राष्‍ट्राध्‍यक्ष हैं जिन्‍हें कॉमनवेल्‍थ हेड्स ऑफ गर्वनमेंट मीटिंग (सीएचओजीएम) से पहले क्‍वीन एलिजाबेथ से मुलाकात की पेशकश की गई है।

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लंदन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, करेंगे ‘भारत की बात, सबके साथ’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पांच दिन के विदेश दौरे के दूसरे पड़ाव में ब्रिटेन बहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी का लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर यूके के विदेश सचिव बोरिस जॉनसन ने स्वागत किया है। ब्रिटेन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, प्रिंस चार्ल्स से मुलाकात करेंगे। ब्रिटेन में शीर्ष नेताओं से मुलाकात के बाद पीएम नरेंद्र मोदी बुधवार देर रात ‘भारत की बात, सबके साथ’ कार्यक्रम को संबोधित करने वाले हैं। ब्रिटेन यात्रा पर पीएम मोदी कॉमनवेल्थ देशों (चोगम) की एक बैठक में हिस्सा लेंगे। यह बैठक भारतीयों के लिए काफी खास मानी जा रही है।


लंदन पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोरिस जॉनसन के साथ बैठक की और कई अहम मुद्दों पर उनसे बातचीत की। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी स्वीडन पहुंचे थे और यहां उन्होंने प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन के साथ मुलाकात के बाद कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे।


विज्ञान प्रदर्शनी भी देखने जाएंगे मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंदन में चल रही विज्ञान प्रदर्शनी भी देखने जाएंगे जहां भारत के 5000 सालों की वैज्ञानिक उपलब्धियों और आविष्कारों को दर्शाया गया है। इस दौरान भारतीय और ब्रिटिश और भारतीय मूल के वैज्ञानिकों से भी प्रदर्शनी के दौरान पीएम मिलेंगे।

आयुर्वेदिक चिकित्सा समझौते पर होंगे दस्तखत

प्रधानमंत्री मोदी की दूसरी ब्रिटेन यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच आयुर्वेदिक चिकित्सा पर भी समझौते पर दस्तखत होंगे। पीएम नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान और ब्रिटेन के कॉलेज ऑफ मेडिसिन के बीच अनुबंध पर मुहर लगाई जाएगी।

दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की मुलाकात

द्विपक्षीय कार्यक्रमों की ही कड़ी में प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे क्रिक संस्थान में आयोजित होने वाले कई कार्यक्रमों में भी भाग लेंगे। प्रधानमंत्री कैंसर और मलेरिया इलाज शोध में लगे वैज्ञानिकों से भी मिलेंगे। साथ ही दोनों देशों के आला सीईओ के साथ भी बैठक करेंगे।

एक दर्जन अहम फैसलों व समझौतों पर मुहर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रिटेन दौरे में करीब एक दर्जन अहम फैसलों व समझौतों पर मुहर लगने की उम्मीद है। इसमें नौस्कॉम और इनोवेट यूके, नीति आयोग और उसके ब्रिटिश समकक्ष संस्थान के बीच समझौता शामिल है। इसके अलावा ब्रिटेन में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की वापसी की प्रक्रिया निर्धारित करने पर भी सहमति अपेक्षित है।

भगोड़े अपराधियों की वापसी के संबंध में भी चर्चा की उम्मीद

द्विपक्षीय बातचीत के दौरान भारत के भगोड़े अपराधियों की वापसी के संबंध में भी चर्चा की उम्मीद है। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि वैसे तो इस मुद्दे पर दोनों मुल्क स्थापित तंत्र के जरिए बातचीत कर रहे हैं। गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू जनवरी 2018 में यूके गए थे तो इस संबंध में उनकी चर्चा हुई थी। साथ ही प्रत्यर्पण के सभी मामले निर्धारित कानूनी प्रक्रिया के आधार पर चल रहे हैं। हालांकि यदि यह मुद्दा बातचीत के दौरान उठता है तो भारत इस पर विस्तार से चर्चा करना चाहेगा।

अनोखे जनमंच से भारतीयों को करेंगे संबोधित

लंदन यात्रा में पीएम नरेंद्र मोदी आज शाम एक अनोखे जनमंच को भी संबोधित करेंगे जहां वो दुनियाभर में फैले भारतीय समुदाय के लोगों से संवाद करेंगे। अपने विदेशी दौरों में भारतवंशियों से संवाद की परंपरा निभाने वाले पीएम मोदी का अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है जहां वो भारत के विकास और अपनी सरकार के बारे में सोशल मीडिया के जरिए आए सवालों के जवाब देंगे।

