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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया, जतार्इ संतुष्टि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ड्रोन के जरिए केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों से संतुष्ट नजर आए। इस दौरान उन्होंने अधिकारयों को दिशा निर्देशित भी किया।

केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि ध्यान लगाने के लिए केदारनाथ में केंद्र और कक्ष विकसित किया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि एक गुफा में ध्यान लगाने की व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने मोबाइल एप के जरिए गौरीकुंड से केदारनाथ तक श्रद्धालुओं को अलग-अलग भाषाओं में जानकारी देने पर भी जोर दिया। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने ये जानकारी देते हुए ये भी बताया कि केदारनाथ में एंट्री प्वॉइंट पर प्लाजा का निर्माण कार्य भी चल रहा है। वहीं उन्होंने ये भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निर्माण कार्यों से संतुष्ट हैं।

गौरतलब है, आपदा से बुरी तरह ध्वस्त हुई केदारपुरी के नव निर्माण को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में लिया है। बीते वर्ष 20 अक्टूबर को केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के मौके पर वहां पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद को बाबा केदारनाथ का बेटा बताकर ड्रीम प्रोजेक्ट के प्रति अपनी मंशा भी जाहिर कर दी थी। चालू वर्ष में बीती 28 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ड्रोन तकनीक की मदद से केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों का बारीकी से मुआयना किया था।

ड्रोन के जरिये तकरीबन 20 मिनट तक मोदी ने मुख्य मंदिर और पुराने चबूतरे के आकार से ढाई गुना से ज्यादा बड़े नए चबूतरे के निर्माण, वर्ष 2013 की आपदा में कहर ढहाने वाली मंदाकिनी और सरस्वती नदियों पर बनाई जा रही सुरक्षा दीवारों समेत पुनर्निर्माण कार्यों के साथ केदारपुरी के चप्पे-चप्पे का जायजा लिया था। इस दौरान उन्होंने मंदिर परिसर के ठीक सामने दिव्यांगों के लिए अलग पैदल मार्ग बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने आपदा से ध्वस्त हुए गरुड़ चट्टी, गौरीकुंड-रामबाड़ा वैकल्पिक मार्ग बनाने के निर्देश भी दिए थे। अब 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां पहुंचेंगे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिलेंगे राष्ट्रपति शी जिनपिंग से, लेकिन न कोई समझौता होगा, न साझा बयान

भारत और चीन ने दोस्ती की नई परंपरा शुरू की है। दोनों देशों के शिखर नेता एक ही छत के नीचे दो दिन साथ होंगे। इस दौरान प्रतिनिधि मंडल स्तर की वार्ता भी हो सकती है, लेकिन दोनों नेताओं राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच में बातचीत अनौपचारिक होगी। न कोई समझौता होगा, न कोई हस्ताक्षर और न ही कोई संयुक्त वक्तव्य। इसके बाद भी उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग आपसी मनभेद, मतभेद मिटाएंगे। देखना है शी जिनपिंग के साथ 27-28 अप्रैल को बातचीत के बाद दोस्ती के पिटारे से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कौन सा उपहार लेकर लौटते हैं।

अनौपचारिक बातचीत पर बनी सहमति

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण दोनों चीन में हैं। चीन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन चल रहा है। दोनों केन्द्रीय मंत्रियों ने वहां रक्षा मंत्री और विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा लिया।

27-28 अप्रैल को चीन के औद्योगिक शहर वुहान में होने वाले इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हिस्सा लेने जा रहे हैं। समझा जा रहा है कि इस दौरान विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने चीन के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता का भी होमवर्क किया। भारत के साथ-साथ चीन भी आपसी द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करने का पक्षधर बताया जाता है, लेकिन सहमति दोनों देशों के शिखर नेताओं के बीच अनौपचारिक बातचीत की ही बनी है।

सभी चिंताओं पर होगी चर्चा

कोई समझौता भले न हो, औपचारिक वार्ता और संयुक्त वक्तव्य भी न हो, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि भारत और चीन अपनी मुख्य चिंताएं छोड़ देंगे। उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री मोदी चीन के राष्ट्रपति के साथ आपसी हितों से जुड़ी चिंताओं को साझा करेंगे। माना जा रहा है कि भारत और चीन के व्यापक दृष्टिकोण और भविष्य को सामने रखकर सीमा पर शांति व्यवस्था अमल किए जाने जैसी प्रमुख बातों पर चर्चा करेंगे।

