22 जुलाई को योगी और पीएम मोदी होंगे एक साथ
गोरक्षपीठाधीश्वर और गोरखपुर से सांसद महन्त योगी आदित्यनाथ द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक गोरखपुर में नए खाद कारखाने की स्थापना की मंजूरी के साथ ही भारत सरकार ने गोरखपुर में कुड़ाघाट स्थित गन्ना शोध संस्थान में एम्स की स्थापना हो, इसके लिए भी अपनी सहमति दे दी है। 22 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों ही योजनाओं का शिलान्यास करेंगे।
खाद कारखाने को लेकर क्या है योजना ?
योगी के मुताबिक भारत सरकार ने तीन उर्वरक संयत्र गोरखपुर, बरौनी और सिन्दरी के पुनरूद्धार को अपनी मंजूरी दी है। जिनमें प्रत्येक ईकाई स्थापित होने के बाद ऐसा प्रयास होगा कि 13 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का उत्पादन प्रतिवर्ष किया जाए। इस पर 18 हजार करोड़ रूपये भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रम एनटीपीसी, कोल इंडिया और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन निवेश करेगी।
गैस पाइप लाइन का भी है प्लान !
प्राप्त जानकारी के मुताबिक हल्दिया से जगदीशपुर गैस पाइप लाइन बाया गोरखपुर होते हुए गैस अथॉरिटी आफ इंडिया बनाएगी। इस पर तकरीबन 18 हजार करोड़ रूपये निवेश की संभावना है।
लोगों ने कहा शुक्रिया पीएम !
माना जा रहा है कि गोरखपुर में एम्स के निर्माण में 1600 करोड़ का निवेश भारत सरकार द्वारा किया जाएगा। जिसके लिए योगी ने प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद तो कहा ही, साथ ही जनता ने भी तहे दिल से पीएम को शुक्रिया कहा।
– वाकई एम्स बन जाने के बाद विभिन्न बीमारियों से पीड़ित लोग जिन्हें मजबूरन एम्स दिल्ली जाना पड़ता था, वे गोरखपुर में एम्स बन जाने से राहत की सांस ले सकेंगे। एक सांसद के तौर पर योगी जी ने बेहतरीन काम किया है, जिसे स्वीकार करने में कोई हर्ज नहीं है।
रेशमा, गोरखपुर की स्थानीय निवासी
-जिन लोगों का यह कहना है कि पीएम मोदी कुछ भी नहीं कर रहे, ये तमाम योजनाएं उन लोगों के मुंह पर तमाचे की तरह है। कल ही हौसला योजना के शुभारंभ के दौरान सूबे के मुखिया खुद समाजवादी पार्टी की नीतियों की तारीफ कर रहे थे, पर उन्हें ये भी देखना चाहिए कि उनकी योजनाएं असल में कितनी सफल रही हैं।
श्वेता तिवारी, लखनऊ की स्थानीय निवासी
आज भी ज्यादा क्रिटिकल केस होता है तो हम दिल्ली के लिए शिफ्ट कर देते हैं। लेकिन गोरखपुर बनने से संभावनाओंं को सकारात्मक दिशा मिलेगी। सराहनीय कदम है।
डॉ0 अशोक चंद्रा, लखनऊ
ये तो थी वजह कि सत्ता के गलियारे से लेकर आम लोगों ने पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया। लेकिन 22 जुलाई को कहीं न कहीं योगी प्रधानमंत्री के सामने अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने का प्रयास भी करेंगे, जिससे कयासों को हकीकत का जामा पहनाया जा सके। हालांकि योगी को दोनों पहलुओं पर गौर करना होगा कि असर सकारात्मक होगा या फिर नकारात्मक क्योंकि कई बार योगी की लोकप्रियता भाजपा नेताओं की आंखों में लट्ठा बनकर खटकती रही है। लेकिन बात गोरखपुर में योजनाओं के इस भारी भरकम पुलिंदे के साथ हो, बतौर सीएम कैंडीडेट जनता के द्वारा समर्थन की बात हो तो योगी हर दफे भारी पड़ते रहे हैं।
हिमांशु तिवारी आत्मीय