Monthly Archives: June 2016

एनएसजी पर प्रधानमंत्री मोदी की तरकश में अभी और तीर है

भारत को एनएसजी की सदस्यता नही मिलने से जहाँ भारत में मायुसी है वही भारत के कुछ राजनैतिक दल अपनी ओछी मान्सिकता दिखाते हुये भारत की एनएसजी की विफलता को मोदी की विफलता दिखा कर अपनी संकुचित मान्सिकता का परिचय दे रहें है। भारत को एनएसजी में मिला असफलता पर आम आदमी पार्टी के कई नेता अघोषित खुशी मना रहें हैं जो की उनकी विकृत मान्सिकता को दर्शाता है।

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एक तरफ तो भारत में एनएसजी सदस्यता को लेकर कुछ राजनैतिक पार्टी अपनी विकृत मान्सिकता दिखा रहा है वही अमेरिका ने भारत का एक बार फिर से समर्थन करते हुये कहा “इस साल के अंत तक भारत परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की पूर्ण सदस्यता हासिल कर लेगा। अमेरिका ने अपने अधिकारीक बयान सोल में परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की बैठक की समाप्ति के बाद दिया है, इस बैठक में चीन के विरोध के चलते भारत की सदस्यता पर कोई फैसला नहीं हो सका।

ओबामा प्रशासन के कुछ शीर्ष अधिकारी ने भारत की सदस्यता पर भरोसा दिलाया है की इस साल के अंत तक आगे का रास्ता निकाल लिया जाएगा। अमेरिकन अधिकारी ने कहा कि कुछ काम करने की जरूरत है। लेकिन हमें पुरा भरोसा है की भारत इस साल के अंत तक परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह का पूर्ण सदस्य होगा। भारत की एनएसजी की सदस्यता को लेकर अमेरिका सरकार को पूरा भरोसा है और आगे से ओबामा प्रशासन नई दिल्ली और अन्य देशों के साथ मिलकर रणनीति पर काम कर रहा है।

एससीओ सम्मेलन में सार्थक परिणामों की उम्मीद कर रहा हूं: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार रात कहा कि वह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में सार्थक परिणाम निकलने की उम्मीद कर रहे हैं। वह इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए कल ताशकंद जाएंगे।

narendra-modi-picउन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं एससीओ सम्मेलन में भाग लेने और एससीओ राष्ट्रों के नेताओं से वार्ता करने के लिए संक्षिप्त यात्रा पर उज्बेकिस्तान जाउंगा।’ उन्होंने कहा, ‘भारत एससीओ का सदस्य बनकर खुश होगा और एससीओ के जरिए विशेष आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में सार्थक परिणामों की उम्मीद कर रहा है।’ एससीओ शिखर सम्मेलन के साथ पूर्ण सदस्य के तौर पर पाकिस्तान के साथ भारत के इसमें शामिल होने की प्रक्रिया शुरू होगी।

मोदी ने कहा कि भारत मध्य एशिया के साथ संबंधों को बहुत महत्व देता है और क्षेत्र के साथ आर्थिक एवं लोगों के आपसी संबंध मजबूत करना चाहता है। शिखर सम्मेलन से इतर गुरुवार को प्रधानमंत्री की चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी। उसमें भारत की एनएसजी सदस्यता के लिए चीन का उनके द्वारा समर्थन मांगे जाने की उम्मीद है, जिसका बीजिंग विरोध कर रहा है।

एससीओ सम्मेलन में शामिल होने आज ताशकंद रवाना होंगे पीएम मोदी, चीनी राष्‍ट्रपति से होगी मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए आज (गुरुवार को) ताशकंद रवाना होंगे, जहां पूर्ण सदस्य के तौर पर पाकिस्तान के साथ भारत के इसमें शामिल होने की प्रक्रिया शुरू होगी। शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री की चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी, जिसमें भारत की एनएसजी सदस्यता के लिए चीन का उनके द्वारा समर्थन मांगे जाने की उम्मीद है, जिसका बीजिंग विरोध कर रहा है।

