Monthly Archives: May 2017

तीन साल के 10 आर्थिक आंकड़ों में First Division पास

देश के ज्यादातर आर्थिक आंकड़े दिखा रहे हैं कि मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल के दौरान देश की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहले तीन साल के कार्यकाल के दौरान ज्यादातर आर्थिक मामलों के जानकारों का मानना रहा कि केन्द्र सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए कई नीतियों में फेरबदल किया है. इसके चलते जहां पहले दो साल के कार्यकाल के दौरान आर्थिक आंकड़े कमजोर रहे लेकिन तीसरे साल से मोदी सरकार की नीतियों का असर आंकड़ों में दिखाई देने लगा है.

भारतीय अर्थव्यवस्था के 10 अहम आंकड़ों को देखने से साफ है कि दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जहां मौजूदा समय में विश्व की सबसे तेजी से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्था होने के साथ-साथ आने वाले समय में दोहरी गति से बढ़ने के लिए तैयार हो रही है. इन आंकड़ों को देखने के लिए एक तरफ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में बनी यूपीए सरकार के 10 साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद के आंकड़े हैं (31 मार्च 2014) और दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीन साल के कार्यकाल के बाद के उन्हीं मापदंड़ों पर आंकड़े हैं.

Modi Government

यूपीए को ले डूबी ‘महंगाई की मार’
31 मार्च 2014 तक देश में उपभोक्ता महंगाई 9.46 फीसदी थी जो बीते तीन साल में घटकर 3.81 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है. इसे मोदी सरकार की किसमत कहें, 3 साल के कार्यकाल की नीतियों का नतीजा कहें या आर्थिक आंकड़ों की जादुगरी. 3 साल में महंगाई के मामले में मोदी सरकार को फर्स्ट डीवीजन.

रुपया और डॉलर की ‘जंग’
‘नोटबंदी’ भारतीय करेंसी पर किसी सर्जिकल स्ट्राइक से कम नहीं थी. संचार में पड़ी 86 फीसदी मुद्रा को 24 घंटे से कम समय में बदलने की प्रक्रिया को शुरू कर देना. नई करेंसी लागू कर देश में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की कवायद से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में भी रुपये की धाक मजबूत हुई है. जहां 31 मार्च 2014 को 1 डॉलर के एवज में हमें सिर्फ 60 रुपये मिलते थे, इन तीन साल के दौरान 1 डॉलर के बदले मुद्रा बाजार में 65 रुपये से अधिक मिल रहा है. इसमें भी सरकार को फर्स्ट.

अब ‘सस्ता घर’ का नंबर
मार्च 2014 में अपना घर खरीदने के लिए जहां आम आदमी को 10-12 फीसदी के ब्याज पर होम लोन मिलता था वहीं अब यह लोन आम आदमी को 8-9 फीसदी पर मिल सकेगा. वहीं केन्द्र सरकार की योजनाओं के तहत गरीब तबके को 4 फीसदी पर होम लोन के लिए भी वक्त अब सही हैं क्योंकि योजना के मुताबिक 4 फीसदी से अधिक का ब्याज सरकार अदा करेगी. लिहाजा, आम आदमी को अब इंतजार रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी का है जिससे सस्ता घर बनाने का काम तेजी से हो सके. अपना घर का सपना पूरा करने की कोशिश में भी मोदी सरकार को फिलहाल फर्स्ट दिया जा सकता है.

पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का निधन, पीएम मोदी ने किया ट्वीट- कल शाम तो साथ थे

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है. खबरों के मुताबिक- वह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उनके निधन पर शोक जताया है. नर्मदा नदी को बचाने के लिए अनिल माधव ने बहुत काम किया है. उन्होंने पर्यावरण को बचाने के लिए कई किताबें भी लिखी हैं. पर्यावरण मंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल को अभी 1 साल भी पूरा नहीं हुआ था.

पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, मैं कल शाम को अनिल दवे जी के साथ था, उनके साथ नीतिगत मुद्दों पर चर्चा कर रहा था. उनका निधन मेरा निजी नुकसान है. उन्हें लोग जुझारू लोक सेवक के तौर पर याद रखेंगे. पर्यावरण संरक्षण की दिशा में वह काफी जुझारू थे. अनिल दवे का जन्म उज्जैन में हुआ था. अनिल आरएसएस से जुड़े थे. वह पायलट थे. लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने शिवाजी पर किताब लिखी थी.