जोरशोर से हो रही हैं तैयारियां

लंदन में आज भारत की बात सबके साथ नामक इस कार्यक्रम के लिए जोरशोर से तैयारियां की जा रही हैं। इसका आयोजन बीजेपी की विदेश संबंधी शाखा ओवरसीज फ्रैंड्स ऑफ बीजेपी कर रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2015 में हुई ब्रिटेन यात्रा में लंदन के वैंबली पार्क में भारतवंशियों के बड़े कार्यक्रम को संबोधित किया था।

भारतीय समय के मुताबिक लंदन में मोदी का कार्यक्रम

मोदी मंगलवार रात 2.55 बजे लंदन पहुंचेंगे। यूके के विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन उन्हें रिसीव करेंगे।

मंगलवार रात 3.05 से 3.15 बजे के बीच हीथ्रो एयरपोर्ट के रॉयल लाउन्ज में मोदी और यूके के विदेश मंत्री के बीच मुलाकात होगी।

दोपहर 1.30 से 2.30 बजे के बीच 10 डाउनिंग स्ट्रीट में ब्रेकफॉस्ट पर मोदी और यूके की पीएम थेरेसा मे के बीच मुलाकात होगी।

दोपहर 3.30 से 3.45 बजे के बीच साइन्स म्यूजियम में साइंस एग्जिबिशन का दौरा करेंगे। एग्जिबिशन में भारत की साइंस और इनोवेशन की 5000 साल की यात्रा को दिखाया गया है।

शाम दोपहर 3.45 से 4.15 बजे के बीच साइंस म्यूजियम में लिविंग ब्रिज थीम्ड रिसेप्शन होगा।

शाम 4.30 से 4.35 बजे के बीच 12 वीं सदी के लिंगायत दार्शनिक और समाज सुधारक बसवेश्वर को टेम्स नदी के किनारे उनकी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

शाम 6 से 7.10 बजे रिसर्च लैब्स का दौरा, इंडिया यूके सीईओ फोरम की बैठक और इंडिया-यूके विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग की प्रदर्शनी देखेंगे।

रात 8.30 बजे महारानी एलिजाबेथ से मुलाकात करेंगे।

रात 9.30 बजे ‘भारत की बात सबके साथ’ कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करेंगे।

रात 12.30 बजे यूके की पीएम थेरेसा मे द्वारा कॉमनवेल्थ देशों के नेताओं के लिए आयोजित डिनर में शामिल होंगे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वीडन में कहा, हमनें न्यू इंडिया बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 3 देशों की यात्रा में पहले दिन स्वीडन पहुंचे। यहां पर स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन के साथ मिलकर कुछ समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय मूल के लोगों से मिलने पहुंचे। प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि, स्वीडन में मेरे और मेरे डेलीगेशन के स्वागत-सत्कार के लिए यहां की जनता और सरकार का, विशेष रूप से स्वीडन के राज और स्वीडन के प्रधानमंत्री श्रीमान लवैन का, मैं हृदय से आभार व्यक्त करना चाहता हूं।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, स्वीडन में बसने वाले भारतीयों के लिए स्वीडन के प्रधानमंत्री के मन में जो स्नेह है, और भारत के प्रति उनके प्यार और जुनून के लिए मैं उनका कोटि-कोटि अभिनन्दन करता हूँ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, आज भारत में एक ऐसी सरकार है जो भारत के सम्मान और स्वाभिमान के लिए दिन रात एक कर रही है, पिछले 4 वर्षों में हमनें विकसित और समावेशी न्यू इंडिया बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। भाषा अलग हो सकती है, स्थितियां-परिस्थितियां अलग हो सकती हैं, लेकिन एक बात है जो हम सभी को एक सूत्र में पिरोती है। और वो बात है भारतीय होने का गर्व।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबोधित करते हुए कहा कि, सरकार के काम करने के तरीकों की जो तस्वीर पहले आपके दिमाग में थी, वो अब बदल चुकी है। अब सरकार दफ्तरों में फाइल रोककर रखने का कल्चर नहीं है, बल्कि जो काम सालों से अटका पड़ा है, उसे पूरा करने पर जोर है। गरीबी हटाने की पहले जो सिर्फ बातें और नारे होते थे, अब उस कल्चर को भी हम पीछे छोड़ आए हैं। देश के गरीब का जीवन ऊपर उठाने के लिए सशक्तिकरण को हथियार बनाया गया है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, अफ्रीका हो या प्रशांत महासागर के छोटे देश, या फिर आसियान या यूरोप या एशिया, सभी आज भारत को एक विश्वसनीय साथी, एक भरोसेमंद मित्र के रूप में देख रहे हैं। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में हुए कई सुधारों का अपने भाषण में जिक्र किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वीडन में हमारा कोई दूतावास नहीं है। लेकिन हमारे पास कई राजदूत हैं। स्वीडन में रह रहे सभी भारतीय हमारे राजदूत हैं। यदि आपके दिल में इनोवेशसन का कोई आइडिया है तो नई भारत के उद्यम का हिस्सा बनें।


