Monthly Archives: February 2018

bharat or iran ke beech suraksha urja samet 9 Karar hue

भारत और ईरान के बीच सुरक्षा-ऊर्जा समेत 9 करार, पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, भारत चाबहार प्रोजेक्ट में सहयोग करेगा

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी भारत के तीन दिवसीय दौरे पर थे। शनिवार को रूहानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच डेलिगेशन लेवल की बातचीत हुई। इस मीटिंग के बाद दोनों देशों के बीच सुरक्षा, व्यापार और ऊर्जा समेत 9 करारों पर सहमति बनी। ज्वाइंट स्टेटमेंट में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- “चाबहार पोर्ट को डेवलप करने के लिए लीडरशिप देने पर मैं ईरान का शुक्रिया अदा करता हूं। चाबहार गेटवे के लिए भारत सहयोग करेगा।” इससे पहले रूहानी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी मिले। राष्ट्रपति भवन में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उन्होंने राजघाट जाकर महात्मा गांधी जी की समाधी पर श्रद्धांजलि भी दी।

पड़ोसियों को आतंक से मुक्त देखना चाहते हैं भारत-ईरान

  • ज्वाइंट स्टेटमेंट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- मैं 2016 में तेहरान गया था और अब जब आप (रूहानी) यहां आए हैं तो इससे हमारे रिश्ते गहरे और मजबूत हुए हैं।
  • दोनों देश पड़ोसी अफगानिस्तान को सुरक्षित और समृद्ध देखना चाहते हैं। हम अपने पड़ोसियों को आतंक से आजाद देखना चाहते हैं।

रुहानी ने कहा- भारत का शुक्रिया

  • इसके बाद, रुहानी ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा- हमें भारत सरकार से काफी प्यार मिला और इसके लिए मैं यहां के लोगों और सरकार का शुक्रिया अदा करता हूं। दोनों देशों का रिश्ता कारोबार और व्यापार से बहुत आगे है। ये इतिहास से जुड़ा हुआ है। परिवर्तन और अर्थव्यवस्था इन 2 महत्वपूर्ण मुद्दों पर हमारी राय एक है। हम दोनों देशों के बीच रेलवे संबंध भी शुरू करना चाहते हैं। दोनों देश चाबहार पोर्ट के विकास में भी शामिल हैं।
  • बता दें कि रूहानी के तीन दिवसीय दौरे का शनिवार को आखिरी दिन रहा।

भारत-ईरान के बीच ये 9 करार

  1. डबल टैक्सेशन और टैक्स सेविंग के लिए पैसे बाहर भेजने की रोकथाम के लिए समझौता।
  2. डिप्लोमैटिक पासपोर्टधारकों को वीजा में छूट के लिए एमओयू।
  3. एक्स्ट्राडीशन ट्रीटी (प्रत्यर्पण संधि) का लागू करने के लिए समझौता।
  4. चाबहार पोर्ट के पहले फेस के लिए समझौता।
  5. ट्रेडिशनल सिस्टम और मेडिसिन में सहयोग के लिए समझौता।
  6. आपसी व्यापार को बढ़ाने के लिए समझौता।
  7. एग्रीकल्चर और उससे जुड़े सेक्टर में सहयोग के लिए समझौता।
  8. स्वास्थ्य एवं दवाओं के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता।
  9. पोस्टल सहयोग के लिए एमओयू।

चाबहार होगा ट्रांजिट रूट

  • रूहानी शुक्रवार को हैदराबाद की मक्का मस्जिद में नमाज अदा करने पहुचे थे। इसके बाद उन्होंने कहा था कि ईरान का चाबहार बंदरगाह भारत के लिए (पाकिस्तान से गुजरे बगैर) ईरान और अफगानिस्तान, मध्य एशियाई देशों के साथ यूरोप तक ट्रांजिट रूट खोलेगा।
  • उन्होंने यह भी कहा कि ईरान तेल और नेचुरल गैस रिसोर्स के मामले में अमीर है। इसलिए वह भारत की तरक्की के लिए अपने नेचुरल रिसोर्सेज साझा करने को तैयार है। इसके अलावा रूहानी ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए वीजा नियमों में ढील देने की भी मंशा जाहिर की।

भारत को ईरान की जरूरत क्यों?