मोदी के रूस दौरे में परमाणु समझौते पर संदेह बरकरार

मिलनाडु के कुडनकुलम परमाणु संयंत्र में दो अन्य इकाईयां स्थापित करने को लेकर रूस के साथ प्रस्तावित समझौते पर हस्ताक्षर को लेकर अभी भी संदेह बरकरार है। हालांकि पीएम मोदी 15 दिन बाद रूस का दौरा करेंगे लेकिन इस दौरान समझौते पर हस्ताक्षर को लेक संशय की स्थिति बरकरार है।

मोदी एक जून को रूस के सेंटपीटर्सबर्ग में आयोजित हो रही अंतरराष्ट्रीय आर्थिक फोरम के सम्मेलन में हिस्सा लेंगे इसके अतिरिक्त रूस के दौरे पर मोदी वहां के राष्ट्रपति वाल्दिमीर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे।

इस दौरान वह दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे साथ ही समझौतों को आगे बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा करेंगे। चर्चा के विषय निवेश, रक्षा और परमाणु सहयोग हो सकते हैं। गौरतलब है कि भारत और रूस कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की पांचवीं व छठी इकाइयों को लेकर जनरल फ्रेमवर्क एग्रीमेंट (जीएफए) को अंतिम रूप देने पर बातचीत कर रहे हैं। हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि दौरे पर दोनों देश इस समझौते पर हस्ताक्षर करते है या नहीं।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक भारत और रूस के बीच पिछले साल दिसंबर को को ही जीएफए पर हस्ताक्षर होने थे लेकिन दोनों देशों की ओर से क्रेडिट प्रोटोकाल पर सहमति न बनने के चलते मामला अधर में है। गौरतलब है कि जीएफए के तहत रूस के सहयोग से कुडनकुलम परमाणु संयंत्र में प्रत्येक 1000 मेगावाट की पांचवीं व छठी इकाईयों का निर्माण होना है।

जर्मनी, स्पेन और रूस का दौरा करेंगे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 29 मई को जर्मनी, स्पेन और रूस का दौरा करेंगे। पीएम मोदी के दौरे का उद्देश्य तीनों देशों से भारत के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और उन्हें निवेश के लिए आमंत्रित करना होगा।

पीएम मोदी का जर्मनी और स्पेन का दौरा द्विपक्षीय होगा जबकि रूस में सेंटपीटर्सबर्ग शहर का दौरा वहां एक से तीन जून के बीच होने वाले सेंटपीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम (एसपीआईईएफ) के संबंध में होगा।

तीन देशों की पांच दिवसीय यात्रा के दौरान पीएम मोदी जर्मनी में चांसलर एगेंला मार्केल से मुलाकात कर व्यावसायिक समझौतों को आगे बढ़ाने को लेकर चर्चा करेंगे। बता दें कि पीएम मोदी की जर्मनी में दूसरे साल में यह दूसरी यात्रा होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद को तनाव मुक्त रखने के लिए क्या करते हैं?

अगर आपके लिए आपकी आठ घंटे की नौकरी बेहद तनावपूर्ण है, तो जरा 66 साल के प्रधानमंत्री मोदी की दिनचर्या और उनके चेहरे पर भी एक नजर डालिए। 18 घंटे काम करने वाले मोदी के चेहरे को थकान छू तक नहीं पाती। उनके चाय बेचने से लेकर देश के प्रधानमंत्री बनने तक का सफर बेहद शानदार रहा । उन्होंने कड़ी मेहनत और ऊर्जा के साथ हर मुश्किल का सामना किया।

आइए जानते हैं नरेंद्र मोदी के कुछ फिटनेस रहस्यों के बारे में जिसकी वजह से वो इस उम्र में भी कई युवाओं को फिटनेस के मामले में मात दे रहे हैं।Pm Modi Daily For Yoga

प्रधानमंत्री मोदी के इतना बिजी रहने के बावजूद वो खुद को दो चीजों की मदद से फिट बनाए रखते हैं। एक उनका व्यायाम और दूसरा उनका आहार। 17 सितंबर 1950 में जन्में मोदी अपने दिन की शुरुआत योग से करते हैं। मोदी को काम करते-करते रात में भले ही कितनी भी देर क्‍यूं न हो जाएं, लेकिन वो सुबह 5 बजे बिस्तर जरूर छोड़ देते हैं।