इसका मकसद लंबे समय के रणनीतिक साझेदारी जैसे संबंधों की बुनियाद रखने और संबंधों में सहजता बनाए रखने का प्रयास होगा। गौरलतब है कि इस अनौपचारिक बातचीत के बाद दोनों शिखर नेताओं के जून 2018 में मिलने का भी प्रस्ताव है। ऐसे में संभव है कि इस अनौपचारिक मुलाकात में बनी सहमति जून 2018 में किसी ठोस स्वरुप की तरफ बढ़े।

चौथी बार चीन जाएंगे प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता संभालने के बाद पहली बार 2015 में चीन का दौरा किया था। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच में जी-20 की बैठक के दौरान साल 2016 में भेंट हुई थी। तीसरी बार प्रधानमंत्री साल 2017 में ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन गए थे। इस तरह से प्रधानमंत्री 27-28 अप्रैल को चौथी बार चीन के दौरे पर होंगे। इसके ठीक डेढ़ महीने बाद जून 2018 में उनका चीन जाने का कार्यक्रम पहले से ही तय है। इसके सामानांतर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दो बार भारत आए हैं। पहली बार वह सितंबर 2014 में भारत आए थे। तब वह सीधे अहमदाबाद उतरे थे। दूसरी बार वह साल 2016 में पांच सदस्यीय ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेने आए थे।

कोई खतरा नहीं मोल लेना चाहते भारत-चीन

अनौपचारिक वार्ता की सहमति को इसी नजरिए से देखा जा रहा है। दोनों देशों के शिखर नेता आंतरिक परिस्थिति को देखते हुए औपचारिक मुलाकात में कोई खतरा नहीं मोल लेना चाहते। औपचारिक मुलाकात में मुद्दे, वार्ता का खाका समेत सबकुछ तय होता है। इसके लिए दोनों देशों के विदेश मंत्रालय के अधिकारी काफी होमवर्क करते हैं और शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व की सहमति के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाता है। औपचारिक वार्ता में संयुक्त वक्तव्य, प्रतिनिधि मंडल के साथ चर्चा, प्रेस विज्ञप्ति जैसी औपचारिकताएं भी शामिल होती हैं। मीटिंग के मिनट्स तैयार होते हैं। माना यह जा रहा है कि चीन में शी जिनपिंग इस समय अपनी प्रसिद्धि के शिखर पर हैं। दोकलम, वन बेल्ट वन रोड, एफटीएफ जैसे तमाम मुद्दे भी हैं। वहीं भारत में अगले साल आम चुनाव होना है। इन सबके बीच चीन और भारत अभी कोई नया संदेश नहीं चाहता। दोनों देश महत्वपूर्ण पड़ोसी देश है। दोनों की अहमियत है। इसलिए दोनों देश इस भेंट-मुलाकात को बेहद सम्मानजनक स्वरुप में दिखाने के पक्षधर हैं।

पिटारे में मिल सकती है सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात पर दुनिया के देशों की निगाहें हैं। दरअसल दुनिया की जिओपालिटिक्स नया आकार ले रही है। दक्षिण एशियाई संतुलन भी धुरी पर अपना स्थान बदल रहा है। चीन और भारत के बीच में भी आपसी तथा क्षेत्रीय हितों के मुद्दे बढ़े हैं। वहीं भारत में साल 2018 का बचा समय राज्यों में चुनावों के लिए अहम है। यह सत्ताधारी दल के लिए काफी अहम है और साल 2019 में आम चुनाव प्रस्तावित है। ऐसे में यदि भारत और चीन के बीच में अगले एक साल तक शांति, सामंजस्य और सौहार्दपूर्ण तालमेल बना रहता है तो इसका आंतरिक मामलों में असर पड़ने की पूरी संभावना है। इस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों देशों के बीच में राष्ट्रीय हितों, क्षेत्रीय मुद्दों, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा के साथ-साथ अपनी पार्टी के लिए सौगात ला सकते हैं।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से नहीं होगी कोई बात

चीन के वुहान शहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य शिखर नेताओं के अलावा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भी होंगे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से बातचीत की कोई संभावना नहीं है। भारत का कहना है कि आतंकवाद और वार्ता दोनों साथ-साथ नहीं चल सकती। अपनी इसी नीति पर चलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से भेंट मुलाकात से परहेज कर सकते हैं। कूटनीति के जानकारों का मानना है कि ऐसे में वर्तमान सरकार से आपसी हितों और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा का कोई अर्थ नहीं रह जाता।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये करेंगे केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यो की समीक्षा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ धाम में 29 अप्रैल को अपने दौरे से पहले बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यो की समीक्षा करेंगे। केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा है। उत्तराखंड में भाजपा सरकार बनने के बाद अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जितनी बार भी राज्य के दौरे पर आए, उन्होंने केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यो पर अपनी नजरें गड़ाए रखी हैं।