  • भारत को सस्ते ऑयल और गैस के लिए पश्चिम एशिया की जरूरत है। ईरान समेत इस रीजन के बाकी देश इस सच्चाई को जानते हैं। अमेरिका अब अपनी जरूरतों के लिए इन मुल्कों का मोहताज नहीं रहा। भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है। एनर्जी सेक्टर में दोनों देश मिलकर बड़ी कामयाबी हासिल कर सकते हैं।
  • चाबहार पोर्ट दोनों देशों का प्रोजेक्ट है। कुछ हद तक शुरू हो चुका है। यहां से बिना पाकिस्तान जाए अफगानिस्तान और आगे के मुल्कों तक सामान सप्लाई किया जा सकता है। दोनों ही देश चाहते हैं कि चाबहार का काम तय वक्त से पहले पूरा किया जाए। ईरान में इससे रोजगार बढ़ेगा। रूहानी इस पर भारत की मदद चाहेंगे।
  • ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि रूस, पाकिस्तान और कुछ हद तक ईरान भी अफगान तालिबान को मदद करते हैं। अफगानिस्तान में भारत की बड़ी मौजूदगी है। तालिबान अफगान सरकार और अमेरिका के लिए खतरा है। रूहानी पर भारत दबाव डाल सकता है कि वो तालिबान और दूसरे आतंकी संगठनों पर सख्ती दिखाएं।
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ईरान के राष्ट्रपति रूहानी ने आज राष्ट्रपति कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी तीन दिन के भारत दौरे पर आज राष्ट्रपति भवन पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात के बाद ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी राजघाट पहुंचे। रूहानी ने यहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की समाधि पर पुष्पाजंलि अर्पित की। इस मुलाकात में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार पोर्ट पर फैसला हो सकता है। पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात से पहले उन्हें राष्ट्रपति भवन में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। रूहानी आज व्यापारियों से भी मुलाकात करेंगे। राष्ट्रपति हसन रूहानी बाद में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन को संबोधित करेंगे।


अगस्त 2013 में कार्यभार संभालने के बाद ईरान के सातवें राष्ट्रपति की यह पहली भारत यात्रा है। भारत और ईरान के बीच मजबूत आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध है। पीएम नरेंद्र मोदी की साल 2016 में ईरान यात्रा के दौरान करीब एक दर्जन से भी अधिक समझौते पर हस्ताक्षर किये गये थे। शुक्रवार को रूहानी ने हैदराबाद की मक्का मस्जिद में जुमे की नमाज़ के लिए जुटे लोगों को संबोधित किया, उन्होंने कहा कि लोगों को पंथ के आधार पर होने वाले मतभेदों से ऊपर उठना चाहिए।

उन्होंने दुनियाभर के मुस्लिम समुदाय से एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा था कि अगर वे एकजुट रहें तो अमेरिका कभी यरूशलम को इजराइल की राजधानी के तौर पर घोषित करने की हिम्मत नहीं दिखायेगा। रूहानी ने कहा था कि जो लोग यह सोचते हैं कि इस्लाम ‘‘हिंसा एवं आतंकवाद’’ का धर्म है, उनका आकलन गलत है। ईरान ने तेल एवं प्राकृतिक गैस के अपने विशाल संसाधनों को भारत के साथ साझा करने तथा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए वीजा के नियमों में ढील देने की इच्छा जताई है।

उन्होंने कहा था कि खाड़ी देश में चाबहार बंदरगाह भारत के लिए (पाकिस्तान से गुजरे बिना) ईरान और अफगानिस्तान, मध्य एशियाई देशों तथा यूरोप तक ट्रांजिट मार्ग खोलेगा। करार के तहत दक्षिण-पूर्वी ईरान में चाबहार बंदरगाह को तैयार करने के लिए भारत को 8.5 करोड़ डालर का निवेश करना है।