सोल में परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) का सालाना पूर्ण अधिवेशन होगा, जिसमें विशिष्ट परमाणु कारोबार क्लब की सदस्यता के लिए भारत के आवेदन पर चर्चा हो सकती है। शी के साथ एनएसजी मुद्दे पर क्या प्रधानमंत्री चर्चा करेंगे, मीडिया के साथ बातचीत में यह पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) सुजाता मेहता ने सीधा जवाब देने से इंकार कर दिया, लेकिन कहा कि ऐसे मौकों पर अमूमन द्विपक्षीय संबंधों की ‘पूर्ण समीक्षा’ होती है। भारत की एससीओ सदस्यता पर मेहता ने कहा, ‘एससीओ में भारत के शामिल होने की प्रक्रिया आधारभूत दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के साथ शुरू होगी, जिसे ‘मेमोरेंडम ऑफ ऑबलिगेशन’ कहा गया है।

pm-modi-xi-jinpingवहीं, चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने बुधवार को कहा, ‘हम समय आने पर संबंधित सूचना जारी करेंगे।’ चीनी प्रवक्ता ने बताया कि दोनों नेता उज्बेक राजधानी में एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात करेंगे।

शी के साथ मुलाकात में उम्मीद की जा रही है कि पीएम मोदी परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता हासिल करने की भारत की मुहिम के प्रति चीन के समर्थन का आग्रह करेंगे। चीन इसे रोकने के लिए उत्सुक दिख रहा है। बहरहाल, हुआ ने इस अवधारणा का खंडन किया कि चीन एनएसजी में भारत का प्रवेश ब्लॉक कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘एनएसजी में भारत के प्रवेश के संदर्भ में मैं यह सही करना चाहूंगी कि यह शब्द उचित नहीं है कि चीन भारत की सदस्यता ब्लॉक कर रहा है।’ हुआ ने कहा, ब्लॉकिंग शब्द उचित नहीं है। एनएसजी एजेंडा में हमने गैर-एनपीटी देशों के प्रवेश का विषय कभी नहीं देखा। इसलिए, यह कहना मतलब नहीं रखता कि हम प्रवेश ब्लॉक कर रहे हैं।

चीनी प्रवक्ता ने कहा, ‘जैसा हम सभी देख सकते हैं कि सभी देश इस विषय पर चिंतित हैं और एनएसजी में गैर-एनपीटी देशों के प्रवेश से जुड़े विषयों पर एनएसजी के अध्यक्ष की अध्यक्षता में चर्चा की गई है।’ हुआ ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि संबंधित चर्चा जारी रहेगी और चीनी पक्ष इस चर्चा में रचनात्मक हिस्सा लेगा।’

जीरो बजट में हेल्थ इंश्योरेंस देने वाला सिर्फ योग ही है: मोदी

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर देश-दुनिया में योग किया गया। भारत समेत 193 देशों में आज योग दिवस मनाया गय। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चंडीगढ़ के कैपिटल कांप्लेक्स में 30 लोगों के साथ योग किया। इस मौके पर उन्होंने लोगों के योग का महत्व समझाया। उन्होंने लोगों से योग को अपने जीवन का अहम हिस्सा बनाने की अपील की। उन्होंने इसे जीरो बजट हेल्थ इंश्योरेंस करार दिया।

modiलोगों को लगता है कि योगा से क्‍या मिलेगा? ये पूरा विज्ञान लेने-पाने के लिए है ही नहीं। योग, क्‍या मिलेगा, इसके लिए नहीं है। योग, मैं क्‍या छोड़ पाऊंगा, मैं क्‍या दे पाऊंगा, मैं किन-किन चीजों से मुक्‍त हो पाऊंगा, ये मुक्‍ति का मार्ग है, पाने का मार्ग नहीं है।

