हमारे देश में प्राइवेट नौकरी करने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है। चूँकि भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है और सरकारी नौकरियां सीमित संख्या में ही सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जा सकती है। ऐसे में प्राइवेट नौकरी ही देश की बहुत बड़ी आबादी द्वारा की जाती है। परन्तु प्राइवेट नौकरी के साथ लोगों के बीच असुरक्षा की भावना बहुत रहती है क्योंकि ऐसे लोगों को कभी भी नौकरी से निकाला जा सकता है। बहरहाल अब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इस असुरक्षा की भावना को खत्म करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है।
दरअसल, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने प्राइवेट नौकरी करने वाले कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। अब अगर प्राइवेट नौकरी करने वाले लोगों की नौकरी अचानक से किसी वजह से छूट जाती है तो सरकार आपको 24 महीने अर्थात 2 साल तक पैसे देते रहेगी। दरअसल यह सब कुछ प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की सौगात होगी।
ईएसआईसी ने इस बाबत एक ट्वीट के माध्यम से बताया है कि, “रोजगार छूटने का मतलब आय की हानि नहीं है। ईएसआईसी रोजगार की अनैच्छिक हानि या गैर-रोजगार चोट के कारण स्थायी अशक्तता के मामले में 24 माह की अवधि के लिए मासिक नकद राशि का भुगतान करता है।”
रोजगार छूटने का मतलब आय की हानि नहीं है,ईएसआईसी रोजगार की अनैच्छिक हानि या
गैर – रोजगार चोट के कारण स्थायी अशक्तता के मामले में 24 माह की अवधि के लिए मासिक नकद राशि का भुगतान करता है। pic.twitter.com/v7ZnCvIHc7— ESIC (@esichq) November 22, 2019
जानें कैसे उठायें इसका लाभ और कैसे करें आवेदन?
ईएसआईसी की इस योजना का नाम ‘अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना’ है। इसका लाभ आप उठा सकते हैं और इसके लिए पहले ESIC की बेवसाइट पर जाकर इससे संबंधित फॉर्म डाउनलोड करें और फिर इसे भरकर ईएसआईसी के किसी ब्रांच में जमा करें। बता दें कि इस फॉर्म के साथ 20 रुपए का नॉन-ज्यूडिशियल पेपर पर नोटरी से एफिडेविड करवाना होगा, इसमें AB-1 से लेकर AB-4 फॉर्म जमा करवाया जाएगा।
इस पूरे कार्य के लिए ऑनलाइन सुविधा भी शुरू होने वाली है। ज्यादा जानकारी के लिए आप आधिकारिक वेबसाइट (www.esic.nic.in) पर जा सकते हैं। वैसे इस योजना के तहत आप सिर्फ एक बार लाभ उठा सकते हैं।
कौन उठा सकते हैं इस योजना का लाभ
बहरहाल बता दें की इस योजना का लाभ संगठित क्षेत्र के वैसे ही कर्मचारी उठा सकते हैं जो ईएसआईसी से बीमित हों और दो साल से अधिक समय तक नौकरी कर चुके हों। इसके अलावा उस कर्मचारी का आधार और बैंक अकाउंट डाटा बेस से जुड़ा होना भी इसके लिए जरूरी है।