प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अब लालबत्ती का इस्तेमाल नहीं करेंगे और न ही कोई मंत्री. 1 मई से अधिकारियों, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और जजों को अपनी कारों पर लालबत्ती इस्तेमाल करने पर प्रतिबंधित कर दिया गया है. केवल आपातकालीन वाहनों को नीली बत्ती इस्तेमाल की अनुमति होगी. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अपनी खुद की कार से लालबत्ती हटाने के बाद ये जानकारी दी. इसका एक सांकेतिक महत्व भी है. 1 मई को मजदूर दिवस है. सो इस दिन मोदी सरकार यह संदेश देना चाहती है कि उसके मंत्री वीआईपी कल्चर से दूर रहेंगे.
उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी की कैबिनेट ने आज बैठक की, जिसमें VVPAT मशीनों की खरीद और लालबत्ती पर फैसला लिया. पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ लालबत्ती का इस्तेमाल पहले ही छोड़ चुके हैं.
वैसे, आमतौर पर वीआईपी रूट के दौरान पुलिस बैरिकेट्स लगा देती है और कई जगह का ट्रैफिक रोक देती है, जिसकी वजह से आम लोगों को काफी दिक्कत होती है. इसी महीने की शुरुआत में एक वीडियो भी वाय़रल हुआ था, जिसमें एक एम्बुलेंस को पुलिस ने रोक दिया था, जिसमें घायल बच्चे को ले जाया जा रहा था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- काफी वक्त से सड़क परिवहन मंत्रालय में इस मुद्दे पर काम चल रहा था. इससे पहले पीएमओ ने इसपर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई थी. यह मामला प्रधानमंत्री कार्यालय में लगभग डेढ़ साल से लंबित था. इस दौरान पीएमओ ने पूरे मामले पर कैबिनेट सेक्रटरी सहित कई बड़े अधिकारियों से चर्चा की थी. इसमें विकल्प दिया गया था कि संवैधानिक पदों पर बैठे 5 लोगों को ही इसके इस्तेमाल का अधिकार हो. इन पांच में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और लोकसभा स्पीकर शामिल हों, हालांकि पीएम ने किसी को भी रियायत न देने का फैसला किया.