सभी संप्रदाय, धर्म, भक्‍ति, पूजा-पाठ, वो इस बात पर बल देते है कि मृत्‍यु के बाद इहलोक से निकलकर के जब परलोक में जाएंगे तो आपको क्‍या प्राप्‍त होगा। आप अगर इस प्रकार से पूजा-पद्धति करेंगे, ईश्‍वर की साधना-अराधना करेंगे तो आपको परलोक में ये मिलेगा। योग परलोक के लिए नही है। मृत्‍यु के बाद क्‍या मिलेगा, इसका रास्‍ता योग नहीं दिखाता है और इसलिए ये धार्मिक कर्मकांड नहीं है। योग इहलोक में तुम्‍हारे मन को शान्‍ति कैसे मिलेगी, शरीर को स्‍वस्‍थता कैसे मिलेगी, समाज में एकसूत्रता कैसे बनी रहेगी, उसकी ताकत देता है। ये परलोक का विज्ञान नहीं है, इसी इहलोक का विज्ञान है। इसी जन्‍म में क्‍या मिलेगा, उसकी का विज्ञान है।

इस अर्थ में योग आस्‍तिक के लिए भी है, योग नास्‍तिक के लिए भी है। जीरो बजट से दुनिया में कहीं पर भी हेल्थ इंश्योरेंस नहीं होता है, लेकिन योग ऐसा है जो जीरो बजट से health assurance देता है। योग को अमीर-गरीब का भेद नहीं है। विद्वान-अनपढ़ का भेद नहीं है। गरीब से गरीब व्‍यक्‍ति भी, अमीर से अमीर व्‍यक्‍ति भी योग आसानी से कर सकता है। किसी चीज की जरूरत नहीं है। एक हाथ फैलाने के लिए कहीं जगह मिल जाए, वो अपना योग कर सकता है और अपने तन-मन को तंदुरूस्‍त रख सकता है।

भारत जैसे गरीब देश, दुनिया के गरीब देश, developing countries, उनका health का बजट अगर preventive health care पर बल दिया जाए तो काफी बचाया भी जा सकता है और सही काम में उपयोग भी लाया जा सकता है और इसलिए preventive health care के जितने उपाय है, उसमें योग एक सरल, सस्‍ता और हर किसी को उपलब्‍ध, ऐसा मार्ग है।

योग को जीवन से जोड़ना जरूरी है। बहुत लोग होंगे, अगर आज जल्‍दी उठ गए होंगे तो हो सकता है कि टीवी पर देखते हो या दिनभर में टीवी पर उनको ये कार्यक्रम देखने का अवसर मिले। मैं विश्‍वभर के लोगों से प्रार्थना करता हूं, आप खुद के लिए, खुद से जुड़ने के लिए, खुद को जानने के लिए, खुद की क्षमता बढ़ाने के लिए मैं आपसे आग्रह कर रहा हूं, इंतजार मत कीजिए। इस जीवन में योग को जीवन का हिस्‍सा बना दीजिए। जिस प्रकार से आज मोबाइल फोन आपके जीवन का हिस्‍सा बन गया, उतनी ही सहजता से आप योग को अपने जीवन का हिस्‍सा बना सकते हैं। कोई कठिन काम नहीं है, उसको सरलता की ओर ले जाने की जरूरत है।

आजकल बड़े-बड़े शहरों में, जो डॉक्टर होते है वो गर्भवती महिलाओं को योगा के लिए आग्रह करते हैं, योगा ट्रेनर के पास भेजते हैं ताकि प्रसूति काल में उसको वो सबसे ज्‍यादा मदद रूप होता है, योगिक क्रियाएं। कहने का तात्‍पर्य यह है कि जैसे-जैसे समय बीतता है, जैसी आवश्‍यकताएं होती हैं, संशोधन करते हुए उसमें बदलाव लाने के लिए यह आवश्‍यक होता है।

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आज योग विश्‍व में एक बहुत बड़ा आर्थिक कारोबार भी बनता जा रहा है। पूरे विश्‍व में एक बहुत बड़े profession के रूप में विकसित हो रहा है। योग के ट्रेनर की बहुत बड़ी मांग बढ़ रही है दुनिया में। दुनिया के हर देश में मांग बढ़ रही है। नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्‍ध कराने की संभावनाएं हो रही हैं। अरबों-खरबों का कारोबार आज योग नाम की व्‍यवस्‍था के साथ विकसित होता जा रहा है। दुनिया में कई देश ऐसे है कि जहां टीवी चैनल 100% योग के लिए ही समर्पित हो, ऐसे टीवी चैनल चलते हैं। एक बहुत बड़े कारोबार के रूप में भी ये विकसित हो रहा है।