मोदी सरकार प्रधानमंत्री मोदी के ‘स्वच्छता अभियान’ पर आधारित है ये फिल्म

प्रधानमंत्री मोदी के इस अभियान से राजनेता से लेकर अभिनेता तक सभी जुड़े। हर किसी ने उनके सपने और लक्ष्य को पूरा करने के लिए श्रमदान किया। इस श्रमदान को बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार एक कदम आगे ले गए हैं। अक्षय ने प्रधानमंत्री मोदी के इस राजनीतिक सपने को लेकर एक फिल्म ही बना डाली।

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अगस्त में वाराणसी आएंगे पीएम मोदी, जुटेंगे दुनिया भर के कृषि वैज्ञानिक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी अगस्त माह में वाराणसी आ सकते हैं। वे कृषि मंत्रालय की ओर से बीएचयू में नौ-दस अगस्त को होने वाले राष्ट्रीय बौद्धिक सम्मेलन में शिरकत करेंगे। सम्मेलन बीएचयू कृषि विज्ञान संस्थान के सहयोग से होगा।

इसकी तैयारी के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन मोहापात्रा की सहमति पर कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक ने कमेटी भी गठित कर दी है।

बीएचयू में कृषि शिक्षा और शोध के उन्नयन और पुनरुत्थान के लिए राष्ट्रीय बौद्धिक सम्मेलन का आयोजन वृहद स्तर पर किया जाएगा। सम्मेलन में दुनिया भर के कृषि वैज्ञानिक जुटेंगे और कृषि के क्षेत्र में होने वाले नए शोध और तकनीक से रूबरू होंगे।

संस्थान के निदेशक प्रो. ए. वैशम्पायन ने बताया कि सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। ऐसा संकेत मंत्रालय की ओर से मिला है।
उन्होंने बताया कि डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च एंड एजूकेशन के सचिव व आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन की देखरेख में सम्मेलन होगा।

आयोजन समिति के चेयरमैन प्रो. वैशम्पायन हैं जबकि को-चेयरमैन आईसीएआर के डिप्टी डायरेक्टर जनरल (एजूकेशन) डॉ. एनएस राठौर हैं।

मोदी सरकार के 3 साल : सरकार ने सबको शिक्षा, अच्‍छी शिक्षा का वादा पूरा किया- प्रकाश जावड़ेकर

नरेंद्र मोदी सरकार के 3 साल पूरे होने पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को दावा कि सरकार ने सबको शिक्षा, अच्छी शिक्षा का वादा पूरा किया है.

जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने पिछले 3 साल में 59 केंद्रीय विद्यालयों का काम शुरू किया और 50 नए केंद्रीय विद्यालय मंज़ूर किए. इसके अलावा सरकार ने 62 नए जवाहर नवोदय विद्यालयों को भी मंजूरी दी है. दसवीं की बोर्ड परीक्षा वैकल्पिक रूप से अब अनिवार्य कर दी गई है, लेकिन नो डिटेंशन पॉलिसी को लेकर प्रस्तावित कानूनी संशोधन अभी पास नहीं हुआ है.

पिछले कुछ सालों में सरकार की नो डिटेंशन पॉलिसी यानी बच्चे को 8वीं क्लास तक फेल न करने की नीति पर काफी विवाद हुआ था. कई राज्यों का कहना था कि इससे बच्चे 9वीं क्लास तक पहुंच तो जाते हैं, लेकिन उससे आगे नहीं बढ़ पाते. केंद्र सरकार ने केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की मीटिंग बुलाकर डिटेंशन पॉलिसी के बारे में फैसला राज्यों पर छोड़ दिया गया. अब शिक्षा का अधिकार कानून में संशोधन करने का फैसला किया है. इस बारे बिल जल्द ही संसद में आएगा. नए कानून के तहत पांचवीं और आठवीं में बच्चों को रोकने से पहले उस साल दो बार परीक्षा के मौके दिए जाएंगे.

