प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जब देश की भागदौड़ अपने हाथ में ली थी तभी उन्होंने यह साफ कर दिया था कि भारत माता की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात जवान को हर संभव सुविधाएँ दी जाएंगी। उन्होंने भारतीय सेना को सशक्त बनाने के साथ साथ शहीद सैनिकों के परिवारों के उत्थान और उन्हें समृद्ध बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की है।
इन योजनाओं के तहत शहीदों की वीर नारियों और उनके बच्चों के कौशल विकास और सशक्तिकरण के लिए मोदी सरकार की फ्लैगशिप योजना और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) मुख्य हैं।
इन योजनाओं के संदर्भ में केंद्रीय रक्षा-मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि देश में अब तक 31 सेना कौशल प्रशिक्षण केन्द्र (एएसटीसी) स्थापित किए हैं, जो विभिन्न सैन्य स्टेशनों पर काम कर रहे हैं। यह ख़ास कदम सरकार ने युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की विधवाओं और सीमा पर आतंकवादियों से एनकाउंटर में शहीद हुए सैनिकों की वीर नारियों के कौशल-विकास हेतु उठाया है ताकि शहीद के परिवार स्वयं आत्मनिर्भर हो सके।
श्री राजनाथ सिंह ने अपने जवाब में यह भी बताया कि इन योजनाओं के माध्यम से 2016 से अब तक करीब 6900 वीर नारियों को विभिन्न कौशल आधारित कार्यों के लिए प्रशिक्षण दिया गया है। कौशल विकास पाठ्यक्रम के दौरान व्यक्तित्व विकास, सॉफ्ट स्किल डेवलपमेंट और जॉब इनरोलमेंट काउंसलिंग पर ख़ास फोकस किया जाता है।