आज हम हर प्रकार से योग करते हैं। मैं योग से जुड़े हुए सभी महानुभावों से आज इस सार्वजनिक मंच से एक प्रार्थना करना चाहता हूं। ये मेरी request है। क्‍या अगले साल जब हम योग दिवस मनाएंगे, ये जो एक वर्ष है, एक वर्ष के दरमियान हम योग के लिए; जो भी करते हैं करें लेकिन एक विषय पर हम फोकस कर सकते हैं क्‍या? और वो मेरा विषय है मधुमेह. मधुमेय और योग। सभी योग की दुनिया के लोग, जो भी ज्ञान उनके पास है, तरीके उनके पास है; साल भर योग की बाकी चीजें तो चलेंगी लेकिन ये प्रमुख होगा। भारत में दूसरा, योग। ये बीमारी से ही मुक्‍ति का मार्ग नहीं है। योग, ये wellness की गारंटी है। ये सिर्फ fitness की नहीं, ये wellness की गारंटी है इसलिए हमने wellness पर भी। अगर जीवन को एक Holistic development की ओर ले जाना है, ये उसका उत्‍तम मार्ग है।

भारत सरकार की तरफ से मैं आज दो अवार्ड घोषित करने जा रहा हूं। अगले वर्ष जब 21 जून को अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा, तब भारत की तरफ से यह दो अवार्ड के लिए चयन होगा। उनको अवार्ड उसी समारोह में दिया जाएगा। एक अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर योग के लिए उत्‍तम काम हो रहा हो, उनके लिए अवार्ड। दूसरा, भारत में हिन्‍दुस्‍तान के भीतर, योग के लिए जो उत्‍तम काम होता होगा, उनके लिए अवार्ड। एक अंतर्राष्ट्रीय योग अवार्ड, एक राष्‍ट्रीय योग अवार्ड।

योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके 57 मंत्री विभिन्न कार्यक्रमों का करेंगे नेतृत्व

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मंगलवार को 57 केंद्रीय मंत्री देशभर में योग की अलख जाएंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंडीगढ़ में होने वाले मुख्य आयोजन में शामिल होंगे। ये मंत्री, सरकार द्वारा देशभर में आयोजित किए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों का नेतृत्व करेंगे। अकेले उत्तर प्रदेश में ही 10 मंत्री इन कार्यक्रमों में शामिल होंगे।

संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वरा दिसंबर, 2014 में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया था और 40 इस्लामिक राष्ट्रों समेत 190 से अधिक देशों ने योग के लिए एक विशेष दिन रखने की इस पहल का समर्थन किया।

इसके बाद पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पिछले साल 21 जून को पूरे विश्व में मनाया गया, जिसमें पीएम मोदी ने दिल्ली के ऐतिहासिक राजपथ पर 36,000 लोगों के साथ योगाभ्यास किया।

pm-modi-yogaइस साल के कार्यक्रम का नेतृत्व करने का जिम्मा जिन 57 मंत्रियों को सौंपा गया है, उनमें गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी शामिल हैं। जेटली, राजनाथ, मुख्तार अब्बास नकवी, निर्मला सीतारमण और मेनका गांधी सहित 10 मंत्रियों को उत्तर प्रदेश में कार्यक्रमों के संचालन का जिम्मा दिया गया है। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इस साल के कार्यक्रमों की श्रृंखला में योगाभ्यास, कार्यशालाएं और संगोष्ठियां शामिल हैं।

प्रधानमंत्री मोदी हजारों लोगों के साथ जहां चंडीगढ़ के कैपिटल कांप्लेक्स में योगाभ्यास करेंगे, वहीं उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी राजनाथ सिंह को लखनऊ, रेलमंत्री सुरेश प्रभु को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा एवं रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को कानपुर में कार्यक्रम का नेतृत्व करने को कहा गया है।

वहीं शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू के राष्ट्रीय राजधानी में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने की उम्मीद है, जबकि बिजली मंत्री पीयूष गोयल रायपुर में योगाभ्यास करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को अहमदाबाद में कार्यक्रम का नेतृत्व करने का काम सौंपा गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एस्सार ग्रुप से जुड़े VVIP फोन टैपिंग मामले की जांच के आदेश दिए

