नेपाल में चल रहे बिम्स्टेक (बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन) सम्मेलन के दूसरे तथा आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई देशों के नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता की।
बिम्सटेक सम्मेलन में शिरकत करने के लिए नेपाल के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली भी उनके साथ थे। पीएम मोदी ने यहां काठमांडू में एक धर्मशाला का भी उद्घाटन किया। पशुपतिनाथ धर्मशाला में 400 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है और यह धर्मशाला भारत-नेपाल मैत्री का प्रतीक है। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने नेपाल की अपनी पहली यात्रा में इस धर्मशाला के निर्माण का ऐलान किया था। भारत ने इसके निर्माण में 25 करोड़ रुपये की मदद की थी।
Glad to inaugurate the Nepal-Bharat Maitri Pashupati Dharamshala in Kathmandu. Watch my speech. https://t.co/pgd8b7cHVn
— Narendra Modi (@narendramodi) August 31, 2018
पशुपतिनाथ धर्मशाला का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने एक जनसभा को भी संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि नेपाल के विकास के लिए भारत का सहयोग हमेशा-हमेशा रहेगा। काठमांडू की धरती हिंदू और बौद्ध धर्म की संगम स्थली है। बुद्ध द्वारा दिखाया गया रास्ता अतिवाद और आतंकवाद को ख़त्म करने का सफल मार्ग है। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंध हैं और दोनों देशों के बीच शिव भक्ति और शिव भक्तों का संबंध बेहद मज़बूत हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पशुपतिनाथ मंदिर परिसर में बनी धर्मशाला सिर्फ़ इमारत नही बल्कि भारत-नेपाल मैत्री का प्रतीक, ये इमारत नेपाल में पर्यटन के विकास के लिए भी अहम है।
पशुपतिनाथ मंदिर का प्रधानमंत्री का यह दूसरा दौरा है। इससे पहले वह पिछले साल मई के महीने में पशुपतिनाथ के दर्शन करने के लिए आए थे।
“Towards a Peaceful, Prosperous & Sustainable Bay of Bengal Region”
Here’s the link to the Fourth #BIMSTEC Summit Declarationhttps://t.co/c9nJ3XsDug pic.twitter.com/M42eMrdsxw
— Indian Diplomacy (@IndianDiplomacy) August 31, 2018
पशुपतिनाथ मंदिर काठमांडू से तीन किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में बागमती नदी के किनारे देवपाटन गांव में स्थित है। यह मंदिर यूनेस्को विश्व सांस्कृतिक विरासत स्थल की सूची में सूचीबद्ध है। इस मंदिर में केवल हिंदुओं को प्रवेश करने की अनुमति है। गैर हिंदुओं को इसे बाहर से बागमती नदी के दूसरे किनारे से देखने की अनुमति है।
Wonderful discussions and exchange of ideas on strengthening BIMSTEC during the retreat of leaders in Kathmandu this morning. pic.twitter.com/tQpPVVfpTt
— Narendra Modi (@narendramodi) August 31, 2018
बिम्सटेक में सात देश- बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाइलैंड शामिल हैं। इन देशों की कुल आबादी 1।5 अरब है। यह आबादी दुनिया कि 21 प्रतिशत है। इस समूह में शामिल देशों की कुल जीडीपी 2500 अरब डॉलर है। बिस्मटेक सम्मेलन दो साल बाद हो रहा है, इससे पहले भारत के गोवा में बिस्मटेक सम्मेलन का आयोजन हुआ था।
गुरुवार को बिम्सटेक सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में भारत अपने नेशनल नॉलेज नेटवर्क को श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान और नेपाल में बढ़ाने के लिए पहले से ही प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अगस्त 2020 में भारत इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कॉन्क्लेव की मेजबानी करेगा। उन्होंने इस कॉन्क्लेव में सभी बिम्सटेक देशों को शिरकत करने के लिए निमंत्रण दिया।
प्रधानमंत्री ने अपने इस दौरे में थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओचा, म्यांमार के राष्ट्रपति विन मिंत, भुटान सरकार के सलाहकार दासो शेरिंग वांगचुक से मुलाकात की।