प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर समस्या के समाधान के लिए एकता और ममता को मूल मंत्र बताया और बच्चों को अशांति पैदा करने के लिए उकसाने वालों पर यह कहते हुए नाराजगी जाहिर की कि एक न एक दिन उन लोगों को ‘इन बेकसूर’ बच्चों को जवाब देना ही होगा.
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि कश्मीर में अगर एक भी व्यक्ति की जान जाती है, चाहे वह कोई युवा हो या सुरक्षाकर्मी हो, वह हमारा, हमारे देश का नुकसान है.
पीएम मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में घाटी में अशांति के बारे में कहा, ‘कश्मीर में सभी पक्षों के साथ मेरे संवाद में एक चीज उभरी है, जिसे सरल शब्दों में ‘एकता’ और ‘ममता’ कहा जा सकता है. यह दोनों चीजें ही (वहां की समस्या हल करने का) मूल मंत्र हैं.’ उन्होंने कहा कि कश्मीर पर सभी राजनीतिक दलों ने एक स्वर में बात की है, जिससे पूरी दुनिया में, तथा अलगाववादी ताकतों तक संदेश पहुंचा है और इसके साथ ही कश्मीर के लोगों तक हमारी भावनाएं पहुंची हैं.
‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने कश्मीर में अशांति पैदा करने की कोशिश में छोटे बच्चों का इस्तेमाल करने वाले लोगों पर यह कहते हुए नाराजगी जाहिर की कि ‘एक दिन उन लोगों को इन बेकसूर बच्चों को जवाब देना ही होगा.’ प्रधानमंत्री की इन टिप्पणियों से एक दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मोदी से मुलाकात कर उन्हें ‘तीन सूत्रीय कार्य योजना’ पेश की थी. इस कार्य योजना में सभी पक्षों के साथ बातचीत शामिल है.
पीएम मोदी ने कहा, ‘यह देश बहुत बड़ा और विविधताओं से परिपूर्ण है. इसे एकजुट रखने के लिए एक नागरिक, एक समाज और एक सरकार के तौर पर एकता को उतना अधिक मजबूत करना हम सभी की जिम्मेदारी है जितना कि हम कर सकते हैं. तब ही देश का भविष्य उज्ज्वल हो पाएगा. मुझे देश के 125 करोड़ लोगों की शक्ति पर पूरा भरोसा है.’