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बुद्ध पूर्णिमा पर राष्‍ट्रपति मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को दिया ये संदेश

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भगवान बुद्ध की समानता, प्रेम, दया और सहिष्णुता की गहन शिक्षाओं की वर्तमान समय में प्रासंगिकता बढ़ रही है. बुद्ध पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा कि मैं सभी देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं. उन्होंने कहा, “भगवान बुद्ध उदारता, आदर्शवाद और मानवता के प्रतीक हैं. तथागत द्वारा करुणा, अहिंसा और समानता के बारे में दिए गए संदेश आध्यात्मिक मुक्ति की दिशा में मानवता के मार्ग के लिए प्रकाश स्तंभ के रूप में काम कर रहे हैं.”

प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भगवान बुद्ध की समानता, प्रेम, दया और सहिष्णुता की गहन शिक्षाओं की वर्तमान समय में प्रासंगिकता बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध का संदेश हमें सच्चाई और करुणा के मार्ग पर चलने और देश की प्रगति शांति और समृद्धि के लिए एकजुट होकर काम करने की प्रेरणा देता है.

May the message of Lord Buddha inspire us to follow the path of truth & compassion #PresidentMukherjee

— President of India (@RashtrapatiBhvn) 10 May 2017

वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने भी ट्विटर पर लोगों को बुद्ध पूर्णिमा की बधाई दी. उन्‍होंने कहा कि आज लोग गौतम बुद्ध के आदर्शों व उनके महान विचारों को याद कर रहे हैं, वे पीढ़ी-दर-पीढ़ी मार्ग प्रशस्‍त करते रहेंगे.

उप राष्‍ट्रपति अंसारी ने भी भगवान बुद्ध द्वारा दिखाए गए करुणा व सहिष्‍णुता के मार्ग पर चलने के लिए लोगों को आह्वान करते हुए कहा कि उनके द्वारा दिए गए संदेश मानव पीड़ा व दुखों को दूर करने के लिए लोगों को प्रेरित करते रहेंगे.

 

भगवान बुद्ध के देश की परंपरा निभाने मोदी जाएंगे श्रीलंका, बैसाख दिवस पर होंगे चीफ गेस्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को श्रीलंका रवाना होंगे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिलेगी. मोदी संयुक्त राष्ट्र की ओर से मान्यता प्राप्त 14वें अंतर्राष्ट्रीय बैसाख दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे. बैसाख दिवस भगवान बुद्ध के निर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है.

पीएम मोदी श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के निमंत्रण पर श्रीलंका जा रहे हैं. मार्च 2015 के बाद प्रधानमंत्री के तौर पर ये उनका दूसरा श्रीलंका दौरा होगा. प्रधानमंत्री के श्रीलंका दौरे के बारे में विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव संजय पांडा ने कहा कि श्रीलंका में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय बैसाख दिवस मनाया जा रहा है. पीएम के इस दौर की थीम समाज कल्याण और विश्व शांति के लिए बुद्ध के संदेश है.

बुद्ध की परंपरा का देश
विदेश मंत्रालय के मुताबिक श्रीलंका में बैसाख दिवस समारोह के लिए विभिन्न देशों से धार्मिक और राजनीतिक नेताओं को आमंत्रित किया गया है, खासकर बौद्ध परंपरा वाले करीब 100 से अधिक देशों के 400 प्रतिनिधि कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. संजय पांडा ने कहा कि बैसाख दिवस समारोह में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री का यह दौरा काफी अहम है, क्योंकि यह हमारे देश में सदियों से चली आ रही बौद्ध परंपरा का ये परिचायक होगा.

मंदिरों में पूजा-अर्चना
बैसाख दिवस समारोह के तहत प्रधानमंत्री मोदी कोलंबो स्थित गंगारमाया मंदिर जाएंगे, ये मंदिर श्रीलंका के अहम मंदिरों में शामिल है. श्रीलंका दौरे में पीएम मोदी कैंडी मंदिर भी जाएंगे, जहां श्रीलंका के सबसे अहम बौद्ध अवशेष, भगवान बुद्ध का एक दांत रखा हुआ है. इस मंदिर की छत सोने की है.

