गुजरात के वडनगर में चाय की जिस दुकान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने बचपन में चाय बेचते थे, उसे केंद्र सरकार ने नया रूप देने का फैसला किया है और अब यह जगह एक पर्यटन स्थल बन सकती है. वडनगर रेलवे स्टेशन के एक प्लेटफॉर्म पर चाय की यह दुकान है.
गुजरात के मेहसाणा जिले में स्थित मोदी के जन्मस्थान वडनगर को दुनिया के नक्शे पर लाने की व्यापक परियोजना के तहत चाय की इस दुकान को पर्यटन केंद्र में तब्दील करने की योजना है.
बौद्ध मठ के अवशेष मिले
संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय व भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारियों ने इस शहर का दौरा किया था. अधिकारियों के दल की अगुआई केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने की, जिन्होंने बाद में घोषणा की कि इसे आधुनिक स्वरूप देते हुए इसके मूल सौंदर्य को संरक्षित किया जाएगा. शर्मा ने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री की जन्मस्थली होने के साथ ही वडनगर एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक केंद्र है, जहां प्रसिद्ध शर्मिष्ठा झील और एक बावड़ी है. एएसआई को हाल ही में वहां खुदाई के दौरान एक बौद्ध मठ के अवशेष मिले थे. उत्खनन कार्य अब भी चल रहा है.’
विश्व पर्यटन के नक्शे पर वड़नगर
2014 के लोकसभा चुनावों से पहले मोदी रैलियों में अकसर इस बात का जिक्र करते थे कि वह अपने बचपन के दिनों में वडनगर रेलवे स्टेशन पर अपने पिता के साथ चाय बेचते थे. शर्मा ने कहा, ‘वडनगर रेलवे स्टेशन में एक छोटी सी चाय की दुकान है, जहां से संभवत: प्रधानमंत्री ने अपने जीवन की यात्रा शुरू की थी. हम चाय की उस दुकान को भी पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करना चाहते हैं. हम टी स्टॉल को आधुनिक स्वरूप देते हुए इसके मूल सौंदर्य को भी संरक्षित रखेंगे. हमारा उद्देश्य वडनगर को विश्व पर्यटन के नक्शे पर लाना है.’
100 करोड़ रुपये की परियोजना
अहमदाबाद मंडल के मंडलीय रेल प्रबंधक (डीआरएम) दिनेश कुमार ने भी पहले कहा था कि वडनगर और मेहसाणा जिले में उससे लगे इलाकों के विकास की पूरी परियोजना 100 करोड़ रुपये से अधिक की होगी. कुमार ने कहा था, ‘वडनगर रेलवे स्टेशन का विकास वडनगर, मोधेरा और पाटन को पर्यटन स्थलों के तौर पर विकसित करने की 100 करोड़ रुपये की परियोजना का एक हिस्सा है. फिलहाल पर्यटन मंत्रालय ने रेलवे स्टेशन के विकास के लिए राज्य पर्यटन विभाग को आठ करोड़ रुपये दे दिये हैं.