सरकार ने सात नए आईआईएम औऱ 6 नए आईआईटी के साथ बिहार के मोतीहारी में नई केंद्रीय यूनिवर्सिटी को भी मंज़ूरी दी है. बजट के अतिरिक्त हायर एजुकेशन फाइनेंसिंग एजेंसी के ज़रिये 20,000 करोड़ रुपये का इंतज़ाम करने का प्रस्ताव है.

इसके अलावा सरकार ने उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्व स्तर का बनाने के लिए की जा रही कोशिशों का ऐलान किया. जुलाई से देश के 38 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में वाई-फाई की सुविधा होगी.

लेकिन कई मोर्चों पर सरकार ने जवाब नहीं दिया. जैसे नई शिक्षा नीति पर अब तक कुछ नहीं हुआ है. पिछले साल स्मृति ईरानी के केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रहते सरकार ने नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट जारी किया, लेकिन मामला अटका पड़ा है. सरकार ने नई एजुकेशन पॉलिसी के लिए एक नई कमेटी बनाने का ऐलान किया था, लेकिन उसका कुछ नहीं हुआ. अब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने मंगलवार को कहा कि जल्द ही इस बारे में जानकारी दी जाएगी.

इसके अलावा इस बात पर भी अभी कोई स्पष्टता नहीं है कि आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में 12वीं का महत्व बना रहेगा या हटा लिया जाएगा. सवाल पूछे जाने पर मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस बारे में जल्द ही फैसला होगा.

मोदी की ‘विराट’ जीत के 3 साल, ये 5 बातें बनाती हैं उन्हें Special PM

3 बरस पहले आज ही के दिन यानी 16 मई 2014 को नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की लुटिया डुबोकर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी. इन तीन वर्षों के दौरान देश में काफी कुछ बदला, पर नरेंद्र मोदी के काम करने का जज्बा नहीं बदला.

इस 3 साल में नरेंद्र मोदी ने एक भी छुट्टी नहीं ली और उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि भारत की 65 फीसदी आबादी को लगता है कि साल 2019 में भी नरेंद्र मोदी को ही प्रधानमंत्री बनना चाहिए. जानिये, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर आकर्ष‍ित करने वाली 5 बातें.

1. नरेंद्र मोदी शिव और शक्त‍ि की पूजा करते हैं. हर साल नवरात्रों में वो 9 दिनों का व्रत रखते हैं. यहां तक कि विदेश दौरे के दौरान भी वो अपना व्रत नहीं छोड़ते.

2. नरेंद्र मोदी ने देश की कामयाबी का फॉर्मूला दिया है जिसे आप भी अपने जीवन में उतार सकते हैं. नरेंद्र मोदी की सफलता का फॉर्मूला है आईटी + आईटी = आईटी, इंडियन टैलेंट + इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी = कल का भारत (इंडिया टोमारो). नरेंद्र मोदी का स्टाइल भी अपनी ओर आकर्ष‍ित करता है. उनका कुर्ता काफी ट्रेंड में रहा.

3. नरेंद्र मोदी को सफाई बेहद पसंद प्रधानमंत्री हैं. यहां तक कि पीएम बनने के बाद उन्होंने देश में स्वच्छता को लेकर आंदोलन खड़ा कर दिया है. ऐसा भारतीय इतिहास में पहली बार हुआ है.

4. मोदी का तकनीक में विशेष रुझान है. नई तकनीक के बारे में जानना और उसे सीखना उन्हें पसंद है. सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा एक्ट‍िव रहने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री हैं. मोदी तकनीक के सकारात्मक इस्तेमाल के पक्षधर हैं.

5. इन 3 वर्षों के दौरान देश के प्रधानमंत्री एक बार भी बीमार नहीं हुए. जबकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान कई बार बीमार होने की खबर आई थी. लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने 3 लाख किलोमीटर का फासला तय किया था. यह अपनेआप में एक रिकॉर्ड है. मोदी अपनी सेहत को लेकर भी बेहद सजग रहते हैं. इसलिए योग उनके दिनचर्या का हिस्सा है. वो देश में योग को काफी प्रोमोट भी करते हैं.