एस्सार ग्रुप से जुड़े फोन टैपिंग मामले में केंद्र सरकार ने सख्ती दिखाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्रालय को इस मामले की जांच कर जल्द रिपोर्ट देने को कहा है। 2001-2006 के बीच एस्सार ग्रुप पर टैपिंग का आरोप है।

prime-minister-narendra-modiअंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में ख़ुलासा किया था कि 2001-2006 के बीच एस्सार ग्रुप ने रिलायंस इंडस्टीज़ के कई बड़े अधिकारियों, सरकारी महकमे के अधिकारियों और मंत्रियों के फ़ोन टैप किए थे। रिपोर्ट के मुताबिक़ दिल्ली के वकील सुरेन उप्पल ने इस मामले को लेकर पीएमओ में शिकायत की थी। इसमें उन्होंने एस्सार ग्रुप के पूर्व कर्मचारी अल बासित ख़ान पर फोन टैपिंग करवाने का आरोप लगाया था जिसके बाद पीएमओ ने जांच के आदेश दिए हैं।

एस्सार ग्रुप ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। वहीं रिलायंस इंडस्ट्री की ओर से इस रिपोर्ट पर हैरानी जताई गई है।

दिल्ली से वीडियो कॉफ़्रेसिंग के जरिए पीएम मोदी श्रीलंका के जाफना स्टेडियम का उद्घाटन करेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रति मैत्रिपाला सिरीसेना आज जाफना में भारत की मदद से दोबारा बनाए गए स्टेडियम का उद्घाटन करेंगे। श्रीलंकाई राष्ट्रपति उद्घाटन समारोह के दौरान स्टेडियम में मौजूद रहेंगे जबकि पीएम मोदी दिल्ली से वीडियो कॉफ़्रेंसिंग के जरिए जुड़ेंगे।

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इस स्टेडियम को दोबारा बनाने में भारत ने 7 करोड़ की आर्थिक मदद दी है। इस स्टेडियम में अतंराराष्ट्रीय योग दिवस भी मनाया जाएगा।

जानिए क्या है मोदी सरकार का जल क्रांति अभियान?

दुनिया के महान विद्वानों और जानकारों का कहना है कि दुनिया में होने वाला तीसरा विश्‍व युद्ध, आर्थिक कारणों के वजह से नहीं बल्कि जल संसाधनों पर अधिकार को लेकर होगा। दिनों-दिन पीने योग्‍य पानी की कमी होती जा रही है, भारत के कई इलाकों में जल स्‍तर बहुत गिर गया है और लोग, एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं इसलिए ही जल संरक्षण के लिए देश में कई कार्यक्रमों का आयोजन शुरू हो चुका है।

श्री ब्रह्मा, एक भूरणनीतिविद हैं और ये पर्यावरण को लेकर कई बार लेख भी लिखते हैं, इनके हाल ही के एक लेख में, इन्‍होंने उल्‍लेख किया कि, एशिया में नीति निर्धारकों को जल पर होने वाले संघर्ष को ध्‍यान में रखकर नीतियों का निर्माण करना चाहिए। सही मात्रा में बारिश न होने के कारण जमीन को पानी नहीं मिल पाता है और जल स्‍तर गिरता जाता है। लेकिन इस पर नीति निर्धारकों का कोई ध्‍यान नहीं जाता है और वो आर्थिक लाभ की दृष्टि से नीतियों को बनाते हैं।

जल संरक्षण की दिशा में मोदी सरकार ने की और जून 2015 में जल संसाधन,नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने जल क्रांति अभियान (जेकेए) को छेड़ दिया। इस अभियान के तहत पूरे देश में पानी बचाओ अभियान को शुरू किया गया। जल संरक्षण करके हम सूखे की स्थिति से निपट सकते हैं और आने वाले समय में जल के संकट से भी जूझ लेंगे।

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जल संरक्षण जीवन के लिए काफी जरूरी
जल संसाधन मंत्रालय के माध्‍यम से प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने इस अभियान की शुरूआत की और लोगों से आह्वान किया कि वो जल संरक्षण में अपनी अहम भूमिका निभाएं।