प्रधानमंत्री मोदी पाल्लेकेले में श्रीलंकाई अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध अकादमी में कांड्यान नृत्य संकाय की आधारशिला भी रखेंगे. यह कांड्यान नृत्य संकाय भारत की मदद से निर्मित होगा. पीएम मोदी मध्य पहाड़ी जिले में भारत की ओर से वित्त पोषित एक मल्टी स्पेशियलटी अस्पताल का उद्घाटन करेंगे, जिसका निर्णाण भारत की ओर से की गई 150 करोड़ की वित्तीय मदद से किया गया है.

विकास में आपसी सहयोग
विदेश मंत्रालय के मुताबिक यह अस्पताल 2005 से चली आ रही श्रीलंका के विकास में सहयोग परियोजना का हिस्सा है. जिसके तहत श्रीलंका को 2.6 अरब डॉलर की सहयोग राशि देने का वादा किया गया है. इसमें अब तक 45 करोड़ डॉलर अनुदान दिया जा चुका है. साथ ही अंतर्राष्ट्रीय वेसक दिवस समारोह के तहत भारत के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त रेत शिल्पकार सुदर्शन पटनायक श्रीलंका की संसद के नजदीक विशेष वेसक क्षेत्र में भगवान बुद्ध की विश्व की सबसे बड़ी रेत प्रतिमा का निर्माण करेंगे.

भारत इस अवसर पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय बुद्ध फिल्म महोत्सव में भी हिस्सा ले रहा है, जिसका आयोजन अंतर्राष्ट्रीय बैसाख समारोह से इतर होगा. हालांकि कोई द्विपक्षीय वार्ता निर्धारित नहीं है, लेकिन भारतीय अधिकारियों ने इससे भारत-श्रीलंका संबंधों को गति मिलने की उम्मीद जताई है. श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे भी पिछले महीने भारत दौरे पर आए थे.

एनडीए सरकार की तीसरी वर्षगांठ, पीएम गुवाहटी से देश को करेंगे संबोधित

6 मई को एनडीए सरकार अपने तीन साल पूरे कर रही है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करेंगे। अपनी सरकार की पहली सालगिरह के मौके पर पीएम मोदी ने दीन दयाल उपाध्याय के जन्मस्थान मथुरा में मौजूद नगला चंद्रभान गांव का दौरा किया था।

वहीं दूसरी सालगिरह के मौके पर पीएम ने सहारनपुर में एक बड़ी रैली को संबोधित किया था, अब वो तीसरी वर्षगांठ के मौके पर देश को गुवाहटी से संबोधित करेंगे। असम के मुख्यमंत्री सरबानंद सोनोवाल के मीडिया सलाहकार ऋषिकेश गोस्वामी ने कहा कि पीएम ने हमेशा पूर्वोत्तर के राज्यों को अष्टलक्ष्मी की संज्ञा दी है।

गोस्वामी ने ये भी बताया कि इस मौके पर पीएम धौला- सादिया पुल का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही वो गुवाहटी के नजदीक चंगसरी में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस की नींव भी रखेंगे। गोगामुख में इंडियन काउंसिल ऑफ रिसर्च प्रोजेक्ट का उद्घाटन भी पीएम के हाथों होगा।

मुख्यमंत्री सोनोवाल ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें धौला-सादिया ब्रिज के उद्घाटन और नवंबर में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए निमंत्रण दिया था। ब्रह्मपुत्र पर 9.15 किलोमीटर का धौला-सादिया देश का सबसे लंबा ब्रिज होगा। इसके साथ ही इससे इस क्षेत्र में बेहतर कनेक्टिविटी की सुविधा भी होगी।

पीएम मोदी ने असम में भाजपा सरकार का एक साल पूरा होने पर इस कार्यक्रम में भागीदारी की पुष्टि कर दी है। जिसके बाद सोनोवाल ने कहा कि ये पीएम मोदी और एनडीए सरकार द्वारा पूर्वोत्तर को दिया गया महत्व है।

सुप्रीम में पेपरलेस समारोह, पीएम मोदी बोले- A-4 साइज का एक कागज दस लीटर पानी लेता है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश बदल रहा है, छुट्टी है लोग काम कर रहे हैं. 10 मई को 1857 की आजादी का संग्राम शुरु हुआ. हम इलाहाबाद में चीफ जस्टिस ने विस्तार से आकंड़ों का चित्र प्रस्तुत किया था और देश में केस जो बाकी पड़े हैं तो न्यायपालिका को कहा था छुट्टियों में काम कीजिए. सुनकर आनंद आया कि सुप्रीम कोर्ट और दूसरे कोर्ट में छुट्टियों में काम किया जा रहा है.

