महंगाई की चिंता के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने मुद्रास्फीति को 6 प्रतिशत से ऊपर नहीं जाने दिया. उन्होंने खाद्य मुद्रास्फीति को काबू में रखने का संकल्प जताते हुए यह भी कहा कि वह गरीबों की थाली महंगी नहीं होने देंगे. उन्होंने मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत के दायरे में सीमित करने के नए लक्ष्य का समर्थन भी किया.
लाल किले की प्राचीर से अपने तीसरे स्वतंत्रता दिवस संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार की तुलना में महंगाई कम हुई है. पूर्व सरकार के समय के दौरान मुद्रास्फीति दहाई अंक से पार कर गई थी. हमारे निरंतर प्रयासों से मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत से उपर नहीं गई है.
उन्होंने कहा, ‘पूर्व सरकार के समय में मुद्रास्फीति 10 प्रतिशत से पार कर गई थी. हमारे निरंतर प्रयासों से मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत से ऊपर नहीं गई है.’ पीएम मोदी ने रिजर्व बैंक के साथ मौद्रिक नीति मसौदा समझौते के तहत अगले पांच साल के लिए मुद्रास्फीति को 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत के दायरे में रखने के हाल में तय लक्ष्य का समर्थन किया.
उन्होंने कहा, ‘हमने रिजर्व बैंक के साथा समझौता किया है, ताकि वह बहस से उबर कर मुद्रास्फीति और आर्थिक वृद्धि संतुलन बिठाने के लिए काम करे. इसके तहत रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत या उससे 2 प्रतिशत कम या अधिक के दायरे में सीमित करने के लिए कदम उठाएगा.’
रिजर्व बैंक के साथ पिछले साल फरवरी में हुए मौद्रिक नीति मसौदा समझौता के अनुरूप सरकार ने इस महीने की शुरुआत में अगले पांच साल के लिए उपभोक्ता मुद्रास्फीति लक्ष्य 4 प्रतिशत अधिसूचित किया. इसमें इसकी ऊपरी सीमा 6 प्रतिशत था न्यूनतम सीमा 2 प्रतिशत रखी गई है. उल्लेखनीय है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जुलाई में 6.07 प्रतिशत रही, जो करीब दो साल में सर्वाधिक है.