जल क्रांति अभियान की खास बातें
जल क्रांति अभियान के तहत की जाने वाली गतिविधियों में, जल ग्राम योजना, आधुनिक कमान क्षेत्र का विकास; प्रदूषण नियंत्रण; अन्य संबंधित गतिविधियों के साथ-साथ बड़े पैमाने पर जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं। जल क्रांति अभियान के अंतर्गत, जल ग्राम योजना, एक बहुत ही महत्‍वपूर्ण घटक है। जल संसाधन मंत्रालय (जल संसाधन मंत्रालय) ने 1348 के कुल लक्ष्‍यों में से 1027 गांवों (जल ग्राम) को पहचाना। इस संदर्भ में, प्रशासनिक पहल को पहले ही शुरू कर दिया गया और राष्‍ट्रीय स्‍तर के सलाहकार एंव निगरानी समिति को भी राज्‍य स्‍तर समितियों के रूप में गठित किया गया। देश के विभिन्‍न इलाकों में एक दिवसीय कार्यशाला-सह-प्रशिक्षण का आयोजन भी किया गया।

कई संसाधनों को तैयार किया जायेगा
देश के प्रत्‍येक जल ग्राम के लिए एक व्‍यापक एकीकृत विकास योजना को संसाधनों से संदर्भित उपलब्‍ध डेटा के आधार पर ब्‍लॉक स्‍तर समिति के द्वारा तैयार किया जाएगा। परियोजना के अनुसार, गांव में पानी की उपलब्‍धता और मात्रा को लाया जाएगा। जल संरक्षण के लिए संसाधनों को तैयार किया जाएगा।

जल उपभोक्‍ता संघों को प्रोत्‍साहन मिलेगा
वास्‍तव में, जल ग्राम योजना के तहत, स्‍थानीय किसानों, व्‍यापारियों और जल उपभोक्‍ता संघों को प्रोत्‍साहन मिलेगा और उनकी समस्‍याओं का अंत होगा, वो लाभान्वित होंगे। जिला स्‍तरीय समिति के द्वारा अनुमोदित योजना, सम्‍बंधित विभाग के द्वारा व्‍यक्तिगत योजनाओं के गठन के आधार पर होगा। कृषि, स्वच्छता, शहरी और ग्रामीण विकास, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, मंत्रालय और पंचायती राज,आदि, चयन और योजना के लिए जिला और ब्‍लॉक स्‍तर पर सहयोगी होंगे।

कार्य के प्रदर्शन का मूल्‍यांकन
इस योजना के तहत किए जाने वाले कार्य के प्रदर्शन का मूल्‍यांकन, जिला स्‍तरीय समिति के द्वारा किया जाएगा। पानी की समस्या की स्थिति की समीक्षा भी एकत्रित बेस लाइन जानकारी के साथ की जाएगी। जल क्रांति अभियान एक राज्य में लगभग 1000 हेक्टेयर की मॉडल कमान एमसीए में चलाया जा रहा है और इसे देश के हर भाग में चलाया जा रहा है।

प्रदूषण नियंत्रण पर भी जोर
जल क्रांति अभियान में प्रदूषण नियंत्रण पर भी जोर दिया जाता है ताकि पानी के संरक्षण पर जोर दिया सकें। साथ ही इस योजना में आर्टिफिशियल रिचार्ज की अवधारणा को भी सामने लाया गया, जिसके अंर्तगत, प्राकृतिक रूप से मिलने वाले जल को इस प्रकार संचित करना कि बाद में उसका इस्‍तेमाल किया जा सकें।

लेकिन अगर जल का संचय करना है तो भूमि साफ और कचरामुक्‍त होनी चाहिए और कचरे मुक्‍त भूमि के लिए प्रदूषण पर नियंत्रण करना होगा। साथ ही आर्सेनिक और फ्लोराइड मुक्‍त कुओं व जल स्‍त्रोतों को बनाने पर जोर दिया गया, क्‍योंकि ये दो रसायन भूमि को बेकार कर देते हैं। कार्यक्रम के तहत आर्सेनिक फ्री कुओं के निर्माण पर जोर दिया जाएगा, ताकि जल का संचय किया जा सके।