इससे जिम्मेदारी का अहसास होता है तो लोगों के मन में भी भाव आते हैं. न्यू इंडिया के लिए ये जरूरी है. अब तक तकनीक से नाता हार्डवेयर तक सीमित रहा. समस्या तकनीकी और बजट की नहीं बल्कि माइंडसेट की है.

पीएम ने कहा कि बुद्ध कहते थे कि मन बदले तो मत बदले. सबको लगता है कि 6 महीने हो गए नया मोबाइल ले लो. फिर भी जैब में कांटेक्ट लिस्ट की डायरी होती है. मोबाइल अच्छा होना चाहिए लेकिन रेड और ग्रीन बटन से ज्यादा जानकारी नहीं. SMS करते हैं और फिर फोन करते हैं कि SMS मिला क्या. चुनौती हार्डवेयर या साफ्टवेयर की नहीं बल्कि मानसिक सोच की है. A-4 साइज का एक कागज दस लीटर पानी लेता है. इसका मतलब पेपरलेस होना जंगल बचाना पानी बचाना पर्यावरण की सेवा है.

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि IT+IT=IT – मतलब इंडियन टेक्नोलाजी + इंडियन टैलेंट= इंडियन टुमारो.

नोटबंदी में काफी सीखने को मिला, नोट छापना, ट्रांसपोर्ट करना सुरक्षा करना बड़ा खर्च का काम है. देश के रुपये बचेंगे तो गरीबों के घर बनाने में काम आएंगे. वो दिन दूर नहीं जब आर्टिफिशल इंटेलीजेंस का जमाना आने वाला है. पूरा विश्व बदलने वाला है और हम अगर इसके साथ नहीं चलेंगे तो हमें कोई पूछेगा नहीं. हम टैक्सी से कम किराए में प्रति किमीलोमीटर कम खर्च में गए.

हॉलीवुड की एक फिल्म से कम खर्च मंगल तक पहुंचने में लगे. न्यायपालिका के क्षेत्र में भी तकनीकी का क्षेत्र विस्तार हो गया है. मोबाइल रिकार्ड और सीसीटीवी व फोरेंसिक तकनीक का बड़ा रोल हो गया है. इस देश का मिजाज अलग है. 2014 के चुनाव में पार्टी ने प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशीलिए चुना. इससे पहले कांग्रेस ने बड़ी कांफ्रेस की कि 9 की बजाए 12 सिलंडर होंगे. सरकार बनने के बाद मैंने लोगों से अपील की तो देश के 1.20 करोड़ परिवारों ने गैस सब्सिडी छोड़ दी.

पीएम ने कहा, मैंने डॉक्टरों को कहा था कि हर महीने 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं का मुफ्त इलाज कीजिए, हजारों डाक्टर सेवा कर रहे हें. वकील भी तय करें कि गरीबों की सेवा के लिए मुफ्त केस लड़ेंगे और तकनीकी की मदद से ये काम होगा तो देश को लाभ होगा.

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस मौके पर कहा कि हमें खुशी है कि डिजिटल स्टोरी सुप्रीम कोर्ट से आ रही हैं. एक्सेस टू जस्टिस अब डिजिटल तरीके से आ रहा है. गरीब लोगों तक न्याय पहुंचे इसके लिए ये एक बड़ा प्रयास है. 16730 जिला कोर्ट देश भर में हैं जिनमें सात करोड़ केस लंबित हैं, लेकिन ये भी है कि चार करोड़ जजमेंट या आर्डर वेब पर मौजूद हैं.
आप सोच सकते हैं कि एक आधार कार्ड का खर्च दो डॉलर आता है, जो सबसे महंगा है. हम रोज तीन करोड़ वैरिफिकेशन करते हें. सरकार इस मामले में पूरी तरह सुप्रीम कोर्ट के साथ है और आगे भी डिजिटलीकरण के लिए काम करते रहेंगे.

सुप्रीम कोर्ट का पेपरलैस समारोह में CJI जगदीश सिंह खेहर ने कहा कि हम चाहते हैं कि लिटिगेंट एक बार ही केस फाइल करे और डिजिटल तरीके से वो सिविल कोर्ट, जिला कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे. ये पारदर्शी, सटीक और बिल्कुल अतिक्रमण रहित है.
उन्होंने कहा कि ये योजना सभी के लिए फायदेमंद रहेगी. उसी कड़ी की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट से की गई है.