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वीडन में की नार्डिक देशों के साथ द्विपक्षीय बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नॉर्डिक देशों फिनलैंड, डेनमार्क, आइसलैंड और नार्वे के प्रधानमंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठक में हिस्‍सा लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नार्डिक देशों के साथ गठबंधन बढ़ाने के लिए कई तरीकों जैसे व्‍यापार और निवेश के साथ रिन्‍यूएबल एनर्जी पर चर्चा की। नोर्डिक देशों में डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड, नार्वे और स्‍वीडन शामिल हैं। यह पहला मौका है जब भारत और नॉर्डिक देशों का शिखर सम्मेलन हो रहा है।


डेनमार्क के पीएम के साथ मोदी की बैठक


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेनमार्क के पीएम लार्स लोक्के रसमुसेन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इस ख़ास मुलाकात के दौरान दोनों देश रिश्तों को नये दौर में ले जाने पर सहमत हुए। बैठक के बाद दोनों देशों के बीच पशुपालन, डेयरी और शहरी विकास समझौते हुए।


फिनलैंड के पीएम जुहा सिप्‍ला से मुलाकात


इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिनलैंड पीएम जुहा सिप्‍ला के साथ व्यापार और निवेश, नवीकरणीय उर्जा, अंतरिक्ष, कचरा प्रबंधन और शिक्षा जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। इससे पहले दोनों नेता साल 2016 में मुंबई में मिले थे जब दोनों देशों के बीच ऊर्जा, अंतरिक्ष और शिक्षा क्षेत्र में सहयोग पर सहमति बनी थी।


आइसलैंड की पीएम केटरिन से भी मुलाकात


अपनी तीसरी द्वपक्षीय मुलाकात में पीएम नरेंद्र मोदी ने आइलैंड पीएम केटरिन जाकोब्सटोटर के साथ द्विपक्षीय बैठक की। पीएम मोदी ने आइसलैंड कंपनियों से भारत में ब्‍लू इकोनॉमी और जियो-थर्मल ऊर्जा, शिक्षा, पर्यटन और संस्कृति में सहयोग को मजबूत करने को लेकर अपील की जिस पर कंपनियों के साथ सहमति बनी।


आखिरी द्विपक्षीय बैठक नार्वे के साथ


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी दिन की आखिरी द्विपक्षीय बैठक नार्वे पीएम इरना सोलबर्ग के साथ की। इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश, शिपिंग और पोर्ट-डेवलपमेंट, ब्‍लू इकोनॉमी, नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य, आईटी, ग्रीन ट्रांसपोर्ट समाधान करने जैसे अहम क्षेत्रों में बातचीत हुई। दोनों देश भविष्य की जरूरतों को देखते हुए एक दूसरे के सहयोग पर सहमत हुए। पीएमओ ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया गया, ‘पीएम की नार्वे की पीएम इरना सोलबर्ग के साथ अच्‍छी मुलाकात हुई। नार्वे के साथ गहरी मित्रता को भारत महत्‍व देता है।‘

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भारत और स्वीडन के बीच अक्षय ऊर्जा और परिवहन को लेकर हुए कई अहम समझौते

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लवेन के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस साझा की। इस दौरान देनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच रिश्तों और साझेदारी को मजबूत बनाने पर जोर दिया। स्टीफन लवेन ने कहा कि वह भारत की समृद्धि और विकास के लिए वहां की सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों से काफी प्रभावित हुए हैं। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने इस दौरान रक्षा और तकनीक के क्षेत्र में जॉइंट एक्शन प्लान पर हस्ताक्षर भी किए।


