प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महाशिवरात्रि के पावन मौके पर भगवान शिव की 112 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे। पीएम कोयंबटूर के ईशा योग केंद्र में आदियोगी शिव की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। ईशा फाउंडेशन की एक विज्ञप्ति के मुताबिक धरती के इस सबसे विशाल चेहरे की प्रतिष्ठा मानवता को आदियोगी शिव के अनुपम योगदान के सम्मान में की गई है। उन्होंने कहा कि यह प्रतिष्ठित चेहरा मुक्ति का प्रतीक है और उन 112 मार्गों को दर्शाता है, जिनसे इंसान योग विज्ञान के जरिए अपनी परम प्रकृति को प्राप्त कर सकता है।
इस भव्य चेहरे का डिजाइन और प्राण-प्रतिष्ठा ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु ने की है। सद्गुरु के मुताबिक आदियोगी को श्रद्धांजलि के रूप में प्रधानमंत्री पवित्र अग्नि को प्रज्वलित करके दुनिया भर में महायोग यज्ञ की शुरुआत करेंगे। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने अपने आधिकारिक अतुल्य भारत अभियान में इस भव्य चेहरे की प्राण-प्रतिष्ठा को एक गंतव्य स्थल के रूप में शामिल किया है।
मोदी यहां से करीब 25 किलोमीटर दूर ईशा योग केंद्र में 112 फुट लंबी आदियोगी की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण करेंगे । पुलिस ने बताया कि चूंकि कार्यक्रम स्थल पश्चिमी घाट में है और केरल की पर्वत श्रृंखलाओं के पास है, लिहाजा राज्य की सीमाओं पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी ताकि चरमपंथियों एवं नक्सलियों की संभावित घुसपैठ रोकी जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोयंबतूर यात्रा के मद्देनजर शहर और इसके आसपास पांच-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है । तमिलनाडु-केरल की सीमा पर भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं । मानवाधिकार संगठनों, विभिन्न राजनीतिक पार्टियों, किसानों एवं जनजातीय संस्थाओं की ओर से विरोध प्रदर्शन की योजनाओं के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं ।
इन संस्थाओं का आरोप है कि आदियोगी की आवक्ष प्रतिमा अतिक्रमित जमीन पर स्थापित की गई है और मोदी की यात्रा से इस जमीन का नियमितीकरण हो जाएगा । चेन्नई में माकपा और भाकपा ने प्रतिमा स्थापित करने में कथित तौर पर हुए कई कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को कार्यक्रम स्थल पर नहीं जाना चाहिए । मोदी स्थानीय सुलूर हवाई अड्डे पर शाम 5:30 में पहुंचेंगे और वहां से हेलीकॉप्टर के जरिए कार्यक्रम स्थल के लिए रवाना होंगे।