उन्होंने कहा कि अभी तक वकीलों को ई-फाईलिंग की सुविधा थी, लेकिन अब हम डिजिटल फाइलिंग की सुविधा देंगे. पहले हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी लगानी होती थी ,लेकिन अब केस नंबर देना होगा और ये प्रतियां अब कोर्ट संबंधित अदालतों की वेबसाइट से ले लेगा.

सीजेआई खेहर ने कहा कि वकील को सिर्फ अपनी अपील में फैसले को चुनौती देने के आधार और कानूनी बिन्दुओं को फाइल करना होगा. अपने आप हाईकोर्ट के पक्षकारों को भी सूचना चली जाएगी. कोर्ट फीस के बारे में भी जानकारी दी जाएगी और मुव्वकिल को भी पता चल जाएगा.

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में रोजाना हजारों कागजात इस्तेमाल होते हैं और इससे पर्यावरण को भी फायदा होगा. मुव्वकिल को पता रहेगा कि क्या डेट है सुनवाई की, क्या खर्च आया. सबसे ज्यादा फायदा ये भी है कि किसी सरकारी विभाग के खिलाफ केस दाखिल होगा तो फाइलिंग होते ही विभाग को पता चल जाएगा कि उसके खिलाफ केस दर्ज हुआ है. इससे वो पूरे केस फाइल को डाउनलोड कर सकता है.

जस्टिस खेहर ने कहा कि मैंने इस साल चार जनवरी को पद संभाला और एक हफ्ते में मुझे कानून मंत्री का पत्र मिला कि 438 करोड़ रुपये सरकार ने दिए हैं लेकिन तीन सत्र बीतने के बाद पता चला कि सिर्फ 20 फीसदी फंड खर्च हो पाया है. मुझे पता था कि कोर्ट में सूचना और तकनीक के साथ साथ कंप्यूटराइजनेशन में सरकार हमारी मदद करने को तैयार है. डेटाबेस बड़ा हो चुका है और अब सुप्रीम कोर्ट पेपरलैस होने के लिए तैयार है.

जस्टिस खेहर ने कहा कि 6 महीने पहले जस्टिस ए एम खानलेवकर ने बताया कि उनके दिमाग में एक साफ्टेवेयर है जिस पर काम हो सकता है. ऐसा ही उन्होंने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में भी किया था. मार्च माह में हमने इस पर काम करना शुरू किया. मैंने एक सुनवाई में वकीलों को कहा था कि 6 महीने में सुप्रीम कोर्ट पेपरलैस हो जाएगा.

2 अप्रैल को हम इलाहाबाद हाईकोर्ट के समारोह में PM के साथ थे और उन्होंने डिजीटल होने के लिए कहा था. इसके बाद हमने अलग अलग पक्षों से बात की. हमने मीटिंग की और पाया कि ये तकनीक न्यायपालिका के कामकाज को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होगी भारत सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यकम के साथ कदम बढ़ाते हुए सुप्रीम कोर्ट भी पेपरलेस हो गया है.

CJI जेएस खेहर ने डिजिटलीकरण के कार्यक्रम की शुरुआत बुधवार को विज्ञानभवन से की जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए. कार्यक्रम में इंटीग्रेटेड कोर्ट मेनेजमेंट इंफारमेशन सिस्टम को कोर्ट की नई वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा. इस दौरान कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद रहे. जस्टिस एमएम खानविल्कर ने इस वेबसाइट का विवरण दिया. सुप्रीम कोर्ट अब तक भारी भरकम कागजी काम होता है. अपीलें फाइल करनी हों तो उसके लिए भारी बस्ते तैयार किए जाते हैं क्योंकि उसमें निचली अदालतों के फैसलों की भारी प्रतियां लगानी होती हैं. लेकिन ये प्रतियां अब कोर्ट संबंधित अदालतों की वेबसाइट से ले लेगा. वकील को सिर्फ अपनी अपील में फैसले को चुनौती देने के आधार और कानूनी बिन्दुओं को फाइल करना होगा. यदि उसकी अपील के साथ कुछ आदेश लगाने हैं तो इनको डिजिटल रूप में ही पेश करना होगा. यह काम फाइलिंग कांउटर पर ही हो जाएगा जहां उसकी पीडीएफ फाइल बनाकर अपील के साथ नत्थी कर दिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर भी अब सरकार की वेबसाइटों की तरह से हो जाएगी.