आपदा से बुरी तरह ध्वस्त हुई केदारपुरी के नव निर्माण को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में लिया है। बीते वर्ष 20 अक्टूबर को केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के मौके पर वहां पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद को बाबा केदारनाथ का बेटा बताकर ड्रीम प्रोजेक्ट के प्रति अपनी मंशा भी जाहिर कर दी थी। चालू वर्ष में बीती 28 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ड्रोन तकनीक की मदद से केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यो का बारीकी से मुआयना किया था। ड्रोन के जरिये तकरीबन 20 मिनट तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य मंदिर और पुराने चबूतरे के आकार से ढाई गुना से ज्यादा बड़े नए चबूतरे के निर्माण, वर्ष 2013 की आपदा में कहर ढहाने वाली मंदाकिनी और सरस्वती नदियों पर बनाई जा रही सुरक्षा दीवारों समेत पुनर्निर्माण कार्यो के साथ केदारपुरी के चप्पे-चप्पे का जायजा लिया था। इस दौरान उन्होंने मंदिर परिसर के ठीक सामने दिव्यांगों के लिए अलग पैदल मार्ग बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने आपदा से ध्वस्त हुए गरुड़ चट्टी, गौरीकुंड-रामबाड़ा वैकल्पिक मार्ग बनाने के निर्देश भी दिए थे।

अब 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां पहुंच रहे हैं। इससे ठीक चार दिन पहले यानी बुधवार को दोपहर 12 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यो की समीक्षा करेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह समेत अन्य उच्चाधिकारी सचिवालय में मौजूद रहेंगे।

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पीएम नरेंद्र मोदी ने POCSO एक्ट पर कहा, जो राक्षसी काम करेगा, उसे फांसी पर लटकाया जाएगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मध्यप्रदेश के दौरे पर हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने यहां पर मंडला जिले के रामनगर में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस का उद्घाटन किया। इस मौके पर तीन दिवसीय आदि उत्सव की भी शुरुआत की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान कई ग्राम पंचायतों के सरपंचों को सम्मानित भी किया।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत आदिवासी भाषा में बोलकर की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां भाषण में कहा कि आदिवासी भाईयों ने हमेशा ही देश के लिए काम किया है, फिर चाहे वो अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई हो या फिर देश का विकास हो।


POCSO एक्ट पर कड़ा संदेश


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान हाल में POCSO एक्ट में किए गए बदलाव के बारे में भी कहा। उन्होंने कहा कि जो भी राक्षसी काम करेगा, उसे फांसी पर लटकाया जाएगा। आज की केंद्र सरकार लोगों की भावनाओं को समझती है और उसके हिसाब से निर्णय ले रही है। ये एक सामाजिक बदलाव है, हमें अपने लड़कों को भी समझाना होगा। बेटों को बेटियों की इज्जत करना सिखाना होगा। परिवारों को घर के अंदर ही इस बदलाव को शुरू करना होगा।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान यहां त्रिपुरा के उपमुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा का स्वागत किया और कहा कि जैसे यहां पर गोंड परंपरा का इतिहास है, वैसे ही त्रिपुरा में आदिवासी लोगों का बहुत बड़ा इतिहास है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की पहचान यहां के गांवों से ही है, महात्मा गांधी ने भी इस बात को दोहराया था। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सभी को साथ लेकर बापू के सपनों को पूरी करेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गांव के लोगों और हमारे सपने जुड़ेंगे तभी देश आगे बढ़ेगा। हम सभी को कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे आने वाली पीढ़ी की ज़िंदगी में बदलाव आए। उन्होंने कहा कि एक जमाना था कि बजट की चिंता होती थी, लेकिन अब चिंता है कि बजट का इस्तेमाल सही तरीके से कैसे हो। हमें अपने गांव के लिए कुछ करने का संकल्प करना चाहिए।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि हर किसी को कोशिश करनी चाहिए कि गांव का हर बच्चा पढ़े क्योंकि सरकार सिर्फ पैसा-स्कूल-टीचर-बैग दे सकती है लेकिन आपको बच्चों को प्रोत्साहित करना होगा।

शिवराज ने केंद्र को सराहा

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राज्य सरकार गरीबों और आदिवासियों के लिए काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार हर गरीब और आदिवासी को घर-चूल्हा देने का काम कर रही है। शिवराज सिंह बोले कि केंद्र की सरकार की तरफ से अब करीब 50 करोड़ लोगों के स्वास्थ्य के लिए योजना लेकर आ रहे हैं।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया। इस अवसर पर केंद्रीय पंचायती राज और कृषि तथा कृषक कल्याण मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव भी उपस्थित रहे।

