प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के रोहतक में जिले में किसान नेता सर छोटू राम की 64 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। पीएम मोदी ने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे किसानों की आवाज, किसानों के मसीहा चौधरी छोटू राम जी की इतनी भव्य और विशाल प्रतिमा का अनावरण करने का मौका मिला। इसी महीने 31 अक्टूबर को सरदार बल्लभ भाई पटेल की दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा के अनावरण करने का मौका भी मिलेगा। पीएम ने कहा कि मैं हरियाणा, राजस्थान और पंजाब के साथ-साथ पूरे देश के सभी जागरूक नागरिकों को बधाई देता हूं। हमारे देश में समय-समय पर ऐसी महान विभूतियां जन्म लेती रही हैं। कितनी ही गरीबों हो, आभाव हो, कितनी ही मुश्किलें हो, संघर्ष हो, ऐसे व्यक्ति समाज को मजबूत करते रहे हैं। ये हम सभी के लिए गौरव की बात है कि हरियाणा की धरती पर चौधरी छोटूराम जी का जन्म हुआ है। छोटू राम जी देश के उन समाज सुधारकों में से एक थे, जिन्होंने भारत के निर्माण में अहम भूमिक निभाई।
चौधरी छोटूराम जी की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद रोहतक में एक विशाल जनसभा को संबोधित कर रहा हूं। https://t.co/7ofPZxqvpV
— Narendra Modi (@narendramodi) October 9, 2018
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज सर छोटू राम जी की आत्मा जहां कही भी होगी यह देखकर खुश हो रही होगी कि आज ही के दिन सोनीपत में रेल कोच कारखाने का शिलान्यास भी हुआ है। करीब-करीब 500 करोड़ रुपये की लागत से इस कारखाने का निर्माण किया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि इस रेल कोच फैक्ट्री में हर साल पैसेंजर ट्रेन के ढाई सौ डिब्बों की मरम्मत और उन्हें आधुनिक बनाने का काम किया जाएगा। इस कोच फैक्ट्री के बनने के बाद यात्री डिब्बों के रखरखाव के लिए डिब्बों को अब दूर की फैक्ट्रियों में भेजने की मजबूरी समाप्त हो जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये कारखाना सिर्फ सोनीपत ही नहीं, बल्कि हरियाणा के औद्योगिक विकास को बढ़ाने में मदद करेगा। कोच की मरम्मत के लिए जो भी सामान की आवश्यकता होगी, उसकी पूर्ति से यहां के छोटे उद्यमियों को भी बड़ा लाभ होगा।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि छोटू राम जी की इसी दूर-दृष्टि को देखते हुए चक्रवर्ती राजगोपालाचारी जी ने कहा था कि ‘चौधरी छोटू राम जी न सिर्फ ऊंचे लक्ष्य तय करना जानते हैं बल्कि उन लक्ष्यों को हासिल कैसे किया जाए इसका मार्ग भी उन्हें अच्छी तरह पता था। उन्होंने कहा कि भाखड़ा बांध की असली सोच चौधरी साहब की ही थी। इस बांध का पंजाब-हरियाणा-राजस्थान के लोगों को, किसानों को, जो लाभ आज भी मिल रहा है, वो हम सभी देख रहे हैं। सोचिए, कितना बड़ा विजन था उनका, कितनी दूरदृष्टि थी उनकी।