इसका नाम अब तक एससीआईडाटनिकडाट इन है जो अब बदलकर एससीआईडाटजीओवीडाटइन हो जाएगा. इस वेबसाइट पर फाइलिंग से डिजिटली सुरक्षित पारदर्शी माहौल मिलेगा. पिछले दिनों CJI ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट छह माह में पूरी तरह से पेपरलेस हो जाएगा. सुप्रीम कोर्ट में फैसले और काजलिस्ट पहले ही पेपरलेस किए जा चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट में फैसलों की प्रति डिजिटल साइन के साथ ही वादियों को दी जाती है. सुप्रीम कोर्ट में 60 हजार से ज्यादा केस लंबित हैं.

नरेंद्र मोदी सरकार के तीन साल : पीएम के ‘व्यक्तिगत ब्रांड’ पर केंद्रित होंगे कार्यक्रम

केंद्र सरकार के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 20 दिन तक चलने वाले कार्यक्रम बहुत हद तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘व्यक्तिगत ब्रांड’ पर केंद्रित होंगे, तथा प्रधानमंत्री स्वयं पांच समारोहों का नेतृत्व करेंगे, जिनमें से पहला असम के गुवाहाटी में आयोजित होगा.

इस अवसर पर ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचने के लिए प्रधानमंत्री सभी भारतीयों को संबोधित खत लिखेंगे, जिसकी दो करोड़ प्रतियां छापी जा रही हैं, और उन्हें 20 मई से रवाना करना शुरू कर दिया जाएगा, ताकि 26 मई तक उनका गंतव्य पर पहुंचना सुनिश्चित किया जा सके. ये खत विभिन्न कल्याण योजनाओं के लाभार्थियों को भेजे जाएंगे.

वैसे, सिर्फ खत के ज़रिये ही नहीं, सरकार की उपलब्धियों को जनता को बताने के लिए देशभर में लगभग 10 करोड़ एसएमएस भी भेजे जाएंगे. देशभर में समारोहों के आयोजन के लिए 900 स्थान सुनिश्चित कर लिए गए हैं, और इनमें से प्रत्येक की ज़िम्मेदारी किसी मंत्री या सांसद को सौंपी जाएगी.

इन समारोहों का एक बेहद दिलचस्प पहलू इसमें शामिल ‘मोदी फेस्ट’ होंगे, जो दरअसल ‘मेकिंग ऑफ डेवलपिंग इंडिया फेस्टिवल’ का संक्षिप्त रूप है, और जो साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम को भी घर-घर तक पहुंचाएगा. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री तथा उनके सहयोगी अपने-अपने राज्यों की राजधानियों में आयोजित कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे. इन समारोहों का आयोजन राज्य सरकारें ही करेंगी, तथा इनके दौरान सरकार की अहम नीतियों तथा उपलब्धियों को दिखातीं प्रेज़ेन्टेशन दिखाए जाने के अतिरिक्त विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जुड़ी टोपियां तथा लीफलेट भी बांटे जाएंगे.

पिछले साल अपने कार्यकाल की दूसरी वर्षगांठ पर सरकार ने दिल्ली और बिहार के चुनाव में मिली हार की वजह से ज़्यादा तामझाम नहीं किया था, लेकिन इस साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली शानदार कामयाबी तथा नोटबंदी या विमुद्रीकरण को मिले अपार जनसमर्थन के बूते सरकार काफी उत्साहित है.

पिछले साल से बीजेपी ने ज़ोरशोर से ‘मेरा देश बदल रहा है’ की टैगलाइन को इस्तेमाल किया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि अब एक नया स्लोगन सामने आ सकता है – देश बदल रहा है, भारत उबर रहा है… लेकिन बताया जाता है कि प्रधानमंत्री ने फिलहाल किसी भी नारे को मंज़ूरी नहीं दी है, हालांकि अपने हालिया भाषणों में अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते वक्त उन्होंने ‘नया भारत’ पर ज़ोर दिया है.

