प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वैज्ञानिकों से कहा कि वे नवोन्मेष को लोगों के लिए उपयोगी बनाएं और ऐसी तकनीक विकसित करें जो पर्यावरण पर बिना कोई विपरीत प्रभाव डाले आमजन के लिए किफायती साबित हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिनों के ओडिशा दौरे पर हैं। रविवार सुबह वे जगन्नाथ मंदिर पहुंचे। रास्ते में बड़ी संख्या में लोग उनके अभिवादन के लिए खड़े थे। प्रधानमंत्री भी सुरक्षा प्रोटोकॉल को तोड़कर गाड़ी से बाहर निकलकर लोगों का अभिवादन स्वीकार करते दिखाई दिए।
मोदी ने भुवनेश्वर के निकट जटनी में राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईएसईआर) के नए परिसर का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘अनुसंधान में शामिल हर किसी को शायद नोबेल पुरस्कार नहीं मिले, लेकिन उनके लिए असली पुरस्कार यह है कि उनका अन्वेषण आम लोगों के लिए उपयोगी हो।’ देश के पारंपरिक ज्ञान पर मोदी ने कहा, ‘डॉक्टर मंजुल भार्गव पांडुलिपियों से ज्ञान अर्जित करके एक महान गणितिज्ञ बने। उनके पिता संस्कृति के विद्वान थे। हमें विज्ञान एवं तकनीक के साथ के पारंपरिक ज्ञान को जोड़ना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘हमारी प्राथमिकता विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को लोगों के लिए किफायती बनाने की होनी चाहिए जिसका जीरो-इफेक्ट एवं जीरो डिफेक्ट हो।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘जीरो-इफेक्ट’ का मतलब पर्यावरण पर किसी विपरीत प्रभाव नहीं पड़ने और दुष्प्रचार से मुक्त होने से है।
मोदी ने कहा कि ओडिशा के पास बड़ा कोयला भंडार है। ऐसे में किफायती, सस्ती और हरित तकनीक का विकास होना चाहिए ताकि कोयला गैसीकरण यहीं विकसित हो सके। भारत के समुद्र एवं आकाश की संसाधन की क्षमता का दोहन अभी नहीं होने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने वैज्ञानिक समुदाय से कहा कि वह संसाधनों का अन्वेषण करे और लोगों के फायदे के लिए इनका उपयोग करे।
PM lands in Puri to a very warm welcome…and does not disappoint those gathered at the helipad. pic.twitter.com/4PEc7JL4Jh
— PMO India (@PMOIndia) February 7, 2016