विकास के मुद्दों को लेकर सांसदों, विधायकों और विधान पार्षदों का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वी फॉर डेवलपमेंट की थीम पर आधारित सम्मेलन का शनिवार को उद्घाटन किया। सम्मेलन के समापन सत्र में उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और वित्तमंत्री अरुण जेटली शिरकत करेंगे।
The #NationalLegislatorsConference is an excellent initiative by Honourable Speaker @S_MahajanLS Ji. It brings together legislators from the states to deliberate on key policy issues. Here is my speech on the occasion. https://t.co/Z2SbqBblqb pic.twitter.com/HSusxk7yQm
— Narendra Modi (@narendramodi) 10 March 2018
संसद के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रीय जनप्रतिनिधि सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारा संविधान दुनिया में विशेष है। पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के 115 पिछड़े जिलों के विकास की बात करते हुए कहा इस वक्त विकास के लिए संसाधन की नहीं मोटिवेशन की जरूरत है। प्रत्येक राज्य में ऐसे कुछ जिले होते हैं जो विकास में काफी आगे होते हैं। उनसे सीख लेते हुए हमें पिछड़े जिलों पर काम करना होगा।यदि इनका सुधार हो गया तो देश का विकास अपने आप हो जाइएगा।
In every state there are a few districts where development parameters are strong. We can learn from them and work on weaker districts: PM Modi at National Legislators Conference in Parliament pic.twitter.com/2cieHejLzW
— ANI (@ANI) 10 March 2018
राज्य या भारत सरकार जब लक्ष्य तय करते हैं तो आसानी से नतीजे देने वालों पर जोर दिया जाता है। इसके चलते जो अच्छा करते हैं, वे तेजी से आगे बढ़ते हैं। लेकिन, जो पिछड़ जाते हैं वो और पीछे चले जाते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि देश में सबसे बड़ी समस्या बैकवर्ड का साइको है। हम सोचते हैं कि यह जिला तो पिछड़ा है, हम पिछड़े जिले से हैं। ऐसा सोचना गलत है, हमें बैकवर्ड नहीं बल्कि फॉरवर्ड की होड़ करनी चाहिए। मोदी ने कहा कि रेलवे में फस्र्ट, सेकंड और थर्ड क्लास थी, लेकिन बाद में रेलवे ने थर्ड क्लास के नाम को हटा दिया। इसकी वजह थर्ड क्लास के साइको से बाहर निकलना था। ऐसा ही पिछड़े जिलों के मामले में भी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे पास मैनपावर है, हमारे पास स्किल्स हैं, संसाधन हैं। हमें मिशन मोड में काम करने की जरूरत है और सकारात्मक परिवर्तन लाने की जरूरत है। हमारा उद्देश्य है सामाजिक न्याय। उन्होंने समग्र विकास और सामाजिक न्याय की बात करते हुए कहा कि कोई मुझे बताए कि एक घर में बिजली है और बगल वाले घर में नहीं है, क्या सामाजिक न्याय की हमारी यह जिम्मेदारी नहीं है कि उसे घर में भी बिजली पहुंचायी जाए।
संसदीय समूह की ओर से आयोजित इस सम्मेलन का मकसद देशभर के सांसदों, विधान पार्षदों और विधायकों को अपने अनुभव साझा करने, एक दूसरे से सीखने और टिकाऊ विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) के आलोक में विकास के मुद्दों पर नजरिया विकसित करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। सम्मेलन उन प्रतिनिधियों को खास अवसर प्रदान करता है जिनके क्षेत्रों में विकास की बड़ी संभावनाएं व आकांक्षाएं हैं। इस मौके पर विकास प्रक्रिया और संसाधनों के अधिकतम उपयोग में विधायिका के सदस्यों की भूमिका पर चर्चा होगी।