दिल्ली में 27 तथा 28 तारीख को वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे तथा मीडिया से बातचीत भी. इसके अलावा केंद्रीय मंत्रियों – सभी 74 – को समारोह स्थलों के रूप में चिह्नित किए गए 900 स्थानों पर भेजा जाएगा, जहां वे किसानों, महिलाओं, युवाओं, दलितों व पिछड़ों तथा श्रमिकों के समूहों से बातचीत करेंगे. मंत्री प्रतिष्ठित कॉलेजों, आईआईटी तथा अन्य शैक्षणिक संस्थानों में भी जाएंगे, ताकि विद्यार्थियों से संवाद तथा संपर्क स्थापित किया जा सके.

मंत्रियों को एक दिन ऐसे किसी गांव में भी बिताना होगा, जिसमें हाल ही में विद्युतीकरण हुआ हो, तथा किसी ऐसे परिवार के साथ सुबह का नाश्ता अथवा दोपहर का भोजन करना होगा, जो ग्रामीण विद्युतीकरण की इस योजना से लाभान्वित हुआ हो.

…और मतदाताओं को अब तक आ चुके बदलावों की याद दिलाने के लिए पब्लिसिटी मैटीरियल बांटा जाएगा, जिसमें एक बुकलेट भी शामिल है, जिसका शीर्षक है – ‘अब और तब’ – तथा इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के तीन साल तथा कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार के 10 साल के कामकाज की तुलना की जाएगी.

बेरोजगारों की बल्ले-बल्ले! PM मोदी पूरा करेंगे 1 करोड़ नौकरी देने का चुनावी वादा

मोदी राज में बेरोजगार युवाओं के सपने अब पूरे होने वाले हैं. मोदी सरकार तीन साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही है, जिसे देखते हुए अच्छे दिन के अपने वादों को पूरा करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जोर है. पीएम मोदी ने सभी मंत्रालयों को निर्देश दिया है कि कैबिनेट को भेजे जाने वाले सभी प्रस्तावों में यह जानकारी जरूर दी जाए कि उन प्रस्तावों पर अमल करने से रोजगार के कितने मौके बनेंगे.

दरअसल 2014 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने युवाओं को 1 करोड़ रोजगार के अवसर देने का वादा किया था. हालांकि, बीते तीन सालों में रोजगार देने के मामले में मोदी सरकार का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है. वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बिजनेस अखबार को बताया कि जिस भी प्रस्ताव के साथ कुछ खर्च जुड़ा होगा, उससे देश में रोजगार निर्माण होना ही चाहिए और ऐसे प्रस्ताव के साथ जॉब्स एस्टिमेट दिया जाना चाहिए. सीतारमण ने बताया, ‘जब भी कोई प्रस्ताव चर्चा के लिए आता है तो प्रधानमंत्री कैबिनेट बैठक में पूछते हैं कि रोजगार के कितने मौके बनेंगे?’

बेरोजगारी दूर करने का ये है ऐक्शन प्लान

आर्थिक वृद्धि के साथ रोजगार के मौके बनने की रफ्तार बढ़ाने के लिए नीति आयोग ने तीन साल का एक ऐक्शन प्लान पेश किया है, जिसमें विभिन्न सेक्टरों में रोजगार सृजित करने की बात की गई है. सीआईआई के अनुसार, वित्त वर्ष 2012 से 2016 के बीच भारत में रोजगार के 1.46 करोड़ मौके बने थे. यानी हर साल 36.5 लाख अवसर. कामकाजी उम्र वाले लोगों की संख्या में 8.41 करोड़ का इजाफा हुआ, लेकिन वास्तिक श्रम बल में बढ़ोतरी केवल 2.01 करोड़ रही। कामकाजी उम्र वाली आबादी का 24 प्रतिशत हिस्सा श्रम बल में जुड़ा, जबकि 76 प्रतिशत हिस्सा इससे बाहर रहा.

