भारत के दूसरे प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने जब चीन युद्ध के बाद देश की सत्ता सम्हाली थी तब देश बहुत बुरे दौर से गुजर रहा था। ना सिर्फ हमारे सैन्य संसाधन खत्म थे बल्कि देश के खाद्य भंडार भी खाली हो गए थे। ऐसे समय में शास्त्री जी ने ‘जय जवान – जय किसान’ का नारा देकर देश में सैन्य और कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने का कार्य किया। यही वजह थी कि जब साल 1965 में भारत को कमजोर समझकर पाकिस्तान ने युद्ध छेड़ा तो शास्त्री जी के नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान को नाकों चने चबवा दिए और साथ ही साथ कृषि क्षेत्र में हरित क्रांति का सूत्रपात कर भारत को खाद्य क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया।
‘जय जवान जय किसान’ नारे में आज से 20 साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जय विज्ञान जोड़ते हुए भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र बनाया। अब इसी नारे में वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने एक नया शब्द ‘जय अनुसंधान’ जोड़ा है। दरअसल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी गुरूवार के दिन जालंधर में स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में चल रहे ‘इंडियन साइंस कांग्रेस’ के उदघाटन समारोह में भाषण दे रहे थे तभी उन्होंने ये नया नारा देश को दिया।
Our former PM Lal Bahudar Shastri ji gave us the slogan – Jai Jawan, Jai Kisan.
20 years ago, in his historic address at Pokhran, our great PM Atal ji spoke – Jai Jawan, Jai Kisan, Jai Vigyan : PM @narendramodi pic.twitter.com/gwCaERq2HC
— BJP (@BJP4India) January 3, 2019
It is now a time to take one more step forward.
Jai Jawan, Jai Kisan, Jai Vigyan, Jai Anusandhan : PM @narendramodi https://t.co/AE0QdsPGfB
— BJP (@BJP4India) January 3, 2019
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इस दौरान सैकड़ों वर्ष से देश के विकास में अहम भूमिका निभा रहे भारतीय वैज्ञानिकों का भी धन्यवाद किया। इंडियन साइंस कांग्रेस ने इस साल ‘भविष्य का भारत, विज्ञान और तकनीक’ थीम चुना था, जिस पर प्रधानमंत्री जी ने अपने विचार रखे। मोदी जी ने यहां छात्रों को किसान हित की दिशा में कार्य करने को कहा। उन्होंने कहा, ‘हमारे देश में कई ऐसे किसान हैं जिनके पास दो हेक्टेयर से भी कम जमीन है। उनको कम श्रम से अधिक पैदावार के लिए उन्नत टेक्नोलॉजी की जरूरत है। हमने कृषि विज्ञान में काफी तरक्की कर ली है, पैदावार और गुणवत्ता भी बढ़ी है, लेकिन न्यू इंडिया की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है। बिग डेटा, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन से जुड़ी तमाम टेक्नोलॉजी का कम कीमत में कारगर इस्तेमाल खेती में कैसे हो इस पर हमारा फोकस होना चाहिए।
मोदी जी ने कहा, ‘जिस तरह हम ईज ऑफ डूइंग बिजनस में आगे बढ़ रहे हैं, उसी तरह सवा सौ करोड़ भारतीयों के लिए ईज ऑफ लिविंग पर भी काम करना होगा।’ उन्होंने कहा कि अपने देश में कम बारिश वाले इलाके में बेहतर ढंग से सूखा प्रबंधन करने पर ध्यान देना होगा। इससे किसानों के साथ साथ अनेक जिंदगियां बचेंगी। इसी के साथ बच्चों में कुपोषण रोकने के लिए, चिकुनगुनिया और इंसेफ्लाइटिस मुक्त करने के लिए इलाज ढूंढना होगा।
इसके साथ ही साथ पीएम मोदी जी ने आने वाले भविष्य में विज्ञान के क्षेत्र में भारत की सफलता की कामना की है। मोदी जी ने इस दौरान ‘उन्नत भारत, आधुनिक भारत, वैज्ञानिक भारत’ का भी नारा दिया। जिस प्रकार आज भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और विश्व में अपनी अलग पहचान बना रहा है उससे लगता है भारत के आने वाले भविष्य की कहानी विज्ञान ही लिखेगा।