सुबह 4 बजे से लेकर रात 11 बजे तक, जाने मोदी की दिनचर्या

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम करने का अंदाज बेहद निराला है। मोदी 66 साल की उम्र में भी 18 घंटे काम करते हैं। वो हर चीज पर अपनी बारीक नजर बनाए रखते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो मोदी का काम करने का तरीका बिल्कुल कॉर्पोरेट स्टाइल में है। उनके भाषण लोगों को अच्छा काम करने के लिए प्रेरित करते हैं।

आखिर उम्र के इस पड़ाव पर भी मोदी कैसे इतने ऊर्जावान बने रहते हैं ये हर किसी के लिए एक पहेली जैसा है।

मोदी प्रात: काल 4:00 बजे उठते हैं। वो अपने दिन की शुरुआत सुबह की एक कप चाय के साथ करने के बाद इंटरनेट पर पीएमओ की वेबसाइट पर एक नजर डालते है। मोदी इसके साथ-साथ बीते दिन के सभी ट्वीट और उस पर आने वाली प्रतिक्रिया पर भी अपनी नजर बनाए रखते हैं।

अपने व्यस्त दिन को स्ट्रेस फ्री बनाए रखने के लिए मोदी हर रोज आधा घंटा योगासन करते हैं। जिसके बाद वो थोड़ा समय मेडिटेशन के लिए भी निकालते हैं। मोदी को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो देश में हैं या फिर विदेश में, वो अपने इस रूटीन को बड़ी तन्मयता से फॉलो करते हैं।

3 बरस पहले जब नरेंद्र मोदी ने लिखी हिंदुस्‍तान की नई सियासी इबारत

16 मई, 2014. आम चुनावों के बाद मतगणना का दिन. जैसे-जैसे सूरज चढ़ता गया वैसे-वैसे हिंदुस्‍तान की सियासी तारीख बदलती गई. पहली बार बीजेपी अपने दम से स्‍पष्‍ट बहुमत के साथ सियासी फलक पर उभरी. इस जीत के नायक बने नरेंद्र मोदी. उस मोदी लहर के बाद से पूरे देश में पीएम मोदी की लोकप्रियता में इजाफा ही होता गया है. भारतीय राजनीति में यह अपनी किस्‍म का विरला अनुभव है जब किसी लहर पर सवार होकर कोई राजनेता प्रधानमंत्री की गद्दी पर बैठा हो और तीन साल सत्‍ता में रहने के बाद भी उसकी चमक बरकरार हो. इसकी बानगी इस बात से समझी जा सकती है कि 2014 के बाद से बीजेपी लगातार एक के बाद दूसरे महत्‍वपूर्ण राज्‍य जीतती जा रही है. यानी स्‍पष्‍ट है कि नरेंद्र मोदी के प्रति लोगों के भरोसे में कोई गिरावट नहीं दर्ज की गई है.

स्‍वच्‍छ भारत अभियान, शौचालयों का निर्माण, उज्‍ज्‍वला योजना, जनधन योजना, डिजिधन योजना, डिजिटल क्रांति, फसल बीमा योजना और मृदा (सोइल) कार्ड जैसी योजनाओं को अमजीजामा पहनाया गया तो नोटबंदी और सर्जिकल स्‍ट्राइक जैसे साहसिक फैसले लिए गए.

आगे की राह
हालांकि सरकार की कई योजनाएं लोकप्रिय हुई हैं लेकिन जानकारों के मुताबिक रोजगार सृजन के मामले में सरकार अभी तक अपने वायदों की कसौटी पर खरी नहीं उतर पाई है. सुकमा में हाल में 25 सुरक्षाबल शहीद हो गए. कश्‍मीर का मसला गंभीर बना हुआ है. इन सब मोर्चों पर सरकार को ठोस कदम उठाने हैं. अपने बाकी बचे कार्यकाल में इन चुनौतियों से निपटना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है.

कमजोर विपक्ष
इस दौर में एक बड़ी बात यह भी रही है कि विपक्ष की तरफ से पीएम मोदी को चुनौती देने वाला कोई नेता नहीं उभर पाया है. कांग्रेस अभी अच्‍छी स्थिति में नहीं है. विपक्ष सरकार को घेरने लायक मुद्दे भी नहीं उठा पाया है. इन मौजूदा परिस्थितियों में विपक्ष के सामने सबसे बड़ी चुनौती महागठबंधन तैयार करने और नेता चुनने की है.