हर महीने 15 लाख लोगों की जॉब मार्केट में एंट्री

क्रिसिल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 लाख से ज्यादा लोग हर महीने देश के जॉब मार्केट में रोजगार तलाशने आते हैं. वहीं, मानव श्रम पर निर्भरता घटाने वाले ऑटोमेशन की वजह से स्थिति गंभीर होती जा रही है. सरकार ज्यादा रोजगार पैदा करना चाहती है ताकि आमदनी बढ़े और लाखों लोग गरीबी के जाल से बाहर निकलें. सरकार अपनी मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी की भी समीक्षा भी कर रही है ताकि उसे रोजगार निर्माण के उद्देश्य के मुताबिक बदला जा सके. इकनॉमिक सर्वे 2017 में कहा गया है कि आबादी में युवाओं की अधिक संख्या से ग्रोथ में होने वाली बढ़ोतरी अगले पांच वर्षों में उच्चतम स्तर पर पहुंच जाएगी क्योंकि तब तक कामकाजी उम्र वाले लोगों की संख्या में ठहराव आ चुका होगा. ऐसे में कौशल और उद्यमिता को बढ़ावा देना जरूरी हो गया है.

पीएम मोदी बोले- चेतना व चिंतन से सशक्‍त होगा युवा चरित्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली से ही मेघालय के शिलॉन्ग में आयोजित भारत सेवाश्रम संघ के शताब्दी समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सेवाश्रम संघ के जनकल्याणकारी कार्य काफी प्रशंसनीय हैं। संकट के समय सेवाश्रम संघ के लोग मानव सेवा में जुड़ जाते हैं।

आपको बता दें कि भारत सेवाश्रम संघ का गठन 1917 में आचार्य श्रीमत स्वामी प्रणवानंदजी महाराज द्वारा किया गया था। उनके सम्मान में मोदी ने कहा कि उन्होंने राष्ट्र निर्माण के लिए शिष्यों को सेवा और आध्यात्म से जोड़ा। उन्हें युवा शक्ति पर पूरा भरोसा था। उन्होंने सामाजिक न्याय की बात बहुत पहले उठार्इ थी आैर जनशक्ति को प्रेरित कर गांव तक सड़कें बनवाई थीं।

मोदी ने यह भी कहा कि उच्च आदर्शों की स्थापना कर मानव की सच्ची सेवा की जा सकती है। हमारा युवा चरित्र चेतना व चिंतन से सशक्त होगा।

समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने स्वच्छ भारत की अभियान की भी वकालत की। उन्होंने लोगों से कहा कि स्वच्छाग्रह को अपनी सेवा का अभिन्न अंग बनाएं। स्वच्छ भारत, स्वच्छ उत्तर-पूर्व के लिए सभी काम करें। मोदी ने तकनीक पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि तकनीक के जरिए ही वो दिल्ली से शिलॉन्ग जुड़े हैं। वहीं उत्तर-पूर्व के विकास को प्राथमिकता बताया।

पीएम मोदी के नेतृत्व में हो रहा देश का विकास

केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार को यहां अतिथिगृह में पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस देश का चहुंमुखी विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को चाहिए कि वे गांवों में जाएं और केंद्र सरकार द्वारा जनता के व्यापक हित में किए गए कार्यों से उन्हें अवगत कराएं।

निजी कार्यक्रम में भाग लेने आए राज्यमंत्री श्री कुशवाहा ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने चुनाव के समय देश की जनता से जो वादा किया था उसे एक- एक पूरा कर रहे हैं। नोटबंदी उनका सबसे क्रांतिकारी और साहसिक कदम था। मोदी द्वारा किए गए कार्यों की चर्चा विदेशों में हो रही है। इसका असर उतर प्रदेश के चुनाव में भी पड़ा।

उन्होंने कार्यकर्ताओं से घर घर जाकर उनके संदेशों को पहुंचाने की अपील की। कहा कि पीएम मोदी बिहार का भी विकास चाहते हैं, लेकिन बिहार के विकास के लिए सरकार द्वारा जो धनराशि दी जाती है, उसका सही उपयोग नहीं हो पाता है। इस मौके पर रालोसपा के जिलाध्यक्ष सुभाषचंद्र यादव, पप्पु वर्मा, जगरनाथ यादव आदि लोग भी उपस्थित थे। इसके पूर्व पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया।

भारत के हित में है मैक्रों की पॉलिसी, मोदी ने दी जीत की बधाई

फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाले एमैनुएल मैक्रों का भारत को लेकर नजरिया काफी सकारात्मक है. वह मोदी सरकार की तरह ‘सबका साथ सबका विकास’ की बात करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर मैक्रों को जीत की बधाई दी है. साथ ही कहा कि वह भारत-फ्रांस के रिश्तों को और मजबूत बनाने के लिए के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मैक्रों के साथ मिलकर करने का इंतजार कर रहे हैं.