आदि उत्सव के दूसरे दिन 25 अप्रैल को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से जनजाति जीवन के विभिन्न पहलू से परिचित कराते हुए कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। उत्सव के अंतिम दिन 26 अप्रैल को प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत लगभग 1000 विवाह तथा निकाह कराए जाएंगे। इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले जोड़ों का उनके परंपरागत रीतिरिवाजों के अनुसार विवाह होगा। आयोजन स्थल में विभिन्न विभागों की आम जनता की जानकारी के लिए प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के मद्देनजर मंडला में सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं। एसपीजी सहित अन्य सुरक्षा बलों के जवान बड़ी संख्या में यहां पहुंच चुके हैं। दिन में पुलिस बलों ने रिहर्सल की। वहीं पूरे कार्यक्रम स्थल को सुरक्षा बलों ने अपने कब्जे में ले लिया है।

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पीएम नरेंद्र मोदी ने मंडला जनसभा में कहा, ‘छोटी-छोटी कोशिशों से बड़े बदलाव को लाया जा सकता है’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मध्यप्रदेश के मंडला जिले के रामनगर में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस का उद्घाटन किया। इस मौके पर तीन दिवसीय आदि उत्सव की भी शुरुआत हुई। आदि उत्सव का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित किया। जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘महात्मा गांधी ने ग्राम स्वराज की कल्पना की थी और आज उसे सच करने का दिन है।’


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन की खास बातें…

इंसान के जीवन में छोटी-छोटी कोशिशें ही बड़ा बदलाव लाने का काम कर सकती हैं।

आज बजट की चिंता कम है, बजट के पैसों का सही इस्तेमाल करने की चिंता ज्यादा है।

जनप्रतिनिधि अपने काम से बच नहीं सकते हैं, उन्हें अपनी जिम्मेदारी को समझना होगा।

मां नर्मदा ने करोड़ों लोगों के जीवन को संवारा है।

हर इंसान को गांव के लिए कुछ करने का संकल्प लेना चाहिए।

एयरपोर्ट पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किया जोरदार स्वागत


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जबलपुर पहुंचे जहां प्रदेश के सीएम शि‍वराज सिंह ने उनका एयरपोर्ट पर स्‍वागत किया। रामनगर में इस सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश के सीएम शि‍वराज सिंह चौहान ने पीएम नरेंद्र मोदी को दुनिया का सबसे लोकप्रिय नेता बताया। वहीं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ग्राम विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 लाख 292 करोड़ रुपये को स्‍वीकृत किया है को पीएम नरेंद्र मोदी की उदारता बताया है। पीएम नरेंद्र मोदी यहां मंडला में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के दिन देश की 2.44 लाख पंचायतों को संबोधित करेंगे। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदिवासी विकास पंचवर्षीय योजना का भी ऐलान करने वाले हैं। इस कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहेंगे।

आदिवासियों के बीच पीएम नरेंद्र मोदी महापंचायत लगाएंगे और आदिवासी विकास पंचवर्षीय योजना की लॉन्‍च करेंगे। एमपी की राजनीति में आदिवासी वोटरों का अपना ही महत्व है। एमपी में आदिवासी और दलित प्रदेश की 230 में से 82 सीटों पर जीत हार का फैसला करते हैं।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अप्रैल को सुबह लगभग 9:50 बजे दिल्ली से रवाना होकर सुबह 11 बजे जबलपुर एयरपोर्ट पहुंचे। यहां से वह 11:15 बजे रवाना होकर तकरीबन 11:50 बजे हेलीपैड से मंडला पहुंचें। इसके बाद दोपहर 12 बजे रामनगर में राष्ट्रीय पंचायत राज दिवस और आदि महोत्सव कार्यक्रम में भाग लेंगे। दोपहर दो बजे मंडला से जबलपुर के लिए प्रस्थान कर अपराह्न 2:55 बजे जबलपुर से दिल्ली के लिए रवाना होंगे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मध्यप्रदेश के मंडला जिले में आदिवासी विकास योजना का करेंगे शुभारंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार (24 अप्रैल) को मध्यप्रदेश के दौरे पर जाएंगे। वह मंडला जिले के रामनगर में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस का उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर तीन दिवसीय आदि उत्सव की भी शुरुआत होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रवास के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। आधिकारिक तौर पर बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अप्रैल को सुबह लगभग 9:50 बजे दिल्ली से रवाना होकर सुबह 11 बजे जबलपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यहां से वह 11:15 बजे रवाना होकर तकरीबन 11:50 बजे मंडला हेलीपैड पहुंचेंगे। दोपहर 12 बजे रामनगर में राष्ट्रीय पंचायत राज दिवस और आदि महोत्सव कार्यक्रम में भाग लेंगे। दोपहर दो बजे मंडला से जबलपुर के लिए प्रस्थान कर अपराह्न 2:55 बजे जबलपुर से दिल्ली के लिए रवाना होंगे।