हसन रूहानी ने कहा था, ईरान के पास प्रचुर मात्रा में तेल एवं गैस संसाधन हैं और वह इन्हें भारत की प्रगति तथा इसके लोगों की समृद्धि के लिए उसके साथ साझा करने की इच्छा रखता है।

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नेपाल के नए प्रधानमंत्री ओली को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी बधाई, भारत आने का न्योता दिया

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को शुभकामनाएं दी और भारत आने का आमंत्रण भी दिया। ओली ने गुरुवार को नेपाल के 41वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली है। पीएम नरेंद्र मोदी ने ओली के सफल कार्यकाल के लिए उन्हें शुभकामनाएं दी। ओली के निजी सचिव की ओर से जारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के विकास के लिए हरसंभव सहयोग की प्रतिबद्धता जाहिर की।

यहां हाल में हुए चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (एकीकृत मार्क्‍सवादी-लनिनवादी) के सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बाद दोनों नेताओं के बीच टेलीफोन पर यह तीसरी वार्ता थी।

बयान के अनुसार, वार्ता के दौरान ओली ने पीएम नरेंद्र मोदी से कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य देश का विकास और समृद्धि होगा। उन्होंने आने वाले दिनों में भारत से दोस्ती की प्रतिबद्धता भी जताई। टेलीफोन वार्ता के बाद, नेपाल में भारत के राजदूत मंजीव सिंह पुरी ने ओली के निजी आवास पर जाकर उन्हें बधाई दी।

मंजीव सिंह पुरी ने प्रधानमंत्री का संदेश भी उन्हें दिया, जिसमें ओली के नेतृत्व में नेपाल की स्थिरता, आर्थिक विकास और समृद्धि की आशा जताई गई है। संदेश के अनुसार, पीएम नरेंद्र मोदी भारत और नेपाल के पुराने संबंध को सद्भावना और आपसी विश्वास के आधार पर और आगे बढ़ाने के लिए ‘ज्यादा महत्व’ देंगे। संदेश में यह भी कहा गया है कि भारत नेपाली लोगों और नेपाल सरकार के साथ मिलकर नेपाल के विकास के लिए सहयोग को तैयार है।

ओली ने गुरुवार को एक समारोह में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। यह दूसरी बार है, जब ओली नेपाल के प्रधानमंत्री बने हैं। इससे पहले वह 11 अक्टूबर, 2015 से चार अगस्त, 2016 तक नेपाल के प्रधानमंत्री थे।

ओली की कम्युनिस्ट पार्टी ने संसद में बहुमत के करीब सीटें जीती हैं और इसे सरकार गठित करने के लिए नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी(माओवादी सेंटर) का समर्थन प्राप्त है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘परीक्षा पर चर्चा’ में बोले, दूसरों से नहीं बल्कि खुद से करें प्रतिस्पर्धा

दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी परीक्षार्थियों को सफलता तथा आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए टिप्स दे रहे हैं। नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित एक विशेष ‌कार्यक्रम में उन्होंने स्कूली बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि परीक्षा के समय छात्र-छात्राओं को काफी दबाव का सामना करना पड़ता है।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा – जब मैंने स्वच्छ भारत की बात की तो सबसे ज्यादा बच्चों ने उसमें हिस्सा लिया था।

बच्चों द्वारा आत्मविश्वास की कमी के सवाल पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा – यदि आपके अंदर आत्मविश्वास नहीं है तो सब याद होते हुए भी आपको वह शब्द याद नहीं आता है जो आपने पढ़ा होता है। अपना उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मैं बचपन में स्वामी विवेकानंद जी को पढ़ता था वे कहा करते थे कि मैं ही ब्रह्म हूं। वो कहा करते थे कि 33 करोड़ देवी देवताओं की पूजा करो लेकिन अगर तुम्हारे अंदर आत्मविश्वास नहीं होगा तो वे 33 करोड़ देवी – देवता कुछ नहीं कर पाएंगे। मेरे कहना का मतलब है कि आत्मविश्वास अपने प्रयासों से आता है। आत्मविश्वास कोई जड़ी – बूटी नहीं है कि मम्मी कह के दें कि एग्जाम में जाने से पहले ये टैबलेट खा लेना।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा – स्कूल जाते समय यह बात दिमाग से निकाल दीजिए कि कोई आपका एग्जाम ले रहा है, या कोई आपको अंक दे रहा है। इस बात को दिमाग में रखिए कि आप खुद का एग्जाम ले रहे हैं। इस भाव के साथ बैठिये की आप ही अपना भविष्य तय करेंगे।

