उत्तर प्रदेश के पवित्र नगरी वृन्दावन की विधवा महिलाएं इस रक्षाबंधन प्रधानमंत्री को करीब 1,000 राखियां भेजने की योजना बना रही हैं। साथ ही सैकड़ों विधवाएं एवं मैला उठाने वाली महिलाएं बुधवार को हिन्दू संत-महात्माओं एवं सवर्ण छात्रों के हाथांे पर राखी बांधकर देश में सदियों से व्याप्त छुआछूत की प्रथा को तोड़ने की दिशा में कदम बढ़ाएंगी।
यह आयोजन देश में तकरीबन पांच दशक से सुलभ शौचालयों के माध्यम से ‘स्वच्छता क्रांति’ ला रहे सुलभ इंटरनेशनल फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. बिन्देश्वर पाठक की पहल पर किया जा रहा है।
पाठक ने कहा, ‘‘वे :विधवा महिलाएं: प्रधानमंत्री को 1,000 राखियां भेजने की योजना बना रही हैं। कम से कम 10 विधवाएं वृंदावन की विधवाओं की ओर से राखी के साथ उनके आवास पर जाने की भी योजना बना रही हैं।’’ उन्होंने बताया कि ये महिलाएं तथा मैला उठाने वाली महिलाएं वहां के संत-महात्माओं एवं छात्रों को 17 अगस्त को सुबह साढ़े 11 बजे राखी बांधकर छुआछूत की प्रथा के खिलाफ एक संदेश प्रसारित करेंगी।
फाउंडेशन की उपाध्यक्ष विनीता वर्मा ने बताया कि 1970 में स्थापित यह संगठन मानवाधिकारों, पर्यावरणीय स्वच्छता, गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों, कूड़ा प्रबंधन एवं शिक्षा के माध्यम से सामाजिक बदलाव लाने जैसे कार्यों में भी प्रमुखता से भाग लेता है। वर्तमान में संगठन के साथ 50 हजार स्वैच्छिक कार्यकर्ता जुड़े हुए हैं।
उन्होंने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार सुलभ इंटरनेशनल चार वर्ष से वृन्दावन एवं वाराणसी की लगभग 2,000 विधवाओं एवं परित्यक्त महिलाओं को दो हजार रुपया प्रतिमाह जेबखर्च देने के अलावा उनके लिए चिकित्सक, दवाएं, सलाहकार, आत्मनिर्भरता के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण आदि अनेक कार्यक्रमों का आयोजन करता है।