सरपंचों को करेंगे सम्मानित

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंडला के रामनगर में पंचायत राज दिवस पर दो सरपंचों को भी सम्मानित करेंगे। इसमें मंडला जिले के लिंगामल ग्राम पंचायत को स्मोक लेस (धुआं मुक्त) पंचायत करने के लिए और शहडोल की पखरिया ग्राम पंचायत में सौ फीसदी टीकाकरण के लिए सरपंच को पुरस्कृत किया जाएगा। उद्घाटन समारोह में मध्यप्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उपस्थित रहेगें। उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता केन्द्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिह तोमर करेगें। इस अवसर पर केन्द्रीय पंचायतीय राज और कृषि तथा कृषक कल्याण मंत्री पुरषोत्तम रूपाला और मध्यप्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव भी उपस्थित रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के मद्देनजर मंडला में सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं। एसपीजी सहित अन्य सुरक्षा बलों के जवान बड़ी संख्या में यहां पहुंच चुके हैं। दिन में पुलिस बलों ने रिहर्सल की। वहीं पूरे कार्यक्रम स्थल को सुरक्षा बलों ने अपने कब्जे में ले लिया है।

आदिवासी विकास योजना करेंगे शुभारंभ

आदिवासी बाहुल्य मंडला के रामनगर में देशभर के 976 चुने हुए जनप्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां से ‘आदिवासी विकास योजना’ का भी शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का देश की लगभग ढाई लाख पंचायतों में सीधा प्रसारण किया जाएगा। कार्यक्रम में नेशनल ई-पंचायत पुरस्कार, ग्राम पंचायत डेवलपमेंट प्लान पुरस्कार और नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सम्मान पुरस्कार दिया जाएगा। नर्मदा नदी के तट पर मंडला के रामनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के लिए भव्य मंच बनाया गया है।

आदिवासी कलाकार देंगे प्रस्तुतियां

आदि उत्सव के दूसरे दिन 25 अप्रैल को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से जनजाति जीवन के विभिन्न पहलू से परिचित कराते हुए कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। उत्सव के अंतिम दिन 26 अप्रैल को प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत लगभग 1000 विवाह तथा निकाह कराए जाएंगे। इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले जोड़ों का उनके परंपरागत रीतिरिवाजों के अनुसार विवाह होगा। आयोजन स्थल में विभिन्न विभागों की आम जनता को जानकारी देने के लिए प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।

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प्रधानमंत्री जनधन योजना में 31 करोड़ खाते, 80 हजार करोड़ पार पहुंची जमा राश‍ि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के हर शख्स को बैंक‍िंग व्यवस्था से जोड़ने के लिए शुरू की गई जनधन योजना में अब तक 80 हजार करोड़ रुपये की राश‍ि जमा हुई है। वहीं, इस योजना के तहत अब तक 31 करोड़ से ज्यादा खाते खुल गए हैं।

वित्त मंत्रालय ने जनधन योजना को लेकर आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक जनधन योजना के खातो में कुल जमा राा‍श‍ि 11 अप्रैल 2018 को 80,545.70 करोड़ रुपये हो गई है। सरकार का दावा है कि मार्च 2017 से इसमें लगाातार तेजी जारी है।

वहीं खातों की बात करें, तो 11 अप्रैल 2018 तक इस योजना के तहत खातों की संख्या बढ़कर 31.45 करोड़ हो गई है। साल 2017 की शुरुआत में यह संख्या 26.5 करोड़ पर थी। केंद्र सरकार ने 28 अगस्त 2014 को जनधन योजना की शरुआत की थी।

बता दें कि इससे पहले विश्व बैंक ने भी जनधन योजना की सफलता को सराहा था। हालांकि उसने कहा कि जनधन की सफलता के बावजूद देश के 19 करोड़ युवाओं के पास बैंक खाता नहीं है। पाकिस्तान भी इस मामले में हमसे आगे है। पाकिस्तान में बैंक खाता न रखने वालों की संख्या 10 करोड़ है।

विश्व बैंक के मुताबिक इस मामले में चीन पहले नंबर पर है और भारत दूसरे पायदान पर खड़ा है। विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक आधे से ज्यादा बैंक खाते पिछले एक साल से निष्क्र‍िय पड़े हुए हैं।