एकाग्रता के सवाल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा – एकाग्रता के लिए किसी एक्टिविटी की जरूरत नहीं होती है। आप खुद को जांचिए और परखिए । बहुत लोग कहते हैं कि मुझे याद नहीं रहता है लेकिन यदि आपको कोई बुरा कहता है तो दस साल बाद भी आपको वह बातें याद रहती है। इसका मतलब है कि आपकी स्मरण शक्ति में कोई कमी नहीं है। जिन चीजों में सिर्फ बुद्धि नहीं आपका मन भी जुड़ जाता है वह जिंदगी का हिस्सा बन जाता है।

वर्तमान में जीने की आदत एकाग्रता के लिए एक रास्ता खोल देती है : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने बच्चों से कहा – आप खुद के साथ स्पर्धा कीजिए कि मैं जहां कल था उससे 2 कदम आगे बढ़ा क्या, अगर आपको ऐसा लगता है तो यही आपकी विजय है, कभी भी दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा मत कीजिए खुद के साथ अनुस्पर्धा कीजिए।
पहले हमें खुद को जानना चाहिए। जब आप प्रतिस्पर्धा में उतरते हैं तो तनाव महसूस होता है। आप खुद के लिए काम कीजिए। खुद को जाने और फिर जिस चीज में सक्षम हैं उसी विषय में आगे बढ़ें। किसी और को देखकर स्पर्धा में उतरते हैं तो आप निराश हो जाते हैं।

इस बात को ध्यान में रखिए कि हर माता-पिता अपने बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए त्याग करते हैं।
अपने बच्चों को सोशल स्टेटस मत बनाइए। बच्चे की केयर करें उस पर दबाव ना डाले। एक एग्जाम जिंदगी नहीं होती है।
एक खुला और तंदरुस्त वातावरण बच्चों को दिया जाना चाहिए। केवल एग्जाम में नहीं बल्कि हमेशा।
मैं अभिभावकों से कहना चाहूंगा दूसरे बच्चो से अपने बच्चो की तुलना न करें, आपके बच्चे के अंदर जो सामर्थ्य है उसी की बात कीजिये, अंक और परीक्षा जीवन का आधार नहीं हैं।

ध्यान लगाने के सवाल पर पीएम ने कहा कि यदि आपको फोकस करना है तो पहले डीफोकस करना सीखें।
मनुष्य के शरीर की रचना ऐसी है कि जब भी वह पंचमहाभूत के संपर्क में आता है वह रिफ्रेश हो जाता है।
अगर आपको खेलने का, गीत गाने का शौक है करिए। दोस्त से मिलने का मन है मिलिए। डी-फोकस किए बिना आप फोकस नहीं कर सकते हैं। जो आपको अच्छा लगता है वह करिए, खुद को उन चीजों से अलग मत करिए।

पीएम नरेंद्र मोदी ने बच्चों को आसान शब्दों में आईक्यू और ईक्यू में फर्क समझाया।
परीक्षा के दौरान योगासन को लेकर यह भ्रम है कि इस आसन से यह होता है और उससे वह होता है। आपको जो भी योगासन अच्छा लगता हैं आप वही आसन कीजिये, उसी से आपके अंदर ऊर्जा का संचार होगा और ध्यान केंद्रित करने में सहायता मिलेगी।

एग्जाम के दौरान क्वालिटी नींद बहुत जरूरी है। घंटे की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए।