जन जागरूक अभियान
अभियान के सबसे महत्‍वपूर्ण हिस्‍सों में से एक, सोशल मीडिया सहित रेडियो, टीवी और अन्‍य उपलब्‍ध मीडिया के माध्‍यम से जानकारी, शिक्षा और संचार की सतत्योजना के तहत समाज के प्रत्‍येक खंड की आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए समस्‍याओं और समाधानों को सुनने के लिए डिजाइन किया गया जन जागरूक अभियान का कार्यक्रम है। जल संसाधन मंत्रालय ने इसके लिए विभिन्‍न योजनाओं को तैयार किया, वेबसाइट का निर्माण किया, फेसबुक पर पेज बनाया और ट्वीटर एकाउंट भी खोला। जल क्रांति अभियान, राज्‍यों को राज्‍य जल नीति को सही से अपनाने के लिए प्रोत्‍साहित करता है और राष्‍ट्रीय जल नीति को भी ध्‍यान में रखने का आह्वान करता है।

सरकार उठायेगी सारा खर्चा
जल क्रांति अभियान का व्‍यय, मनरेगा, प्रधानमंत्री कृषि योजना, राष्ट्रीय जल मिशनों, बांध पुनर्वास और सुधार परियोजनाओं आदि और अन्य संबंधित परियोजनाओं और योजनाओं के कार्यान्वयन के रूप केन्द्रीय / राज्य सरकारों के मौजूदा योजनाओं से पूरा किया जाएगा।

लोगों के मन से आयकर अधिकारियों का भय दूर करने की हो कोशिश: नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर प्रशासन को करदाताओं के अनुकूल सहज बनाने और कर चोरी रोकने की पुख्ता व्यवस्था करने के लिए टैक्स अधिकारियों को पांच-सूत्रीय मंत्र दिया है। प्रधानमंत्री ने टैक्स अधिकारियों को आयकरदाताओं की संख्या दोगुनी कर 10 करोड़ करने को भी कहा है। इसके अलावा पीएम ने टैक्स अधिकारियों को लोगों के मन से आयकर विभाग का भय दूर करने का आह्वान भी किया है।

प्रधानमंत्री ने गुरुवार को यहां आयकर और परोक्ष कर के शीर्ष अधिकारियों को संबोधित करते हुए कही। यह पहला मौका है जब प्रधानमंत्री ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के अधिकारियों की संयुक्त बैठक ‘राजस्व ज्ञान संगम’ को संबोधित किया है। खास बात यह है कि पीएम ने न सिर्फ टैक्स अधिकारियों की इस शीर्ष बैठक को संबोधित किया बल्कि 15 अधिकारियों ने पीएम के समक्ष अपने सुझाव भी रखे।

Pm Modiपीएम ने अधिकारियों से साफ कहा कि वे दो दिन तक चलने वाले ‘राजस्व ज्ञानसंगम’ में निकलने वाले निष्कर्षो को ‘कर्मसंगम’ के रूप में लागू करें। प्रधानमंत्री ने पांच सूत्रीय मंत्र ‘रैपिड’ (आरएपीआइडी) देते हुए कहा कि टैक्स अधिकारी अपनी प्राथमिकता में राजस्व (रेवेन्यू), जवाबदेही (अकाउंटेबल), सत्यनिष्ठा (प्रोबिटी), सूचना (इन्फॉरमेशन) और डिजिटाइजेशन को ध्यान में रखकर काम करें। पीएम ने यह भी कहा कि टैक्स अधिकारियों को आने वाले दिनों में आयकरदाताओं की संख्या बढ़ाकर 10 करोड़ करनी चाहिए। फिलहाल आयकरदाताओं की संख्या 5.43 करोड़ है। साथ ही उन्होंने करदाताओं और टैक्स विभाग के बीच विश्र्वास के अभाव को दूर करने की जरूरत पर भी बल दिया।