विश्व बैंक ने इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड और वर्ल्‍ड बैंक की एनुअल स्प्रिंग मीटिंग के दौरान ग्‍लोबल फिंडेक्‍स डाटाबेस जारी किया। इसमें जनधन योजना को लेकर कहा गया कि इस योजना ने मार्च 2018 तक 31 करोड़ भारतीयों को बैंक‍िंग व्यवस्था में शामिल किया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि साल 2011 के बाद बैंक खाते रखने वाले वयस्कों की संख्या दोगुनी होकर 80 फीसदी पर पहुंच गई है।

pm narendra modi ne deshbhar ke bjp sansadon vidhayako se ki sidhi baat

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के बीजेपी सांसदों-विधायकों से की सीधी बात

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने निवास स्थान से देश भर के भारतीय जनता पार्टी के सांसदों, विधायकों, जन-प्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं से वीडियो ब्रिज तकनीक के माध्यम से नमो एप के जरिये संवाद किया।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंबेडकर जयंती, 14 अप्रैल से 5 मई तक देश भर में चलाये जा रहे ग्राम स्वराज अभियान के संदर्भ में भाजपा के कार्यकर्ताओं की सक्रिय भूमिका के बारे में कई दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने जन-प्रतिनिधियों का आह्वान करते हुए कहा कि पहले विपक्ष के रूप में हम जन-समस्याओं के समाधान के लिए सजग प्रहरी के रूप में कार्य करते थे लेकिन अब जनता ने हमें सत्ता के माध्यम से सेवा करने का अवसर दिया है। उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस की गलतियों के कारण सत्ता में नहीं आये बल्कि हमें ये मौका जनता से लगातार जुड़े रहने के कारण मिला है। उन्होंने कहा कि अब जब हम सरकार में हैं, तो हमारा दायित्व सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों को समाज के अंतिम व्यक्ति तक ले जाना है और जन-समस्याओं का निराकरण करना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहले भाजपा की छवि एक ख़ास वर्ग की पार्टी और शहरी क्षेत्र व उत्तर भारत की पार्टी के रूप में बनी हुई थी लेकिन अब ये धारणा बदल गई है, आज भाजपा को देश के हर कोने में सभी वर्गों का समर्थन मिल रहा है और पार्टी एक सर्वस्पर्शी एवं सर्व-समावेशक राजनैतिक दल के रूप में उभरी है। उन्होंने कहा कि आज सबसे ज्यादा दलित, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के जन-प्रतिनिधि भारतीय जनता पार्टी के हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ‘सबका साथ, सबका विकास’ के सिद्धांत के साथ देश के गाँव, गरीब, आदिवासी, मध्यमवर्ग, शहरी, महिला, युवा, किसान, व्यापारी, श्रमिक – सबके कल्याण के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों में हमारा जनाधार लगातार बढ़ रहा है और यही हमारी सबसे बड़ी पूँजी है।

पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ग्रामीण शक्ति को विकास के कामों से जोड़ने के लिए अब टेक्नोलॉजी का सर्वाधिक उपयोग करना होगा। अब गाँव के विकास के प्रति सोच निरंतर बढ़ रही है और भाजपा के कार्यकर्ताओं को गाँव के गरीब, निम्न मध्यम वर्ग, किसान, मातृ शक्ति और युवाओं के कौशल-विकास को बल देना है। उन्होंने कहा कि यदि कार्यकर्ता सरकारी मशीनरी और गाँव के विकास के बीच सेतु का कार्य करते हैं तथा समाज में सद्भाव बढ़ाने में मदद करते हैं तो विकास द्रुत गति से आगे बढ़ेगा, यही हमारा संकल्प है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं और जन-प्रतिधियों से गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी से दूर रहने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने झारखंड में स्थानीय निकायों के चुनाव में भाजपा की बहुत बड़ी जीत के लिए कार्यकर्ताओं का अभिनंदन करते हुए कहा कि हमने गाँव की जनता का विश्वास जीता है, हमारे प्रति जन-समर्थन देश में लगातार बढ़ता जा रहा है और इसके साथ-साथ हमारी जिम्मेवारी भी बढ़ रही है, हमें जनता के सुख-दुःख से जुड़े रहना है और उनकी समस्याओं के समाधान करने के लिए काम करना है। उन्होंने कहा कि गाँव की समस्या का हल सिर्फ बजट के आवंटन से नहीं बल्कि ग्राम-शक्ति को जागृत करने से और उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ने से होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने GST और भीम एप के सर्वाधिक उपयोग के लिए और ग्राम सभा का आयोजन नियमित रूप से करने के लिए सुझाव दिए। ग्राम स्वराज अभियान की सफलता के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि जहाँ अनुसूचित जाति और जनजाति की जनसंख्या अधिक है, ऐसे 20,000 से ज्यादा गाँव में भाजपा सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक और जन-प्रतिनिधि रात्रि निवास कर रहें हैं और सरकार की कई योजनाओं के बारे में लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाने के लिए अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के 1000 से अधिक अधिकारी 500 से अधिक जिलों में प्रवास कर रहे हैं और सौभाग्य योजना, उज्ज्वला योजना, इन्द्रधनुष टीकाकरण, मुद्रा योजना, बीमा योजनाओं आदि के बारे में जानकारी लोगों तक पहुंचा रहे हैं और लाभार्थियों को योजनाओं से जोड़ा जा रहा है।

