प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ज़ी न्यूज़ चैनल को दिए एक साक्षात्कार दिया। इस साक्षात्कार में उन्होंने देश में चल रही जाति केंद्रित राजनीति और लोकतंत्र पर खतरे जैसे सवालों का खुलकर जवाब दिया। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया, उन्होंने कहा की इस तरह की राजनीति के बजाय हमें एकता, विकास और दूरगामी भविष्य के मुद्दों पर राजनीति करनी चाहिए।
इस साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने अपनी आने वाली दावोस यात्रा पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि दुनिया के इतने बड़े आर्थिक केंद्र भारत के मुखिया के मुंह से अब दुनिया कुछ सुनना चाहती है। देशवासियों ने जो तरक्की की है, जो उपलब्धियां हासिल की हैं, उसे दुनिया के सामने रखने में मुझे गर्व महसूस होगा। वहीं इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने रोजगार और जीएसटी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवालों का भी जवाब दिया।
दावोस में इस महीने के अंत में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक होने जा रही है और प्रधानमंत्री इसमें भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और इसे सभी रेटिंग एजेंसियों के साथ ही विश्व ने भी स्वीकार किया है। दावोस में हो रही डब्ल्यूईएफ की बैठक देश के लिए अच्छा अवसर है क्योंकि भारत एक बड़ा बाजार होने के साथ ही जनसांख्यिकीय विविधताओं वाला भी देश है। ऐसे में वह दुनिया के आकर्षण का केंद्र है और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में लंबी छलांग लगाई है। ऐसे में विश्व के देश उससे सीधा संपर्क करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि दावोस एक तरह से अर्थ जगत की बड़ी पंचायत बन गई है, जहां अर्थ जगत की बड़ी हस्तियां, नीति निर्माता शिरकत करते हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही इसमें शामिल होने की इच्छा थी लेकिन जा नहीं पा रहा था। इस बार एशियान बैठक हो रही हैं और इसमें भारत प्रमुख आकर्षण का केंद्र है।