गुरु-शिष्य के संबंध पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा – मेरा पढ़ाया हुआ बच्चा अगर किसी गलत काम में पकड़ा जाता है तो टीचर के लिए यह शर्मिंदा वाली बात होनी चाहिए। वहीं अगर उससे पढ़ा हुआ बच्चा जिंदगी में कुछ अच्छा करता है तो वह पल उस टीचर के लिए गर्व वाला भाव आना चाहिए।
कई टीचर ऐसे होते हैं जो अपने बच्चों से ज्यादा अपने शिष्यों के लिए मेहनत करते हैं।
हमारे समाज में पहले शिक्षकों को परिवार के सदस्यों की तरह माना जाता था, आज हमें इस भावना को फिर से जगाने की आवश्यकता है।

आपको अपनी प्राथमिकताओं के बारे में पता होना चाहिए। समय को व्यर्थ ना गवाएं।
सारी समस्या की जड़ है कि ‘बनना चाहता हूं’। जिंदगी में बनने के सपने निराशा की गारंटी है क्योंकि आपने सोचा डॉक्टर बनूंगा, इंजीनियर बने।
आप कुछ करने का सपना देखिये। कुछ बनना तय करने से आपकी स्वतंत्रता छीन जाती है।

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आज देश भर के छात्रों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परीक्षा पर चर्चा करेंगे

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इस कार्यक्रम में देश भर के छात्र इसमें हिस्सा लेंगे और जानेंगे कि कैसे बिना तनाव के परीक्षा दी जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो हफ़्ते पहले ही ‘Exam Warriors’ किताब का विमोचन किया है, जिसमें बिना तनाव के परीक्षा देने पर 25 बातें लिखी हुई हैं। सीबीएसई ने सभी स्कूलों से ज़रूरी तैयारी करने को कहा है ताकी छात्र प्रधानमंत्री से जुड़ सकें।

मानव संसाधन मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 फरवरी को दिन में 11 बजे दिल्ली स्थित तालकटोरा स्टेडियम में परिचर्चा सत्र में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भी इस कार्यक्रम में छात्रों से जुड़ेंगे जिसमें काफी संख्या में छात्र हिस्सा ले रहे हैं। परिचर्चा के दौरान मुख्य विषय आसन्न बोर्ड परीक्षा और परीक्षा से जुड़ी समस्या होंगे जिसमें परीक्षा संबंधी तनाव से जुड़ी बातें शामिल होंगी। इस परिचर्चा का शीर्षक ‘‘मेकिंग एक्जाम फन : चैट विद पीएम मोदी’’ रखा गया है।


कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में कहा था कि मेरे युवा दोस्तो, मैं इस महीने की 16 तारीख को आपसे चर्चा करने को लेकर उत्सुक हूं। मैं आपसे परीक्षा के दौरान तनाव मुक्त और प्रसन्न रहने की जरूरत पर चर्चा करूंगा । इसमें प्रौद्योगिकी के माध्यम से देशभर से हजारों की संख्या में छात्र जुड़ेंगे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोगुनी आमदनी के लिए किसानों संग बैठेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खेती की आमदनी को बढ़ाकर दोगुना करने के लिए खुद किसानों के साथ बैठेंगे। खेती में किये जाने वाले सुधार के नुस्खे भी जानेंगे। पहली बार इस तरह का अनूठा सम्मेलन आयोजित किया जाने वाला है, जिसमें वास्तविक किसान, नीति नियामक, कृषि से जुड़े अधिकारी, वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री, बैंक, व्यापार व उद्योग के प्रतिनिधि एक साथ हिस्सा लेंगे।

एग्रीकल्चर-2022 का आयोजन 19 और 20 फरवरी को होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरे दिन किसानों, नीति नियामकों और खेती से जुड़े विभिन्न पक्षकारों के साथ हुए विचार-विमर्श का सार जानेंगे। केंद्रीय कृषि सचिव शोभना पट्टनायक ने आयोजन का ब्यौरा देने के लिए प्रेसवार्ता बुलाई थी। उन्होंने बताया कि कृषि से जुड़े सात विभिन्न विषयों पर अलग-अलग उप समितियां लगातार चर्चा करेंगी। हालांकि ऐसी समितियां पहले से ही अपनी सिफारिशें तैयार करने में जुट गई हैं।