पीएम नरेन्द्र मोदी ने ग्राम स्वराज अभियान में LPG पंचायत की सफलता के बारे में कहा कि एक दिन में 16,000 गाँवों में LPG पंचायत संपन्न हुई, इसमें लगभग 45 से 50 लाख लाभार्थियों ने हिस्सा लिया और एक ही दिन में लगभग 11 लाख LPG कनेक्शन वितरित किये गए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ग्राम स्वराज अभियान के शेष दिनों में भारतीय जनता पार्टी के सभी सांसद और विधायक अपने कार्य क्षेत्र के एक-एक गाँव में कम-से-कम 4 से 5 समस्याओं के निदान का संकल्प करें। वे स्वच्छ भारत अभियान को आगे बढ़ाएं, किसानों की कृषि विकास कार्यशाला आयोजित करें, गाँव के युवाओं के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करें और नारी सशक्तिकरण के अभियान को आगे बढायें।

पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के 115 एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्स के सन्दर्भ में सांसदों और विधायकों का आह्वान करते हुए कहा कि इन जिलों को उनके राज्य के औसत विकास के स्तर पर लाना है और फिर उसे राज्य के सर्वाधिक विकसित जिले की विकास दर के बराबर लाना है।

आगामी 26 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी प्रातः 9 बजे कर्नाटक के भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ विडियो ब्रिज के माध्यम से संवाद करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने वीडियो ब्रिज के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा कि पार्टी कार्यकर्ता ग्रामीण जनता को सरकार की योजनओं का लाभ दिलाने में युद्ध स्तर पर सेतु का कार्य करें।

प्रधानमंत्री जी द्वारा कार्यकर्ताओं को दिए गए संबोधन के मुख्य बिंदु:

गाँवों में सद्भाव बढ़ाने की दिशा में पार्टी कार्यकर्ता कार्य करें।

गाँव, गरीब, किसान, दलित, आदिवासी, शोषित और वंचितों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ें।

गाँव के युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण के अवसरों से जोड़ें।

गाँव की महिला शक्ति को स्व-सहायता समूह बनाने में मदद करें तथा आर्थिक व्यवस्था के नए आयामों से अवगत करायें, बैंक से लोन और मुद्रा योजना से जुड़ने का प्रबंध करायें।

अब गाँव में जीवन-शैली और आजीविका के तौर-तरीके बदल गए हैं, रोजगार के आकड़ों की राजनीति जिन्हें करनी है, वे करें, हमें युवाओं का कौशल विकास कर के स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने हैं।

पार्टी कार्यकर्ता गाँव में किसान कल्याण कार्यशाला आयोजित करें और ग्रामीणों को स्वायल हेल्थ कार्ड का उपयोग कैसे करें, किसानों पर खेती के खर्च का बोझ कैसे कम करें, सिंचाई के पानी की बर्बादी कैसे रोकें, इसके तौर-तरीके समझाएं। इसके साथ ही मधुमक्खी पालन, पॉल्ट्रीज, फिशरीज, और खेत के किनारे वृक्ष एवं बांस लगाने और फसल के waste का उपयोग कृषि विकास में करने के लिए भी लोगों को प्रेरित करें।

MSP – न्यूनतम समर्थन मूल्य का बहुत बड़ा निर्णय किसानों के फायदे के लिए लिया गया है, इसकी जानकारी किसानों तक पहुंचाए।

गाँव की जन शक्ति को संगठित करके, जाति और असमानता से ऊपर उठ कर विकास के लिए जोड़ें।

Modicare – ‘आयुष्मान भारत मिशन’ को आगे बढ़ाएं, प्रधानमंत्री जन-औषधि योजना की जानकारी गरीब मरीज तक पहुंचाएं।

बच्चों की पढाई, नौजवानों की कमाई और बुजुर्गों की दवाई की हमारी सरकार की योजनाओं के बारें में गाँव-गाँव में जागरुकता फैलाएं।

