पीएम मोदी ने यूपी के गाजीपुर में मजाकिया अंदाज में अपने नोटबंदी के फैसले को ‘कड़क’ फैसला बताते हुए कहा कि जब मैं छोटा था तो गरीब लोग मुझसे कहते थे कि मोदी जी जरा कड़क चाय बनाना. मेरी कड़क चाय गरीबों को पसंद आती है लेकिन अमीर का मुंह बन जाता है.
उन्होंने कहा कि ऐसा कभी देखा था कि गंगा में लोग 500 और 1000 के नोट बहा रहे हैं.वहीं पहले लोग गंगा में सिक्के डालते थे. गंगा में पैसे बहाकर भी आपका पाप धुलने वाला नहीं है.
पीएम मोदी ने कहा कि जनता ने उन्हें भ्रष्टाचार और कालाधन के खिलाफ लड़ने के लिए चुना गया. इसलिए मैं यह काम कर रहा हूं. पीएम मोदी ने कहा कि जब गांव का आदमी भी देश की ईमानदारी के लिए कष्ट झेलने के लिए तैयार है, तो देश सुधरेगा.
पीएम मोदी ने कहा कि इरादा नेक हो तो काम ठीक होगा. पीएम मोदी ने कहा कि देश की भलाई के लिए यह सारे काम हो रहे हैं. इससे गरीब, किसान और गांव का भला होगा. कई राजनीतिक दल परेशान हैं. नोटों की माला वाले अब परेशान हैं. कालाधन रखने वालों के घर में छापे मारते रहते तो कई साल लग जाते, इसलिए जल्दी से आसान रास्ता अपनाया गया. आज गरीब अमीर समान हो गए.
वहीं रविवार को गोवा में भी भाषण के बीच पीएम का मज़ाकिया अंदाज़ भी दिखाई दिया और सभागार तालियों से गूंज उठा जब उन्होंने कहा कि ‘कई लोग चेहरे पर हंसी दिखा रहे हैं, कह रहे हैं कि मोदी जी ने अच्छा किया. लेकिन फिर दूसरे ही पल किसी दोस्त को फोन करके पूछ रहे हैं कि कोई रास्ता है क्या. मोदीजी ने तो सारे रास्ते बंद कर दिए हैं. भिखारी भी मना कर रहा है कि हज़ार का नोट नहीं चाहिए.’