कृषि, बागवानी, पशुपालन, डेयरी, मछली पालन, मार्केटिंग और सहकारिता जैसे विषयों से जुड़े सभी विशेषज्ञों को इसमें बुलाया गया है। सम्मेलन के पहले दिन कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल, नीति आयोग के उपाध्यक्ष और अन्य कृषि राज्य मंत्री भी शामिल होंगे, जबकि दूसरे दिन सभी सात उपसमितियां अपनी सिफारिशें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष पेश करेंगी, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सवाल जवाब भी कर सकते हैं।

इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए देशभर से तीन सौ से अधिक प्रतिभागी हिस्सा लेंगे, जिनका चुनाव काफी जांच परख करके किया गया है। इनमें उनके अनुभव व विशेषज्ञता को प्राथमिकता दी गई है। सम्मेलन में कृषि से संबंधित मंत्रालयों को आला अधिकारी एवं मंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया है। इस आयोजन की तैयारियों के तहत महीने भर से विभिन्न पक्षकारों गंभीर चर्चा की गई।

कृषि कचरे को बहुमूल्य बनाने की रणनीति पर पहली उप समिति का गठन किया गया है, जबकि दूसरी उप समिति खेती के इनपुट और सेवाओं को लेकर बनाई गई है। एग्रो-फारेस्ट्री, ट्रेड पॉलिसी व एक्सपोर्ट प्रोमोशन, मार्केटिंग व एग्रो लॉजिस्टिक और वैल्यू चेन मैनेजमेंट समेत विभिन्न विषयों के लिए गठित समितियां लगातार रणनीति बनाने में जुटी हुई हैं। खेती के साथ अन्य सहयोगी उद्यम के लिए नीतियां बनाने और खेती में पूंजी के प्रवाह के लिए किये जाने वाले प्रयासों पर भी चर्चा होगी। इस दो दिवसीय चर्चा के बाद सरकार तैयार रणनीति को लागू करने पर जोर दिया जाएगा।

pm narendra modi se sampark karne ke tarike

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क करने के तरीके, फोन नंबर, ई-मेल और सोशल मीडिया एकाउंट्स

नरेंद्र मोदी साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के साथ ही सेलिब्रिटी बन गए हैं। सोशल मीडिया पर उनके लाखों फॉलोअर्स हैं। इन्हीं फॉलोअर्स और प्रशंसकों में से कई लोग पीएम नरेंद्र मोदी तक अपनी बात पहुंचाना चाहते हैं या उनसे मिलना चाहते हैं, लेकिन कई लोगों को यह नहीं पता है कि आखिर उनसे कैसे संपर्क किया जाए। तो चलिए आज हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचने के तरीके आपको बताते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक अपनी बात पहुंचाने का सबसे आसान तरीका सोशल मीडिया है। आप मोदी जी के वेरिफाइड अकाउंट के जरिए उन तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट्स ये हैं।

www.facebook.com/narendramodi
twitter.com/नरेन्द्रमोदी
https://plus.google.com/+NarendraModi
https://www.youtube.com/user/narendramodi …

सोशल मीडिया के अलावा आप ई-गवर्नेंस के जरिए भी पीएम से जुड़ सकते हैं। इसके लिए आपको https://pgportal.gov.in/pmocitizen/Grievancepmo.aspx. पर जाना होगा। यहां आप अपनी शिकायत, बधाई और सुझाव के लिए संदेश भेज सकते हैं। इसके अलावा आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की ऐप (नमो ऐप) से भी जुड़ सकते हैं।

आप ई-मेल के जरिए भी प्रधानमंत्री तक पहुंच सकते हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को आप connect@mygov.nic.in पर मेल कर सकते हैं या फिर narendramodi1234@gmail.com पर ई-मेल भेजकर अपनी बात रख सकते हैं।

अगर आप उपरोक्त बताए गए माध्यमों से पीएम नरेंद्र मोदी से संपर्क करने में असमर्थ हैं तो आप इस पते पर उन्हें चिट्ठी भी लिख सकते हैं। वेब इनफॉर्मेशन मैनेजर, साउथ ब्लॉक, रायसीना हिल्स, नई दिल्ली, पिन 110011.

