प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नई दिल्ली में मुनिरका में केंद्रीय सूचना आयोग के नए भवन परिसर का उद्घाटन किया। उद्घाटन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने वहां मौजूद लोगों का संबोधन किया और कहा अपने कर्तव्य का निर्वाह किये बिना सिर्फ अधिकार की मांग करना संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। लोगों को सूचना के अधिकार के साथ-साथ ‘एक्ट राइटली’ के बारे में जागरूक करना भी जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सशक्त और जागरूक नागरिक लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है।
PM @narendramodi inaugurates new premises of Central Information Commission. https://t.co/jtwD1yPhm4 pic.twitter.com/WzOMelvwcv
— BJP (@BJP4India) March 6, 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आरटीआइ कानून की तरह ही ‘एक्ट राइटली’ यानी लोगों को उनके कर्तव्यों के बारे में जागरूक करने की जरूरत है। बिना कर्तव्य के अहसास के सिर्फ अधिकार की बात करना संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। उनके अनुसार संविधान ने नागरिकों को मौलिक अधिकार के साथ-साथ उनके कर्तव्य भी तय कर दिए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सीआइसी जैसी संस्थाएं, जहां आम जनता के साथ संपर्क बहुत ज्यादा होता हो, उनके कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अधिकार और कर्तव्य के बीच संतुलन बनाना जरूरी है। उन्होंने आयोग को आरटीआइ का व्यक्तिगत लाभ के लिए इस्तेमाल होने के प्रति भी आगाह किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसे रोकने की जिम्मेदारी आयोग की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशक्त और जागरूक नागरिक को लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत बताते हुए सरकार की ओर इस दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार इंफोर्मेशन हाईवे की दिशा में काम कर रही है। जिसमें जनता और सरकार दोनों ओर से संवाद होता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस इंफोर्मेशन हाईवे के पांच स्तंभों के बारे में विस्तार से बताया। जो सवाल, सुझाव, संवाद, काम और सूचना पर आधारित हैं।
The 5 vital pillars of information highways- Ask, Listen, Interact, Act and Inform. pic.twitter.com/xjqaIlYy6x
— Narendra Modi (@narendramodi) March 6, 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि माइ गोव दुनिया का सबसे बड़ा सिटिजन इंगेजमेंट प्लेटफार्म है, जहां लोग सीधे सरकार से सवाल पूछते हैं और हमारी सरकार उनकी बात सुनने के लिए लालायित रहती है। आम लोगों के इन सुझाव पर कई बार नीतियों में बदलाव भी किये गए हैं। जनता के संवाद और उसके अनुसार काम करने के बारे में बताते हुए उन्होंने जीएसटी लागू करने के अनुभवों को साझा किया। पीएम नरेंद्र मोदी के अनुसार जीएसटी के बारे में सुबह कोई शिकायत मिलती, तो शाम को ठीक करने की कोशिश की गई। हमारी सरकार के मंत्री और मंत्रालय सिर्फ एक ट्वीट पर कई समस्याओं का निपटारा कर रहा है।
Decision making process is better when there is continuous and free-flowing communication between the Government and the citizens. pic.twitter.com/Yz5GEWdREW
— Narendra Modi (@narendramodi) March 6, 2018