‘राजस्व ज्ञानसंगम’ में पीएम के संबोधन के बारे में जानकारी देते हुए राजस्व सचिव हसमुख अढिया ने कहा कि पीएम का कहना था कि 92 प्रतिशत आयकर राजस्व लोग खुद ही भुगतान करते हैं जबकि आयकर विभाग में 42000 कर्मचारी होने के बाद भी मात्र 8 प्रतिशत राजस्व ही जांच और छानबीन से वसूल होता है। इसका मतलब है कि अधिकांश लोग स्वत: ही टैक्स का भुगतान करते हैं। कर चोरी करने वालों की संख्या कम है।

अढिया ने कहा कि पीएम ने करदाताओं के मन से टैक्स अधिकारियों के भय को निकालने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि टैक्स अधिकारियों की भूमिका आक्रांता की नहीं बल्कि परामर्शदाता की होनी चाहिए। पीएम ने इस संबंध में उदाहरण देते हुए कहा कि मनरेगा मजदूर का बेटा भी आइआइटी में दाखिले की आकांक्षा रखता है। कर प्रशासन को ऐसे वृक्षों को खाद-पानी देकर बढ़ाना चाहिए। उन्होंने एक करोड़ लोगों के गैस सब्सिडी छोड़े जाने का उदाहरण देते हुए कहा कि देश के लोग ईमानदार हैं और वे खुद ही कर का भुगतान करेंगे।

टैक्स अधिकारियों को उनके अनुकूल व्यवस्था बनानी चाहिए।पीएम ने इस मौके पर कर व्यवस्था में खामियों की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि अगर गूगल पर सर्च करें कि भारत में टैक्स का भुगतान कैसे करें तो इसके 7 करोड़ परिणाम सामने आते हैं। वहीं अगर यह सर्च करें कि भारत मेें टैक्स कैसे न चुकाएं तो इसके 12 करोड़ नतीजे दिखाई पड़ते हैं। इससे पता चलता है कि कर व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है।बैठक में टैक्स अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को सुझाव भी दिए। एक अधिकारी ने देश में कर सुविधा कानून बनाने का सुझाव दिया।

चंडीगढ़ में प्रधानमंत्री मोदी संग योग करेंगे 100 विद्यार्थी

21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर चंडीगढ़ में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय योग कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भाग लेंगे और स्कूली बच्चों के संग योग करेंगे। जिला मेवात के नूंह स्थित हिंदू वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के 20 छात्रों को भी इस बार प्रधानमंत्री के संग योगा करने को मौका मिलेगा। जिले से 100 छात्र इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।

प्रधानमंत्री संग योगा करने का मौका मिलने से यह बच्चे उत्साहित हैं और प्रतिदिन स्कूल में योग का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, ताकि चंडीगढ में वे अच्छे से योग क्रियाएं कर सकें। इन बच्चों को योग का प्रशिक्षण दे रहे दीपक कुमार आजाद व स्कूल के प्रिंसीपल बलबीर सिंह का कहना है कि कार्यक्रम को लेकर बच्चों का उत्साह देखते ही बनता है। बच्चे नहीं चाहते कि कार्यक्रम में वे योग अच्छे से न कर पाएं और उनके कारण उनके जिले का नाम खराब हो जाए।

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इसलिए बच्चे प्रतिदिन सुबह जल्द स्कूल आ जाते हैं और योग का प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। इन बच्चों में नौंवी से लेकर 12 वीं कक्षा तक पढ़ने वाले टिंकु, देवेंद्र, रोहित, भव्य, यशवंत, कपिल, कुणाल, खालिद, वसीम, सतीश, वेदप्रकाश, हरीश, जितेंद्र, राहुल, दीपक, अंशुल, सूरज, नवीन, योगेश, विशाल व आकाश शामिल हैं। इन बच्चों का हौसला बढ़ाने बुधवार को सुबह योग करने के समय उपायुक्त मनीराम शर्मा भी स्कूल पहुंचे।

उन्होंने इन बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि योग से जहां बीमारियों को दूर किया जा सकता है, वहीं विद्यार्थियों के लिए योग बेहद जरूरी है। इससे बच्चों की बुद्धि तेज होती है और उनका सर्वांगीण विकास होता है। साथ ही ये बच्चे किस्मत वाले हैं कि इन्हें प्रधानमंत्री के साथ योग करने का मौका मिलेगा, जिसे भुनाने में इन्हें कोई कसर नहीं छोड़नी नहीं चाहिए।