यदि आप पीएम नरेंद्र मोदी से फोन या फैक्स के जरिए जुड़ना चाहते हैं तो इसके लिए आप 011-23015603, 11-23018939, 011-23018668 पर फोन कर सकते हैं या फिर +91-11-23019545 या 23016857 पर फैक्स भी कर सकते हैं।

pm narendra modi ne tripura me 7th pay commission dene ka wada kiya

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिपुरा में 7वां वेतन आयोग देने का वादा किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिपुरा में रैली में कहा कि देश में 7वां वेतन आयोग लागू होने के बाद भी त्रिपुरा में चौथे वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत वेतन दिया जा रहा है। वामपंथी सरकार ने कर्मचारियों को उनके अधिकारों से वंचित रखा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि क्या कारण है कि त्रिपुरा में लेफ्ट सरकार न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करने और 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं कर रही है? पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि त्रिपुरा में बीजेपी की सरकार बनने के बाद कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाएगा। कर्मचारियों को उनका अधिकार दिया जाएगा। आपको बता दें कि केंद्र सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी को 7,000 रुपए से बढ़ाकर 18,000 रुपए महीने करने को मंजूरी दे चुकी है। वहीं फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 फीसदी बढ़ाने को मंजूरी दे दी है।

इस बीच, चीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर कड़ा ऐतराज जताया है। चीन का कहना है कि वह भारत में इसके खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराएगा। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि चीन-भारत सीमा पर चीन की स्थिति स्पष्ट है। स्थानीय मीडिया से शुआंग ने कहा कि चीनी सरकार ने तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को कभी मान्यता नहीं दी है। इस विवादित इलाके में भारतीय नेता की यात्रा का चीन कड़ा विरोध करता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कम्यूनिस्ट पार्टी जनतंत्र में विश्वास नहीं करती है। वह केवल हिंसा और गन तंत्र में विश्वास करती है। पीएम नरेंद्र मोदी ने रैली में कहा कि हम त्रिपुरा की कनेक्टिविटी को और अच्छा करना चाहते हैं। “न्यू इंडिया” बनाने की यात्रा में, हम मॉर्डन और नया त्रिपुरा भी बनाना चाहते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ऐसा क्यों है कि यहां लोगों को न्यूनतम मजदूरी नहीं मिलती? यहां कम्युनिस्ट सरकार ने राज्य पर 25 साल तक शासन किया है और इसे बर्बाद कर दिया है। हम वादा करते हैं कि बीजेपी की राज्य में सत्ता में आने के बाद सभी मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी दी जाएगी।

pm narendra modi ne kaha Communist gantantra nahi guntantra me vishwaas karte hai

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कम्युनिस्ट गणतंत्र में नहीं, ‘गनतंत्र’ में विश्वास करते हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिपुरा चुनाव के मद्देनजर अगरतला के शांति बाजार में रैली की। पीएम नरेंद्र मोदी ने न्यू इंडिया और न्यू त्रिपुरा जैसे काम करने के लिए लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस बार चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी को हटाएं और बीजेपी को जिताकर विकास को बढ़ावा देने वाली सरकार बनाएं। पीएम नरेंद्र मोदी ने कम्युनिस्ट पार्टी के वर्कर्स को अराजकतावादी बताते हुए कहा कि ये लोग चुनाव में अशांति फैलाने का प्रयास करेंगे, क्योंकि ये ‘गणतंत्र’ नहीं ‘गनतंत्र’ में विश्वास करते हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार यहां के गरीबों के घर बनाने, बिजली पहुंचाने, गैस का चूल्हा देने के लिए पैसे देती है लेकिन वह पैसा पता नहीं कहां चला जाता है। ये लोग कांग्रेस के साथ मिलीभगत करके बैठे थे कि हमारा तो कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कांग्रेस त्रिपुरा में चुनाव ही क्यों लड़ रही है? दिल्ली में दोस्ती और त्रिपुरा में विरोध का नाटक क्यों? हर जगह मिलकर लड़ते हैं और त्रिपुरा में चुनाव लड़ रहे हैं। यह तो सिर्फ वोट काटने की रणनीति है इसलिए कांग्रेस और वामदलों को अलग समझने की गलती मत करिेए।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, आप लोग उनकी (कम्युनिस्टों की) ऐसी विदाई करो कि वे हर कोने से उखड़ जाएं। हर काम में कम्युनिस्ट पार्टी वाले हल्ला करते हैं, न्यूनतम मजदूरी का नाटक करते हैं। मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या कारण है कि त्रिपुरा में मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिलती है? क्या कम्युनिस्ट पार्टी कभी न्यूनतम मजदूरी देगी? बीजेपी की सरकार बनते ही सबसे पहले यही काम किया जाएगा। देश में सातवां वेतन आयोग है और त्रिपुरा में चौथा। सरकारी कर्मचारियों को पैसा नहीं मिलेगा तो वह भ्रष्टाचार ही करेंगे ना। हमारी सरकार बनते ही हम सातवां वेतन आयोग लागू करेंगे।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कम्युनिस्ट पार्टी के लोगों को अराजकतावादी बताते हुए कहा कि ये लोग चुनाव में अशांति फैलाने का प्रयास करेंगे क्योंकि ये ‘गणतंत्र’ नहीं ‘गनतंत्र’ में विश्वास करते हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कांग्रेस पर हमला कहा, जब बाल्टी में छेद होगा तो पानी टपकेगा ही