अगर विशेषज्ञों की माने, तो वह न सिर्फ यूरोपीय संघ (ईयू) बल्कि भारत समेत पूरी दुनिया के लिए बेहतर साबित होंगे. 39 वर्षीय मैक्रों अपनी प्रतिद्वंदी और धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ली पेन से उलट नजरिया रखते हैं. जहां ली पेन सिर्फ राष्ट्रवाद की बाद करती हैं, तो वहीं मैक्रों वैश्विकीकरण की बात करते हैं. वह अमेरिकी इतिहास में सबसे युवा उदारवादी नेता हैं.

मैक्रों फ्रांस को यूरोपीय संघ में बनाए रखने के पक्षधर हैं, जबकि मरीन इसके खिलाफ हैं. फ्रांस राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम से दुनिया के ज्यादातर देश खुश हैं. कई देशों ने इसे लोकतंत्र की जीत करार दिया है. खासकर मैक्रों की जीत मुसलमानों के लिए बड़ी राहत है. क्योंकि मरीन ने चुनाव जीतने पर फ्रांस की सभी मस्जिदों पर ताला लगवाने की बात कर रही थीं.

इसके अलावा मैक्रों बैंकर और देश के वित्तमंत्री रह चुके हैं, जिसके चलते उनको आर्थिक मामलों की अच्छी समझ है. उनकी जीत की खबर आते ही यूरो में जबरदस्त उछाल देखा गया, जो इस बात का साफ संकेत था कि अब फ्रांस यूरोपीय संघ में बना रहेगा. इससे यूरोपीय संघ को कर्ज से उभरने में मदद मिलेगी. अगर मरीन जीततीं, तो फ्रांस भी ब्रिटेन और अमेरिका की राह चल पड़ता. इसका खामियाजा यूरोपीय संघ के साथ पूरी दुनिया को उठाना पड़ता.

इसके अतिरिक्त मैक्रों का नजरिया मोदी सरकार की तरह विकासवादी है, जो सबका साथ और सबका विकास की बात करते हैं. ऐसे में भारत के लिए मैक्रो बेहतर साबित होंगे. उनके नेतृत्व में भारत-फ्रांस के रिश्ते नई ऊंचाइयों को छुएंगे. माना जा रहा है कि मैक्रों के आने से दोनों देशों के बीच व्यापार में भी इजाफा होगा. इसके साथ ही उनकी जीत ने फ्रांस में लोकतंत्र की नींव को और मजबूत कर दिया है.

प्रधानमंत्री ने परखा पर्यटन नीति का मसौदा

राष्ट्रीय पर्यटन नीति के संबंध में पर्यटन मंत्रालय का ढुलमुल रवैया देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक शीर्ष स्तरीय बैठक बुलाकर नीति के प्रस्तावित प्रावधानों का जायजा लिया। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री की इस बैठक के बाद मंत्रालय जल्द ही पर्यटन नीति को अंतिम रूप दे सकता है।

सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रस्तावित ‘राष्ट्रीय पर्यटन नीति’ के प्रावधानों को परखने के बाद अब तक हुई प्रगति का जायजा लेने के लिए गुरुवार को उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में प्रधानमंत्री कार्यालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ-साथ केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री महेश शर्मा और पर्यटन मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। राष्ट्रीय पर्यटन नीति के प्रावधानों को लेकर बैठक में चर्चा हुई। माना जा रहा है कि सरकार आने वाले दिनों में नीति घोषित करेगी।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय पर्यटन नीति का मसौदा 2015 से यथावत है। अब तक इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।उद्योग जगत भी सरकार से राष्ट्रीय पर्यटन नीति जारी करने की मांग कर रहे हैं। हाल में उद्योग संगठन फिक्की ने कहा था कि सरकार को राष्ट्रीय पर्यटन नीति इसी वर्ष घोषित करनी चाहिए। ऐसे में प्रधानमंत्री निवास पर हुई यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण है।

सूत्रों के मुताबिक, प्रस्तावित नीति में एक राष्ट्रीय पर्यटन प्राधिकरण गठित करने का प्रावधान किया गया है। इस नीति में वैश्विक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए भारत को ‘मस्ट सी’ डेस्टिनेशन के रूप में पेश करने पर बल दिया गया है।