पहले लवेन ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी जमीन पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करके काफी खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि दोनों देश स्वाभाविक साझेदार हैं। दोनों देशों के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से पहले कुछ देर तक चर्चा भी की। बाद में इसकी जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी गई। इस दौरान भारत के आर्थिक रूपांतरण, व्यापारिक संबंधों, ग्रीन टेक्नोलॉजी, स्मार्ट सिटी, रोजगार के अवसर, सतत आर्थिक विकास, मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, डिजिटल इंडिया, इनोवेशन पार्टनरशिप, स्मार्ट सिटी, पर्यावरण की बेहतरी में स्वीडन की भूमिका और रक्षा संबंध बढ़ाने और साइबर सिक्योरिटी के लिए कॉमन टास्क फोर्स बनाने पर चर्चा हुई।


स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लवेन ने कहा कि आज भारत एक ग्लोबल पावर है। भारत के बिना दुनिया के पर्यावरण और सतत विकास पर चर्चा संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि स्वीडन यूरोपियन यूनियन और संयुक्त राष्ट्र की सिक्योरिटी काउंसिल का सदस्य है। इस वजह से इन मुद्दों पर भारत के साथ चर्चा अहम हो जाती है।

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह मेरी पहली स्वीडन की यात्रा है और 30 सालों बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री यहां आया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘स्वीडन मेक इन इंडिया का पार्टनर रहा है। लवेन साल 2016 में हमारे मेक इन इंडिया कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए बिजनेस डेलिगेशन के साथ मुंबई आए थे। आज हमने भारत के विकास में स्वीडन की भूमिका तलाशने की कोशिशों पर चर्चा की। हमने इनोवेशन, इनवेस्टमेंट, स्टार्ट अप, रिन्यूएबल एनर्जी, अरबन ट्रांसपोर्ट, वेस्ट मैनेजमेंट पर चर्चा की। हम स्वीडन के सीईओ से भी बात करेंगे और रक्षा समझौते पर भी चर्चा करेंगे। हम स्वीडन के साथ सुरक्षा संबधों को आगे बढ़ाना चाहते हैं। आज हमने यूरोप और एशिया में हो रहे विकास पर बातचीत की।’


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आज की हमारी बातचीत में सबसे प्रमुख थीम यह थी कि भारत में विकास के अवसरों में स्वीडन किस प्रकार भारत के साथ ‘विन-विन पार्टनरशिप’ कर सकता है। इसके परिणामस्वरूप आज हमने एक इनोवेशन पार्टनरशिप और जॉइंट एक्शन प्लान पर सहमति की है।’


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 अप्रैल की देर रात स्टॉकहोम पहुंचे। यहां उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की। स्वीडन के दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत वहां रहने वाले हिंदुस्तानियों ने बेहद उत्साहित अंदाज में किया।

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स्वीडन के राजा गुस्ताफ से मिले पीएम नरेंद्र मोदी, द्विपक्षीय सहयोग पर हुई चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज स्वीडन के राजा कार्ल XVI गुस्ताफ से मिले और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग मजबूत करने को लेकर विचारों का आदान-प्रदान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को स्वीडन की राजधानी पहुंचे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यूरोपीय देश का पिछले 30 सालों में पहला द्विपक्षीय दौरा है। स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन ने हवाई अड्डे पर पीएम नरेंद्र मोदी की अगवानी की। दोनों नेता हवाई अड्डे से होटल एक ही वाहन में गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोफवेन और चार दूसरे नोर्डिक देशों (डेनमार्क , फिनलैंड, आइसलैंड एवं नॉर्वे) के नेताओं के साथ भी द्विपक्षीय बैठक करेंगे।


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्विटर पर लिखा , ‘‘10 घंटे में 10 बैठक- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्टॉकहोम में व्यस्त दिन की शुरूआत हुई। वह स्वीडिश प्रधानमंत्री और चार दूसरे नोर्डिक देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे, स्वीडिश कंपनियों के सीईओ के साथ गोलमेज बैठक करेंगे, विपक्ष के नेता से मिलेंगे, भारत-नोर्डिक शिखर सम्मेलन एवं भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।’’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘दिन की शाही शुरुआत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वीडनप के महामहिम राजा कार्ल 16 गुस्ताफ से मिले। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग मजबूत करने को लेकर विचारों का आदान-प्रदान किया।’’