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा के एक दिवसीय दौरे के दौरान कांग्रेस पर लगातार हमला बोला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के शासनकाल के दौरान गरीबों के पैसे का दुरुपयोग हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी ने एक रैली में कहा, हमारे देश में पैसे का अकाल कभी नहीं था। लेकिन, जब बाल्टी में छेद होगा तो पानी टपकेगा ही। यह हालात हमारे देश में पहले रहे हैं। बता दें कि त्रिपुरा में 18 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है।

राज्य में हिंदी भाषी लोगों के बहुसंख्या में होने की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर में जहां एक राज्य ऐसा है जहां हिंदी बड़े पैमाने पर बोली जाती है तो वह है ‘मेरा अरुणाचल।’ बता दें कि बीजेपी ने जनवरी 2017 में हुए राजनीतिक ड्रामे के बीच राज्य में अपनी सरकार बनाई थी। उस समय मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने अपने 33 विधायकों के साथ पाला बदल लिया था।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, अगर आप एक दिन के लिए अरुणाचल प्रदेश की यात्रा करते हैं तो आपको पूरे देश में कहीं की भी एक सप्ताह की यात्रा की तुलना में यहां जय हिंद के नारे ज्यादा सुनाई देंगे। पीएम नरेंद्र मोदी ने इटानगर में एक सम्मेलन केंद्र का भी उद्घाटन किया और कहा कि जीवंत केंद्र अरुणाचल प्रदेश की आकांक्षाओं को आगे बढ़ाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली में ही क्यों इस तरह की बैठकें होनी चाहिए, सरकारी अधिकारियों और निजी कंपनियों को यहां सम्मेलन और सांस्कृतिक गतिविधियां करानी चाहिए. मैं लोगों से निजी तौर पर कहूंगा कि अरुणाचल प्रदेश जाइए और वहां के केंद्रों में महत्वपूर्ण बैठकें करिए।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, हमें सभी राज्यों में जाना चाहिए और इसलिए मैं पूर्वोत्तर परिषद की बैठक के लिए शिलांग आया और सिक्किम में कृषि से संबंधित एक महत्वपूर्ण बैठक की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि न केवल पूर्वोत्तर में बल्कि देश में भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत कुछ करने की जरूरत है। उन्होंने मानव संसाधन, बुनियादी ढांचे और क्षेत्र में आधुनिक प्रौद्योगिकी को विकसित करने पर भी जोर दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। स्वास्थ्य देखभाल अच्छी गुणवत्ता के साथ साथ किफायती भी होना चाहिए। हम देश के सभी हिस्सों में चिकित्सा संस्थान बनाने पर काम कर रहे हैं। जब कोई किसी विशेष क्षेत्र में अध्ययन करता है, तो वह स्थानीय स्वास्थ्य सम्बन्धी चुनौतियों से बेहतर परिचित हो जाता है।