आयुष्मान भारत के तहत 2022 तक डेढ़ लाख से ज्यादा पंचायतों में वैलनेस सेंटर बनेंगे।

अब तक देश में 3000 जन औषधि केंद्र कार्यरत है, इन केन्द्रों की संख्या और बढ़ेगी।

आयुष्मान भारत के अंतर्गत करीब 10 करोड़ गरीब परिवारों अर्थात् लगभग 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा की सुरक्षा मिलेगी।

हर घर में LED लगवाने और खेत में सोलर पंप लगवाने के लिए किसानों को प्रेरित करें।

pm narendra modi ne kaha kanoon or neetiya banate waqt janhito ka rakhe dhyaan

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कानून और नीतियां बनाते वक्त जनहितों का रखें ध्यान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को लोकसेवकों से कहा कि वे सरकारी नीतियों के क्रियान्वयन में नवोन्मेष और तकनीक का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करें। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्र के विकास के लिये जनभागीदारी वाला लोकत्रंत अनिवार्य है। दो दिवसीय लोकसेवा दिवस समारोह के समापन पर नौकरशाहों को संबोधित करते हुये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता से पहले प्रशासन का उद्देश्य अंग्रेजों को सुरक्षित रखना था लेकिन आज उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आम आदमी तक राहत पहुंचे। उन्होंने सरकारी नीतियों के क्रियान्वयन में रणनीतिक सोच की जरूरत पर बल देते हुये नौकरशाहों से उन नवोन्मेष और तकनीक का इस्तेमाल करने को कहा जो अतिरिक्त ताकत बन सकती हैं।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जन भागीदारी भारत जैसे देश में सफलता की आधारशिला है। उन्होंने कहा कि नये कानून या नीतियों को बनाते समय लोगों के हितों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इससे पहले उन्होंने दो पुस्तकों ‘न्यू पाथवेज’ और ‘एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स : अनलॉकिंग पोटेंशियल्स’ का भी विमोचन किया।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समारोह में जिलों और क्रियान्वयन इकाइयों में चयनित प्राथमिकता कार्यक्रमों और नवोन्मेष को प्रभावी तरीके से लागू करने पर ‘अवार्ड्स फॉर एक्सीलेंस इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन’ पुरस्कार दिये। इसके अलावा राज्य और केंद्रीय संगठनों को भी समारोह में सम्मानित किया गया। नौकरशाहों को सम्मान देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘बेहतर प्रदर्शन के लिये प्रेरणा हमेशा जरूरी होती है।’’

Pm narendra modi teen desho ki yatra khatm kar bharat lote

पीएम नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा खत्म कर भारत लौटे, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने किया स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन, स्वीडन और जर्मनी के अपने विदेश दौरे को समाप्त कर आज सुबह स्वदेश लौट आए। दिल्ली में हवाई अड्डे पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्‍वीडन, ब्रिटेन और जर्मनी का दौरा किया।


शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ब्रिटेन से जर्मनी गए। यहां उन्होंने जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल से दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी और बढ़ाने पर चर्चा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी ब्रिटेन यात्रा समाप्त करने के बाद बर्लिन पहुंचे थे। वहां उन्होंने राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों (चोगम) की बैठक और कई द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा लिया था।


राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, सेशल्स के राष्ट्रपति डैनी फाउरे और मॉरीशस के अपने समकक्ष प्रविंद कुमार जगनाथ सहित कई अन्य नेताओं से साथ द्विपक्षीय बैठकें की । इससे पहले स्‍वीडन में प्रधानमंत्री मोदी ने जहां भारत-नोर्डिक शिखर सम्‍मेलन में हिस्‍सा लिया। इसमें नार्वे, स्वीडल, फिनलैंड, डेनमार्क, आइसलैंड के शासनाध्यक्षों ने हिस्सा लिया ।

जर्मनी यात्रा के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल के साथ उनकी बैठक अच्छी रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने भारत-जर्मनी सहयोग के साथ-साथ अन्य वैश्विक मुद्दों से संबंधित कई पहलुओं पर बात की है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा, ”दोस्ती को और मजबूत करते हुए। जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल ने द्विपक्षीय बैठक से पहले चांसलरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने भारत और जर्मनी के बीच सहयोग को और प्रगाढ़ बनाने के तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने कहा, नियमित उच्चस्तरीय वार्ता की गति को बनाए रखने के लिए प्रधानमंत्री जर्मन चांसलर मार्केल से मिलने के लिए बर्लिग गए। यूरोपियन यूनियन ब्लॉक में जर्मनी भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।