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच दिन की अपनी विदेश यात्रा के पहले चरण के तहत स्वीडन में हैं। वह इसके बाद ब्रिटेन भी जाएंगे जहां वह राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्ष बैठक ( चोगम ) में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी ब्रिटिश समकक्ष टेरीजा मे के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। इससे पहले मोदी ने विदेश दौर से ठीक पहले नई दिल्ली में कहा था कि वह व्यापार , निवेश एवं स्वच्छ ऊर्जा सहित कई क्षेत्रों में दोनों देशों (स्वीडन और ब्रिटेन) के साथ द्विपक्षीय संबंध गहराने के लिए उत्साहित हैं। भारत और स्वीडन कल स्टॉकहोम में भारत- नोर्डिक शिखर सम्मेलन का संयुक्त आयोजन भी करेंगे। सम्मेलन में फिनलैंड , नॉर्वे, डेनमार्क और आइसलैंड के प्रधानमंत्री भी हिस्सा लेंगे। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ब्रिटेन के लिए रवाना हो जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत लौटते समय 20 अप्रैल को जर्मनी के बर्लिन में थोड़ी देर के लिए रूकेंगे।

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स्वीडन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रोटोकॉल तोड़कर पीएम स्टेफान ने किया स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी 3 देशों की यात्रा में पहले दिन स्वीडन पहुंच चुके हैं। एयरपोर्ट पर उनकी अगुवाई स्वीडिश प्रधानमंत्री स्टेफान लोफवेन ने की। इस दौरान उनका जोरदार स्वागत हुआ। स्वीडिश प्रधानमंत्री स्टेफान लोफवेन प्रोटोकॉल तोड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एयरपोर्ट लेने पहुंचे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टेफान ल्योव्हेन के साथ द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जिसके बाद कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है।


स्वीडन पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्टॉकहोम में भारतीय समुदाय के लोगों से मिले। एयरपोर्ट पर मौजूद भारतीय समुदाय के लोगों ने मोदी मोदी के नारे लगाकर उनका स्वागत किया।


यह 30 सालों में पहला मौका है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री स्वीडन गया हो। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी सन 1988 में स्वीडन पहुंचे थे। स्टॉकहोम में आज दोनों देशों के पीएम कई मुद्दों पर बात करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वीडन के नरेश कार्ल सोलहवें गुस्ताफ से भी मिलेंगे। उसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी कॉमनवेल्थ समिट में हिस्सा लेने के लिए रात को ही लंदन पहुंचेंगे।

स्वीडन यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्विपक्षीय वार्ता करने के साथ प्रथम भारत-नोर्डिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन का आयोजन भारत और स्वीडन ने मिलकर किया है। इस सम्मेलन में सभी नॉर्डिक देश हिस्सा ले रहे हैं। इसमें डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे तथा स्वीडन के प्रधानमंत्री शामिल होंगे। भारत-नॉर्डिक सम्मेलन के इतर मोदी की डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड और नॉर्वे के प्रधानमंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें होंगी।

ब्रिटेन यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा मोदी राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों के सम्मेलन (चोगम) में भाग लेंगे। वह स्वदेश वापसी के दौरान 20 अप्रैल को बर्लिन में कुछ देर के लिए ठहरेंगे।

भारतीय समय अनुसार स्वीडन में पीएम नरेंद्र मोदी का आज का कार्यक्रम?

दोपहर 2 से 2.30 बजे रॉयल पैलेस में स्वीडन के नरेश कार्ल सोलहवें गुस्ताफ से मुलाकात करेंगे।

दोपहर 2.40 से 3.20 बजे तक स्वीडन के प्रधानमंत्री Steden Lofvan से मुलाकात करेंगे।

दोपहर 3.20 से 3.25 बजे तक स्वीडन के पीएम के साथ थोड़ा टहलेंगे।

दोपहर 3.30 से शाम 4.40 बजे तक स्वीडन के पीएम के साथ लंच करेंगे।

शाम 4.45 से 4.55 बजे तक दोनों देशों के बीच हुए समझौतों पर हस्ताक्षर और आदान-प्रदान होगा।

शाम 5.30 से 5.55 बजे तक सिटी हॉल में स्वीडिश सीईओ के साथ राउंडटेबल में हिस्सा लेंगे।

शाम 6 से 8.55 बजे के बीच डेनमार्क, फिनलैण्ड, आइसलैण्ड और नॉर्वे के पीएम के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।

रात 9.15 से 10.30 बजे के बीच इंडिया नॉर्डिक समिट में हिस्सा लेंगे।

रात 11.10 से 11.55 बजे के बीच स्टॉकहोम यूनिवर्सिटी में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे।

रात 12.25 बजे स्टॉकहोम से लंदन के लिए निकलेंगे।

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कॉमनवेल्थ प्रमुख का पद छोड़ सकती हैं ब्रिटेन की महारानी, क्या पीएम मोदी को मिलेगा नेतृत्व!

ब्रिटेन के लंदन शहर में सोमवार 16 अप्रैल से कॉमनवेल्थ (राष्ट्रमंडल) देशों के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक (CHOGM) होने जा रही है। इस बैठक के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को लंदन पहुंचेंगे। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मसलों के अलावा सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की हो सकती है कि अब कॉमनवेल्थ के प्रमुख की भूमिका कौन निभाएगा, क्योंकि ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ इस पद से हटना चाह रही हैं। इस संगठन में अगुवाई वाली भूमिका हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।

इस वजह से पद छोड़ सकती हैं महारानी

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ 92 साल की हो चुकी हैं, इसलिए अब उनके लिए ज्यादा यात्रा करना और सक्रिय रहना संभव नहीं है। ब्रिटेन में तो महारानी के ज्यादातर काम उनके उत्तराधिकारी प्रिंस चार्ल्स को सौंपा जा रहा है, लेकिन कॉमनवेल्थ के प्रमुख का पद आनुवंशिक नहीं है। इसलिए अभी यह साफ नहीं हो पा रहा है कि कॉमनवेल्थ का प्रमुख कौन होगा।

भारत नेतृत्व करने को तैयार

भारत कॉमनवेल्थ में बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी कर रहा है। यह दुनिया के मंच पर नेतृत्व करने की भारत की आकांक्षा की दिशा में पहला कदम हो सकता है। गौरतलब है कि कॉमनवेल्थ एक ऐसा महत्वपूर्ण संगठन है जिसमें चीन नहीं है, इसलिए इसमें भारत के लिए नेतृत्वकारी भूमिका निभाना आसान है।

भारत इस संगठन में अपनी सक्रियता बढ़ाकर अगुआ की भूमिका में रहना चाहता है। कई विदेशी अखबारों ने भी भारत की बढ़ती सक्रियता को भांप कर इस बारे में खबरें छापनी शुरू कर दी है। एक अखबार के अनुसार, इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कॉमनवेल्थ के लिए भारत के वित्तीय योगदान को दोगुना करने की घोषणा कर सकते हैं।

भारत का कोई प्रधानमंत्री साल 2009 के बाद पहली बार CHOGM में जा रहा है। इसके पहले माल्टा में आयोजित बैठक में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नहीं जा पाए थे। यूके में भारत के उप उच्चायुक्त दिनेश पटनायक के अनुसार, विभिन्न संस्थाओं में भारत की भूमिका निरंतर बढ़ती जा रही है और कॉमनवेल्थ भी कोई अलग नहीं है। भारत तो अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में नेतृत्वकारी भूमिका चाहता ही है, ब्रिटेन भी यह चाहता है कि भारत कॉमनवेल्थ में ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाए।

ब्रिटेन की महारानी संभवत: किसी CHOGM सम्मेलन की अंतिम बार आयोजक होंगी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों के अलावा महारानी से भी मुलाकात करेंगे। अभी यह साफ नहीं है कि महारानी के बाद कॉमनवेल्थ का प्रमुख कौन होगा। इसके बारे में विंडसर कैसल के वाटरलू चैंबर में नेताओं के रीट्रीट के दौरान चर्चा होगी। इस दौरान विभिन्न राष्ट्राध्यक्ष निजी मुलाकात करेंगे और इसमें कॉमनवेल्थ में सुधार, उसको नया स्वरूप देने जैसे मसलों पर भी चर्चा हो सकती है।

बुधवार से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुरू कर देंगे काम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार से ही द्विपक्षीय मुलाकातें शुरू कर देंगे। इसके बाद लंदन के स्काई गार्डन में ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे के द्वारा CHOGM डिनर का आयोजन किया जाएगा। ब्रिटेन के साथ द्विपक्षीय बातचीत में ‘टेक्नोलॉजी पार्टनरशिप’ पर जोर होगा। इसमें ब्रिटिश कंपनियों द्वारा ‘मेक इन इंडिया’ पर जोर दिया जाएगा।